<p>अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं जिसमें उसने 1967 के अपने फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें यह तय किया गया था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं होगा. मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को तय करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. मुझे लगता है कि सभी ऐतिहासिक तथ्य हमारे सामने हैं और हम उन्हें 3 जजों की बेंच के सामने पेश करेंगे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जाता है, तो कौन सा संस्थान अल्पसंख्यक संस्थान माना जाएगा और अनुच्छेद 30 ए का क्या होगा?'</p> <p>अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं जिसमें उसने 1967 के अपने फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें यह तय किया गया था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं होगा. मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को तय करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा. मुझे लगता है कि सभी ऐतिहासिक तथ्य हमारे सामने हैं और हम उन्हें 3 जजों की बेंच के सामने पेश करेंगे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जाता है, तो कौन सा संस्थान अल्पसंख्यक संस्थान माना जाएगा और अनुच्छेद 30 ए का क्या होगा?'</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Firozabad News: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हादसा, खड़े ट्रक से टकराई यात्री बस, एक यात्री की मौत
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दिल्ली में पानी संकट पर AAP-BJP के बीच चरम पर धमासान, आतिशी बोलीं- अरविंद केजरीवाल ने जताई ये चिंता
दिल्ली में पानी संकट पर AAP-BJP के बीच चरम पर धमासान, आतिशी बोलीं- अरविंद केजरीवाल ने जताई ये चिंता <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Water Crisis:</strong> दिल्ली में गहराते जल संकट के बीच आम आदमी पार्टी की सरकार और बीजेपी के बीच पानी को लेकर राजनीति चरम पर है. एक तरफ बीजेपी दिल्ली में पानी की किल्लत के लिए आप सरकार के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहरा रही है, तो दूसरी तरफ जल मंत्री आतिशी लगातार इसके लिए हरियाणा और केंद्र की बीजेपी सरकार को दोषी करार दे रही हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसे लेकर दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची, जहां कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी के लिए फटकार लगाते हुए कहा था कि हरियाणा से दिल्ली को उसके हक का पूरा पानी मिल रहा है. हालांकि, दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को उनके पास पड़े अतिरिक्त 137 क्यूसेक पानी को दिल्ली को देने का निर्देश दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब तक दिल्ली जल संकट क्यों? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जल मंत्री आतिशी का कहना है कि सवाल यह उठता है कि जब हरियाणा से पूरा पानी मिल रहा है और हिमाचल प्रदेश से भी अतिरिक्त पानी की व्यवस्था कोर्ट द्वारा कराई गई है, तो फिर अब तक दिल्ली में जल सकंट क्यों बना हुआ है? कहीं न कहीं इसका कारण दिल्ली में पानी की बर्बादी, टैंकर माफियाओं द्वारा पानी की चोरी और अक्षम पानी प्रबंधन है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है पानी संकट की वजह </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जल मंत्री आतिशी इस कमियों को सिरे से नकारते हुए अलग ही कारणों को इसके लिए जिम्मेदार बता रही हैं. उनका आरोप है कि दिल्ली में टैंकर माफियाओं पर लगाम इसलिए नहीं लग पा रही है क्योंकि हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस कुछ नहीं कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इन टैंकर माफियाओं पर पूरी तरह से लगाम लग जाए तो भी दिल्ली में पानी की समस्या जस की तस ही बनी रहेगी. ये टैंकर माफिया ज्यादा से ज्यादा 0.1 एमजीडी पानी की कालाबाजारी कर सकते हैं, जबकि दिल्ली को 50 एमजीडी पानी की जरूरत है. इसके अलावा, ट्रांसमिशन लॉस को भी पानी की कमी का एक कारण बता रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’बहाना न बनाएं आतिशी'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जल मंत्री के इस बयान पर दिल्ली बीजेपी ने जमकर हमला बोला है. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी एक फिल्मी पार्टी है. आश्चर्यजनक रूप से उनके पटकथा लेखकों के पास उचित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में अपनी विफलता का बचाव करने के लिए बहाने समाप्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि आज जब दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार और पानी की चोरी और ट्रांसमिशन लीकेज नुकसान को रोकने में सरकार की विफलता पर दिल्ली के लोगों द्वारा निंदा पर दिल्ली के लोगों को जवाब देने का दिन है तो आतिशी ने फिर से पुरानी स्क्रिप्ट का सहारा लिया है. आज मैंने सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और उन्होंने दिल्ली में पानी की कमी पर चिंता व्यक्त की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi Cluster Workers: सैकड़ों क्लस्टर बसकर्मियों पर लटकी बेरोजगारी की तलवार, नाराज कर्मचारी आज करेंगे प्रोटेस्ट” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/dtc-cluster-bus-conductors-on-strike-demanding-aap-govt-not-foce-to-quit-job-ann-2714887″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Cluster Workers: सैकड़ों क्लस्टर बसकर्मियों पर लटकी बेरोजगारी की तलवार, नाराज कर्मचारी आज करेंगे प्रोटेस्ट</a></strong></p>
मायावती ने यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर साधा निशाना:बोली – जंगली जानवरों से निपटने के बजाय सरकार और सपा कर रहे बुलडोजर पर राजनीति
मायावती ने यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर साधा निशाना:बोली – जंगली जानवरों से निपटने के बजाय सरकार और सपा कर रहे बुलडोजर पर राजनीति उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में जंगली जानवरों और इंसानों के बीच में हो रही घटनाओं को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जानवरों से निपटने की बजाय इस समय सरकार व सपा बुलडोजर की राजनीति करने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी बसपा सुप्रीमो ने सवाल खड़े किए। आपको बताते हैं बसपा सुप्रीमो मायावती ने क्या ट्वीट किया प्रदेश में जंगली जानवरों के हम लोग को लेकर बसपा सुप्रीमो ने लिखा की, “यू.पी के कुछ जिलों में जंगली जानवर, बच्चों, बुर्जुगों व नौजवानों आदि पर हमला कर रहे है। उसे रोकने के लिए सरकार जरुरी कदम उठाये। क्योंकि मजदूर व गरीब लोग, डर की वजय से अपने पशुओं के चारे का प्रबन्ध तथा मजदूरी भी नही कर पा रहे हैं उनके लिए उचित व्यवस्था की जाये। साथ ही सरकार जंगली जानवरों से निपटने की भी रणनीति बनाये जबकि इस समय सरकार व सपा को बुलडोजर की राजनीति करने की वजाय इन्हें अब यह मामला मा. कोर्ट के ऊपर छोड़ देना चाहिये, जहाँ न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।” कानून व्यवस्था को लेकर बसपा सुप्रीमो ने खड़े के सवाल बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा कि, “उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में प्राईवेट एम्बुलेंस चालक ने एक मरीज को ले जाते समय, उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड व दुष्कर्म करने की कोशिश की, यह अति शर्मनाक है। जबकि उसके पति की मृत्यु हो गई है सरकार चालक के विरूद्ध सख्ती करे। जो यह बहुत जरूरी।
महाराष्ट्र से मोदी सरकार 3.0 में बीजेपी और शिवसेना के कितने नेता बने मंत्री? यहां देखें पूरी लिस्ट
महाराष्ट्र से मोदी सरकार 3.0 में बीजेपी और शिवसेना के कितने नेता बने मंत्री? यहां देखें पूरी लिस्ट <p style=”text-align: justify;”><strong>PM Modi Cabinet Minister List:</strong> मोदी सरकार के तीसरे चरण में महाराष्ट्र से छह सांसदों को शामिल किया गया है, जिसमें बीजेपी को चार और सहयोगी शिवसेना और आरपीआई (ए) को एक-एक मंत्री पद मिला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेष रूप से, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री (एमओएस) के बीजेपी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और प्रफुल्ल पटेल के लिए कैबिनेट में जगह बनाने पर जोर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल 2019-24 में महाराष्ट्र से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के आठ मंत्री थे. रविवार को यह संख्या घटकर छह रह गई. नई सरकार में बीजेपी सांसद नितिन गडकरी और पीयूष गोयल को कैबिनेट मंत्री के रूप में बरकरार रखा गया है. महाराष्ट्र से बीजेपी की एकमात्र महिला सांसद रक्षा खडसे और पहली बार सांसद बने मुरलीधर मोहोल ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी के सहयोगी दलों में आरपीआई (ए) प्रमुख रामदास अठावले को स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री के रूप में बरकरार रखा गया और मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने भी स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने राज्यमंत्री के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और अपने अनुभव के आधार पर राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल के लिए कैबिनेट में जगह की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि गठबंधन के फॉर्मूले का सम्मान किया जाना चाहिए और आश्वासन दिया कि भविष्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार में एनसीपी पर विचार किया जाएगा. हमने एनसीपी को स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री की एक सीट की पेशकश की थी, लेकिन वे चाहते थे कि प्रफुल्ल पटेल के नाम को अंतिम रूप दिया जाए. फडणवीस ने कहा कि उनके अनुभव के कारण एनसीपी का मानना था कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार वाला राज्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार में एक फॉर्मूला तैयार करना होता है, जिसे एक पार्टी के लिए नहीं तोड़ा जा सकता. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जब भी कैबिनेट विस्तार होगा, सरकार एनसीपी पर विचार करेगी. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि हमने अभी एनसीपी को शामिल करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कैबिनेट पोर्टफोलियो पर जोर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Maharashtra: शिंदे गुट को एक, अजित पवार को कुछ नहीं…महाराष्ट्र में क्या होगा?” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/pm-narendra-modi-swearing-in-ceremony-eknath-shinde-faction-getting-a-ministerial-post-ajit-pawar-getting-nothing-2711460″ target=”_blank” rel=”noopener”>Maharashtra: शिंदे गुट को एक, अजित पवार को कुछ नहीं…महाराष्ट्र में क्या होगा?</a></strong></p>