सहारनपुर में पुलिस और दो बदमाशों की आमने-सामने की मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने एक बदमाश को अरेस्ट कर लिया है। जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया है। थाना सदर बाजार क्षेत्र का मामला है। थाना सदर बाजार पुलिस 7 जुलाई को सुबह तीन बजे मिनी बाइपास चौराहे पर चेकिंग कर रही थी। पुलिस को मवी खुर्द की ओर से बाइक पर दो संदिग्ध आते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने दोनों को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखकर दोनों बदमाशों ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया। बदमाश बाइक से चुनहेटी की ओर भागने लगे। पुलिस ने दोनों बदमाशों का पीछा किया। पुलिस ने बदमाशों को सरेंडर करने को कहा। तभी बदमाशों ने पुलिस टीम पर दोबारा से गोली चला दी। पुलिस ने काउंटर फायरिंग की। जिससे एक बदमाश के पैर में गोली लग गई। जिससे वो नीचे गिर गया। जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गया। घायल बदमाश की पहचान गलीरा के रहने वाले मोंटी उर्फ अभिषेक के नाम से हुई है। पुलिस ने घायल बदमाश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जबकि दूसरे बदमाश की तलाश में काम्बिंग की। लेकिन दूसरा बदमाश पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार बदमाश 3 जुलाई को महिला के साथ हुई लूट में शामिल था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। सहारनपुर में पुलिस और दो बदमाशों की आमने-सामने की मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने एक बदमाश को अरेस्ट कर लिया है। जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया है। थाना सदर बाजार क्षेत्र का मामला है। थाना सदर बाजार पुलिस 7 जुलाई को सुबह तीन बजे मिनी बाइपास चौराहे पर चेकिंग कर रही थी। पुलिस को मवी खुर्द की ओर से बाइक पर दो संदिग्ध आते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने दोनों को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखकर दोनों बदमाशों ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया। बदमाश बाइक से चुनहेटी की ओर भागने लगे। पुलिस ने दोनों बदमाशों का पीछा किया। पुलिस ने बदमाशों को सरेंडर करने को कहा। तभी बदमाशों ने पुलिस टीम पर दोबारा से गोली चला दी। पुलिस ने काउंटर फायरिंग की। जिससे एक बदमाश के पैर में गोली लग गई। जिससे वो नीचे गिर गया। जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गया। घायल बदमाश की पहचान गलीरा के रहने वाले मोंटी उर्फ अभिषेक के नाम से हुई है। पुलिस ने घायल बदमाश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जबकि दूसरे बदमाश की तलाश में काम्बिंग की। लेकिन दूसरा बदमाश पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार बदमाश 3 जुलाई को महिला के साथ हुई लूट में शामिल था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के वजूखाने के ASI सर्वेक्षण को हिंदू पक्ष ने बताया बेहद जरूरी, हाईकोर्ट में पेश की तमाम दलीलें
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के वजूखाने के ASI सर्वेक्षण को हिंदू पक्ष ने बताया बेहद जरूरी, हाईकोर्ट में पेश की तमाम दलीलें <p style=”text-align: justify;”><strong>Gyanvapi Case:</strong> वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से कराए जाने की मांग से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को एक बार फिर से सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पेश की गई. हिंदू पक्ष ने सुनवाई में वजूखाने के सर्वेक्षण को विवादित परिसर का रिलिजियस कैरेक्टर निर्धारित करने के लिए बेहद जरूरी बताया. कहा गया कि शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के बाकी हिस्से का भी सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हिंदू पक्ष की तरफ से मंगलवार को कोर्ट में दलील दी गई कि हाईकोर्ट ने पिछले साल कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. दलील दी गई कि उस याचिका में शिवलिंग का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग थी, जबकि राखी सिंह की इस याचिका में शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. अदालत ने इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी से पुरानी याचिका की कॉपी पेश करने को कहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक हफ्ते की मोहलत</strong><br />याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इस पर कुछ दिनों की मोहलत दिए जाने की मांग की. हाईकोर्ट ने कागज दाखिल करने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है. हाईकोर्ट इस मामले में अब एक अक्टूबर को दोपहर दो बजे से सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हो रही है. इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी पिछले महीने ही अपना जवाब दाखिल कर चुकी है. मस्जिद कमेटी के हलफनामे में राखी सिंह की इस अर्जी को खारिज किए जाने की सिफारिश की गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाना परिसर को पूरी तरह संरक्षित रखने का आदेश दिया है. ऐसे में उस जगह पर कोई सर्वेक्षण नहीं किया जा सकता है. इस बारे में वाराणसी की जिला अदालत का फैसला पूरी तरह सही है और राखी सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया जाना चाहिए. ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अब्बास नकवी दलीलें पेश कर रहे हैं, जबकि हिंदू पक्ष की तरफ से सौरभ तिवारी बहस कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-fraud-by-download-fir-from-up-cop-and-cheated-more-than-15-people-ann-2790564″>UP News: ठगी का नया कारनामा, यूपी कॉप से FIR डाउनलोड कर 15 से ज्यादा लोगों को ठगा</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वैज्ञानिक सर्वे की है मांग</strong><br />श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में यह पुनरीक्षण यानी रिवीजन अर्जी दाखिल की गई है. इस अर्जी के जरिए ज्ञानवापी परिसर के बाकी हिस्से की तरह वजूखाने का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से कराए जाने की मांग की गई है. कहा गया है कि सर्वे एजेंसी वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वेक्षण कर सकती है. सर्वेक्षण की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत में चल रहे श्रृंगार गौरी केस के निपटारे में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. वजूखाने के हिस्से से भी हिंदुओं के कई प्रतीक चिन्ह मिल सकते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मई 2022 में एडवोकेट कमीशन के दौरान कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था. वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर वजूखाने को सील किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया पिछले साल वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के पूरे हिस्से का सर्वेक्षण कर चुका है. सर्वेक्षण में हिंदुओं के कई प्रतीकचिन्ह मिलने के दावे किए जा रहे हैं.</p>
भाजपा ने किया योगी सरकार के फैसले का विरोध:विधान परिषद में नजूल बिल अटका, भूपेंद्र चौधरी विरोध में उतरे, अनुप्रिया बोलीं- विधेयक वापस हो
भाजपा ने किया योगी सरकार के फैसले का विरोध:विधान परिषद में नजूल बिल अटका, भूपेंद्र चौधरी विरोध में उतरे, अनुप्रिया बोलीं- विधेयक वापस हो यूपी विधानसभा से पास उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक 2024 गुरुवार को विधान परिषद में अटक गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद विधेयक के विरोध में खड़े हो गए। चौधरी के प्रस्ताव पर विधेयक को प्रवर समिति को सौंप दिया गया। डिप्टी सीएम केशव मौर्य विधान परिषद में नेता सदन हैं। जिस वक्त इस विधेयक पर चर्चा हो रही थी, भूपेंद्र चौधरी के अलावा दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक साथ बैठे हुए थे। अनुप्रिया पटेल बोलीं- यूपी सरकार वापस ले विधेयक
नजूल विधेयक का मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी विरोध किया है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा- बिना व्यापक विमर्श के लाया गया ये विधेयक न सिर्फ गैर जरूरी है। बल्कि लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। यूपी सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। जिन अफसरों ने गुमराह किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अब जानिए कैसे विरोध की स्क्रिप्ट लिखी गई?
दरअसल, बुधवार को विधानसभा में प्रयागराज से विधायक और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्षवर्धन बाजपेयी ने नजूल विधेयक का खुलकर विरोध किया। उस वक्त पार्टी के अन्य विधायक और मंत्री खामोश रहे। सूत्रों के मुताबिक, इन विधायकों ने भूपेंद्र चौधरी के सामने बिल का खुलकर विरोध किया। कई विधायकों ने चौधरी से मुलाकात की तो कुछ ने फोन पर विधेयक को विधान परिषद में रोकने का आग्रह किया। उनका कहना था- यह विधेयक न केवल आगामी उप-चुनाव बल्कि, 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी आत्मघाती कदम साबित होगा। विधेयक के लागू होने से हजारों परिवार प्रभावित होंगे। हाहाकार मचेगा। वहीं, कई विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी से मिलकर अपनी बात रखी। आज सुबह भूपेंद्र चौधरी, केशव मौर्य और बृजेश पाठक सदन शुरू होने से पहले योगी आदित्यनाथ से मिले। वहां पर यह सहमति बनी कि विधान परिषद में सदन के नेता केशव विधेयक को पटल पर रखेंगे और भूपेंद्र चौधरी इसे विचार के लिए प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव रखेंगे। राजा भैया बोले- क्रांति आ जाएगी, सपा ने किया प्रदर्शन
जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने बुधवार को विधानसभा में नजूल विधेयक का विरोध किया था। उन्होंने कहा- नजूल भूमि विधेयक लाया गया है, हमने इस विधेयक का विरोध किया है। इसके लागू होने से क्रांति आ जाएगी। लोग सड़कों पर उतर आएंगे। क्योंकि यह जनता के हित में नहीं है, इसमें सुधार करने को कहा गया है। वहीं, सपा ने गुरुवार को हर जिले में विधेयक पर विरोध प्रदर्शन किया। संगठन सरकार से बड़ा…दिया गया मैसेज
विधान परिषद में विधेयक के विरोध में डिप्टी सीएम और नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भूपेंद्र चौधरी सहित भाजपा के विधायक एकजुट नजर आए। भूपेंद्र चौधरी ने जब विधेयक का विरोध करते हुए उसे प्रवर समिति को सौंपने की सिफारिश की तो सभी सदस्यों ने एक स्वर में उनका समर्थन किया। इसके बाद सभापति ने विधेयक प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव मंजूर किया। प्रवर समिति के सदस्यों के नाम बाद में घोषित किए जाएंगे। समिति दो महीने में रिपोर्ट देगी। जानकारों का मानना है- दोनों डिप्टी सीएम और चौधरी ने उच्च सदन में साबित कर दिया कि संगठन सरकार से बड़ा होता है। हर जिले में हैं नजूल संपत्ति
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अधिकारी बताते हैं- यूपी के लगभग सभी जिलों में शहरी क्षेत्र में नजूल भूमि है। हर जिले में लाखों की संख्या में लोग नजूल भूमि पर बसे हुए हैं। कई विधायकों, सांसदों, जनप्रतिनिधियों और नेताओं के मकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी नजूल संपत्ति पर बने हुए हैं। भाजपा विधायक बोले- फिर विपक्ष को मिल जाएगा बड़ा मुद्दा
भाजपा विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष से कहा- लोकसभा चुनाव के बाद भी संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने का मुद्दा भाजपा का पीछा नहीं छोड़ रहा है। वहीं, सरकार ने विपक्ष के हाथ इतना बड़ा मुद्दा दे दिया है। विपक्ष विधेयक के जरिए जनता को बताएगा कि सरकार उनका घर छीनना चाहती है। तो क्या सरकार और संगठन में टकराव बढ़ेगा?
जानकार मानते हैं कि ऐसा योगी सरकार में पहली बार हुआ है, जब दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद विधानसभा से पारित विधेयक विधान परिषद में अटक गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित विधायकों के विरोध के चलते विधेयक को प्रवर समिति को सौंपना पड़ा। जबकि अधिकांश समय किसी भी विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की सिफारिश विपक्ष करता है। विधान परिषद में गुरुवार शाम घटित घटना के बाद सरकार और संगठन में तनाव बढ़ेगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भेदभाव क्यों?
जानकारों का मानना है कि एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से सरकारी जमीन पसे परिवारों को घरौनी और खतौनी दे रही है, ताकि मकान या जमीन पर उन्हें मालिकाना हक मिल जाए। वहीं, दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में नजूल भूमि पर बसे लोगों को बेघर करने और उनका परिवार उजाड़ने की तैयारी की है। अब जानिए क्या हैं नजूल संपत्ति विधेयक के प्रावधान और सरकार का क्या कहना है….
निजी संस्था या व्यक्तिगत को नहीं दी जाएगी नजूल भूमि सरकार का तर्क अखिलेश बोले- गोरखपुर की जमीनें हथियाना चाहते हैं
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी विधेयक का विरोध किया। उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा- नजूल जमीन विधेयक दरअसल भाजपा के कुछ लोगों के व्यक्तिगत फायदे के लिए लाया जा रहा है, जो अपने आसपास की जमीन को हड़पना चाहते हैं। गोरखपुर में ऐसी कई जमीने हैं, जिन्हें कुछ लोग अपने प्रभाव-क्षेत्र के विस्तार के लिए हथियाना चाहते हैं। आशा है मुख्यमंत्री जी स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसे किसी भी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे, खासतौर से गोरखपुर में। यह भी पढ़ें योगी बोले- आज चुनाव हों तो सपा-भाजपा बराबर आएगी:हम दोनों 185-185 सीटें जीतेंगे; 2027 में जीत के लिए करनी होगी मेहनत ‘अगर आज विधानसभा चुनाव हो जाएं, तो सपा और भाजपा दोनों को बराबर सीटें मिलेंगी।’ यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में लोकभवन में हुई NDA विधानमंडल दल की बैठक में कही। सीएम योगी ने भाजपा के विधायकों और सहयोगी दलों के नेताओं को आइना दिखाया। पूरी खबर पढ़ें…
बदायूं में शहीद का शव देख बेहोश हुई गर्भवती पत्नी:डेढ़ साल पहले हुई शादी, आतंकियों से मुठभेड़ में लगी 7 गोलियां
बदायूं में शहीद का शव देख बेहोश हुई गर्भवती पत्नी:डेढ़ साल पहले हुई शादी, आतंकियों से मुठभेड़ में लगी 7 गोलियां बदायूं के शहीद जवान मोहित राठौड़ का शव उनके घर पहुंचा। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शुक्रवार रात आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से मोहित शहीद हो गए थे। 20 दिन पहले कश्मीर में पोस्टिंग हुई थी। गर्भवती पत्नी और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी शव देखकर बार-बार बेहोश हो जा रही है। सवानगर गांव से 6 किलोमीटर पहले इस्लामनगर से शुरू हुई शवयात्रा में 50 हजार लोग शामिल हुए। लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा मोहित तेरा नाम रहेगा, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। शव सवानगर गांव पहुंचा तो बेटे को ताबूत में देखकर पिता फफक कर रो पड़े। परिवार और रिश्तेदार उनको ढांढस बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। डीएम निधि श्रीवास्तव व एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह समेत कई अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना और पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। बिल्सी तहसील क्षेत्र के थाना इस्लामनगर इलाके के सवानगर गांव निवासी किसान नत्थू सिंह के इकलौते बेटे मोहित साल 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे। मोहित राठौर तीन बहनों के अकेले भाई थे। डेढ़ वर्ष पहले उनकी शादी हुई थी। उनके कोई बच्चा नहीं है। पत्नी गर्भवती है। मोहित की मां कलावती का 12 वर्ष पहले देहांत हो गया था। परिवारवालों के मुताबिक उन्हें मोहित के किसी दोस्त ने फोन कर घटना की सूचना दी। बाद में सेना की तरफ से उनके शहीद होने की खबर मिली। जवान के बहनोई उपेंद्र सिंह ने बताया- शुक्रवार रात करीब दो बजे अचानक आतंकवादियों ने मोहित की टुकड़ी पर हमला कर दिया। पहले एक आतंकवादी उनके कैंप में अफसर की गर्दन काटने के लिए घुसा था, लेकिन कुत्ते के भौंकने से पीछे लौट गया। कुछ देर बाद दूसरे ने ग्रेनेड फेंका, जिससे सभी जवान अलर्ट हो गए। मोहित को सात गोलियां लगी
मोहित अपना असलहा लेकर निकल रहे थे। तभी गोली लगने से वह जमीन पर गिर गए। सुबह छह बजे तक मुठभेड़ चलती रही। बाद में पता चला कि मोहित को सात गोलियां लगी थीं। दोपहर के समय जम्मू में उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया। उसके बाद शनिवार शाम को उनका पार्थिव शरीर बरेली लाया गया। रविवार सुबह बरेली से सेना की यूनिट उन्हें गांव अपने साथ लेकर पहुंचीं। सलामी देने के बाद उन्हें गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 20 दिन पहले ही कश्मीर में हुई पोस्टिंग
उपेंद्र सिंह ने बताया- हम दोनों लोग राजस्थान में तैनात थे। इसी साल जनवरी में मोहित जम्मू कश्मीर के जिला कुपवाड़ा जिले में 57 आरआर यूनिट में शामिल हो गए। उनकी 25 जुलाई को मोहित से बात हुई थी। तब उन्होंने बताया कि उनकी रात के समय फायरिंग अच्छी है, जिससे उन्हें घातक प्लाटून में शामिल कर लिया गया है। अब उन्हें 100 दिनों की नहीं बल्कि 120 दिन का अवकाश मिलेगा। उन्होंने कहा था कि वह नवंबर में गांव आएंगे। बुढ़ापे का सहारा छिना
पिता नत्थू सिंह का मोहित आखिरी सहारा थे। क्योंकि नत्थू सिंह की पत्नी कलावती की कई साल पहले मौत हो चुकी है। अब बेटे का भी साथ छूट गया। मोहित की दो बहनों की शादी हो चुकी है। पिता ने बताया- फौज में नौकरी मिल जाने के बाद वह आश्वस्त करके गया था कि पापा, बहन की शादी की चिंता मत करना। शादी की पूरी जिम्मेदारी हम उठाएंगे, वापस लौटकर रिश्ता पक्का कर देंगे। बेटे की बात याद करके पूरा परिवार फफक कर रो रहा है। दिवाली पर आने का किया था वादा
परिजनों के मुताबिक, मोहित ने दिवाली पर आने का वादा किया था। फरवरी में वह वापस ड्यूटी पर गए थे। परिवार को दिवाली का पर्व मोहित के साथ मनाने का इंतजार था। यह भी कहा था कि छुट्टी मिलने की पूरी उम्मीद है, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। फौजियों का गांव है सवानगर
मोहित के चचेरे भाई फौजी दीपक रजौरी में तैनात हैं। परिवार के संतोष कुमार, ऋषिपाल और हरकेश भी सेना में हैं। गांव के 12 अन्य लोग फौज में सैनिक हैं। दो युवा अग्निवीर हैं, सात लोग पुलिस में, दो पीएसी में और दो युवतियां पुलिस में हैं। एसएचओ इस्लामनगर हरेंद्र सिंह ने बताया कि शहीद मोहिता का शव रविवार सुबह गांव पहुंचा। दोपहर को सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। ये भी पढ़ें… आतंकियों से मुठभेड़ में यूपी का जवान शहीद:हाथरस में पिता ने कहा-हमें गर्व है ; 4 साल पहले हुई थी शादी यूपी के हाथरस का जवान जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गया। सुभाष चंद्र 7-जाट रेजिमेंट में तैनात थे। सोमवार देर रात करीब ढाई बजे राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। मंगलवार को प्रशासन की एक टीम सहपऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला मनी पहुंची और परिवार को शहादत की सूचना दी। पढ़ें पूरी खबर…