हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनोट आज शाम दुर्गम क्षेत्र भरमौर के दौरे पर पहुंचेगी। कंगना भरमौर के मशहूर चौरासी मंदिर परिसर में शिव नुवाला (शिव जागरण) का आयोजन करेंगी। यह नुवाला रातभर चलता रहेगा। इस दौरान चार पहर में भगवान शिव की पूजा की जाएगी। BJP नेताओं के अनुसार, कंगना ने विधानसभा चुनाव के दौरान चौरासी मंदिर में मन्नत मांगी थी कि यदि वह चुनाव जीतती हैं तो वह यहां पर शिव नुवाला का आयोजन करेंगी। कंगना रनोट मंडी सीट से कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को हराकर सांसद बन चुकी हैं। लिहाजा वह अपनी मन्नत पूरी होने के बाद आज भरमौर में धार्मिक आयोजन करने जा रही हैं। कंगना कल मंदिर में भंडारा देंगी कंगना रनोट कल चौरासी मंदिर में भंडारे का आयोजन करेंगी। इससे पहले कंगना पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंग भी लेंगी। इस दौरान वह क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनेगी। चंबा जिला का दुर्गम क्षेत्र भरमौर भी मंडी संसदीय क्षेत्र के अधीन आता है। इसी मंदिर में चुनाव के दौरान पूजा कर चुका कंगना लोकसभा चुनाव के दौरान भी कंगना रनोट ने पारंपरिक परिधान पहनकर चौरासी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। सांसद बनने के बाद आज वह पहली बार चौरासी मंदिर पहुंचेगी। भाजपा कार्यकर्ता इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शाम 5 बजे पहुंचेगी कंगना: ठाकुर भरमौर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद ठाकुर ने बताया कि कंगना शाम 5 बजे तक भरमौर पहुंचेगी। रात 9:00 बजे वह शिवा नुवाला पूजन में शिरकत करेंगी। उसके बाद कंगना का रात्रि ठहराव भरमौर में ही रहेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव जीतने के बाद कंगना पहली बार भरमौर आ रही है। लिहाजा उनके स्वागत के लिए भाजपा मंडल ने भी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए क्षेत्र के लोगों को बुलाया गया है। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनोट आज शाम दुर्गम क्षेत्र भरमौर के दौरे पर पहुंचेगी। कंगना भरमौर के मशहूर चौरासी मंदिर परिसर में शिव नुवाला (शिव जागरण) का आयोजन करेंगी। यह नुवाला रातभर चलता रहेगा। इस दौरान चार पहर में भगवान शिव की पूजा की जाएगी। BJP नेताओं के अनुसार, कंगना ने विधानसभा चुनाव के दौरान चौरासी मंदिर में मन्नत मांगी थी कि यदि वह चुनाव जीतती हैं तो वह यहां पर शिव नुवाला का आयोजन करेंगी। कंगना रनोट मंडी सीट से कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को हराकर सांसद बन चुकी हैं। लिहाजा वह अपनी मन्नत पूरी होने के बाद आज भरमौर में धार्मिक आयोजन करने जा रही हैं। कंगना कल मंदिर में भंडारा देंगी कंगना रनोट कल चौरासी मंदिर में भंडारे का आयोजन करेंगी। इससे पहले कंगना पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंग भी लेंगी। इस दौरान वह क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनेगी। चंबा जिला का दुर्गम क्षेत्र भरमौर भी मंडी संसदीय क्षेत्र के अधीन आता है। इसी मंदिर में चुनाव के दौरान पूजा कर चुका कंगना लोकसभा चुनाव के दौरान भी कंगना रनोट ने पारंपरिक परिधान पहनकर चौरासी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। सांसद बनने के बाद आज वह पहली बार चौरासी मंदिर पहुंचेगी। भाजपा कार्यकर्ता इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शाम 5 बजे पहुंचेगी कंगना: ठाकुर भरमौर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद ठाकुर ने बताया कि कंगना शाम 5 बजे तक भरमौर पहुंचेगी। रात 9:00 बजे वह शिवा नुवाला पूजन में शिरकत करेंगी। उसके बाद कंगना का रात्रि ठहराव भरमौर में ही रहेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव जीतने के बाद कंगना पहली बार भरमौर आ रही है। लिहाजा उनके स्वागत के लिए भाजपा मंडल ने भी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए क्षेत्र के लोगों को बुलाया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मणिमहेश को हेली-टैक्सी शुरू:चंबा से भी उड़ान भर सकेंगे श्रद्धालु; 5 कैंप बनाए, 26 अगस्त सुबह 3.40 बजे छोटे शाही-स्नान का मुहूर्त
हिमाचल में मणिमहेश को हेली-टैक्सी शुरू:चंबा से भी उड़ान भर सकेंगे श्रद्धालु; 5 कैंप बनाए, 26 अगस्त सुबह 3.40 बजे छोटे शाही-स्नान का मुहूर्त उत्तर भारत की पावन मणिमहेश यात्रा 26 अगस्त से 11 सितंबर तक चलेगी। इस यात्रा को लेकर प्रशासन ने इंतजाम पूरे कर दिए है। भरमौर से मणिमहेश तक जगह-जगह रेस्क्यू के लिए NDRF-SDRF जवानों के अलावा माउंटेनिरिंग संस्थान के वॉलेंटियर्स तैनात किए गए। 5 जगह बनाए कैंप में मेडिकल टीम की तैनाती और वीरवार से ही हेली टैक्सी सेवा भी आरंभ कर दी गई है। धार्मिक यात्रा में छोटे शाही स्नान का शुभ मुहूर्त इस बार 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा, जो देर रात 2 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान हजारों शिव भक्त डल में डुबकी लगाएंगे। वहीं राधा अष्टमी के अवसर पर यानी 11 सितंबर को शाही स्नान होगा। मणिमहेश यात्रा के लिए बीते 3-4 दिन से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मणिमहेश पहुंचने शुरू हो गए हैं। जम्मू कश्मीर के डोडा से भी शिव भक्तों का एक बड़ा जत्था मणिमहेश के डल में शाही स्नान कर चुका है। भरमौर से मणिमहेश तक शिव के जयकारों से गूंज रहा है। देशभर से मणिमहेश पहुंचते हैं शिव भक्त बता दें कि हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के दुर्गम क्षेत्र भरमौर में मणिमहेश यात्रा के लिए देशभर में बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं। आधिकारिक तौर पर यात्रा 26 अगस्त से शुरू हो रही है। मगर प्रशासन ने वीरवार से ही हेली टैक्सी सेवा आरंभ कर दी है। यहां बनाए गए कैंप, जहां मेडिकल टीम रहेगी तैनात प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। यहां प्रत्येक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा, क्योंकि 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश में कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। घोड़े और हेली टैक्सी से भी कर सकते हैं यात्रा मणिमहेश यात्रा ज्यादातर श्रद्धालु पैदल करते हैं। जो चलना नहीं चाहते या चलने में सक्षम नहीं हैं, वह घोड़ों, हेली टैक्सी या कुली के माध्यम से भी यात्रा कर सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने हेली टैक्सी, कुली और घोड़ों का किराया तय कर दिया है। हेली टैक्सी से भरमौर से गौरीकुंड तक श्रद्धालुओं को 3875 रुपए एक साइड का किराया देना होगा। हेली टैक्सी का किराया इस बार पिछले साल की अपेक्षा 20 प्रतिशत कम है। चंबा से गौरीकुंड तक पहली बार हेली टैक्सी सेवा SDM भरमौर-कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि पहली बार चंबा से भी गौरीकुंड तक हेली टेक्सी सेवा शुरू की जा रही है। इसके लिए 25 हजार रुपए किराया निर्धारित किया गया है। श्रद्धालु मंदिर ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं। घोड़े पर यात्रा को देने होंगे 4700 रुपए भरमौर के हड़सर से मणिमहेश तक घोड़ा-खच्चर से आने-जाने का किराया 4700 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। इसी तरह 5 कैंप के बीच का भी अलग अलग किराया निर्धारित किया गया है। तय किराया से ज्यादा दर्रें वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह कुली के लिए भी किराया तय किया गया है। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पढ़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्टानों के बीच बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भीदेखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह अध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास ऐसा मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया। श्रद्धालुओं के जारी की एडवाइजरी इस यात्रा के दृष्टिगत प्रशासन ने शिव भक्तों को एडवाइजरी जारी की है। इसका पालन सभी श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा है। बिना पंजीकरण यात्रा की इजाजत नहीं होगी। मणिमहेश यात्रा के दौरान कई बार ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। खतरनाक रास्तों के कारण कई बार अनहोनी भी हो जाती है। 3 दिन पहले भी ऊना के एक श्रद्धालु लैंडस्लाइड के कारण मौत हो चुकी है। मणिमहेश यात्रा के लिए इन निर्देशों का करें पालन
