हरियाणा के करनाल में सरकारी स्कूल में मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव छात्रों के सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। छिड़काव के कारण 6 छात्रों के चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन होने लगी। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन से स्कूल के कमरों में बैठने पर होने वाली परेशानी कि शिकायत की है। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को कमरे के बाहर जमीन पर बैठा दिया और वहीं उनकी कक्षाएं लीं। घर जाकर छात्रों ने अपने परिजनों को चेहरे और आंखों से जुड़ी परेशानी बताई। जिसके बाद परिजनों ने छात्रों को नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ले जाकर दवाई दिलवाई। वहीं स्कूल प्रबंधन के मुताबिक विद्यालय में करीब 300 छात्र पढ़ते हैं। छिड़काव के बाद छात्रों को कमरों में परेशानी हुई, जिसके बाद छात्रों को मुंह धोने के लिए कहा गया, लेकिन किसी भी छात्र ने उनसे इतनी बड़ी समस्या के बारे में चर्चा नहीं की। चेहरे पर हो गए दाने, आने लगी छीकें
करनाल के कोहंड गांव के पवन कुमार ने बताया कि मेरे दो बच्चे कोहंड के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। एक 10वीं और दूसरा 7वीं में पढ़ता है। गुरुवार (7 नवंबर) शाम को सरकारी स्कूल के कमरों के अंदर मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया गया था। शुक्रवार को विद्यार्थियों को उन्हीं कक्षाओं में बैठाया गया। दवा का असर सुबह तक रहा, इसलिए मेरे दोनों बच्चों के साथ-साथ कुछ अन्य विद्यार्थियों को भी चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की समस्या हुई। मेरे दोनों बच्चों ने घर आकर मुझे चेहरे और आंखों की समस्या बताई, तो मैंने मेडिकल स्टोर से दोनों बच्चों के लिए दवाई मंगवाई। हमें बाहर बैठाया, आंखों में जलन हो रही थी
वहीं स्कूल के विद्यार्थी लवकेश और पारस ने बताया कि हम कमरों में बैठे थे और चेहरे पर किसी तरह की एलर्जी हो गई। लगातार छींके भी आ रही थीं और आंखों में जलन भी हो रही थी। हमने अध्यापकों को भी बताया कि हमें परेशानी हो रही है, तो अध्यापकों ने हमें कमरों के बाहर बैठने को कहा। हमारे चेहरों पर भी दाग-धब्बे उभर आए हैं। कमरों को बंद रखने की गाइडलाइन थी
स्कूल प्रबंधन के अनुसार, दवा का छिड़काव करने के बाद दो-तीन घंटे के लिए कमरे बंद कर दिए गए थे। कमरे बंद करने से दवा का अच्छा असर होता और कमरे के अंदर मौजूद सभी मच्छर मर जाते। ऐसे में गाइडलाइन का पालन किया गया और शुक्रवार सुबह सफाई कर्मचारी ने आकर सभी कमरे खोले और सभी कमरों की अच्छे से सफाई की। उसके बाद बच्चे कमरे में बैठे थे। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए किया गया स्प्रे
स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा गोयल ने बताया कि डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। छात्र भी लगातार कमरों में मच्छरों के अधिक होने की शिकायत कर रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव किया गया। शुक्रवार सुबह जब बच्चे कमरे में पहुंचे तो उन्होंने चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत की। जिसके बाद बच्चों की क्लास बाहर लगाई गई और उनके हाथ-मुंह धुलवाए गए, जिसके बाद बच्चे भी ठीक हो गए। बच्चों के हित में दवा का छिड़काव किया गया, ताकि बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचाया जा सके। हरियाणा के करनाल में सरकारी स्कूल में मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव छात्रों के सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। छिड़काव के कारण 6 छात्रों के चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन होने लगी। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन से स्कूल के कमरों में बैठने पर होने वाली परेशानी कि शिकायत की है। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को कमरे के बाहर जमीन पर बैठा दिया और वहीं उनकी कक्षाएं लीं। घर जाकर छात्रों ने अपने परिजनों को चेहरे और आंखों से जुड़ी परेशानी बताई। जिसके बाद परिजनों ने छात्रों को नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ले जाकर दवाई दिलवाई। वहीं स्कूल प्रबंधन के मुताबिक विद्यालय में करीब 300 छात्र पढ़ते हैं। छिड़काव के बाद छात्रों को कमरों में परेशानी हुई, जिसके बाद छात्रों को मुंह धोने के लिए कहा गया, लेकिन किसी भी छात्र ने उनसे इतनी बड़ी समस्या के बारे में चर्चा नहीं की। चेहरे पर हो गए दाने, आने लगी छीकें
करनाल के कोहंड गांव के पवन कुमार ने बताया कि मेरे दो बच्चे कोहंड के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। एक 10वीं और दूसरा 7वीं में पढ़ता है। गुरुवार (7 नवंबर) शाम को सरकारी स्कूल के कमरों के अंदर मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव किया गया था। शुक्रवार को विद्यार्थियों को उन्हीं कक्षाओं में बैठाया गया। दवा का असर सुबह तक रहा, इसलिए मेरे दोनों बच्चों के साथ-साथ कुछ अन्य विद्यार्थियों को भी चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की समस्या हुई। मेरे दोनों बच्चों ने घर आकर मुझे चेहरे और आंखों की समस्या बताई, तो मैंने मेडिकल स्टोर से दोनों बच्चों के लिए दवाई मंगवाई। हमें बाहर बैठाया, आंखों में जलन हो रही थी
वहीं स्कूल के विद्यार्थी लवकेश और पारस ने बताया कि हम कमरों में बैठे थे और चेहरे पर किसी तरह की एलर्जी हो गई। लगातार छींके भी आ रही थीं और आंखों में जलन भी हो रही थी। हमने अध्यापकों को भी बताया कि हमें परेशानी हो रही है, तो अध्यापकों ने हमें कमरों के बाहर बैठने को कहा। हमारे चेहरों पर भी दाग-धब्बे उभर आए हैं। कमरों को बंद रखने की गाइडलाइन थी
स्कूल प्रबंधन के अनुसार, दवा का छिड़काव करने के बाद दो-तीन घंटे के लिए कमरे बंद कर दिए गए थे। कमरे बंद करने से दवा का अच्छा असर होता और कमरे के अंदर मौजूद सभी मच्छर मर जाते। ऐसे में गाइडलाइन का पालन किया गया और शुक्रवार सुबह सफाई कर्मचारी ने आकर सभी कमरे खोले और सभी कमरों की अच्छे से सफाई की। उसके बाद बच्चे कमरे में बैठे थे। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए किया गया स्प्रे
स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा गोयल ने बताया कि डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। छात्र भी लगातार कमरों में मच्छरों के अधिक होने की शिकायत कर रहे थे। इसे ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव किया गया। शुक्रवार सुबह जब बच्चे कमरे में पहुंचे तो उन्होंने चेहरे पर एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायत की। जिसके बाद बच्चों की क्लास बाहर लगाई गई और उनके हाथ-मुंह धुलवाए गए, जिसके बाद बच्चे भी ठीक हो गए। बच्चों के हित में दवा का छिड़काव किया गया, ताकि बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचाया जा सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर