लव-कुश पाठशाला में एक हजार बच्चों को कॉपियां बांटी, तीर्थ की परिक्रमा में बैठकर प्रभु का गुणगान कर रहे श्रद्धालु

लव-कुश पाठशाला में एक हजार बच्चों को कॉपियां बांटी, तीर्थ की परिक्रमा में बैठकर प्रभु का गुणगान कर रहे श्रद्धालु

भास्कर न्यूज | अमृतसर रामायण कालीन ऐतिहासिक रामतीर्थ मेले में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने हजारों लोग पहुंचे। स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने तीर्थ के पवित्र सरोवर में दीपदान भी किए। जिला प्रशासन की ओर से लगाए इस मेले में बच्चों, महिलाओं के लिए झूलों का खास प्रबंध किया गया था। देश- विदेश से पहुंची संगत ने तीर्थ के सभी मंदिरों में जाकर माथा टेककर भगवान का आशीर्वाद लिया। वहीं नवविवाहित जोड़ों ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए भगवान वाल्मीकि मंदिर और लव कुश पाठशाला में गुल्ली डंडा चढ़ाए। वहीं कई लोगों ने लवकुश पाठशाला के बाहर ईंटों से अपने घर बनाकर प्रभु से अपने लिए घर मांगे। जिला प्रशासन की ओर से मेले में अजनाला और अमृतसर के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ताकि लोगों को किसा प्रकार की असुविधा न हो। मेले दौरान रामतीर्थ में स्थित लवकुश पाठशाला में माथा टेकने पहुंचे बच्चों को एक हजार कापियां बांटी गई। पाठशाला के गद्दी नशीन महंत मनजीत गिरि ने बताया कि इसी स्थान पर महाऋषि भगवान वाल्मीकि जी द्वारा अपने शिष्य लव- कुश को विद्या का ज्ञान दिया था। यहीं विद्या का ज्ञान बच्चो में बना रहे इसलिए मेले में कापियां बांटी गई है। जबकि विदेशों में जाने वाले चाहवान लड़के- लड़कियों ने लवकुश पाठशाला में खिलौना जहाज चढ़ाए। वहीं जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए फ्री मेडिकल चेकअप दवाइयों समेत तक कई तरह के कैंप लगाए गए। मेले में शहर की अलग-अलग सभा सोसायटियों की तरफ से लंगर लगाए गए। तीर्थ के भगवान जगन्ननाथ मंदिर के पास भक्तों ने माता तुलसी जी की पूजा करके दीपक जलाए। जिला प्रशासन द्वारा बार-बार सूचना केंद्र से स्पीकर में बोलकर सरोवर को गंदा न करने सफाई का विशेष ध्यान रखने का अनुरोध किया जा रहा था। इसके बावजूद लोग सरोवर में गत्ते के डिब्बों में दीपक जलाकर छोड़ रहे थे। वहीं सरोवर के किनारे खड़े होकर छोटे बच्चे धागे से चुंबक बांधकर लोगों द्वारा पानी में फेंके सिक्के निकलते रहे। मेले में आई संगत ने माता लाल देवी मंदिर, श्री सनातन धर्म पंजाब महावीर दल मंदिर, मंदिर गौशाला बाबा भौडे वाले समेत अन्य मंदिरों में जाकर माथा ठेका और भगवान का आशीर्वाद लिया। कई श्रद्धालु तीर्थ की परिक्रमा में बैठकर प्रभु का गुणगान कर रहे थे। जबकि पुतली घर जीटी रोड स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर के महंत आकाश कुमार की ओर से संगत के सहयोग से 24 घंटे लंगर लगाया गया। मेले में रेहडी, फड़ी वालों की ओर से जलेबी, पकोड़े, समोसे, टिक्की गोलगप्पे आदि लगाई गई थी। भास्कर न्यूज | अमृतसर रामायण कालीन ऐतिहासिक रामतीर्थ मेले में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने हजारों लोग पहुंचे। स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने तीर्थ के पवित्र सरोवर में दीपदान भी किए। जिला प्रशासन की ओर से लगाए इस मेले में बच्चों, महिलाओं के लिए झूलों का खास प्रबंध किया गया था। देश- विदेश से पहुंची संगत ने तीर्थ के सभी मंदिरों में जाकर माथा टेककर भगवान का आशीर्वाद लिया। वहीं नवविवाहित जोड़ों ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए भगवान वाल्मीकि मंदिर और लव कुश पाठशाला में गुल्ली डंडा चढ़ाए। वहीं कई लोगों ने लवकुश पाठशाला के बाहर ईंटों से अपने घर बनाकर प्रभु से अपने लिए घर मांगे। जिला प्रशासन की ओर से मेले में अजनाला और अमृतसर के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ताकि लोगों को किसा प्रकार की असुविधा न हो। मेले दौरान रामतीर्थ में स्थित लवकुश पाठशाला में माथा टेकने पहुंचे बच्चों को एक हजार कापियां बांटी गई। पाठशाला के गद्दी नशीन महंत मनजीत गिरि ने बताया कि इसी स्थान पर महाऋषि भगवान वाल्मीकि जी द्वारा अपने शिष्य लव- कुश को विद्या का ज्ञान दिया था। यहीं विद्या का ज्ञान बच्चो में बना रहे इसलिए मेले में कापियां बांटी गई है। जबकि विदेशों में जाने वाले चाहवान लड़के- लड़कियों ने लवकुश पाठशाला में खिलौना जहाज चढ़ाए। वहीं जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए फ्री मेडिकल चेकअप दवाइयों समेत तक कई तरह के कैंप लगाए गए। मेले में शहर की अलग-अलग सभा सोसायटियों की तरफ से लंगर लगाए गए। तीर्थ के भगवान जगन्ननाथ मंदिर के पास भक्तों ने माता तुलसी जी की पूजा करके दीपक जलाए। जिला प्रशासन द्वारा बार-बार सूचना केंद्र से स्पीकर में बोलकर सरोवर को गंदा न करने सफाई का विशेष ध्यान रखने का अनुरोध किया जा रहा था। इसके बावजूद लोग सरोवर में गत्ते के डिब्बों में दीपक जलाकर छोड़ रहे थे। वहीं सरोवर के किनारे खड़े होकर छोटे बच्चे धागे से चुंबक बांधकर लोगों द्वारा पानी में फेंके सिक्के निकलते रहे। मेले में आई संगत ने माता लाल देवी मंदिर, श्री सनातन धर्म पंजाब महावीर दल मंदिर, मंदिर गौशाला बाबा भौडे वाले समेत अन्य मंदिरों में जाकर माथा ठेका और भगवान का आशीर्वाद लिया। कई श्रद्धालु तीर्थ की परिक्रमा में बैठकर प्रभु का गुणगान कर रहे थे। जबकि पुतली घर जीटी रोड स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर के महंत आकाश कुमार की ओर से संगत के सहयोग से 24 घंटे लंगर लगाया गया। मेले में रेहडी, फड़ी वालों की ओर से जलेबी, पकोड़े, समोसे, टिक्की गोलगप्पे आदि लगाई गई थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर