समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज अम्बेडकरनगर की कटेहरी में जनसभा करेंगे। वे कटेहरी विधानसभा उपचुनाव की सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के पक्ष में जनसभा करेंगे। अखिलेश यादव की जनसभा को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने तैयारी पूरी कर ली है। कटेहरी विधानसभा उपचुनाव को जीतने के लिए समाजवादी पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव दो बार कटेहरी दौरा कर पांच दिनों तक कैंप कर चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज कटेहरी पहुंचेंगे। सपा जिला अध्यक्ष जंग बहादुर यादव ने बताया कि अखिलेश यादव कटेहरी में सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के पक्ष में चुनावी जनसभा करेंगे। वे 12:05 बजे आयोजन स्थल पहुंचेंगे और जनसभा को संबोधित करगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की जनसभा को लेकर पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है। जनसभा में भी बड़ी संख्या में किसान, नौजवान और ग्रामीणों के पहुंचने की संभावना है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज अम्बेडकरनगर की कटेहरी में जनसभा करेंगे। वे कटेहरी विधानसभा उपचुनाव की सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के पक्ष में जनसभा करेंगे। अखिलेश यादव की जनसभा को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने तैयारी पूरी कर ली है। कटेहरी विधानसभा उपचुनाव को जीतने के लिए समाजवादी पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव दो बार कटेहरी दौरा कर पांच दिनों तक कैंप कर चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज कटेहरी पहुंचेंगे। सपा जिला अध्यक्ष जंग बहादुर यादव ने बताया कि अखिलेश यादव कटेहरी में सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा के पक्ष में चुनावी जनसभा करेंगे। वे 12:05 बजे आयोजन स्थल पहुंचेंगे और जनसभा को संबोधित करगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की जनसभा को लेकर पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है। जनसभा में भी बड़ी संख्या में किसान, नौजवान और ग्रामीणों के पहुंचने की संभावना है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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SGPC ने जी-स्टूडियो को भेजा नोटिस:विवादित दृश्यों के साथ ट्रेलर रिलीज करने का आरोप; सेंसर बोर्ड- ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से स्क्रिप्ट की मांग
SGPC ने जी-स्टूडियो को भेजा नोटिस:विवादित दृश्यों के साथ ट्रेलर रिलीज करने का आरोप; सेंसर बोर्ड- ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से स्क्रिप्ट की मांग बॉलीवुड फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने विवादित दृश्यों के साथ फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज करने के आरोप लगाते हुए अब जी-स्टूडियो को कानूनी नोटिस भेज दिया है। इतना ही नहीं, ब्रॉडकास्ट मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को लेटर लिख स्क्रिप्ट की जांच करने की मांग रखी गई है। एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान जानकारी दी है कि फिल्म विवादों से भरी है। इसकी मुख्य अदाकार कंगना रनोट शुरू से ही पंजाब, सिख और किसानों के लिए विवादित बयान देती आई है। इमरजेंसी को खत्म करने के लिए पंजाब और अकाली दल के योगदान के बारे में तो कुछ नहीं बताया गया, लेकिन जरनैल सिंह भिंडरांवाले की गलत छवि को पेश किया गया है। जिसके बाद ही एसजीपीसी की तरफ से ब्रॉडकास्ट मंत्री अश्वनी वैष्णव और सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन प्रसुन जोशी को पत्र भेजा गया है। जिसमें एसजीपीसी ने मांग उठाई है कि फिल्म की रिलीज को रोका जाए और इसकी पूरी स्क्रिप्ट एसजीपीसी के साथ सांझी की जाए। ताकि इस फिल्म के बारे में अपनी और सिख समुदाय की भावनाओं को बताया जा सके। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। कंगना के खिलाफ एफआईआर की कर चुके मांग इससे पहले एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ एफआईआर की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। सांसद सर्बजीत खालसा ने उठाया था मामला ये मामला सबसे पहले पंजाब के फरीदकोट से निर्वाचित सांसद सर्बजीत सिंह खालसा की तरफ से अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर उठाया गया था। सर्बजीत खालसा ने ब्रॉडकास्ट मंत्रालय से इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रखी थी। उनकी तरफ से ऐतराज उठाए जाने के बाद ही ये मामला श्री अकाल तख्त साहिब व एसजीपीसी के ध्यान में आया था।
तिरंगा विवाद में बजरंग पूनिया ने माफी मांगी:बोले- गलती हो गई; विनेश फोगाट के रोड शो की जीप में राष्ट्रीय झंडे पर पैर रखे
