पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने भारत-सीमा पर पहुंचकर पराली और नशे की तस्करी पर बात की। अपने चार दिवसीय सीमा दौरे पर वो आज शाम अटारी सीमा पर पहुंचे और सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी का आनंद लिया। इस अवसर पर उन्होंने बीएसएफ जवानों की परेड का आनंद लिया और जवानों के सराहनीय प्रदर्शन की सराहना की। राज्यपाल कटारिया ने दिन-रात अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने की कर्तव्य निष्ठा के लिए जवानों की पीठ थपथपाई। इस अवसर पर बी.एस.एफ जवानों की ओर से भी राज्यपाल पंजाब को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बातचीत करते हुए पंजाब के गवर्नर ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सिर्फ सख्ती ही नहीं बल्कि विकल्प की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे उद्योग की जरूरत है जो पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करे या पराली से कच्चा माल लेकर उसे आगे प्रोसेस करे। मादक पदार्थों को रोकने के लिए सहयोग की जरुरत जब उनसे सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीमा पार से आने वाले मादक पदार्थों को रोकने के लिए लोगों के सहयोग की बहुत जरूरत है, जो अब ड्रोन की मदद से बहुत आसानी से पहुंच रहा है और वो इस साथ को लेने की ही कोशिश कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधान सचिव वीके मीना, पंजाब के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिव प्रसाद, उपायुक्त साक्षी साहनी, जिला पुलिस प्रमुख रणजीत सिंह, एसडीएम मनकंवल सिंह चहल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने भारत-सीमा पर पहुंचकर पराली और नशे की तस्करी पर बात की। अपने चार दिवसीय सीमा दौरे पर वो आज शाम अटारी सीमा पर पहुंचे और सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी का आनंद लिया। इस अवसर पर उन्होंने बीएसएफ जवानों की परेड का आनंद लिया और जवानों के सराहनीय प्रदर्शन की सराहना की। राज्यपाल कटारिया ने दिन-रात अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने की कर्तव्य निष्ठा के लिए जवानों की पीठ थपथपाई। इस अवसर पर बी.एस.एफ जवानों की ओर से भी राज्यपाल पंजाब को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बातचीत करते हुए पंजाब के गवर्नर ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सिर्फ सख्ती ही नहीं बल्कि विकल्प की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे उद्योग की जरूरत है जो पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करे या पराली से कच्चा माल लेकर उसे आगे प्रोसेस करे। मादक पदार्थों को रोकने के लिए सहयोग की जरुरत जब उनसे सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीमा पार से आने वाले मादक पदार्थों को रोकने के लिए लोगों के सहयोग की बहुत जरूरत है, जो अब ड्रोन की मदद से बहुत आसानी से पहुंच रहा है और वो इस साथ को लेने की ही कोशिश कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधान सचिव वीके मीना, पंजाब के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिव प्रसाद, उपायुक्त साक्षी साहनी, जिला पुलिस प्रमुख रणजीत सिंह, एसडीएम मनकंवल सिंह चहल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अकाल तख्त साहिब का 1984 की तर्ज पर मॉडल तैयार:आस्ट्रेलिया के संग्रहालय में होगा प्रदर्शित; अमृतसर के पेपर-आर्टिस्ट ने किया डिजाइन 1984 के ब्लू स्टार ऑपरेशन में श्री अकाल तख्त साहिब के क्षतिग्रस्त स्वरूप का मॉडल जल्द ही आस्ट्रेलिया के म्यूजियम में प्रदर्शित किया जाएगा। जून माह में आस्ट्रेलिया सरकार ने अमृतसर के पेपर आर्टिस्ट गुरप्रीत सिंह से मुलाकात कर ऐसा मॉडल तैयार करने को कहा था। गुरप्रीत सिंह का कहना है कि उन्होंने दो मॉडल तैयार किए हैं। गुरप्रीत सिंह ने बताया कि क्षतिग्रस्त मॉडल के साथ ही उन्होंने 1984 से पहले बना श्री अकाल तख्त साहिब का मॉडल भी तैयार किया है। यह विश्व में 1984 से पहले बना श्री अकाल तख्त साहिब का पहला मॉडल है। फिलहाल गुरप्रीत सिंह खुद आस्ट्रेलिया में हैं। ये मॉडल उन्होंने ही तैयार किए हैं। इन दोनों मॉडलों को सॉलिड वुड फाइबर और कई अन्य फोल्डर केमिकल मैटीरियल का इस्तेमाल करके बनाया गया है। गुरप्रीत सिंह ने कहा कि इस मॉडल को बनाने का मुख्य उद्देश्य, पिछले 40 वर्षों से सिख पंथ के न्याय के लिए किए जा रहे संघर्ष को बयां करना है। ये मॉडल वीर योद्धाओं की शहादत को समर्पित है। 1984 ब्लू स्टार ऑपरेशन की याद दिलाएगा मॉडल पेपर आर्टिस्ट गुरप्रीत सिंह ने देश-विदेश के लोगों से अनुरोध किया कि ऐसे और मॉडल बनाकर म्यूजियम, लाइब्रेरी, अलग-अलग गुरुद्वारों में, जहां भी हो सके, जरूर लगाएं, ताकि आज की पीढ़ी अपने इतिहास के बारे में जान सकें। कई देशों में किए जा चुके प्रदर्शित गुरप्रीत सिंह द्वारा तैयार किए गए ऐसे कई मॉडल अभी तक इंग्लैंड, कनाडा, सिंगापुर समेत कई देशों में प्रदर्शित किए जा चुके हैं। इससे पहले भी उनकी विशेष और अनोखी कला के कारण उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा ऑस्ट्रेलिया की संसद में पेपर वर्क की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया था। इस कार्य के लिए उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया था।
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