हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट से पूर्व विधायक नरेश यादव का मंगलवार (5 नवंबर) को निधन हो गया। नरेश यादव 61 साल के थे। लंबे समय से पेट में इन्फेक्शन होने की वजह से उनका गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व विधायक के दोस्त राकेश प्रधान ने बताया कि आज 2 बजे के करीब उनके पैतृक गांव राताकलां में उनका अंतिम संस्कार होगा। नरेश यादव का जन्म 1 फरवरी 1963 को हुआ था। वह हरियाणा युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष भी थे। 2005 में उन्होंने कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह को हराकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव जीता था। उनके साथी एडवोकेट मुकेश कुमार व टीलू सरपंच ने कहा कि नरेश यादव वैसे तो कांग्रेसी नेता थे, लेकिन उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में इनेलो बसपा प्रत्याशी ठाकुर अतरलाल का साथ दिया था। हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट से पूर्व विधायक नरेश यादव का मंगलवार (5 नवंबर) को निधन हो गया। नरेश यादव 61 साल के थे। लंबे समय से पेट में इन्फेक्शन होने की वजह से उनका गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व विधायक के दोस्त राकेश प्रधान ने बताया कि आज 2 बजे के करीब उनके पैतृक गांव राताकलां में उनका अंतिम संस्कार होगा। नरेश यादव का जन्म 1 फरवरी 1963 को हुआ था। वह हरियाणा युवा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष भी थे। 2005 में उन्होंने कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह को हराकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव जीता था। उनके साथी एडवोकेट मुकेश कुमार व टीलू सरपंच ने कहा कि नरेश यादव वैसे तो कांग्रेसी नेता थे, लेकिन उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में इनेलो बसपा प्रत्याशी ठाकुर अतरलाल का साथ दिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद पहुंचे कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा:बल्लभगढ़ में हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम को किया संबोधित, बोले- सरकार आने पर होगी 30 घोटालों की जांच फ़रीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम में पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने के मुख्यमंत्री के ऐलान पर तंज कसते हुए कहा कि अब 35 दिन में कौन सी फसल आ रही है, जिसका ये एमएसपी देंगे, क्योंकि उसके बाद चुनाव में भाजपा की सरकार जा रही है और कांग्रेस की आ रही है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर भाजपा की 10 साल की सरकार में हुए करीब 30 घोटाले की जांच कराई जाएगी। मनोहर लाल और ओपी धनखड़ की कितनी बनती थी कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस एकजुट, जबकि यह सवाल भाजपा से पूछना चाहिए कि जब लड़ाई का वक्त(लोकसभा चुनाव) आया, तो उससे एक महीने पहले सेनापति को ही क्यों बदल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि साढ़े 9 साल सरकार चलाने के बाद ऐसा क्या हुआ कि उन्हें बदलना पड़ा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि भाजपा से यह पूछा जाए कि मनोहर लाल और ओपी धनखड़ की आपस में कितनी बनती थी।
विनेश फोगाट बोलीं- भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की:पेरिस ओलिंपिक में कानूनी विकल्प नहीं बताए; BJP ने मेरा मेडल देश का नहीं समझा
विनेश फोगाट बोलीं- भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की:पेरिस ओलिंपिक में कानूनी विकल्प नहीं बताए; BJP ने मेरा मेडल देश का नहीं समझा हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने पहली बार पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन से मेडल से चूकने के बारे में बात की। विनेश ने दावा किया कि मेडल को लेकर उनके पास कानूनी विकल्प था, यह उन्हें भारतीय डेलिगेशन नहीं, बल्कि एक दोस्त ने बताया था। विनेश ने यह भी कहा कि BJP वालों ने ओलिंपिक मेडल को मेरा मेडल समझा। मेरी कोई मदद नहीं की गई। विनेश 6 सितंबर को ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं। कांग्रेस ने उन्हें जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े आंदोलन की अगुआई करने वालों में शामिल थीं। विनेश फोगाट ने बजरंग पूनिया के साथ 6 सितंबर को कांग्रेस जॉइन की। इससे पहले दोनों पहलवानों ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। विनेश बोलीं- भाजपा वाले ईगो पर बात ले गए, 4 सवालों के जवाब सवाल: पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ा हुआ मिला तो आपके पास कानूनी विकल्प थे, ये किसने बताया?
विनेश: जब हम प्रोटेस्ट में थे तो एक फ्रेंड थी जो इंटरनेशनल स्पोर्ट्स में है। उन्होंने मुझे अप्रोच किया कि ऐसी चीजें हैं। सवाल: भारतीय प्रतिनिधिमंडल में जो लोग थे, उन्होंने कोई आपकी मदद नहीं की?
विनेश: नहीं, वह सब बाद में आए। केस मैंने किया। इनके वकील बाद में आए। सवाल: आपको कुछ विदेशी खिलाड़ियों ने बताया कि सही तरीके से लड़ाई लड़ी जाती तो मेडल आपका होता।
विनेश: यह सच है। दुर्भाग्य देश का है। ये इतनी ईगो पर बात ले गए कि वह मेडल मेरा था। वह मेरा नहीं, देश का मेडल था। देश चाहता तो ला सकता था। वह कौन नहीं लेकर आए, सबको पता है। सवाल: विनेश का कैसे, वह मेडल तो भारत का था?
विनेश: BJP वाले तो सोच रहे हैं कि विनेश का था। तभी इन्होंने मुझसे बदला लेने के लिए इतना कुछ किया। मुझे कोई मदद नहीं मिली। मेरे चुनाव लड़ने का फैसला कांग्रेस का- विनेश
कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ने के बारे में विनेश फोगाट ने कहा कि बजरंग पूनिया के साथ चुनाव लड़ने को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। हमने यह कांग्रेस पार्टी पर छोड़ा था और उन्होंने फैसला कर दिया। बजरंग को जो ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया है, वह भी हमारे दिल के करीब है। मुझे लगता है कि बजरंग के पास मुझसे ज्यादा जिम्मेदारी है।कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण सिंह। बृजभूषण को थप्पड़ मारने का भी टाइम आएगा
पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण के छेड़छाड़ पर थप्पड़ क्यों नहीं मारने के सवाल पर विनेश ने कहा कि वही हमारी गलती रह गई। भगवान ने पहले इतनी हिम्मत नहीं दी थी, वर्ना बहुत सारी बच्चियां बच जातीं। थप्पड़ मारने का भी टाइम आएगा। वह अभी क्यों डर रहा है। इतना क्यों बौखला रहा है। बृजभूषण के एक दिन में डबल ट्रायल के आरोपों पर विनेश ने कहा कि यह सब नियमों के तहत हुआ। अगर मैं इतनी शक्तिशाली होती तो बृजभूषण को जेल के अंदर नहीं डाल देती। विनेश फोगाट मामले में क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. पेरिस ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में 6 अगस्त को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
7 अगस्त की सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने 8 अगस्त को कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। 6. खेल कोर्ट ने याचिका खारिज की
विनेश फोगाट की याचिका पर खेल कोर्ट में सुनवाई चली। हालांकि पेरिस ओलिंपिक के बाद इसका फैसला आया, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद विनेश बिना मेडल के ही देश वापस लौटी। यहां दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर पैतृक गांव बलाली तक उनका काफिले के तौर पर स्वागत किया गया। ये खबर भी पढ़ें… बजरंग पूनिया को जान से मारने की धमकी:विदेशी नंबर से वॉट्सऐप मैसेज आया, लिखा- कांग्रेस छोड़ दो, वर्ना परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा हरियाणा के रेसलर बजरंग पूनिया को कांग्रेस में शामिल होने के 2 दिन बाद जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी उन्हें वॉट्सऐप मैसेज के जरिए मिली है। वॉट्सऐप पर उन्हें विदेशी नंबर से मैसेज आया है, जिसमें जान से मारने की धमकी दी गई है। कांग्रेस ने बजरंग पूनिया को ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया है। पूरी खबर पढ़ें…
चरखी दादरी में विनेश फोगाट ने किया ग्रामीणों से आह्वान:बेटियों को कुश्ती में आगे लेकर आओ, हर घर से निकलनी चाहिए विनेश
चरखी दादरी में विनेश फोगाट ने किया ग्रामीणों से आह्वान:बेटियों को कुश्ती में आगे लेकर आओ, हर घर से निकलनी चाहिए विनेश पेरिस ओलंपिक में शिरकत के बाद से भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट शनिवार सुबह स्वदेश लौटी। उनके स्वागत के लिए देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। शनिवार सुबह लगभग सवा दस बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह अपने परिजनों व गणमान्य लोगों के साथ काफिले में एयरपोर्ट से निकली थी। जहां उन्होंने करीब सवा सौ किलोमीटर की दूरी तय कर दादरी जिले के अपने गांव बलाली पहुंचना था। रात को 12:10 पर गांव बलाली पहुंची विनेश इस दौरान उनके स्वागत के लिए जिस प्रकार का हजूम उमड़ा उसके चलते अगला दिन हो गया और वह देर रात रविवार को लगभग 12 बजकर दस मिनट पर पहलवान बजरंग पूनियां, पति सोमबीर राठी आदि सहित बलाली पहुंची। इतनी देर रात तक भी ग्रामीण उनके इंतजार में पलके बिछाए बैठे रहे और उनका जोरदार स्वागत किया गया। बता दें कि विनेश फोगाट ने गांव इमलोटा से चरखी दादरी जिले में प्रवेश किया था, वहां से उनका जोरदार स्वागत हुआ और यह सिलसिला चरखी दादरी शहर होते हुए गांव बलाली तक जारी रहा। बालाजी मंदिर पहुंचकर टेका मत्था गांव बलाली पहुंचने पर कार्यक्रम स्थल द्वारा पर पुष्प वर्षा, जयकारों के साथ उनका स्वागत किया। सबसे पहले विनेश कार्यक्रम स्थल के समीप स्थित बालाजी मंदिर पहुंची जहां मत्था टेका। उसके बाद उसे कार्यक्रम स्थल पर लाया गया, जहां वह अपनों के बीच पहुंचते ही भावुक हो गई। इस दौरान महिला, छोटे बच्चे, परिवार, खाप-पंचायत, जनप्रतिनिधि, गांव, क्षेत्र, राजनीतिक, सामाजिक संगठन आदि से जुड़े लोगों ने उनको सम्मानित करते हुए हौसला बढ़ाया और विनेश को खरा सोना बताया। डेढ़ घंटे तक चलता रहा सम्मानित करने का सिलसिला कार्यक्रम में लोगों ने फूल मालाओं, नोटों की माला, मोमेंटो, नगद राशि, गोल्ड मेडल, देसी घी, शॉल भेंट कर, तलवार देकर, पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया और उन्हें आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।लोगों ने करीब डेढ घंट तक उनको सम्मानित किया। लोगों के सम्मानित करने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ था, उससे पहले ही उमस भरी गर्मी व दिनभर के कार्यक्रमों की शिरकत के चलते अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे निढाल होकर मंच पर लगे सोफे पर ही लेट गई। हालांकि कुछ देर में पानी व ग्लूकोज आदि पिलाने के बाद वे सामान्य हो गई। जिसके बाद बचे हुए लोगों ने उन्हें सम्मानित किया।