हरियाणा के रेवाड़ी शहर की कॉलोनियों में स्थित गलियों और मकानों को जल्द ही पहचान मिलेगी। नगर परिषद ने गलियों और मकानों को नंबर आवंटित करने की योजना बनाई है। इसके लिए जल्द ही वित्त समिति की बैठक होगी और उसके बाद सर्वे का काम होगा। 20 से ज्यादा ऐसी कॉलोनियां हैं, जिनमें गलियों और मकानों की पहचान नहीं हो पाई है। जिसके कारण पूरा पता निर्धारित नहीं हो पाया है। नगर परिषद ने अब इन्हें पहचान दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले दिनों हुई हाउस मीटिंग में यह प्रस्ताव पास हो चुका है। अब वित्त समिति की बैठक का इंतजार है। नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि मीटिंग के बाद गायब गलियों और मकानों का सर्वे करवाया जाएगा। शहर की यह अहम जरूरत बड़ी समस्या बनी हुई है। गलियों और मकानों पर नंबर न होने के कारण कई बार पुलिस भी पता नहीं ढूंढ पाती है। कई कॉलोनियों की हालत तो ऐसी है कि लोगों के नौकरी से जुड़े कॉल लेटर जैसे जरूरी दस्तावेज भी समय पर नहीं पहुंच पाते या बड़ी मुश्किल से पहुंचते हैं। कई वर्षों बाद गंभीरता से हो रहा विचार वर्षों बाद नगर परिषद हाउस ने इस पर गंभीरता से विचार किया है। कभी भी पार्षदों द्वारा पूरे शहर के लिए यह प्रस्ताव भी नहीं लाया गया। हाल ही में हुई सदन की बैठक में पहली बार पूरे शहर की कॉलोनियों के इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई थी। शहर में 31 वार्ड हैं। इन वार्डों में दर्जन भर से अधिक ऐसी कॉलोनियां हैं जो 20 वर्ष या फिर इसे भी अधिक समय से वैध हो चुकी हैं। सरकार इनमें सुविधाएं मुहैया करा चुकी है। इनमें सीवरेज और पानी जैसी सहूलियत शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि इन पूरी तरह से विकसित हो चुकी कॉलोनियों में गलियों की भी कोई पहचान नहीं है। हाउस नंबर तो दूर की बात है। इन कॉलोनी में कुतुबपुर, उत्तम नगर, हंस नगर, विजय नगर, आजाद नगर, मधु विहार और शिव नगर जैसे बड़े एरिया भी शामिल हैं। पुलिस और डाकिये भी आसानी से नहीं ढूंढ पाते पते गलियों के नंबर नहीं होने से पुलिस और डाकियों को संबंधित व्यक्ति का घर तलाशने में परेशानी होती है। पुलिसकर्मी मोहल्ले में घुसकर घरों के दरवाजे खटखटा कर संबंधित व्यक्ति के नाम से ही मकान ढूंढते रहते हैं। बाहरी कॉलोनी में दस्तावेज आने पर डाकिये भी बहुत बार समय से तथा सही पते पर डाक नहीं पहुंच पाते। बहुत बार डाक को वापस भी भेज दिया जाता है। हाउस की बैठक में उठा था मुद्दा कुछ दिन पूर्व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई नगर परिषद हाउस की बैठक में पहली बार पूरे शहर की कॉलोनी की गलियों के नंबर देने का मुद्दा उठा। वार्ड 5 के पार्षद एडवोकेट लोकेश यादव ने यह समस्या उठाते हुए कहा कि वर्षों से बसी हुई कॉलोनी में भी लोगों को मकान ढूंढ़ने में समस्या झेलनी पड़ती है। इसलिए नंबर दिए जाने चाहिए। विधायक लक्ष्मण यादव और चेयरपर्सन पूनम यादव की मौजूदगी में हाउस ने इसका समर्थन किया और प्रस्ताव पास किया। अंतिम रूपरेखा फाइनेंस कमेटी की बैठक में होगी: ईओ नगर परिषद के ईओ संदीप मलिक ने बताया कि शहर में कॉलोनियों की गलियों व घरों को नंबर देने को लेकर हाउस की बैठक में प्रस्ताव लाया गया था। पार्षदों की सहमति के बाद उसे पास भी किया जा चुका है। अब इसकी अंतिम रूपरेखा फाइनेंस कमेटी की बैठक में पास होगी। इसके बाद सर्वे कराकर इस दिशा में प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे। हरियाणा के रेवाड़ी शहर की कॉलोनियों में स्थित गलियों और मकानों को जल्द ही पहचान मिलेगी। नगर परिषद ने गलियों और मकानों को नंबर आवंटित करने की योजना बनाई है। इसके लिए जल्द ही वित्त समिति की बैठक होगी और उसके बाद सर्वे का काम होगा। 20 से ज्यादा ऐसी कॉलोनियां हैं, जिनमें गलियों और मकानों की पहचान नहीं हो पाई है। जिसके कारण पूरा पता निर्धारित नहीं हो पाया है। नगर परिषद ने अब इन्हें पहचान दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले दिनों हुई हाउस मीटिंग में यह प्रस्ताव पास हो चुका है। अब वित्त समिति की बैठक का इंतजार है। नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि मीटिंग के बाद गायब गलियों और मकानों का सर्वे करवाया जाएगा। शहर की यह अहम जरूरत बड़ी समस्या बनी हुई है। गलियों और मकानों पर नंबर न होने के कारण कई बार पुलिस भी पता नहीं ढूंढ पाती है। कई कॉलोनियों की हालत तो ऐसी है कि लोगों के नौकरी से जुड़े कॉल लेटर जैसे जरूरी दस्तावेज भी समय पर नहीं पहुंच पाते या बड़ी मुश्किल से पहुंचते हैं। कई वर्षों बाद गंभीरता से हो रहा विचार वर्षों बाद नगर परिषद हाउस ने इस पर गंभीरता से विचार किया है। कभी भी पार्षदों द्वारा पूरे शहर के लिए यह प्रस्ताव भी नहीं लाया गया। हाल ही में हुई सदन की बैठक में पहली बार पूरे शहर की कॉलोनियों के इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई थी। शहर में 31 वार्ड हैं। इन वार्डों में दर्जन भर से अधिक ऐसी कॉलोनियां हैं जो 20 वर्ष या फिर इसे भी अधिक समय से वैध हो चुकी हैं। सरकार इनमें सुविधाएं मुहैया करा चुकी है। इनमें सीवरेज और पानी जैसी सहूलियत शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि इन पूरी तरह से विकसित हो चुकी कॉलोनियों में गलियों की भी कोई पहचान नहीं है। हाउस नंबर तो दूर की बात है। इन कॉलोनी में कुतुबपुर, उत्तम नगर, हंस नगर, विजय नगर, आजाद नगर, मधु विहार और शिव नगर जैसे बड़े एरिया भी शामिल हैं। पुलिस और डाकिये भी आसानी से नहीं ढूंढ पाते पते गलियों के नंबर नहीं होने से पुलिस और डाकियों को संबंधित व्यक्ति का घर तलाशने में परेशानी होती है। पुलिसकर्मी मोहल्ले में घुसकर घरों के दरवाजे खटखटा कर संबंधित व्यक्ति के नाम से ही मकान ढूंढते रहते हैं। बाहरी कॉलोनी में दस्तावेज आने पर डाकिये भी बहुत बार समय से तथा सही पते पर डाक नहीं पहुंच पाते। बहुत बार डाक को वापस भी भेज दिया जाता है। हाउस की बैठक में उठा था मुद्दा कुछ दिन पूर्व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई नगर परिषद हाउस की बैठक में पहली बार पूरे शहर की कॉलोनी की गलियों के नंबर देने का मुद्दा उठा। वार्ड 5 के पार्षद एडवोकेट लोकेश यादव ने यह समस्या उठाते हुए कहा कि वर्षों से बसी हुई कॉलोनी में भी लोगों को मकान ढूंढ़ने में समस्या झेलनी पड़ती है। इसलिए नंबर दिए जाने चाहिए। विधायक लक्ष्मण यादव और चेयरपर्सन पूनम यादव की मौजूदगी में हाउस ने इसका समर्थन किया और प्रस्ताव पास किया। अंतिम रूपरेखा फाइनेंस कमेटी की बैठक में होगी: ईओ नगर परिषद के ईओ संदीप मलिक ने बताया कि शहर में कॉलोनियों की गलियों व घरों को नंबर देने को लेकर हाउस की बैठक में प्रस्ताव लाया गया था। पार्षदों की सहमति के बाद उसे पास भी किया जा चुका है। अब इसकी अंतिम रूपरेखा फाइनेंस कमेटी की बैठक में पास होगी। इसके बाद सर्वे कराकर इस दिशा में प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया दिल्ली में राहुल गांधी से मिले:कांग्रेस ने टिकट ऑफर की; विनेश को 3, बजरंग को 2 सीटों का ऑप्शन दिया
विनेश फोगाट-बजरंग पूनिया दिल्ली में राहुल गांधी से मिले:कांग्रेस ने टिकट ऑफर की; विनेश को 3, बजरंग को 2 सीटों का ऑप्शन दिया पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच दोनों ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। इससे दोनों के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दोनों पहलवानों को टिकट का ऑफर दे चुकी है। विनेश को 3 और बजरंग को 2 सीटों के ऑप्शन दिए गए हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंगलवार को कहा था- चुनाव लड़ने का फैसला विनेश फोगाट का होगा। इसे लेकर बुधवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर पहलवान आंदोलन को BJP के खिलाफ भुनाया जा सके। फिलहाल कांग्रेस को विनेश फोगाट की हां का इंतजार है। बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस को पॉजिटिव संकेत मिले हैं, लेकिन बात विनेश पर टिकी हुई है। विनेश को इन 3 सीटों का ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक विनेश फोगाट को जिन 3 सीटों का ऑफर दिया गया है, उनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा है। वह इसी जिले के बलाली गांव की रहने वाली हैं। विनेश अगर दादरी से हामी भरेंगी तो उनका मुकाबला चचेरी बहन दंगल गर्ल बबीता फोगाट से हो सकता है। बबीता यहां से 2019 में BJP की टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं। इस बार भी वह टिकट की दावेदार हैं। विनेश को तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट की दी गई है। यहां विनेश फोगाट का ससुराल है। बजरंग को इन 2 सीटों का ऑफर
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बजरंग पूनिया को भी दो सीटों का ऑफर दिया गया है। बजरंग सोनीपत से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक सुरेंद्र पंवार को ही टिकट देना चाहती है। पंवार अभी ED केस में जेल में बंद हैं। वह चुनाव न लड़े तो उनके बेटे या बहू को टिकट मिल सकता है। कांग्रेस उनका टिकट काटकर यह संकेत नहीं देना चाहती कि मुसीबत के वक्त नेता का साथ छोड़ दिया। बजरंग ने झज्जर की बादली सीट में भी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन यहां से कांग्रेस मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स का टिकट फाइनल कर चुकी है। वत्स बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं, इसलिए कांग्रेस उनका टिकट काटकर ब्राह्मण वोट बैंक को नाराज नहीं करना चाहती। बजरंग को कांग्रेस की तरफ से बहादुरगढ़ और भिवानी का ऑप्शन दिया गया है। ये दोनों जाट बाहुल्य सीट हैं। भूपेंद्र हुड्डा टिकट की पैरवी कर रहे
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में भूपेंद्र हुड्डा ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की टिकट की पैरवी की। हुड्डा ने कहा कि पहलवानों के साथ खड़े होने से हरियाणा में लोगों का समर्थन कांग्रेस के पक्ष में आएगा। केंद्रीय चुनाव समिति ने इसके लिए चर्चा के बाद हामी भर दी। हालांकि, चुनाव लड़ने या न लड़ने और सीट चुनने का फैसला विनेश और बजरंग पर छोड़ दिया है। एयरपोर्ट पर दीपेंद्र हुड्डा ने किया था स्वागत
पेरिस ओलिंपिक में एक दिन में 3 फाइट जीतने के बाद भी मेडल से चूकी विनेश का 17 अगस्त को भारत लौटने पर दिल्ली एयरपोर्ट से उनके गांव बलाली तक ग्रेंड वेलकम हुआ था। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा एयरपोर्ट पर ही स्वागत करने पहुंचे और फिर उनके काफिले में भी गुरुग्राम तक चले। इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बुलाकर खाप पंचायतें उनका सम्मान कर रही हैं। झज्जर, रोहतक, जींद, दादरी जिले में उनका कई जगह सम्मान भी हो चुका है। विनेश केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में भी शामिल हो चुकी हैं। विनेश-बजरंग ने बृजभूषण के खिलाफ धरने की अगुआई की
साल 2023 में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष (WFI) के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। यह धरना करीब 140 दिन तक चला। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मेडल लौटा देंगी। इन पुरस्कारों का मेरी जिंदगी में अब कोई मतलब नहीं रह गया है। इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी। पहलवान बजरंग पूनिया भी अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर रख दिया था।
करनाल में विदेश गया भतीजा लापता:चाचा ने एजेंट को दिए 67 लाख, अमेरिका भेजने का हुआ सौदा, दुबई के बाद नहीं मिला सुराग
करनाल में विदेश गया भतीजा लापता:चाचा ने एजेंट को दिए 67 लाख, अमेरिका भेजने का हुआ सौदा, दुबई के बाद नहीं मिला सुराग हरियाणा के करनाल के कैमला गांव में कबूतरबाजी का बड़ा मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि विदेश भेजने वाले एजेंटों ने उससे और उसके परिवार से 37 लाख रुपये में अमेरिका भेजने का सौदा किया और किश्तों में कुल 67 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने यह रकम अपने भतीजे को विदेश भेजने के लिए दी थी, लेकिन आज तक वह अमेरिका नहीं पहुंच पाया है। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। घरौंडा पुलिस मामले की जांच कर रही है। झूठे एजेंटों ने करनाल में किया समझौता गांव कैमला निवासी शिकायतकर्ता बलराज ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसके भतीजे आशीष पुत्र रामकरण को अमेरिका भेजने के लिए गांव के एक व्यक्ति से मिला था। जिसने भरोसा दिलाया कि उसका करनाल में एक एजेंट है जो विदेश भेजने का काम आसानी से कर सकता है। 2 मार्च 2023 को करनाल के सेक्टर-4 में ग्रामीण ने उसकी मुलाकात अमित शर्मा, नीटू शर्मा और कुराना निवासी जसमत कुराना से करवाई। इन लोगों ने 37 लाख रुपये में डील पक्की की। पहली किश्त में 7 लाख रुपए, अमृतसर से दुबई भेजा बलराज ने बताया कि 5 मार्च 2023 को लखपत अपने साथी रामेहर के साथ उसके घर आया और 7 लाख रुपए लेकर चला गया। आठ महीने बाद 23 दिसंबर 2023 को उसके भतीजे को अमृतसर से दुबई भेजा गया। इसके बाद भी आरोपियों ने झूठे वादे कर पैसे ऐंठने जारी रखे। चार महीने में 9 लाख और लिए पीड़ित बलराज ने बताया कि चार महीने के भीतर आरोपितों ने 9 लाख रुपए और ले लिए। वह लखपत और राममेहर के साथ नीटू शर्मा के घर गया, जहां अमित शर्मा और जसमत भी मौजूद थे। यहां से कुल 16 लाख रुपये और देने के लिए मजबूर किया गया। मां की जमीन बेचकर दी 22 लाख रुपये की रकम पीड़ित बलराज ने बताया कि आरोपियों के दबाव में उसकी मां ने अपनी 2 कनाल 11 मरले जमीन बेच दी। जमीन बेचने से 74.5 लाख रुपए मिले, जिनमें से 22 लाख रुपए अमित शर्मा को दिए गए। अमित ने आश्वासन दिया कि उसका भतीजा जल्द अमेरिका का नागरिक बन जाएगा। लेकिन इसके लिए वकील और अन्य खर्चों के नाम पर 8 लाख रुपए और मांग लिए गए। मैक्सिको के जरिए अमेरिका भेजने का दावाब लराज ने अपनी शिकायत में बताया कि अमित शर्मा ने कहा था कि वह मैक्सिको का नागरिक है और वहां अपने प्रभाव का उपयोग करके भतीजे को गोदनामे के जरिए अमेरिका का नागरिक बना देगा। पीड़ित ने और पैसे देने के बाद भी जब प्रोग्रेस नहीं देखी, तो उसने कई बार संपर्क करने की कोशिश की। धमकी देकर कराया चुप, अब फोन उठाना भी बंद बलराज का आरोप है कि जब जसमत से बात करने की कोशिश की गई, तो उसने धमकी दी कि अगर ज्यादा उछला तो उसे भी गायब कर दिया जाएगा। अमित शर्मा ने फोन उठाना पूरी तरह बंद कर दिया। बलराज और उसके परिवार ने कानून पर भरोसा जताते हुए पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने एसपी को दी शिकायत में कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर भतीजे की जानकारी ली जाए और ठगी के पैसे वापस दिलाए जाएं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की गहनता और गंभीरता से की जा रही है जांच घरौंडा डीएसपी मनोज कुमार से बलराज की शिकायत के संबंध में बात की गई। डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि कैमला निवासी बलराज ने कुछ लोगों पर विदेश भेजने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर मामले की गहनता व गंभीरता से जांच की जा रही है। जिस तरह के भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
झज्जर में युवक की हत्या करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार:मेट्रो स्टेशन के पास चाकू घोंपकर वारदात की, पुलिस ने 3 दिन में मामला सुलझाया
झज्जर में युवक की हत्या करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार:मेट्रो स्टेशन के पास चाकू घोंपकर वारदात की, पुलिस ने 3 दिन में मामला सुलझाया हरियाणा के झज्जर के बहादुरगढ़ में पुलिस ने हत्या के आरोप में दो नाबालिग लड़कों सहित 4 को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों को जेल भेज दिया गया और नाबालिग आरोपियों को बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेज दिया गया। 17 जनवरी बहादुरगढ़ को कुंदन सिनेमा वाली गली निवासी मंजीत की हत्या कर दी गई थी। मंजीत की हत्या करने के बाद आरोपी फरार हो गए थे। वहीं आरोपी आदित्य और समीर को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया। चाकू मारकर हत्या की
मंजीत (24) की हत्या 17 जनवरी को बहादुरगढ़ के सिटी मेट्रो स्टेशन के नीचे चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक मंजीत की बहन उर्वशी ने बताया कि सुबह साढ़े चार बजे वह घर से बिना बताए बाहर निकल गया था। जिसके बाद पड़ोसी चाचा मुकेश ने आकर मंजीत के बारे में पूछा कि वह घर पर है क्या लेकिन मंजीत घर नहीं था तो उसने बताया कि उसके जैसा कोई लड़का मेट्रो स्टेशन के पास खून से लथपथ पड़ा हुआ है। उसके बाद वहां गए तो मंजीत को घायल अवस्था में पड़ा पाया। जिसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में ले गए। वहां पर डॉक्टर ने मंजीत को मृत घोषित कर दिया। 4 साल पहले गायब हुआ बड़ा भाई
मंजीत की बहन उर्वसी ने बताया कि 4 साल पहले उसका बड़ा भाई करण लापता हो गया था। आज तक उसका भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। उसके जाने के बाद छोटा भाई मंजीत ही पूरे परिवार का सहारा था उसकी भी हत्या कर दी गई। उर्वशी ने बताया कि उसके घर में वे करण के जाने के बाद 4 सदस्य ही थे, जिनमें उसके पिता अपाहिज हैं और वह कोई काम नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि मां का तीन साल पहले ही ब्रेस्ट कैंसर का ऑपरेशन हुआ था। वह घर का काम भी ठीक से नहीं कर सकती। उर्वसी ने कहा कि उसका पूरा परिवार मंजीत पर ही आश्रित था, जो कि ऑटो चलाकर घर का गुजारा करता था।