हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने संगठन लेवल पर बदलाव शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र बघेल को हरियाणा का नया सहप्रभारी लगाया है। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश राहुल गांधी से कर चुके हैं। हरियाणा में सहप्रभारी के खाली पड़े पद पर राहुल गांधी के करीबी जितेंद्र बघेल को लगाए 10 दिन हो चुके हैं लेकिन उनकी नियुक्ति से जुड़ा कोई आदेश जारी नहीं हुआ। हार के कारणों की जांच के लिए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान की ओर से गठित 8 मेंबरी कमेटी की मंगलवार को दिल्ली में हुई मीटिंग में बघेल शामिल हुए। उसके बाद ही उनके नया सहप्रभारी बनने की बात सामने आई। इस कमेटी की 9 नवंबर को दिल्ली में दोबारा मीटिंग होगी जिसमें सभी हारे हुए उम्मीदवारों को बुलाया गया है। उस समय जितेंद्र बघेल इन कैंडिडेट्स से बात करेंगे। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया मंगलवार को हुई मीटिंग में मौजूद नहीं थे। 8 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही बाबरिया ने पार्टी के सभी प्रोग्रामों से दूरी बना रखी है। ऐसे में जितेंद्र बघेल की तैनाती काफी अहम है। जितेंद्र बघेल ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से ही शुरू किया। छात्र संघ चुनाव के जरिए कांग्रेस में एंट्री लेने वाले बघेल गुजरात समेत कई राज्यों में पार्टी संगठन का कामकाज संभाल चुके हैं। बघेल ने हारे नेताओं को बुलाने की बात कही
हार के कारण जानने के लिए 5 नवंबर को दिल्ली में 8 सदस्यीय कमेटी की मीटिंग हुई थी। मीटिंग की अध्यक्षता हरियाणा के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। मीटिंग में कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल भी मौजूद रहे। इस मीटिंग में जितेंद्र बघेल ने हारे हुए नेताओं को बुलाने की बात कही थी। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में तय हुआ कि 9 नवंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली में दोबारा मीटिंग की जाएगी और इसमें चुनाव हारने वाले 53 नेताओं को बुलाया जाएगा। इन नेताओं से न केवल हार के कारण पूछे जाएंगे, बल्कि इनके सबूत भी मांगे जाएंगे। इन सबूतों का कांग्रेस की लीगल टीम अध्ययन करेगी और अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। कांग्रेस के मुताबिक- हारे नेताओं से 4 बिंदुओं पर मांगे जाएंगे सबूत
1. पुलिस का क्या रोल रहा : चुनाव में भाजपा के नेताओं व उनके प्रतिनिधियों पर शराब और पैसा बांटने का आरोप था। किन-किन एरिया में कब-कब पैसा बांटा गया।
2. अधिकारियों की भूमिका : अधिकारियों पर भाजपा के पक्ष में वोट डलवाने का आरोप था। इन अधिकारियों के नाम और वीडियो फुटेज।
3. धर्म के नाम पर वोट : भाजपा नेताओं पर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप था। वोटों का ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया।
4. बूथों की वेब कास्टिंग : चुनाव आयोग की तरफ से पूरी चुनाव प्रक्रिया को वेब कास्ट करने और CCTV की निगरानी में EVM रखने का प्रावधान था, लेकिन कई जगहों पर CCTV नहीं थे। स्ट्रॉन्ग रूम में भी कई जगह लाइटें कट गईं। कमेटी में ये नेता शामिल ____________________________________________________________________________ हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया इस्तीफे की पेशकश कर चुके हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच दीपक बाबरिया को ब्रेन स्ट्रोक आया था। उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराना पड़ा था। चुनाव में हार के बाद उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि मेरी जगह किसी और को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया जाए, मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। स्वास्थ्य कारणों के कारण अभी समय नहीं दे सकता। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने संगठन लेवल पर बदलाव शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र बघेल को हरियाणा का नया सहप्रभारी लगाया है। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया पहले ही हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश राहुल गांधी से कर चुके हैं। हरियाणा में सहप्रभारी के खाली पड़े पद पर राहुल गांधी के करीबी जितेंद्र बघेल को लगाए 10 दिन हो चुके हैं लेकिन उनकी नियुक्ति से जुड़ा कोई आदेश जारी नहीं हुआ। हार के कारणों की जांच के लिए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान की ओर से गठित 8 मेंबरी कमेटी की मंगलवार को दिल्ली में हुई मीटिंग में बघेल शामिल हुए। उसके बाद ही उनके नया सहप्रभारी बनने की बात सामने आई। इस कमेटी की 9 नवंबर को दिल्ली में दोबारा मीटिंग होगी जिसमें सभी हारे हुए उम्मीदवारों को बुलाया गया है। उस समय जितेंद्र बघेल इन कैंडिडेट्स से बात करेंगे। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया मंगलवार को हुई मीटिंग में मौजूद नहीं थे। 8 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही बाबरिया ने पार्टी के सभी प्रोग्रामों से दूरी बना रखी है। ऐसे में जितेंद्र बघेल की तैनाती काफी अहम है। जितेंद्र बघेल ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस से ही शुरू किया। छात्र संघ चुनाव के जरिए कांग्रेस में एंट्री लेने वाले बघेल गुजरात समेत कई राज्यों में पार्टी संगठन का कामकाज संभाल चुके हैं। बघेल ने हारे नेताओं को बुलाने की बात कही
हार के कारण जानने के लिए 5 नवंबर को दिल्ली में 8 सदस्यीय कमेटी की मीटिंग हुई थी। मीटिंग की अध्यक्षता हरियाणा के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। मीटिंग में कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल भी मौजूद रहे। इस मीटिंग में जितेंद्र बघेल ने हारे हुए नेताओं को बुलाने की बात कही थी। करीब डेढ़ घंटे चली मीटिंग में तय हुआ कि 9 नवंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली में दोबारा मीटिंग की जाएगी और इसमें चुनाव हारने वाले 53 नेताओं को बुलाया जाएगा। इन नेताओं से न केवल हार के कारण पूछे जाएंगे, बल्कि इनके सबूत भी मांगे जाएंगे। इन सबूतों का कांग्रेस की लीगल टीम अध्ययन करेगी और अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। कांग्रेस के मुताबिक- हारे नेताओं से 4 बिंदुओं पर मांगे जाएंगे सबूत
1. पुलिस का क्या रोल रहा : चुनाव में भाजपा के नेताओं व उनके प्रतिनिधियों पर शराब और पैसा बांटने का आरोप था। किन-किन एरिया में कब-कब पैसा बांटा गया।
2. अधिकारियों की भूमिका : अधिकारियों पर भाजपा के पक्ष में वोट डलवाने का आरोप था। इन अधिकारियों के नाम और वीडियो फुटेज।
3. धर्म के नाम पर वोट : भाजपा नेताओं पर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप था। वोटों का ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया।
4. बूथों की वेब कास्टिंग : चुनाव आयोग की तरफ से पूरी चुनाव प्रक्रिया को वेब कास्ट करने और CCTV की निगरानी में EVM रखने का प्रावधान था, लेकिन कई जगहों पर CCTV नहीं थे। स्ट्रॉन्ग रूम में भी कई जगह लाइटें कट गईं। कमेटी में ये नेता शामिल ____________________________________________________________________________ हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया इस्तीफे की पेशकश कर चुके हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच दीपक बाबरिया को ब्रेन स्ट्रोक आया था। उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराना पड़ा था। चुनाव में हार के बाद उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि मेरी जगह किसी और को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया जाए, मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। स्वास्थ्य कारणों के कारण अभी समय नहीं दे सकता। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा | दैनिक भास्कर