खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला को कनाडा में हिरासत में लिए जाने की पुष्टि हो गई है। अर्श डल्ला के साथ उसका एक साथी गुरजंट सिंह उर्फ जंटा भी पुलिस हिरासत में है। आज दोनों को कनाडा पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। कनाडा के पील एरिया में उक्त मामले को लेकर सुनवाई होगी। कोर्ट में होने वाली सुनवाई की लिस्ट में अर्श डल्ला और जंटा का नाम शामिल है। सूत्रों के अनुसार 28 अक्तूबर को हॉल्टन में हुए शूटआउट में अर्श डल्ला की बाजू पर गोली लगी थी। अर्श अपनी कार में गुरजंट के साथ था। इस दौरान उनकी कार के पास एक कार आकर रुकी और दूसरी कार से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई। जिसके बाद उक्त कार को वहीं से किसी तरह भगाया गया। जांच में पता चला है कि दो गोलियां अर्श डल्ला द्वारा चलाई गई थी। जिसके कारतूस पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। अर्श के साथ गुरजंट सिंह ने अर्श को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया तो वहां से सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच के बाद अर्श के घर से कुछ अवैध हथियार बरामद किए। जिसके बाद पुलिस ने अर्श और गुरजंट को हिरासत में ले लिया। दोनों तीन दिनों तक पील पुलिस के रिमांड पर थे। बता दें कि गुरजंट सिंह जंटा भी पंजाब पुलिस को कई केसों में वांटेड था। 2 साल पहले भारत ने डल्ला को आतंकवादी घोषित किया था 2022 में गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के ऑपरेटिव अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्शदीप डल्ला को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवादी घोषित किया था। पंजाब के मोगा से कनाडा में जाकर छिपे अर्श पर देश-विदेश में हत्या, जबरन वसूली और जघन्य अपराधों के अलावा आतंकी गतिविधियों में भी संलिप्त रहने का आरोप है। नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने उसे हत्या, आतंक के लिए धन उगाही, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक मुद्दों को बढ़ावा देना और पंजाब में लोगों के बीच आतंक पैदा करने के मामलों में दोषी पाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार अर्शदीप UAPA के तहत वांटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का बेहद करीबी है। उसकी ओर से आतंकी मॉड्यूल ऑपरेट करता है। वह आतंकी गतिविधियों, हत्या, जबरन वसूली के अलावा बड़े पैमाने पर ड्रग्स व हथियारों की तस्करी से भी जुड़ा हुआ है। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदात करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है। खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला को कनाडा में हिरासत में लिए जाने की पुष्टि हो गई है। अर्श डल्ला के साथ उसका एक साथी गुरजंट सिंह उर्फ जंटा भी पुलिस हिरासत में है। आज दोनों को कनाडा पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। कनाडा के पील एरिया में उक्त मामले को लेकर सुनवाई होगी। कोर्ट में होने वाली सुनवाई की लिस्ट में अर्श डल्ला और जंटा का नाम शामिल है। सूत्रों के अनुसार 28 अक्तूबर को हॉल्टन में हुए शूटआउट में अर्श डल्ला की बाजू पर गोली लगी थी। अर्श अपनी कार में गुरजंट के साथ था। इस दौरान उनकी कार के पास एक कार आकर रुकी और दूसरी कार से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई। जिसके बाद उक्त कार को वहीं से किसी तरह भगाया गया। जांच में पता चला है कि दो गोलियां अर्श डल्ला द्वारा चलाई गई थी। जिसके कारतूस पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। अर्श के साथ गुरजंट सिंह ने अर्श को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया तो वहां से सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच के बाद अर्श के घर से कुछ अवैध हथियार बरामद किए। जिसके बाद पुलिस ने अर्श और गुरजंट को हिरासत में ले लिया। दोनों तीन दिनों तक पील पुलिस के रिमांड पर थे। बता दें कि गुरजंट सिंह जंटा भी पंजाब पुलिस को कई केसों में वांटेड था। 2 साल पहले भारत ने डल्ला को आतंकवादी घोषित किया था 2022 में गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के ऑपरेटिव अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्शदीप डल्ला को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवादी घोषित किया था। पंजाब के मोगा से कनाडा में जाकर छिपे अर्श पर देश-विदेश में हत्या, जबरन वसूली और जघन्य अपराधों के अलावा आतंकी गतिविधियों में भी संलिप्त रहने का आरोप है। नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने उसे हत्या, आतंक के लिए धन उगाही, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक मुद्दों को बढ़ावा देना और पंजाब में लोगों के बीच आतंक पैदा करने के मामलों में दोषी पाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार अर्शदीप UAPA के तहत वांटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का बेहद करीबी है। उसकी ओर से आतंकी मॉड्यूल ऑपरेट करता है। वह आतंकी गतिविधियों, हत्या, जबरन वसूली के अलावा बड़े पैमाने पर ड्रग्स व हथियारों की तस्करी से भी जुड़ा हुआ है। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदात करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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आकाशदीप सिंह का जन्म 2 दिसंबर 1994 को वेरोवाल गांव में हुआ था। उनके पिता सुरिंदर पाल सिंह पंजाब पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर कार्यरत थे। जबकि उनके छोटे भाई प्रभदीप सिंह भी हॉकी खिलाड़ी हैं और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। आकाशदीप सिंह शुरुआत में गुरु अंगद देव स्पोर्ट्स क्लब के लिए भी खेलते थे। जहां उनके खेलने की बेहतरीन स्किल को देखते हुए माता-पिता ने उन्हें 12 साल की उम्र में लुधियाना में स्थित पीएयू हॉकी अकादमी में दाखिला करा दिया। इसके बाद आकाशदीप जालंधर के सुरजीत हॉकी अकादमी चले गए और वहां वो 4 साल तक रहे। इस दौरान उन्होंने खेल की हर बारिकियों को बखूबी से समझा और घरेलू व राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिभा दिखाई। साल 2011 में आकाशदीप सिंह को भारतीय जूनियर हॉकी टीम का कप्तान बनाया गया। जहां उन्होंने 2011 में मलेशिया में आयोजित जूनियर एशिया कप में भारत को कांस्य पदक दिलाया। 2012 में सीनियर हॉकी टीम में डेब्यू
आकाशदीप सिंह ने एक साल बाद 2012 में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की सीनियर टीम में डेब्यू किया। जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें गोल मशीन के रूप में जाना जाता है। आकाशदीप अब तक भारत के लिए 80 से ज्यादा गोल कर चुके हैं। आकाशदीप सिंह ने रियो 2016 ओलिंपिक में भारत के अटैक का नेतृत्व किया था। कौन हैं मोनिका मलिक
मोनिका मलिक ने 2005 में हॉकी की प्रैक्टिस करनी शुरू की थी। साल 2007 में मोनिका ने डे-बोर्डिंग स्कीम के तहत एकेडमी जॉइन की थी। 2009 में चंडीगढ़ गर्ल्स टीम ने स्कूल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इस टीम में मोनिका मलिक ने भी अहम भूमिका निभाई थी। 2011 में मोनिका की मौजूदगी में चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2012 में भी चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में सिल्वर मेडल जीता था। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते मोनिका ने इंडिया की जूनियर टीम में जगह बनाई और 2014 में जर्मनी में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। मोनिका ने इसके बाद हरियाणा की तरफ से खेलना शुरू किया। जिसका असर हरियाणा महिला टीम में देखने को मिला। टीम ने 2014 में सीनियर नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था। मोनिका टोक्यो ओलिंपिक में भी भारतीय टीम का हिस्सा थी। टीम पदक जीतने में सफल नहीं हो सकी, लेकिन प्रदर्शन की सबने तारीफ की थी।
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