<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Foundation Day:</strong> भारतीय इतिहास में नवंबर का महीना विशेष महत्व रखता है, खासतौर से राज्य गठन के संदर्भ में. इस महीने की 9 तारीख को 24 साल पहले उत्तराखंड का गठन हुआ था. यह वह दिन है जब हिमालय के इस क्षेत्र ने उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक ज्य का दर्जा प्राप्त किया. 9 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया उत्तराखंड, जिसे पहले उत्तरांचल कहा गया, उस संघर्ष का परिणाम था जिसमें 42 राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जानें न्यौछावर की थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में संसाधनों और विकास योजनाओं की भारी कमी थी जो 1938 में पहली बार श्रीनगर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष सत्र के दौरान सामने आई.इस सत्र में उत्तराखंड को एक अलग राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई थी.आजादी के बाद भी यह मांग बनी रही,लेकिन असली जोर 1990 के दशक में आया.जब उत्तराखंड के लोग बड़े पैमाने पर इस आंदोलन में शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा</strong><br />1994 का साल उत्तराखंड राज्य आंदोलन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ. अलग राज्य की मांग ने जन आंदोलन का रूप ले लिया, जिसमें हर वर्ग, जाति और धर्म के लोग शामिल हो गए. इस आंदोलन के दौरान पुलिस दमन में 42 लोगों ने अपनी जान गंवाई. खटीमा और मसूरी में आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की गई, जिससे कई आंदोलनकारी शहीद हुए और सैकड़ों घायल हो गए. यह पुलिसिया दमन ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों की याद दिला रहा था, लेकिन आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रामपुर तिराहा कांड</strong><br />अक्टूबर 1994 में आंदोलन ने फिर तेजी पकड़ी जब आंदोलनकारी गांधी जयंती पर दिल्ली में प्रदर्शन के लिए निकले. मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की. इस दौरान पुलिस ने अमानवीय बर्ताव करते हुए आंदोलनकारियों पर क्रूरता की हदें पार कर दीं. इस घटना ने देश को झकझोर दिया और उत्तराखंड के लोगों की अलग राज्य की मांग और भी मजबूत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड का गठन</strong><br />उत्तराखंड के राज्य बनने की दिशा में एक निर्णायक कदम तब उठा, जब 15 अगस्त 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने <a title=”स्वतंत्रता दिवस” href=”https://www.abplive.com/topic/independence-day-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>स्वतंत्रता दिवस</a> के अवसर पर अलग राज्य की घोषणा की. हालांकि, इस घोषणा को तब की खिचड़ी सरकार के कारण अमल में नहीं लाया जा सका. आखिरकार, जब 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार सत्ता में आई, तो तीन नए राज्यों के गठन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़, 9 नवंबर को उत्तराखंड (उत्तरांचल), और 15 नवंबर को झारखंड का गठन हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्यमंत्री ने दी अन्य राज्यों को शुभकामनाएं</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक माह में स्थापना दिवस मना रहे राज्यों जैसे कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, और मध्य प्रदेश को बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में ये राज्य निरंतर प्रगति की ओर बढ़ते रहेंगे और विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/samajwadi-party-mp-javed-ali-replied-on-cm-yogi-adityanath-statement-ann-2819460″>सीएम योगी के ‘बिटिया घबराई’ वाले बयान पर तिलमिलाए सपा सांसद जावेद अली, दिया ये जवाब</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Foundation Day:</strong> भारतीय इतिहास में नवंबर का महीना विशेष महत्व रखता है, खासतौर से राज्य गठन के संदर्भ में. इस महीने की 9 तारीख को 24 साल पहले उत्तराखंड का गठन हुआ था. यह वह दिन है जब हिमालय के इस क्षेत्र ने उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक ज्य का दर्जा प्राप्त किया. 9 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया उत्तराखंड, जिसे पहले उत्तरांचल कहा गया, उस संघर्ष का परिणाम था जिसमें 42 राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जानें न्यौछावर की थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में संसाधनों और विकास योजनाओं की भारी कमी थी जो 1938 में पहली बार श्रीनगर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष सत्र के दौरान सामने आई.इस सत्र में उत्तराखंड को एक अलग राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई थी.आजादी के बाद भी यह मांग बनी रही,लेकिन असली जोर 1990 के दशक में आया.जब उत्तराखंड के लोग बड़े पैमाने पर इस आंदोलन में शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा</strong><br />1994 का साल उत्तराखंड राज्य आंदोलन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ. अलग राज्य की मांग ने जन आंदोलन का रूप ले लिया, जिसमें हर वर्ग, जाति और धर्म के लोग शामिल हो गए. इस आंदोलन के दौरान पुलिस दमन में 42 लोगों ने अपनी जान गंवाई. खटीमा और मसूरी में आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की गई, जिससे कई आंदोलनकारी शहीद हुए और सैकड़ों घायल हो गए. यह पुलिसिया दमन ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों की याद दिला रहा था, लेकिन आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रामपुर तिराहा कांड</strong><br />अक्टूबर 1994 में आंदोलन ने फिर तेजी पकड़ी जब आंदोलनकारी गांधी जयंती पर दिल्ली में प्रदर्शन के लिए निकले. मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की. इस दौरान पुलिस ने अमानवीय बर्ताव करते हुए आंदोलनकारियों पर क्रूरता की हदें पार कर दीं. इस घटना ने देश को झकझोर दिया और उत्तराखंड के लोगों की अलग राज्य की मांग और भी मजबूत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड का गठन</strong><br />उत्तराखंड के राज्य बनने की दिशा में एक निर्णायक कदम तब उठा, जब 15 अगस्त 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने <a title=”स्वतंत्रता दिवस” href=”https://www.abplive.com/topic/independence-day-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>स्वतंत्रता दिवस</a> के अवसर पर अलग राज्य की घोषणा की. हालांकि, इस घोषणा को तब की खिचड़ी सरकार के कारण अमल में नहीं लाया जा सका. आखिरकार, जब 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार सत्ता में आई, तो तीन नए राज्यों के गठन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़, 9 नवंबर को उत्तराखंड (उत्तरांचल), और 15 नवंबर को झारखंड का गठन हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्यमंत्री ने दी अन्य राज्यों को शुभकामनाएं</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक माह में स्थापना दिवस मना रहे राज्यों जैसे कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, और मध्य प्रदेश को बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में ये राज्य निरंतर प्रगति की ओर बढ़ते रहेंगे और विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे.</p>
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