हरियाणा के नारनौल में शादीशुदा महिला शादी के 10 दिन बाद ही घर से लापता हो गई। पुलिस ने पति की शिकायत पर मामला दर्ज कर महिला की तलाश शुरू कर दी है। पति ने कहा महिला अपने साथ लाखों रुपए के जेवर और नगदी ले गई है। शहर थाना नारनौल के अंतर्गत आने वाले मियासराय गांव निवासी योगेश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी 13 जुलाई को दिल्ली के मंगोलपुरी निवासी एक युवती के साथ हुई थी। बिना बताए घर से भागी जो बिना बताए घर से चली गई। जिसके बाद उसने उसकी पत्नी के मायके और रिश्तेदारों से तलाश की, लेकिन वह कहीं पर भी नहीं मिली। वह अपने साथ सोने का मंगल सूत्र, कानों में पहने हुए टॉप्स, अंगूठी,पायल, तीन तोले का सोने का हार, सोने का नथ, सोने का टीका, चांदनी की तागड़ी, एक मोबाइल और कुछ नगदी भी साथ ले गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हरियाणा के नारनौल में शादीशुदा महिला शादी के 10 दिन बाद ही घर से लापता हो गई। पुलिस ने पति की शिकायत पर मामला दर्ज कर महिला की तलाश शुरू कर दी है। पति ने कहा महिला अपने साथ लाखों रुपए के जेवर और नगदी ले गई है। शहर थाना नारनौल के अंतर्गत आने वाले मियासराय गांव निवासी योगेश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी 13 जुलाई को दिल्ली के मंगोलपुरी निवासी एक युवती के साथ हुई थी। बिना बताए घर से भागी जो बिना बताए घर से चली गई। जिसके बाद उसने उसकी पत्नी के मायके और रिश्तेदारों से तलाश की, लेकिन वह कहीं पर भी नहीं मिली। वह अपने साथ सोने का मंगल सूत्र, कानों में पहने हुए टॉप्स, अंगूठी,पायल, तीन तोले का सोने का हार, सोने का नथ, सोने का टीका, चांदनी की तागड़ी, एक मोबाइल और कुछ नगदी भी साथ ले गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद कांग्रेस प्रत्याशी के लोक लुभावने वीडियो:मुख्यमंत्री नायब सैनी ने X पर किया अपलोड, असली चाल चरित्र का प्रचार
फरीदाबाद कांग्रेस प्रत्याशी के लोक लुभावने वीडियो:मुख्यमंत्री नायब सैनी ने X पर किया अपलोड, असली चाल चरित्र का प्रचार हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के जिले फरीदाबाद की एनआईटी 86 विधानसभा के विधायक की वीडियो पर X पर उस वीडियो को अपलोड कर कमेंट करते हुए लिखा है कि हुड्डा की नीयत और कांग्रेस के असली चाल चरित्र का प्रचार करते हुए कांग्रेस मेनिफेस्टो का पहला वादा नौकरी फिर पर्ची ख़र्ची पर बाटेंगे। कांग्रेस ने मैदान में उतारा बता दें कि यह वीडियो नित 86 से कांग्रेस के प्रत्याशी नीरज शर्मा की है। नीरज शर्मा मौजूदा विधायक थे, जिन्हें कांग्रेस द्वारा टिकट देकर मैदान में उतारा है। विधानसभा चुनाव के मत देना सर न केवल नीरज शर्मा, बल्कि सभी पार्टी के प्रत्याशी जनता को लोग लुभावने वादे करते हैं। ऐसा ही एक लोक लुभावना वादा 86 से कांग्रेस के प्रत्याशी नीरज शर्मा ने अपने प्रचार प्रसार के दौरान भरे मंच से कर दिया। असली सौदा तो नौकरी का उन्होंने अपने कुछ समर्थकों के सभा में लेट आने पर कहा कि अरे तुम्हारे मतलब की तो बात निकल गई, तुम लेट आए हो, असली सौदा तो नौकरी का है। नीरज शर्मा ने कहा कि भैया सबकी आज्ञा ले ली भाई ने खुला चैलेंज कर दिया है। हुड्डा साहब को दो लाख नौकरी देनी है, मुझे जीता कर भेज दो 2 हजार का कोटा मिलेगा और 50 वोट पर एक नौकरी मिलेगी। नीरज शर्मा ने मंच से कहा कि जिस गांव में ज्यादा डब्बा भरेगा, उसे गांव में ज्यादा नौकरी मिलेगी। पहला वादा नौकरी फिर पर्ची ख़र्ची पर बाटेंगे यह मेरा फैसला नहीं है, यह सबका फैसला है। कल को मेरे ऊपर आप इस बात को ठोक देना। बता दे कि वीडियो के वायरल होने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसे एक पर अपलोड करते हुए लिखा है कि हुड्डा की नीयत और कांग्रेस का असली चाल चरित्र का प्रचार करते हुए कांग्रेस मेनिफेस्टो का पहला वादा नौकरी फिर पर्ची ख़र्ची पर बाटेंगे। बता दें कि इस वीडियो के वायरल होने और मुख्यमंत्री नायब सैनी के X पर वीडियो अपलोड कर टिप्पणी करने के बाद यह वीडियो और तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
हरियाणा में बगावत से कांग्रेस-BJP परेशान:भाजपा का 29 तो कांग्रेस का 5 सीटों पर विरोध; मंत्री-पूर्व मंत्री समेत 44 नेता बागी
हरियाणा में बगावत से कांग्रेस-BJP परेशान:भाजपा का 29 तो कांग्रेस का 5 सीटों पर विरोध; मंत्री-पूर्व मंत्री समेत 44 नेता बागी हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच टिकट कटने पर कांग्रेस और भाजपा में भगदड़ मची हुई है। राज्य के इतिहास में यह पहला ऐसा चुनाव है, जिसमें BJP में भी बगावत देखने को मिल रही है। भाजपा की पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। इनमें 29 विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां विरोध हो रहा है। वहीं, कांग्रेस भी नेताओं की भगदड़ और बगावत झेल रही है। कांग्रेस 2 लिस्टों में अभी तक 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इनमें 5 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां 9 दावेदार पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के विरोध में उतर आए हैं। इनमें कुछ नेता तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा के काफी करीबी हैं। किस पार्टी के कौन बड़े चेहरे हुए बागी… कांग्रेस में 5 सीटों पर घमासान
कांग्रेस के 41 उम्मीदवारों में से 5 सीटों पर टिकटों के 9 दावेदार विरोध में उतरे हैं। शनिवार को कांग्रेस के 3 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया। इनमें बरोदा से कपूर नरवाल, बहादुरगढ़ से राजेश जून और साढौरा से बृजपाल छप्पर शामिल हैं। इसके अलावा, बरोदा से जीता हुड्डा, गोहाना से हर्ष छिकारा, बरवाला से रामनिवास घोड़ेला भी बगावत पर उतरे हुए हैं। वहीं, गुरुग्राम में पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी अनीता अग्रवाल कांग्रेस छोड़कर फिर से BJP में शामिल हो गई हैं। BJP के ये बड़े नेता बागी हो गए
भाजपा के 16 नेता अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें मंत्री रणजीत चौटाला, मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन रहे आदित्य देवीलाल, OBC मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कर्णदेव कंबोज और शशि परमार पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। आदित्य देवीलाल INLD में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा, सावित्री जिंदल सहित 11 नेताओं ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। यमुनानगर से देवेंद्र चावला, साढौरा से दाताराम, सफीदों से बचन सिंह आर्य, कालांवाली से बलकौर सिंह, गुरुग्राम से जीएल शर्मा और नीलोखेड़ी से मीना चौहान के भी बागी तेवर बने हुए हैं। 67 में से 29 सीटों पर टिकटों के 38 दावेदारों ने खुलकर विरोध किया है। दीपक डागर, कविता जैन, शशि परमार और बिशंभर वाल्मीकि जैसे नेता समर्थकों के सामने रोते तक नजर आए। बगावत का किस पार्टी पर क्या असर? BJP के लिए ये होंगे साइड इफेक्ट… 1. गुजरात जैसी नहीं है हरियाणा में बगावत
टिकट बंटवारे के बाद पार्टियों में बगावत कोई नई बात नहीं है। गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान भी BJP को बगावत का सामना करना पड़ा था, जबकि वहां BJP के पक्ष में हवा चल रही थी। फिर भी जिन विधायकों को टिकट नहीं मिला, उन्होंने बगावत कर दी थी। हालांकि, जिस तरह की बगावत हरियाणा में देखने मिल रही है, वह इसका सबूत है कि पार्टी राज्य में कमजोर हुई है। 2. भगदड़ दर्शा रही पार्टी की कमजोरी
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा सरकार वापस नहीं आएगी। यदि बागी नेताओं को यह यकीन होता कि BJP की लोकप्रियता राज्य में चरम पर है तो वह बयानबाजी न करते। जब पार्टी की स्थिति राज्य में मजबूत रहती है तो टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार भी नेतृत्व को भला बुरा नहीं कहते, क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि चुनाव जीतने के बाद भी सरकार बनने पर वापसी की संभावनाएं हैं। 3. बागियों के निर्दलीय लड़ने पर नुकसान
हरियाणा में फिलहाल जिस तरह टिकट कटने पर पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और अन्य नेताओं के रोने की तस्वीरें आ रही हैं, उससे यही लगता है कि कुछ दिनों बाद ये सभी बागी फिर से BJP का ही रुख करेंगे। हरियाणा के सियासी जानकारों का कहना है कि अभी तक बीजेपी टक्कर में दिख रही थी, लेकिन जिस तरह की बगावत पार्टी के अंदर हो रही है, वह सबूत है कि राज्य में पार्टी कमजोर हो रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के साथ आने की संभावना से वैसे भी BJP बैकफुट पर थी। अगर 4 से 5 बागी भी निर्दलीय चुनाव लड़ गए तो कांग्रेस को बढ़त मिल जाएगी। कांग्रेस की ऐसे परेशानी बढ़ेगी… तीसरी लिस्ट में भगदड़ मच सकती है
BJP की तरह हरियाणा कांग्रेस में भी भगदड़ के हालात बने हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस ने सभी सिटिंग विधायकों और दूसरे बड़े चेहरों को टिकट जरूर दी है, लेकिन तीसरी लिस्ट में हालात काफी खराब होने वाले हैं। कांग्रेस में दावेदार पार्टी मुख्यालय तक पहुंच रहे हैं, जहां उन्होंने 2 से 3 बार दीपक बाबरिया का भी घेराव कर दिया है। कांग्रेस प्रभारी बाबरिया ने दूसरे दावेदारों को मनाने का काफी प्रयास किया है, लेकिन अभी भी कई दावेदारों के बागी तेवर बने हुए हैं। कांग्रेस के लिए अभी कई चैलेंज बाकी
1. कांग्रेस ने पहली लिस्ट में जाटलैंड कहे जाने वाले रोहतक-झज्जर-सोनीपत के वोटरों को साधने की कोशिश की। झज्जर की चारों सीटों पर टिकट घोषित कर दिए हैं। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के गृह जिले रोहतक की चारों सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए। सोनीपत में भी 5 सीटों पर टिकटों का ऐलान कर दिया है, जबकि एक रोक ली गई है। 2. मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले की तीनों सीटों पर कांग्रेस स्ट्रॉन्ग पोजिशन में है। इसीलिए, यहां की तीनों सीटों पर मुस्लिम चेहरों के तौर पर मौजूदा विधायकों को फिर से उतारा है। 4. किरण चौधरी के BJP में चले जाने के बाद कांग्रेस, खासकर हुड्डा गुट के सामने पूर्व CM बंसीलाल के गढ़ रहे भिवानी को साधने का चैलेंज है। इसलिए कांग्रेस ने यहां बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। अनिरुद्ध, रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं। बांगर बेल्ट में आने वाली जींद की उचाना सीट पर सर छोटूराम के नाती चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है। 5. हिसार, सिरसा और फतेहाबाद की 14 सीटों पर कांग्रेस अभी सिर्फ 4 ही उम्मीदवार उतार पाई है। यह एरिया भाजपा और इनेलो का गढ़ है, जिसे वह 2019 में भेद नहीं पाई थी। कैथल की सभी सीट अभी होल्ड पर हैं।
किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला
किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला हरियाणा में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई किरण चौधरी का दावा है कि भाजपा जाने और कांग्रेस आने को लेकर भूपेंद्र हुड्डा-दीपेंद्र हुड्डा ने हौव्वा बनाया है। असल में वह भी अंदरखाते सेटिंग करके चल रहे हैं ताकि जेल न जाना पड़े। कांग्रेस में तो CM बनने को लेकर बाप-बेटे ही आपस में लड़ रहे हैं। किरण चौधरी का ये भी कहना है कि जीवित रहते चौधरी बंसीलाल के खिलाफ खड़े होने वाले अनिरुद्ध चौधरी को तोशाम में उनकी बेटी श्रुति चौधरी के मुकाबले कोई फायदा नहीं मिलेगा। बंसीलाल की विरासत हमारी है। किरण ने कहा कि कुमारी सैलजा के कांग्रेस में अपमान से उन्हें दुख होता है। जिसने सैलजा के खिलाफ अपशब्द कहे, उसे कुछ कहा तक नहीं। हरियाणा चुनाव के बीच भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने दैनिक भास्कर से की विस्तृत बातचीत के प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: तोशाम सीट से आपकी बेटी चुनाव लड़ रही हैं, प्रचार कैसा चल रहा है, आपकी क्या उम्मीदें हैं?
