भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि हरियाणा-पंजाब सहित पूरे देश में DAP खाद को लेकर हाहाकार मचा है। रबी के सीजन में हरियाणा-पंजाब सहित देश का किसान ‘काली दिवाली’ मनाने को मजबूर हो गया। चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लाखों किसान पूरी-पूरी रात व सुबह 4 बजे से लाईनों में खड़ा पिट रहा है। कहीं लाठीचार्ज का शिकार है, कहीं थानों में DAP खाद बांटा जा रहा है। कहीं किसान DAP खाद का एक बैग ब्लैक में 1900 रुपए पर लेने को मजबूर है, तो कहीं औने-पौने दामों पर कीटनाशक दवाई व बीज भी जबरन DAP खाद के साथ लेना पड़ रहा है। इन घटनाओं से सरकार को घेरा सुरजेवाला ने कुछ उदाहरण देते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। 26 अक्टूबर, 2024 को उचाना, जिला जींद, हरियाणा में DAP खाद की लाईनों में लगे किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज हुआ, तो नरवाना में किसान धरने पर बैठने को मजबूर हुए। DAP की कमी के चलते गुहला-चीका व कैथल में भी किसानों ने धरना लगाया। 27 अक्टूबर, 2024 को भिवानी, चरखी दादरी, नारनौल में DAP की कमी व आंदोलन के चलते सीमित मात्रा में उपलब्ध DAP खाद को थानों में बांटना पड़ा। 4 नवंबर, 2024 को सिरसा में DAP खाद की कमी के चलते किसानों ने धरना लगाया। 5 नवंबर, 2024 को बाढड़ा, भिवानी में DAP संकट चरम पर पहुंचा, एसडीएम को पुलिस सहित दीवार पर खड़े होकर DAP खाद बंटवानी पड़ी। पंजाब सहित यूपी-एमपी सरकार पर हमला बोला सुरजेवाला ने कहा कि यही हाल पंजाब का है, व यही हाल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान का है। यहां तक कि 20 अक्टूबर, 2024 को कृषि मंत्रियों की बैठक में उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप साही ने देश के कृषि मंत्री, शिवराज चौहान व खाद मंत्री, जेपी नड्डा पर उत्तर प्रदेश के कोटे का केवल 25 प्रतिशत DAP खाद देने का इल्ज़ाम लगा डाला। इन सब संकटों के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार व प्रांतीय सरकारें किसान की बेबसी, बेजारी व लाचारी पर आंख मूंदें बैठी है। DAP संकट की वजह बताई कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद ने कहा कि DAP संकट का असली कारण है- मोदी सरकार द्वारा खाद की सब्सिडी 87,238 करोड़ काटकर कम कर देना। DAP खाद का आयात 15 लाख टन कम कर देना, DAP खाद की माहवार बिक्री में कटौती करना, DAP खाद के स्टॉक में 14 लाख टन की कमी कर देना। यह सब किसानों से बदला लेने के लिए किया जा रहा है। किसान को DAP खाद से वंचित करने के इस भाजपाई षडयंत्र का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि भाजपा सरकार ने खाद की सब्सिडी’ में 87,238 करोड़ रुपए की कटौती व ‘न्यूट्रिएंट सब्सिडी’ में 41,122 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है। साल 2024-25 में DAP के स्टॉक में 14 लाख टन की कमी आ चुकी है। केंद्रीय भाजपा सरकार द्वारा जानबूझकर 15 लाख टन DAP का आयात कम किया गया जिससे उनके किसान विरोधी षडयंत्र का साफ नजारा देखा जा सकता है। किसान को DAP की बिक्री में 17 लाख टन की कमी खेती के लिए घातक साबित हुई। भाजपा के किसान विरोध का सबूत यह है कि सिर्फ सितंबर 2024 में DAP की बिक्री 7.5 लाख टन कम हो चुकी है।4.35 के मुकाबले 1.85 लाख टन ही हुई सप्लाई सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में नवंबर माह तक 4.35 लाख टन जरूरत है, जबकि अक्टूबर तक 1.85 लाख टन डीएपी की सप्लाई हुई है। तो अकेले नवंबर में 2.50 लाख टन कहां से सप्लाई होगी, वो भी तब जब खुद हरियाणा सरकार मानती है कि 1 लाख टन से ज्यादा DAP उपलब्ध ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह सब देश के किसान, खासतौर से हरियाणा व पंजाब के किसान से बदला लेने के लिए किया जा रहा है। यह छल अब मंजूर नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री व हरियाणा तथा पंजाब की सरकारें आगे आकर जवाब दें। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि हरियाणा-पंजाब सहित पूरे देश में DAP खाद को लेकर हाहाकार मचा है। रबी के सीजन में हरियाणा-पंजाब सहित देश का किसान ‘काली दिवाली’ मनाने को मजबूर हो गया। चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लाखों किसान पूरी-पूरी रात व सुबह 4 बजे से लाईनों में खड़ा पिट रहा है। कहीं लाठीचार्ज का शिकार है, कहीं थानों में DAP खाद बांटा जा रहा है। कहीं किसान DAP खाद का एक बैग ब्लैक में 1900 रुपए पर लेने को मजबूर है, तो कहीं औने-पौने दामों पर कीटनाशक दवाई व बीज भी जबरन DAP खाद के साथ लेना पड़ रहा है। इन घटनाओं से सरकार को घेरा सुरजेवाला ने कुछ उदाहरण देते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। 26 अक्टूबर, 2024 को उचाना, जिला जींद, हरियाणा में DAP खाद की लाईनों में लगे किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज हुआ, तो नरवाना में किसान धरने पर बैठने को मजबूर हुए। DAP की कमी के चलते गुहला-चीका व कैथल में भी किसानों ने धरना लगाया। 27 अक्टूबर, 2024 को भिवानी, चरखी दादरी, नारनौल में DAP की कमी व आंदोलन के चलते सीमित मात्रा में उपलब्ध DAP खाद को थानों में बांटना पड़ा। 4 नवंबर, 2024 को सिरसा में DAP खाद की कमी के चलते किसानों ने धरना लगाया। 5 नवंबर, 2024 को बाढड़ा, भिवानी में DAP संकट चरम पर पहुंचा, एसडीएम को पुलिस सहित दीवार पर खड़े होकर DAP खाद बंटवानी पड़ी। पंजाब सहित यूपी-एमपी सरकार पर हमला बोला सुरजेवाला ने कहा कि यही हाल पंजाब का है, व यही हाल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान का है। यहां तक कि 20 अक्टूबर, 2024 को कृषि मंत्रियों की बैठक में उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप साही ने देश के कृषि मंत्री, शिवराज चौहान व खाद मंत्री, जेपी नड्डा पर उत्तर प्रदेश के कोटे का केवल 25 प्रतिशत DAP खाद देने का इल्ज़ाम लगा डाला। इन सब संकटों के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार व प्रांतीय सरकारें किसान की बेबसी, बेजारी व लाचारी पर आंख मूंदें बैठी है। DAP संकट की वजह बताई कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद ने कहा कि DAP संकट का असली कारण है- मोदी सरकार द्वारा खाद की सब्सिडी 87,238 करोड़ काटकर कम कर देना। DAP खाद का आयात 15 लाख टन कम कर देना, DAP खाद की माहवार बिक्री में कटौती करना, DAP खाद के स्टॉक में 14 लाख टन की कमी कर देना। यह सब किसानों से बदला लेने के लिए किया जा रहा है। किसान को DAP खाद से वंचित करने के इस भाजपाई षडयंत्र का जिक्र करते हुए सुरजेवाला ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि भाजपा सरकार ने खाद की सब्सिडी’ में 87,238 करोड़ रुपए की कटौती व ‘न्यूट्रिएंट सब्सिडी’ में 41,122 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है। साल 2024-25 में DAP के स्टॉक में 14 लाख टन की कमी आ चुकी है। केंद्रीय भाजपा सरकार द्वारा जानबूझकर 15 लाख टन DAP का आयात कम किया गया जिससे उनके किसान विरोधी षडयंत्र का साफ नजारा देखा जा सकता है। किसान को DAP की बिक्री में 17 लाख टन की कमी खेती के लिए घातक साबित हुई। भाजपा के किसान विरोध का सबूत यह है कि सिर्फ सितंबर 2024 में DAP की बिक्री 7.5 लाख टन कम हो चुकी है।4.35 के मुकाबले 1.85 लाख टन ही हुई सप्लाई सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में नवंबर माह तक 4.35 लाख टन जरूरत है, जबकि अक्टूबर तक 1.85 लाख टन डीएपी की सप्लाई हुई है। तो अकेले नवंबर में 2.50 लाख टन कहां से सप्लाई होगी, वो भी तब जब खुद हरियाणा सरकार मानती है कि 1 लाख टन से ज्यादा DAP उपलब्ध ही नहीं। उन्होंने कहा कि यह सब देश के किसान, खासतौर से हरियाणा व पंजाब के किसान से बदला लेने के लिए किया जा रहा है। यह छल अब मंजूर नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री व हरियाणा तथा पंजाब की सरकारें आगे आकर जवाब दें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल में संदिग्ध हालातों में गर्भवती ने लगाया फंदा:मायका पक्ष ने लगाया हत्या का आरोप, पांच माह की गर्भवती थी महिला
करनाल में संदिग्ध हालातों में गर्भवती ने लगाया फंदा:मायका पक्ष ने लगाया हत्या का आरोप, पांच माह की गर्भवती थी महिला हरियाणा में करनाल जिला के चौगामा गांव में गर्भवती महिला की संदिग्ध हालातों में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला पांच माह की गर्भवती थी। मायका पक्ष ने ससुराल पक्ष पर हत्या के आरोप लगाए है। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। करनाल के प्योंत गांव की रहने वाली मृतका की मां रामरती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी बेटी ममता की शादी सन 2014 में चौगामा गांव के राजकुमार उर्फ राजू के साथ हुई थी। मेरी बेटी के साथ मेरा दामाद मारपीट किया करता था। 29 अगस्त को आई थी घर से मृतका की मां ने बाताया कि मेरी बेटी मारपीट व झगडे के कारण कई बार घर (प्योंत) भी आ जाती थी, अभी भी दिन 29 अगस्त को घर से आई थी। ममता की सास शान्ति देवी, नन्द कृष्णा, सन्तोष,मुन्नी व जेठ कृष्ण, जेठानी सभी उसे तंग व परेशान करते थे। कल रात को मेरी बेटी के साथ मारपीट करके उसकी हत्या कर दी गई। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और एफएसएल की टीम भी बुला ली थी। पुलिस को डेडबॉडी गली में चारपाई पर रखी हुई मिली थी। ससुराल वालों की अलग अलग कहानी ममता के परिजन विनोद व सुरेंद्र का कहना है कि ससुराल पक्ष झूठी बातें बनाकर हमें गुमराह करने का काम कर रहा है। बेटी की सास कहती है कि हमें वह टॉयलेट में पड़ी हुई मिली और इसकी गर्दन पर टायलेट में पड़ी ईंट लग गई, क्योंकि विवाहिता नीचे गिर गई थी और हमें बेहोश मिली। जबकि ससुराल वाले झूठ बोल रहे है। अगर वह नीचे गिरती और उसे ईंट लगती तो गर्दन पर चोट का निशान होता, लेकिन उसके गले पर निशान ऐसे है, जैसे गला घोंटकर हत्या की गई हो। घर का हर एक मेंबर अलग-अलग कहानी बता रहा है। कोई कह रहा है कि चक्कर आकर गिर गई, कोई कहता है कि हार्ट अटैक आ गया, तो कोई फांसी लगाने की बात कह रहा है। दो बच्चों की मां थी और तीसरा गर्भ में था मायका पक्ष ने बताया कि ममता की 10 साल पहले शादी हुई थी। ममता के पास पहले से ही दो बच्चे थे। जिसमें एक 8 साल और दूसरा 5 साल का है और तीसरा गर्भ में था। ममता पांच महीने की गर्भवती थी। परिजनों का कहना है कि अगर ममता का कोई खोट था तो हमें बता दे ताकि हम मामले को सुलझा पाते। शिकायत पर मामला दर्ज इंद्री थाना के जांच अधिकारी शमशेर सिंह ने बताया कि परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस को की है और ससुराल पक्ष पर हत्या के आरोप लगाए है और मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल आज पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
फतेहाबाद में मिट्टी में दबने से एक की मौत:वाटर वर्कर्स की डिग्गी के निर्माण के दौरान हादसा; जेसीबी ऑपरेटर की टांग टूटी
फतेहाबाद में मिट्टी में दबने से एक की मौत:वाटर वर्कर्स की डिग्गी के निर्माण के दौरान हादसा; जेसीबी ऑपरेटर की टांग टूटी हरियाणा के फतेहाबाद के आउटर एरिया स्वामी नगर में आज वाटर वर्कर्स की डिग्गी बनाने में जुटे मजदूर पर मिट्टी का तौंदा आ गिरा। उसे बचाने के लिए जेसीबी ऑपरेटर भी गड्ढे में कूदा तो वह भी मिट्टी में दब गया। हादसे में मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि जेसीबी ऑपरेटर पर मिट्टी गिरने से उसकी टांग टूट गई। एक अन्य को हलकी फुलकी चोटें लगी। एक को गंभीर हालत में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। फतेहाबाद में वार्ड पार्षद ज्ञानी राम ने बताया कि स्वामी नगर में नहरी पानी के लिए 50 बाई 50 चौड़ी और 15 फीट गहरी वाटर वर्कर्स की डिग्गी बनाई जा रही है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। जिसका निर्माण कार्य ठेकेदार के द्वारा करवाया जा रहा है। आज दोपहर अचानक यहां काम कर रहे मजदूर के ऊपर मिट्टी गिर गई, जबकि जेसीबी ऑपरेटर लवप्रीत उसे बचाने के लिए गया था। उन्होंने बताया कि मजदूर प्रवासी है, इस कारण अभी तक उसका पता नहीं चल पाया कि वह कहां का रहने वाला है और कौन है। उसके बारे में पता किया जा रहा है। जबकि लवप्रीत को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर रतिया चुंगी निवासी 24 वर्षीय लवप्रीत ने बताया कि वह जेसीबी चलाता है और स्वामी नगर में वाटर वर्कर्स की डिग्गी के कार्य पर उसे जेसीबी चलाने के लिए बुलाया था। वह जेसीबी पर बैठा था और नीचे एक मजदूर गड्ढे में काम कर रहा था। उसके पास ही सीमेंट मिलाने वाला मिक्सर मशीन चल रही थी। उसकी कंपन से अचानक मिट्टी भरभराकर मजदूर पर जा गिरी। उसे बचाने के लिए वह और एक अन्य भी गड्ढे में चले गए। इतने में मिट्टी उन पर भी आ गिरी। जिस कारण वह दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि तीसरे को बाजू पर हल्की चोट लगी। लवप्रीत ने बताया कि दोनों को अलग-अलग निजी अस्पताल में लाया गया, जहां पता चला कि उसकी टांग टूट गई है, जबकि मजदूर को यहां से रेफर किया गया। अस्पताल से पता लगा कि मजदूर मृत अवस्था में ही आया था। पार्षद ने भी पुष्टि की है कि मजदूर की मौत हो चुकी है, हालांकि उसकी पहचान नहीं हो पाई।
हरियाणा के IAS ऑफिसर्स की वापस होगी सिक्योरिटी:HC ने दिए निर्देश; येलो बुक को प्रशासन के कब्जे में रखने को कहा, DGP से मांगा जवाब
हरियाणा के IAS ऑफिसर्स की वापस होगी सिक्योरिटी:HC ने दिए निर्देश; येलो बुक को प्रशासन के कब्जे में रखने को कहा, DGP से मांगा जवाब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की टॉप ब्यूरोक्रेसी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को दी गई सिक्योरिटी को वापस ले। कोर्ट ने कहा है कि जिन ऑफिसर्स को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारी या अर्ध-न्यायिक कार्य के लिए तैनात किया गया यह आदेश उन्ही अफसरों पर लागू होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक हरियाणा (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को एक हलफनामा दायर कर यह बताने का भी निर्देश दिया है कि क्या हरियाणा राज्य में किसी आईपीएस अधिकारी को किसी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन की ड्यूटी सौंपी गई है। येलो बुक कब्जे में लेने के निर्देश हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देने वाली येलो बुक (सुरक्षा उपलब्ध कराने व सुरक्षा प्राप्त लोगों की जानकारी की किताब) को भी प्रशासन के सुरक्षित कब्जे में रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख पर बुक वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी गई है। जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब एवं हरियाणा राज्य में विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को दी गई सुरक्षा से संबंधित एक चल रही याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने डीजीपी के दिए फैक्ट का वेरिफिकेशन कराने को कहा राज्य पुलिस प्रमुख को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उनसे कहा कि वह हलफनामा दायर करें, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि यदि हरियाणा राज्य में किसी भी आईएएस अधिकारी को नागरिक प्रशासन की जिम्मेदारियों या अर्ध-न्यायिक कार्यों से निपटने के दौरान कोई सुरक्षा प्रदान की जाती है, तो उसे तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाए। डीजीपी ने यह जानकारी दी है कि आज तक राज्य में किसी भी आईपीएस अधिकारी को किसी भी बोर्ड या निगम आदि में नागरिक प्रशासन का कर्तव्य नहीं सौंपा गया है। कोर्ट ने डीजीपी से अनुरोध किया कि वह इन इस तथ्यों के उचित सत्यापन के बाद अपने हलफनामे में उचित जवाब दें। डीजीपी बोले- हरियाणा शांतिपूर्ण राज्य चार अक्टूबर को हाईकोर्ट में मामले की हुई सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए और कहा कि हरियाणा अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण राज्य है, राज्य के भीतर आईएएस अधिकारियों को कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिन्हें नागरिक प्रशासनिक कार्यों और जिम्मेदारियों से जोड़ा गया है, सिवाय किसी ऐसे अधिकारी को छोड़कर जिसे असाधारण परिस्थितियों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए काम सौंपा गया हो।