हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की बीड़ बिलिंग घाटी में आज 73 पैराग्लाइडर उड़ान भरेंगे। एक पायलट चोटिल होने के बाद प्रतियोगिता से बाहर हो गया हैं। पुरुष वर्ग में अमेरिका के ऑस्टिन कॉकस अब तक 1496 अंक के साथ पहले स्थान पर चल रहे हैं। वहीं कजाकिस्तान के अलेक्जेंडर 1410 अंकों के साथ दूसरे स्थान तथा पौलेंड के डोमिनिक कैपिका 1408 अंक लेकर तीसरे स्थान पर है। महिला वर्ग में पौलेंड की जोना कोक 1202 अंक लेकर पहले स्थान, ब्राजील की मरीना ओएलएक्सइना 649 अंक लेकर दूसरे स्थान और ऑस्ट्रिया की पोलिना पिर्च 567 अंक लेकर तीसरे स्थान पर चल रही है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन प्रवक्ता ने अंकित सूद ने बताया कि बीते कल प्रतिभागियों को 65 किलोमीटर तक उड़ान भरने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे सभी ने सुरक्षित लैंडिंग कर पूरा किया। आज फिर से पैराग्लाइडर को उड़ान भरने का टारगेट दिया जाएगा। बता दें कि बीते 2 नवंबर को बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप शुरू हो गया है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, पौलेंड, बेल्जियम, भारत सहित 32 देशों के पायलट भाग ले रहे हैं। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि बिलिंग घाटी में प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा और बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लैंडिंग स्थल और टेक ऑफ पॉइंट के साथ-साथ चार स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात है। संगठन के वालंटियर किसी भी प्रकार की विकट परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। ओवरऑल विजेता को 333 यूरो नगद कैश: अनुराग अनुराग शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में रोजाना टास्क दिए जा रहे है। प्रथम स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 2222 यूरो, दूसरे स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 1777 यूरो, तीसरे स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 1111 यूरो नगद इनाम दिया जाएगा। प्रतियोगिता में ओवरऑल तीसरे नंबर पर रहने वाले को 2222 यूरो, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 2777 यूरो तथा प्रथम स्थान पर रहने वाले ओवरऑल विजेता को 3333 यूरो मिलेगा। 9 रेस्क्यू टीमों का गठन पैराग्लाइडर की सुरक्षा के दृष्टिगत 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चौपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी, जो कि पैराग्लाइडर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भर रहे पायलट बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की बीड़ बिलिंग घाटी में आज 73 पैराग्लाइडर उड़ान भरेंगे। एक पायलट चोटिल होने के बाद प्रतियोगिता से बाहर हो गया हैं। पुरुष वर्ग में अमेरिका के ऑस्टिन कॉकस अब तक 1496 अंक के साथ पहले स्थान पर चल रहे हैं। वहीं कजाकिस्तान के अलेक्जेंडर 1410 अंकों के साथ दूसरे स्थान तथा पौलेंड के डोमिनिक कैपिका 1408 अंक लेकर तीसरे स्थान पर है। महिला वर्ग में पौलेंड की जोना कोक 1202 अंक लेकर पहले स्थान, ब्राजील की मरीना ओएलएक्सइना 649 अंक लेकर दूसरे स्थान और ऑस्ट्रिया की पोलिना पिर्च 567 अंक लेकर तीसरे स्थान पर चल रही है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन प्रवक्ता ने अंकित सूद ने बताया कि बीते कल प्रतिभागियों को 65 किलोमीटर तक उड़ान भरने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे सभी ने सुरक्षित लैंडिंग कर पूरा किया। आज फिर से पैराग्लाइडर को उड़ान भरने का टारगेट दिया जाएगा। बता दें कि बीते 2 नवंबर को बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप शुरू हो गया है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, पौलेंड, बेल्जियम, भारत सहित 32 देशों के पायलट भाग ले रहे हैं। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि बिलिंग घाटी में प्रतियोगिता के दौरान सुरक्षा और बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लैंडिंग स्थल और टेक ऑफ पॉइंट के साथ-साथ चार स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात है। संगठन के वालंटियर किसी भी प्रकार की विकट परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। ओवरऑल विजेता को 333 यूरो नगद कैश: अनुराग अनुराग शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में रोजाना टास्क दिए जा रहे है। प्रथम स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 2222 यूरो, दूसरे स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 1777 यूरो, तीसरे स्थान पर रहने वाली महिला प्रतिभागी को 1111 यूरो नगद इनाम दिया जाएगा। प्रतियोगिता में ओवरऑल तीसरे नंबर पर रहने वाले को 2222 यूरो, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 2777 यूरो तथा प्रथम स्थान पर रहने वाले ओवरऑल विजेता को 3333 यूरो मिलेगा। 9 रेस्क्यू टीमों का गठन पैराग्लाइडर की सुरक्षा के दृष्टिगत 9 रेस्क्यू टीमों का गठन किया गया है जबकि रिट्रीवल के लिए 5 टीमें इवेंट के दौरान चौपर और एम्बुलेंस सेवा के साथ बीड़-बिलिंग घाटी में तैनात रहेंगी, जो कि पैराग्लाइडर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। 2600 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भर रहे पायलट बिलिंग की टेक आफ साइट समुद्र तल से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि लैंडिंग साइट बीड़ (क्योर) समुद्र तल से 2080 मीटर की ऊंचाई पर है। कैसे पहुंचे बीड़? हवाई मार्ग से बीड़ पहुंचने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट तक हवाई सेवा उपलब्ध है। कांगड़ा एयरपोर्ट से बीड़ 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलमार्ग से आने वाले पर्यटक पठानकोट के चक्की बैंक तक रेल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बीड़ की दूरी 11 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त पठानकोट, दिल्ली, चंडीगढ़ से पर्यटक सड़क मार्ग से भी बैजनाथ पहुंच सकते हैं। बैजनाथ से बस या टैक्सी के माध्यम से बीड़ पहुंचा जा सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में सराज टेलेन्ट एंड टूरिज्म फेस्टिवल:डिप्टी सीएम अग्निहोत्री हुए शामिल; बोले- सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए विदेशों में भेजे जाएंगे लोक कलाकार मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली (चोलूथाच) में सिविक सेंस सोसायटी के तत्वावधान में तीन दिवसीय सराज टेलेन्ट एंड टूरिज्म फेस्टिवल का समापन हो गया।जिसमें उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिरकत की। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सोसायटी द्वारा इस महोत्सव के माध्यम से एक बहुत अच्छा प्रयास किया गया है। जिसमें स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय लोग अपनी परम्परागत वेश-भूषा और स्थानीय बोली में यहां की संस्कृति को संरक्षित करने में जुटे हैं। सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कार्यक्रमों के अंतर्गत हिमाचल के लोक सांस्कृतिक दलों को देश व विदेश में भेजा जाएगा। लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए सरकार कर रही काम उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार लोक संस्कृति एवं लोक मान्यताओं के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ को मान्यता एवं पहचान दिलाने तथा हिमाचल के गठन में प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार के प्रयासों को प्रदेशवासी कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रयासों को भी याद किया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पहाड़ की संस्कृति आपस में गहरे से जुड़ी है और विशेषतौर पर कुल्लू व मंडी जिला की संस्कृति में काफी समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि ढाटू व टोपी हमारी पहचान हैं। आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचली वेशभूषा प्रसिद्ध है। लोक सांस्कृतिक दलों को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए विदेश भेजा जाएगा उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के अंतर्गत हिमाचल के लोक सांस्कृतिक दलों को देश व विदेश में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े मेलों में एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए समर्पित करने तथा इन कार्यक्रमों पर व्यय होने वाली राशि में से 50 प्रतिशत स्थानीय कलाकारों पर खर्च हो, ऐसे प्रयास भी भाषा संस्कृति विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। उन्होंने छतरी में जल शक्ति विभाग के विश्राम गृह तथा जंजैहली व थुनाग में बस अड्डों के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उन्होंने चौलूथाच में स्थित कामरू देवता मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख रुपए तथा इस तीन दिवसीय उत्सव के सफल आयोजन के लिए एक लाख रुपए आयोजक मंडल को देने की घोषणा।