शिमला जिले में बेकाबू होकर कार खाई में गिर गई। हादसे में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। हादसा रोहडू के चिढ़गांव के अंतर्गत बढियारा गांव-झलवाड़ी रोड़ पर हुआ है। मृतक व्यक्तियों की पहचान मान सिंह ठाकुर (52) व हेम सिंह (33) के नाम से हुई। जो झलवाड़ी तहसील रोहड़ू शिमला के रहने वाले हैं। फिलहाल मामले की जांच कर रही है। दुर्घटना शुक्रवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे के आस पास हुई है। जब एक कार जांगला के बढ़ीयारा-जालवाड़ी सड़क पर जांगला की तरफ जा रही थी। इस दौरान ड्राइवर ने गाड़ी से अचानक नियंत्रण खो दिया और गाड़ी गहरी खाई में जा गिरी। कार में दो लोग सावर थे कार में दो लोग सवार थे। इसमें से एक व्यक्ति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ। जिसको नाजुक हालत में उपचार के लिए ले जा रहा था। लेकिन रास्ते मे उसने भी दम तोड़ दिया। शिमला जिले में बेकाबू होकर कार खाई में गिर गई। हादसे में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। हादसा रोहडू के चिढ़गांव के अंतर्गत बढियारा गांव-झलवाड़ी रोड़ पर हुआ है। मृतक व्यक्तियों की पहचान मान सिंह ठाकुर (52) व हेम सिंह (33) के नाम से हुई। जो झलवाड़ी तहसील रोहड़ू शिमला के रहने वाले हैं। फिलहाल मामले की जांच कर रही है। दुर्घटना शुक्रवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे के आस पास हुई है। जब एक कार जांगला के बढ़ीयारा-जालवाड़ी सड़क पर जांगला की तरफ जा रही थी। इस दौरान ड्राइवर ने गाड़ी से अचानक नियंत्रण खो दिया और गाड़ी गहरी खाई में जा गिरी। कार में दो लोग सावर थे कार में दो लोग सवार थे। इसमें से एक व्यक्ति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ। जिसको नाजुक हालत में उपचार के लिए ले जा रहा था। लेकिन रास्ते मे उसने भी दम तोड़ दिया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी के पराशर में ऋषि पंचमी मेला शुरू:रात्रि को होगा जागहोम; अंगारों के बीच गुर करेंगे दैवीय शक्ति का प्रदर्शन
मंडी के पराशर में ऋषि पंचमी मेला शुरू:रात्रि को होगा जागहोम; अंगारों के बीच गुर करेंगे दैवीय शक्ति का प्रदर्शन मंडी के विख्यात पर्यटन एवं धार्मिक स्थल पराशर ऋषि मंदिर में ऋषि पंचमी के अवसर पर दो दिवसीय मेला रविवार को धूमधाम से शुरू हो गया। मेले में शामिल होने के लिए स्नोर घाटी के आराध्य देव वरनाग ऋषि और देव गणपति भटवाड़ी भी लाव लश्कर सहित निकल पड़े हैं। जबकि देवता पराशर ऋषि का खारा मुख्य मंदिर बांधी से पराशर के लिए निकल चुका है। सभी देवता दोपहर बाद पराशर घाटी पहुंचेंगे। जहां भव्य देव मिलन होगा। इसके बाद विधिवत रूप से मेले की शुरुआत होगी। ऋषि पंचमी के शुभ अवसर पर तीनों देवता पवित्र पराशर झील की परिक्रमा करते हुए डुबकी लगाएंगे। रात्रि में होगा जागहोम का आयोजन रात्रि को मंदिर में जागहोम का आयोजन होगा। जहां देव वरनाग ऋषि और गणपति के गुर आग के दहकते अंगारों के बीच देवखेल करते हुए दैवीय शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही क्षेत्र की सुख, समृद्धि और खुशहाली को लेकर रक्षा कवच भी बांधेंगे। श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने चलाई दो बसें रात्रि जागरण को लेकर स्नोर, बदार और उत्तरशाल के साथ-साथ कुल्लू जिले से हजारों श्रद्धालु भी यहां पहुंचेंगे। जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को यातायात सुविधा को लेकर निगम की दो बसें यहां आज चलाई गई हैं। सोमवार को देवी-देवताओं की रवानगी के साथ ही मेला संपन्न होगा। आराध्य देव पराशर ऋषि के भंडारी अमर चंद, देव वरनाग के गुर नितिन ठाकुर और देव गणपति के गुर ईश्वर दास जागहोम में मुख्य भूमिका निभाएंगे। यह है ऋषि पराशर मंदिर का इतिहास.. देवभूमि हिमाचल सदियों से ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रही है। ऋषि-मुनियों की तपस्या के कारण ही यहां कई धार्मिक स्थल हैं। इनमें से एक तपोस्थल मंडी में ऋषि पराशर का भी है। जिसे अब पराशर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि ऋषि पराशर अपने अध्यात्म के लिए उचित स्थान तलाश रहे थे। पहले उन्होंने ब्यास नदी के तट पर भ्यूली नामक स्थान पर तपस्या करनी चाही, लेकिन स्थान उपयुक्त नहीं होने से वे स्थान छोड़ गांव नसलोह पहुंचे। वहां के शांत वातावरण में तपस्या करनी चाही, लेकिन वहां भी उनकी तपस्या में विघ्न पड़ने से ऋषि वहां से उठकर आगे चल पड़े। कहा जाता है कि जहां ऋषि तपस्या करने बैठते, पहले वहां पानी निकालते थे। नसलोह गांव से निकलकर ऋषि उस स्थान पर पहुंचे, जिसे अब पराशर कहते हैं। जहां ऋषि ने एक स्थान पर बैठ कर अपना चिमटा मारा, वहां जमीन से पानी निकला, धीरे-धीरे वह पानी बढ़ता गया और झील का रूप धारण कर लिया। इसी तपस्या स्थल पर बाद में मंदिर निर्माण किया गया। मंदिर बनाने में लगे 12 वर्ष जनश्रुति अनुसार पराशर ऋषि मंदिर को बनाने में 12 वर्ष लगे हैं। यह मंदिर देवदार के एक विशाल वृक्ष से ही तैयार हुआ है। यह मंदिर तीन मंजिला है और पैगोड़ा शैली में बना है। पराशर मंदिर और झील समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर हैं। यह स्थान मंडी से 48 किलोमीटर दूर है। पराशर ऋषि का दूसरा मुख्य मंदिर बांधी में स्थित है।
बिलासपुर में दो महीनों के बाद खुला मत्स्य आखेट:मछुआरों को मिलेगा लाभ, पहले दिन मिली 34 किलो की सबसे बड़ी मछली
बिलासपुर में दो महीनों के बाद खुला मत्स्य आखेट:मछुआरों को मिलेगा लाभ, पहले दिन मिली 34 किलो की सबसे बड़ी मछली हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में पिछले दो महीनों से बंद चल रहे मत्स्य आखेट (फिशिंग) के सीजन को फिर से खोल दिया गया है। इस फैसले से मछुआरों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है। पहले ही दिन मछुआरों को बड़ी सफलता मिली है। जब गोबिंद सागर झील से 34 किलो वजन की एक विशाल मछली पकड़ने में कामयाबी हासिल की गई। दो महीनों बाद हटी रोक मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी ने बताया कि मानसून के कारण पिछले दो महीनों से मत्स्य आखेट पर रोक लगाई गई थी। इस अवधि में मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया था। अब, मानसून की समाप्ति और मौसम की स्थिति में सुधार के साथ ही इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है। जिससे मछुआरों को फिर से मत्स्य आखेट करने की अनुमति मिल गई है। मछुआरे ने 34 किलो की मछली पकड़ी पहले ही दिन गोबिंद सागर झील में मछुआरों को बड़ी सफलता मिली। जिले के प्रमुख मछुआरे रमेश कुमार ने 34 किलो की मछली पकड़ने में कामयाबी पाई है। जो इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी मछली मानी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस मछली की बिक्री से उन्हें अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है। अन्य मछुआरों ने भी इस अवसर का लाभ उठाते हुए अच्छी संख्या में मछलियां पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। मत्स्य आखेट की शुरुआत से मछुआरों में उत्साह है और वे आने वाले दिनों में अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहे हैं।
पंजाब में 10 लोग बाढ़ में बहे, 9 की मौत:हिमाचल से इनोवा में आ रहे थे; एक को रेस्क्यू किया, 1 अब भी लापता
पंजाब में 10 लोग बाढ़ में बहे, 9 की मौत:हिमाचल से इनोवा में आ रहे थे; एक को रेस्क्यू किया, 1 अब भी लापता पंजाब के होशियारपुर जिले में रविवार को भारी बरसात के चलते नाले में आए उफान में एक इनोवा गाड़ी बह गई। गाड़ी में ड्राइवर समेत कुल 11 लोग सवार थे। इनमें से 10 लोग बह गए, जिनमें से 9 की मौत हो गई, जबकि एक लापता है। एक व्यक्ति को रेस्क्यू कर लिया गया। मरने वालों में ज्यादातर एक ही परिवार के मेंबर थे। हादसे का शिकार हुए लोग हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के देहलां गांव और भटोली के बताए जा रहे हैं। यह सभी शादी में भाग लेने के लिए पंजाब के नवांशहर जा रहे थे। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे पुलिसवालों ने स्थानीय लोगों की मदद से 9 डेडबॉडी बरामद कर ऊना सिविल अस्पताल भिजवा दी। सुरक्षित बचाए गए व्यक्ति को भी ऊना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि जो दो लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है। नाले में आई बाढ़ के PHOTOS… शादी में शामिल होने जा रहा था परिवार
हिमाचल में देहलां गांव के सुरजीत भाटिया और उनके छोटे भाई सरूप चंद भाटिया का परिवार कुछ रिश्तेदारों के साथ रविवार सुबह एक शादी-समारोह में शामिल होने के लिए इनोवा गाड़ी में पंजाब के नवांशहर के लिए रवाना हुआ। गाड़ी में ड्राइवर के अलावा 10 सदस्य सवार थे। जब वह पंजाब और हिमाचल के बॉर्डर एरिया पर बसे महरोवाल गांव पहुंचे तो इलाके में लगातार हो रही बरसात के चलते वहां बहने वाला जैजो नाला उफान पर था। बरसात के बीच नाले को पार करते समय गाड़ी पानी के तेज बहाव में बह गई। गाड़ी के गेट खुल जाने से बह गए लोग
होशियारपुर के SSP सुरेंद्र लांबा ने बताया है कि सुबह से हो रही भारी बरसात की वजह से जैजो नाले में बाढ़ आ गई थी। इसी बाढ़ में गाड़ी फंस गई और बह गई। हादसे की जानकारी मिलते ही लोगों ने JCB मंगवाकर रेस्क्यू शुरू किया और पुलिस को सूचना दी। इस दौरान कार में फंसे एक व्यक्ति को बचा लिया गया। बाकी लोग गाड़ी के दरवाजे खुल जाने से बह गए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि गाड़ी के गेट अपने आप खुल गए थे या उसमें फंसे लोगों ने बचने के लिए दरवाजे खोले थे। मारे गए लोग दो भाइयों के परिवार से
इस हादसे में 55 वर्षीय सुरजीत भाटिया, उनकी पत्नी परमजीत कौर (50), छोटे भाई सरूप चंद भाटिया (49) और उनकी पत्नी बिंदर कौर (47) की मौत हो गई। जान गंवाने वालों में भटोली गांव के अमरीक सिंह की पत्नी सुरजीत उर्फ शन्नो, 20 वर्षीय बेटी अंजू, 18 वर्षीय बेटी भावना और 12 वर्षीय बेटे हर्षित का नाम भी बताया जा रहा है। मरने वाले नौवें शख्स की पहचान बिन्दा पुत्र हुकमचंद के रूप में हुई जो इनोवा गाड़ी का ड्राइवर था। वहीं, सुरजीत कुमार के बेटे दीपक कुमार को रेस्क्यू कर लिया गया है। NDRF ने तलाशी शुरू की
होशियारपुर के SSP सुरेंद्र लांबा के मुताबिक, स्थानीय लोगों से सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। इसके बाद NDRF टीम बुलाकर नाले में बहे लोगों की तलाश शुरू की गई। पानी के तेज बहाव के चलते रेस्क्यू में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों की मदद से 9 लोगों की डेडबॉडी रिकवर कर ली गई। एक शख्स की तलाश जारी है। पंजाब सरकार देगी 4 लाख रुपए
हादसे पर पंजाब के CM भगवंत मान ने दुख व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवारों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। उन्होंने लिखा, ‘लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ों से बरसाती नालों और नदियों में काफी पानी आ रहा है। मेरी अपील है कि थोड़ी सावधानी बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। AAP सांसद पहुंचे मौके पर
हादसे की जानकारी मिलते ही होशियारपुर से आम आदमी पार्टी (AAP) के लोकसभा सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मारे गए परिवार के प्रति संवेदना जताई और पुलिस-प्रशासन को जल्द से जल्द लापता लोगों की तलाश के निर्देश दिए। डॉ. चब्बेवाल ने कहा कि जैजो नाले में जिस जगह ये हादसा हुआ, पंजाब सरकार प्रयास करेगी कि वहां फिर ऐसी कोई घटना न हो। इसके लिए जो भी व्यवस्था करने की जरूरत होगी, पंजाब सरकार प्राथमिकता के आधार पर उसे करवाएगी। गांव में छाया मातम
उधर इस हादसे की जानकारी जैसे ही देहलां गांव पहुंची, वहां मातम छा गया। गांववालों को यकीन ही नहीं हो रहा था कि कुछ समय पहले जो परिवार हंसी-खुशी के साथ बारात में शामिल होने के लिए रवाना हुआ था, वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की डेडबॉडी ऊना सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम वगैरह के बाद देहलां गांव लाई जाएगी। इन सभी का संस्कार गांव में ही किया जाएगा। अग्निहोत्री बोले- हिमाचल सरकार ने मौके पर भेजे अफसर
हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना की जानकारी मिलते ही हिमाचल सरकार ने अपने अफसरों को मौके पर भेज दिया है। सर्च और बचाव अभियान लगातार जारी है। सरकार की कोशिश है कि लापता शख्स को जल्द से जल्द ढूंढ लिया जाए।