भरमौर में रावी नदी में गिरी आल्टो कार:एक युवक की मौत- दूसरा घायल, चंबा से आ रहे थे, नहीं हो सकी पहचान
भरमौर में रावी नदी में गिरी आल्टो कार:एक युवक की मौत- दूसरा घायल, चंबा से आ रहे थे, नहीं हो सकी पहचान भरमौर- पठानकोट नेशनल हाईवे पर दुर्गेठी के समीप एक ऑल्टो कार अनियंत्रित होकर होकर रावी नदी में जा गिरी। हादसा रात करीब 12 बजे हुआ। इस हादसे में कार सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई है और दूसरा युवक घायल हो गया। युवक चंबा के मोहल्ला हरदासपुर के बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, आज सुबह जब लोग अपनी दुकान खोलने के लिए दुर्गेठी से लूना की तरफ पैदल जा रहे थे। उस समय रावी नदी में एक कार पड़ी दिखाई दी। जिसमें एक युवक नदी के किनारे मृत पड़ा हुआ दिखाई दिया। इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। हादसे की जानकारी भरमौर थाना पुलिस को दी गई। पूछताछ करने पर यह पता चला है कि दोनों युवक चंबा के हरदासपुर के रहने वाले हैं। जो चंबा से भरमौर की तरफ जा रहे थे। स्थानीय लोगों ने घायल को तुरंत उठाकर मेडिकल कॉलेज चंबा उपचार के लिए भेज दिया है। मृतक और घायल युवक की पहचान नहीं हो सकी है।
किन्नोर में नेशनल हाईवे 17 घंटे से बंद:पहाड़ों से लगातार गिर रहा मलबा, काजा-स्पीति की ओर जाने वाले वाहन रुके
किन्नोर में नेशनल हाईवे 17 घंटे से बंद:पहाड़ों से लगातार गिर रहा मलबा, काजा-स्पीति की ओर जाने वाले वाहन रुके हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जनपद किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ियों का दरकना लोगों के लिए परेशानियों का सबब बनी हुई है। यहां पर लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण सफर भी जानलेवा बना है। देश की सुरक्षा दृष्टि से अहम जिला किन्नौर को जोड़ने वाली NH-5 निगुलसरी के करीब 17 घंटे से बंद पड़ा है। ऐसे में किन्नौर, काजा-स्पीति तथा शिमला की ओर जाने वाले हजारों लोगों को आवाजाही करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। कल शाम 6 बजे से बंद एनएच के दोनों ओर वाहनों की लंबी लंबी कतार लगी रही। लोग मार्ग बहाली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऊपरी पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिरने से एनएच को बहाल करना चुनौती बना रहा।आपको बता दें कि, गुरुवार रात करीब 8 बजे से यहां पर यातायात बंद हो गया। शुक्रवार को भी ऊपरी पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थरों के गिरने का क्रम जारी रहा। जिस कारण मार्ग को बहाल करने में दिक्कतें पेश आई। करीब 4 बजे बजे बाधित एचएच को बहाल किया गया, लेकिन फिर शाम 6 बजे से NH-5 एक बार फिर से बंद हो गया है। बरसात शुरू होने से जारी है भूस्खलन गौरतलब है कि निगुलसारी में बरसात के शुरू होते ही ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन का सिलसिला जारी हो जाता है। ऐसे में एनएच-5 पर सफर कर रहे हजारों लोगों को भी खतरा बना हुआ है। लोग डर के साये में सफर करने को मजबूर हैं। बहरहाल, यहां पर भूस्खलन को रोकने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए हैं। रात को हुई बारिश से एक बार फिर निगुलसरी के पास ऊपरी पहाड़ी से लगातार पत्थरों के गिर रहे हैं। इस कारण NH-5 को बहाल करने में काफी दिक्कतें पेश आ रही है। सड़क से पत्थर और दलदल को हटाने के लिए मौके पर मशीन तैनात की गई है। जैसे ही पहाड़ी से पत्थर गिरना रुक जाएगा, वैसे ही सड़क को खोलने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।