किरण चौधरी: श्रुति तोशाम की बेटी और बहन है। सब इस बात को जानते हैं। श्रुति छोटी-सी थी, जब चौधरी बंसीलाल इसको उंगली पकड़कर सारे प्रोग्राम में लाते थे। उसके बाद पिता चौधरी सुरेंद्र सिंह के साथ पूरे चुनाव प्रचार में आती थी। 20 साल से मेरा (किरण चौधरी) तो किया ही है, इसके अलावा खुद भी वह सांसद रही हैं। सांसद होने के नाते उसने इलाके के लिए बहुत काम किया है। सवाल: श्रुति के खिलाफ कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व CM बंसीलाल की विरासत का फायदा किसे मिलेगा और क्यों?किरण चौधरी: जब चौधरी बंसीलाल जी जिंदा थे, तब तक चौधरी बंसीलाल का नाम नहीं लिया और खिलाफत की। दोनों बापू और बेटा, सामने खड़े होते थे। सुरेंद्र सिंह जी के सामने खड़े होते थे। इन्होंने तो हमारे सामने इलेक्शन लड़े हुए हैं। इनकी उपलब्धि यह है कि जमानत जब्त कराई हुई है। इनके पिता ने रिकॉर्ड बनाया था, जमानत जब्त करने का। तोशाम हल्के के लोग बावले (नासमझ) नहीं हैं। काम तो कभी किया नहीं। कभी किसी के सुख-दुख में आए नहीं। अब चौधरी बंसीलाल व चौधरी सुरेद्र सिंह के फोटो लगाकर कहना कि मैं विरासत का मालिक हूं, यह तो बेकार की बात है। मैं हमेशा कहती आई हूं कि विरासत होती है काम की। ये किस मुंह से आ रहे हैं, जिन्होंने एक टोंटी (नल) तक नहीं लगाई। इनके पास जबरदस्त पैसा था, रणबीर महेंद्रा क्रिकेट बोर्ड का चेयरमैन था और अनिरुद्ध चौधरी कोषाध्यक्ष था। कहीं एक जगह पर भी एक स्टेडियम बनाया हो, इतना पैसा आता है क्रिकेट बोर्ड में। एक बच्चा खिलाया हो या क्रिकेटर बनाया हो। सवाल: इस चुनाव में भाजपा को लेकर आपको क्या उम्मीदें हैं। क्या वाकई एंटी इनकंबेंसी का नुकसान होगा? पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या मानती हैं?
किरण चौधरी: जो लोकसभा चुनाव था, उससे ज्यादा तो एंटी इनकंबेंसी नहीं हो सकती। उस समय देश में 240 सीटों पर भाजपा जीती और केंद्र में सरकार बनाई। हरियाणा में भी भाजपा एंटी इनकंबेंसी में 44 सीटों पर जीती। 42 पर कांग्रेस आई। अब तक इन्होंने जो टिकटें दी हैं, एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने के लिए सारे तैयार हो रहे हैं। सवाल: भूपेंद्र हुड्डा कह रहे हैं कि भाजपा जा रही है, कांग्रेस आ रही है, उनके दावे पर आप क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: ये चाहे कुछ भी कह लें, लेकिन सच्चाई यह है कि ये सेटिंग की राजनीति करते हैं। नीचे-नीचे ये भी हाथ मिलाकर चल रहे हैं, हम तो राजी हैं। सवाल: क्या भाजपा से हाथ मिलाया हुआ है?
किरण चौधरी: इनके सिर पर तलवार लटक रही है, इन्हें पता है। खाली हौव्वा बनाया हुआ है, ताकि वह बाहर रहें और जेल न जाए। सवाल: कुमारी सैलजा को लेकर अपशब्द कहे गए, उन्हें हुड्डा समर्थक बताया जा रहा है। आपकी पुरानी साथी रही हैं, उनकी कांग्रेस में स्थिति को लेकर क्या कहेंगी?
किरण चौधरी: यह सुनकर बहुत दुख हुआ मुझे और बहुत दुर्भाग्य की बात है कि इस तरह जातिसूचक शब्द उनके लिए अगर इस्तेमाल किए जा सकते हैं तो आम आदमी का क्या करेंगे। हरियाणा में इन्होंने किया क्या है। सारा पंचकूला से लेकर पूरा फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक-झज्जर-सोनीपत की सारी जमीन नाप ली। इनका कच्चा चिट्ठा अखबारों में आता है। इनके समय में रोहतक के अंदर जबरदस्त आगजनी हुई थी। 8 महीने तक इन बाप-बेटे को अंदर जाने नहीं दिया था। औरतों ने इनके घर के बाहर चूड़ियां तोड़ी थी, ये हालात इनके थे। इन्होंने हरियाणा में क्षेत्रवाद किया है। हमारे हक की जो नौकरियां थी और मैं लड़ाई लड़ती थी कि हमारे बच्चों को दे दे, लेकिन सारा कुछ रोहतक… रोहतक… रोहतक…। यह रोहतक से बाहर निकलकर तो राजी ही नहीं था। सवाल: आपकी भी काफी लंबी लड़ाई चली उनके साथ?
किरण चौधरी: मेरी कोई निजी लड़ाई नहीं थी। यह पौधा चौधरी बंसीलाल का लगाया हुआ है। चौधरी बंसीलाल जी के कारण ये आगे राजनीति में बढ़े, चौधरी सुरेंद्र सिंह के कारण बढ़े। अब उन्होंने सोचा की चौधरी बंसीलाल को पूरा खत्म ही कर दें। लेकिन मैं तो लड़ाई लड़ने वालों में से हूं। मैंने कभी घुटने टेके नहीं। ना मैने कभी सीएलयू करवाया और ना कुछ और करवाया। मैं क्यूं डरूं। मैने अपने हित की आवाज उठानी है, वह विधानसभा में भी उठाई और बाहर भी उठाई और उठाती रहूंगी। सवाल: कुमारी सैलजा के अनुसूचित जाति सीएम के दावे को भी नहीं माना, टिकट बंटवारे में भी नहीं चली? उनको कोई सलाह देना चाहेंगी?
किरण चौधरी: यह तो बाबू-बेटा पार्टी है। बाप बनेगा या बेटा बनेगा, आपस में भी लड़ाई हो रखी है। बनेगा कोई भी नहीं इन दोनों में से, पर आपस में 2 लड़ रहे हैं। सवाल: आप लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं, अब भाजपा में आ गई हैं। दोनों पार्टियों में आपको क्या अंतर दिखता है?
किरण चौधरी: मेरे को बड़ा सकून आया है। अच्छी व संगठित पार्टी है। मान-सम्मान दिया है। मेरे को सीधा राज्यसभा में भेज दिया। श्रुति यहां से चुनाव लड़ रही है, इससे ज्यादा क्या चाहिए। आने वाले समय में मैं और श्रुति दबाकर लोगों की बात उठाएंगे। सवाल: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने तो कहा कि किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता?
किरण चौधरी: फर्क पड़े या ना पड़े उसको, मैं एक बात जरूर बता दूं कि हमें भी कोई फर्क नहीं पड़ता इन बाबू-बेटे का। हरियाणा के नेताओं के ये VIP इंटरव्यू भी पढ़ें.. 1. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 2. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी