हरियाणा के ग्रुप सी और डी के पदों के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के रजिस्ट्रेशन में देरी के आसार बन रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री नायब सैनी 31 दिसंबर से पहले सीईटी कराए जाने की घोषणा कर चुके हैं। इधर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने भी मुख्यमंत्री सैनी को सीईटी क्वालीफाई कराए जाने को लेकर दिक्कतें बताई हैं। इसको लेकर सीएम मीटिंग भी कर चुके हैं। इस मीटिंग में सीईटी में कराए जाने वाले संशोधन और दूसरी आने वाली परेशानियों को लेकर चर्चा की है। मीटिंग में आयोग की तरफ से जानकारी दी गई है कि कुल 24,220 पद थे। इन पदों के लिए चार गुना के हिसाब से 96,880 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट होने चाहिए थे। मगर 50,566 यूनीक उम्मीदवार ही शॉर्टलिस्ट हो पाए। इसके अतिरिक्त 15603 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो एक से ज्यादा ग्रुप में शॉर्टलिस्ट हुए हैं। इनमें से 535 तो तीन से ज्यादा ग्रुप में शॉर्टलिस्ट हुए हैं। एक से ज्यादा पदों के लिए 19109 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट हुए, जिनमें से 7401 तीन से ज्यादा पदों के लिए शॉर्टलिस्ट हुए। HSSC ने मीटिंग में बताई ये 5 दिक्कतें… 1. अभी तक एक ही सीईटी हुआ है, जिसमें चार गुना शॉर्टलिस्ट का प्रावधान था। अब दूसरा सीईटी होगा तो, पहले वाले सीईटी और दूसरे वाले सीईटी स्कोर के अनुसार शॉर्टलिस्ट करने में दिक्कत आएगी। इसका एक कारण यह भी है कि बीसीए, बीसी-बी की क्रीमी लेयर सीमा बढ़ाई है, जो उम्मीदवार पहले बीसी श्रेणी में थे, अब उसमें नई सीमा वाले उम्मीदवार भी शामिल होंगे । जो पहले अयोग्य थे, अब योग्य हो सकते हैं। किसी का स्कोर बढ़ेगा तो इस स्कोर को और पुराने स्कोर को अपडेट करने में दिक्कत आएगी। 2. अनुसूचित जाति को भी प्रदेश सरकार ने दो वर्गों में बांट दिया है। पहले वाले सीईटी में केवल अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र है। मगर अब उन्हें दो वर्गों में कैसे बांटेंगे ? वन टाइम रजिस्ट्रेशन में यह प्रावधान नहीं है, क्योंकि रजिस्ट्रेशन के समय भी सिर्फ कैटेगरी पूछी जाती है, जाति नहीं। 3. चार गुना या 10 गुना या 12 गुना या इससे ज्यादा शॉर्टलिस्ट करने के तरीके पर भी संशय है। क्या शॉर्टलिस्ट ग्रुप में कुल पदों की संख्या के अनुसार किया जाना है? या कैटेगरी और पद अनुसार किया जाना है। अभी तक एचएसएससी ने कैटेगरी और पद अनुसार शॉर्टलिस्ट किए थे। लेकिन इसमें एक ही उम्मीदवार कई पदों के लिए रिपीट हुए। 4. आरक्षण शॉर्टलिस्ट के समय दिया जाना है या आखिरी चयन के समय दिया जाना है। इस बार तो आयोग ने शॉर्टलिस्ट के समय ही आरक्षण दे दिया। मगर हाईकोर्ट ने एचपीएससी केस में एक बेंच ने इसे गलत बताया हुआ है, इसलिए सीईटी संशोधन करते समय इसका भी ध्यान रखना पड़ेगा। 5. सीईटी क्वालीफाई होना चाहिए , अन्यथा उम्मीदवार रिपीट होते रहेंगे। हरियाणा के ग्रुप सी और डी के पदों के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के रजिस्ट्रेशन में देरी के आसार बन रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री नायब सैनी 31 दिसंबर से पहले सीईटी कराए जाने की घोषणा कर चुके हैं। इधर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने भी मुख्यमंत्री सैनी को सीईटी क्वालीफाई कराए जाने को लेकर दिक्कतें बताई हैं। इसको लेकर सीएम मीटिंग भी कर चुके हैं। इस मीटिंग में सीईटी में कराए जाने वाले संशोधन और दूसरी आने वाली परेशानियों को लेकर चर्चा की है। मीटिंग में आयोग की तरफ से जानकारी दी गई है कि कुल 24,220 पद थे। इन पदों के लिए चार गुना के हिसाब से 96,880 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट होने चाहिए थे। मगर 50,566 यूनीक उम्मीदवार ही शॉर्टलिस्ट हो पाए। इसके अतिरिक्त 15603 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो एक से ज्यादा ग्रुप में शॉर्टलिस्ट हुए हैं। इनमें से 535 तो तीन से ज्यादा ग्रुप में शॉर्टलिस्ट हुए हैं। एक से ज्यादा पदों के लिए 19109 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट हुए, जिनमें से 7401 तीन से ज्यादा पदों के लिए शॉर्टलिस्ट हुए। HSSC ने मीटिंग में बताई ये 5 दिक्कतें… 1. अभी तक एक ही सीईटी हुआ है, जिसमें चार गुना शॉर्टलिस्ट का प्रावधान था। अब दूसरा सीईटी होगा तो, पहले वाले सीईटी और दूसरे वाले सीईटी स्कोर के अनुसार शॉर्टलिस्ट करने में दिक्कत आएगी। इसका एक कारण यह भी है कि बीसीए, बीसी-बी की क्रीमी लेयर सीमा बढ़ाई है, जो उम्मीदवार पहले बीसी श्रेणी में थे, अब उसमें नई सीमा वाले उम्मीदवार भी शामिल होंगे । जो पहले अयोग्य थे, अब योग्य हो सकते हैं। किसी का स्कोर बढ़ेगा तो इस स्कोर को और पुराने स्कोर को अपडेट करने में दिक्कत आएगी। 2. अनुसूचित जाति को भी प्रदेश सरकार ने दो वर्गों में बांट दिया है। पहले वाले सीईटी में केवल अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र है। मगर अब उन्हें दो वर्गों में कैसे बांटेंगे ? वन टाइम रजिस्ट्रेशन में यह प्रावधान नहीं है, क्योंकि रजिस्ट्रेशन के समय भी सिर्फ कैटेगरी पूछी जाती है, जाति नहीं। 3. चार गुना या 10 गुना या 12 गुना या इससे ज्यादा शॉर्टलिस्ट करने के तरीके पर भी संशय है। क्या शॉर्टलिस्ट ग्रुप में कुल पदों की संख्या के अनुसार किया जाना है? या कैटेगरी और पद अनुसार किया जाना है। अभी तक एचएसएससी ने कैटेगरी और पद अनुसार शॉर्टलिस्ट किए थे। लेकिन इसमें एक ही उम्मीदवार कई पदों के लिए रिपीट हुए। 4. आरक्षण शॉर्टलिस्ट के समय दिया जाना है या आखिरी चयन के समय दिया जाना है। इस बार तो आयोग ने शॉर्टलिस्ट के समय ही आरक्षण दे दिया। मगर हाईकोर्ट ने एचपीएससी केस में एक बेंच ने इसे गलत बताया हुआ है, इसलिए सीईटी संशोधन करते समय इसका भी ध्यान रखना पड़ेगा। 5. सीईटी क्वालीफाई होना चाहिए , अन्यथा उम्मीदवार रिपीट होते रहेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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PM मोदी को पहलवान अमन ने बताया संघर्ष का किस्सा:कहा- बहुत बुरा वक्त देखा है; 10 साल का था, माता-पिता छोड़कर चले गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस ओलिंपिक के भारतीय दल से मुलाकात की है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के उभरते स्टार रेसलर अमन सहरावत से भी बातचीत की। अमन सहरावत ने पेरिस ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। लेकिन जब पीएम मोदी ने मुलाकात के दौरान उनसे पूछा कि उन्होंने घर जाकर क्या पसंदीदा चीज खाई है। उस पर अमन सहरावत का जवाब सुनकर प्रधानमंत्री मोदी और वहां मौजूद खिलाड़ी भी हंस पड़े। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पहलवान अमन सहरावत से टूर्नामेंट से लौटने पर पूछा कि अभी मूड क्या है? इस पर अमन ने जो जवाब दिया, उसे भी सुनकर सभी हंसने लगे। अमन की बातों में उनकी मासूमियत, संघर्ष, मौजूदा हालातों का साफ पता लग रहा था। पीएम मोदी और अमन के बीच हुई बातचीत पूरे देश में सुर्खियां बटोर रही है। पीएम मोदी और पहलवान अमन सहरावत के बीच बातचीत के मुख्य अंश पीएम: आप तो यंगेस्ट थे। सब कहते होंगे कि ये मत करो, वो मत करो। तो आप डर जाते होंगे। अमन: नमस्कार सर, मैंने तो बहुत बुरा समय देखा है। जब मैं 10 साल का था, मेरे मम्मी-पापा मुझे छोड़कर चले गए थे। वो मुझे देश को सौंप गए थे। उनका ये ही सपना था कि मैं ओलिंपिक में मेडल लेकर आऊं। मेरा भी यही सपना था कि मैं मैंने देश को ओलिंपिक में मेडल देना है। बस ये ही सोच कर प्रैक्टिस करता रहा। टॉप्स, साई, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन और WFI का मेरे इस मेडल में बहुत योगदान रहा है। पीएम: अभी मूड़ क्या है ?
अमन: बहुत अच्छा है जी, काफी अच्छा लग रहा है। पीएम: कोई पसंद की चीज घर आकर खाई या नहीं ?
अमन: अभी तो घर गए ही नहीं सर। पीएम: घर गए ही नहीं, हमें बोलते तो हम बनवा देते कुछ भाई
अमन: घर जाकर चूरमा खाऊंगा सर। पेरिस जाने वाले इकलौते पुरुष पहलवान
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हरियाणा के अमन सहरावत ने प्यूर्टो रिको के डरलिन तुई क्रूज को 13-5 से हरा कर ओलिंपिक में भारत को कुश्ती में पहला मेडल दिलाया। अमन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने दिवंगत माता-पिता को समर्पित किया है। भारत की तरफ से पेरिस ओलिंपिक में भारत के 6 पहलवान खेलने के लिए गए थे। इनमें अमन सहरावत, विनेश फोगाट, अंतिम पंघाल, अंशु मलिक, निशा दहिया और रीतिका हुड्डा शामिल रही। अमन, सभी 6 रेसलर्स में से इकलौते पुरुष पहलवान रहे। पिता का सपना था- घर में कोई मेडल जीते
अमन सहरावत का जन्म 16 जुलाई 2003 को झज्जर जिले के भिड़होड गांव में हुआ था। अमन ने 8 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी। अमन जब 11 साल के थे, तब उनकी मां कमलेश की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद उसके पिता सोमवीर सहरावत भी बीमार रहने लगे। 6 महीने के बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन की मौसी सुमन बतातीं है कि अमन का मन बचपन से ही खेलकूद में लगता था। वह मौसेरे भाई दीपक के साथ रनिंग और अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास करने लगा। अमन के पिता चाहते थे कि घर में कोई पहलवानी करे और देश के लिए मेडल जीते। खेतों की ढाणी में रहता है परिवार
अमन का परिवार खेती करता है। उनके हिस्से में केवल ढाई एकड़ जमीन आती है। अमन की बहन पूजा बीए फर्स्ट ईयर में पढ़ रही है। अमन के दादा मांगे राम, ताऊ सुधीर, जयवीर व चाचा रणवीर, कर्मवीर, वेद प्रकाश आदि ने उनकी परवरिश की। उनका परिवार गांव से 2 किलोमीटर दूर नौगांव की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर बनी ढाणी में रहते हैं।
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कलायत में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी BJP की पूर्व मंत्री:साइलेंट वोटरों से आस; कांग्रेस उम्मीदवार पर सांसद पिता का बयान और निर्दलीय भारी हरियाणा की कलायत विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से पूर्व राज्यमंत्री कमलेश ढांडा एक बार फिर से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी के बेटे विकास सहारण चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) से अनुराग ढांडा, इनेलो-बसपा से रामपाल मजारा, जजपा-असपा के प्रीतम मेहरा और कांग्रेस की बागी अनीता ढुल, पूर्व विधायक सतविंद्र राणा, विनोद निर्मल समेत 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कलायत में कुल वोटरों की संख्या 2.15 लाख है। यहां टूटी सड़कें, जलभराव और रोजगार प्रमुख मुद्दे हैं। सबसे ज्यादा 87 हजार वोट जाट समाज के हैं। प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार कमलेश ढांडा, विकास सहारण, अनुराग ढांडा और रामपाल माजरा जाट समाज से ही हैं। लोगों का कहना है कि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के विकास सहारण, भाजपा की कमलेश ढांडा और निर्दलीय अनीता ढुल में है। फील्ड में भाजपा के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। आरोप है 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जुड़ी हुई थी। कांग्रेस में वह महिला प्रदेश महासचिव के पद पर थीं। वह कलायत से टिकट की मांग कर रही थी, लेकिन कांग्रेस ने यहां सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को टिकट दे दिया। इसके बाद जयप्रकाश के एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह मंच से एक महिला नेता के बारे में कहते हैं कि पाउडर और लिप्स्टिक लगाकर वोट मिलते हो तो मैं भी लगा लूं। इस बयान को अनीता ढुल से जोड़कर देखा गया। जयप्रकाश के इस बयान के बाद ढुल खाप ने पंचायत की और जयप्रकाश का बहिष्कार करने की बात कही गई। साथ ही ढुल खाप ने अनीता ढुल को निर्दलीय चुनाव लड़ने को कहा। अब अनीता ढुल जनता के बीच जाकर क्षेत्र में लगातार एक्टिव होने की बात कह रही हैं। वह कह रही हैं कि कलायत से मंत्री होते हुए भी यहां की सड़कें टूटी पड़ीं हैं। साथ ही वह जयप्रकाश के बयान पर कह रही हैं कि महिलाओं का अपमान किया गया है। महिलाएं इसका जवाब जरूरी देंगी। रामपाल माजरा भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ वोट मांग रहे इनेलो के उम्मीदवार रामपाल माजरा चौटाला परिवार के खास रहे हैं। वह पहली बार साल 1996 में पाई हलके से समता पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे। साल 2000 में वह इनेलो के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद 2005 में चुनाव हार गए। साल 2009 में उन्होंने कलायत से इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक चुने गए। चौटाला परिवार में मतभेद के चलते वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने 28 जनवरी 2021 को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। ओमप्रकाश चौटाला के कहने पर 2024 में वह दोबारा इनेलो में शामिल हो गए। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के बाद रामपाल माजरा को इनेलो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। अब वह जनता के बीच जाकर कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। वह कह रहे हैं कि 20 साल से कांग्रेस और भाजपा सरकार ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। अनुराग ढांडा बदलाव के नाम पर वोट मांग रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनुराग ढांडा राज्य के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। वह कई मीडिया संस्थानों में पत्रकार के तौर पर काम कर चुके हैं। साल 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के जरिए राजनीति में एंट्री की। वह अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में AAP को कलायत से मिली लीड के बाद उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। दूसरा ढांडा गोत्र का भी यहां अच्छा प्रभाव है। उनके प्रचार के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई बड़े नेता आ चुके हैं। अब अनुराग जनता के बीच जाकर कह रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। वह बदलाव और AAP की पांच गारंटियों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। क्या कहते हैं कलायत के वोटर… अनिल बोले- कमलेश ने भ्रष्टाचार फैलाया अनिल कुमार का कहना है कि कमलेश ढांडा यहां से विधायक थीं। उन्होंने यहां विकास का कोई काम नहीं कराया। उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया। हमारे बुजुर्गों ने कमलेश ढांडा को गरीब समझकर वोट दिए, लेकिन अभी तक उसकी गरीबी दूर हुई है या नहीं, वह देखने वाली बात है। उसने भ्रष्टाचार फैलाया है। जगतराम बोले- जयप्रकाश को माफी नहीं मिलेगी खेड़ी शेरू के रहने वाले जगतराम का कहना है कि कलायत में अनीता की जीत नजर आ रही है। ढुल खाप के 5 गांव हैं और 22 हजार वोट हैं। जयप्रकाश के बयान से लोगों में नाराजगी है। यह पूरे चुनाव में चलेगी। जयप्रकाश को काई माफी नहीं मिलेगी। सतनारायण शर्मा ने कहा- AAP की तरफ रूझान सतनारायण शर्मा ने बताया कि कलायत में सभी कैंडिडेट रात को जीतकर सोते हैं। बीजेपी ने 10 साल में कोई खास काम नहीं किया। पोर्टल पर अटका कर रखा है। इन पोर्टलों का ऐसा हाल है कि उड़ जा चिड़िया, मर जा चिड़िया, कभी सर्वर काम नहीं करते, कभी कर्मचारी छुट्टी पर हो जाते हैं। हर रोज नई नई स्कीम शुरू कर देते हैं। इस बार आम आदमी पार्टी का रूझान है। लोगों को पंजाब और दिल्ली में हुए काम पसंद आ रहे हैं। सुभाष बोले- कमलेश चुनाव जीतने के बाद धन्यवाद करने तक नहीं आईं सुभाष ढांडा ने बताया कि कमलेश ढांडा का अपने ही गांव खेड़ी संदल में काई रूझान नहीं है। 2019 में चुनाव जीतने के बाद वह लोगों को धन्यवाद तक करनी नहीं आईं। गांव के लोग उनके पक्ष में नहीं हैं। गांव के विकास में भी मंत्री का कोई योगदान नहीं रहा। बीजेपी की खिलाफत का कारण कैंडिडेट है। अभी किसी का माहौल साफ नहीं है। आगे जैसे-जैसे चुनाव बढ़ेगा, माहौल पता चलेगा। आम आदमी के पक्ष में भी लोग नजर आ रहे हैं। कमलेश ने कहा- पंचायत भवन अधूरा पड़ा महिला कमलेश ने बताया कि यहां पर पंचायत भवन अधूरा पड़ा है। कोई भी काम नहीं करवाया। कमलेश ढांडा से मिलने जाते थे तो कोई आश्वासन भी नहीं मिलता था। काम के लिए कई बार सरपंच को भी कहा, लेकिन उसने भी कोई जवाब नहीं दिया। सरपंच भी कुछ नहीं कराता। एक्सपर्ट बोलीं- मुकाबला रोचक होगा कलायत विधानसभा की राजनीति में अच्छी समझ रखने वाली राजनीति विशेषज्ञ डॉ वीना छाबड़ा का मानना है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला रहेगा। फिलहाल की स्थिति देखें तो कांग्रेस के विकास सहारण, निर्दलीय प्रत्याशी अनिता ढुल और भाजपा सरकार में मंत्री रहीं कमलेश ढांडा के बीच ही मुकाबला है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… यहां बंसीलाल की विरासत की लड़ाई:श्रुति चौधरी की चचेरे भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं; जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी, बागी से भी नुकसान पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी 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