तिरंगा विवाद में बजरंग पूनिया ने माफी मांगी:बोले- गलती हो गई; विनेश फोगाट के रोड शो की जीप में राष्ट्रीय झंडे पर पैर रखे हरियाणा के रेसलर बजरंग पूनिया ने राष्ट्रीय ध्वज पर पैर रखने के विवाद पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि यह गलती उनसे अनजाने में हुई है। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा देश की शान बढ़ाने की कोशिश की है। मेरी ये ट्रोलिंग सही नहीं।’ दरअसल, शनिवार को पेरिस से भारत लौटीं विनेश फोगाट के वेलकम प्रोग्राम में रेसलर बजरंग पूनिया विवादों में आ गए थे। विनेश के स्वागत के लिए लाई गई जी-वैगन कार के बोनट पर तिरंगे के पोस्टर लगे थे। इस दौरान बजरंग कार के बोनट पर चढ़ गए। उनके पैर के नीचे तिरंगे का पोस्टर आ गया। उनके इस कारनामे का वीडियो सामने आते ही बजरंग ट्रोल होने लगे। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यूजर सुधीर मिश्रा ने लिखा था, ‘तिरंगे पर पैर रखे खड़ा है, लेकिन कोई कुछ नहीं कहेगा… यह तिरंगा से भी बड़ा है, क्योंकि ये खिलाड़ी रहा है। बजरंग को नेता बनने की कितनी जल्दी है? इस व्यक्ति को तिरंगा भी नहीं दिखता।’ बजरंग पूनिया को लेकर की गई पोस्टें पढ़ें… यूजर द हॉक आई ने लिखा- बजरंग पूनिया तिरंगे के पोस्टर पर खड़े हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने उन्हें रोका तक नहीं। यूजर वैभव भोला ने लिखा- देश की शान तिरंगे पर पैर रख खड़े हैं बजरंग पूनिया। अब क्या ही बोलें इस पहलवान को। यूजर आदित्य ने लिखा- पहले पद्मश्री का अपमान किया और अब देश के तिरंगे पर खड़े हैं। बजरंग पूनिया थोड़ी शर्म आनी चाहिए। यूजर प्रिया सिंह ने लिखा- तिरंगे का अपमान करने पर बजरंग पूनिया को शर्म आनी चाहिए। यूजर आशीष पांडे ने लिखा- ये हैं बजरंग पूनिया। ऐसा भी क्या स्वागत करो कि तिरंगे का अपमान कर दो। बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन की अगुआई की थी
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला रेसलर्स ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इसे लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में आंदोलन हुआ। पहलवानों ने पहले जंतर-मंतर पर धरना दिया। फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर केस दर्ज किया। इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। WFI चुनाव को लेकर लौटाया था पद्मश्री अवॉर्ड
WFI के चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया। इस चिट्ठी में बजरंग ने WFI के अध्यक्ष के पद पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया। साक्षी मलिक ने भी कुश्ती से संन्यास ले लिया। प्रधानमंत्री आवास में एंट्री न मिलने पर बजरंग ने अपना अवॉर्ड सामने फुटपाथ पर रख दिया। बजरंग ने बिना ट्रायल दिए खेला था एशियन गेम्स
बजरंग पूनिया को पिछले साल चीन के हांगझोउ एशियन गेम्स के सेमीफाइनल मैच में हार मिली थी। इतना ही नहीं, ब्रॉन्ज मेडल मैच में भी बजरंग को जापानी पहलवान के. यामागुची ने 10-0 से हरा दिया था। उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग भड़क उठे थे, क्योंकि एशियन गेम्स में भाग लेने से पहले उन्होंने किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था। उन्हें ट्रायल के बिना इन खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल करने की भी आलोचना हुई थी।
पलवल में कांवड़ लेने जा रहे युवकों पर हमला:गालियां देते हुए हुए बोले- हम तुम्हें भेजेंगे हरिद्वार; गोलियां चलाई, गाड़ी तोड़ी
पलवल में कांवड़ लेने जा रहे युवकों पर हमला:गालियां देते हुए हुए बोले- हम तुम्हें भेजेंगे हरिद्वार; गोलियां चलाई, गाड़ी तोड़ी हरियाणा में पलवल में हरिद्वार से कांवड लेने जा रहे युवकों पर लाठी-डंडों से हमला किया गया। उनको जाति सूचक गालियां देने के भी आरोप लगे हैं। चांदहट थाना पुलिस ने घायल युवक की शिकायत पर पांच नामजद सहित अन्य युवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। चांदहट थाना प्रभारी जगबीर सिंह के अनुसार, मीसा गांव निवासी राकेश ने दी शिकायत में कहा है कि वह और उसके साथी शाम के करीब आठ बजे गांव के मंदिर पर एकत्रित हो रहे थे। उसी समय कृष्ण अपने 3-4 साथियों के साथ वहां आया और हमारे साथ कांवड लेने के लिए चलने की बात कहने लगा, तो हमने मना कर दिया। उसके बाद कृष्ण वहां से चला गया। उसने बताया कि कुछ देर बाद कृष्ण, केशव, सौरव, कर्मबीर, रोहित व कुछ अन्य युवक बाइकों व गाडियों में सवार होकर हाथों में लाठी-डंडे लेकर वहां पहुंचे और उनपर हमला कर दिया। आरोपियों ने जाति सूचक गालियां देते हुए कहा कि तुम्हें कांवड़ के लिए भेजेंगे, तुम लोगों को कोई अधिकार नहीं है कांवड लाने का। मारपीट कर आरोपियों ने उसके ऊपर जान से मारने की नीयत से गाड़ी चढ़ा दी और हाथों में लिए अवैध हथियारों से फायर किए। इससे वह (राकेश) बेहोश हो गया तो उसे मरा हुआ समझ कर अपनी गाड़ी को डंडों से तोड़ दिया। झगड़े की आवाज सुनकर आस पड़ोस के लोग एकत्रित हो गए तो आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी व जाति सूचक गालियां देते हुए फरार हो गए। पुलिस ने घायल राकेश की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 191(3), 190, 115(2), 351(3), 287, आर्म्स एक्ट 25.54.59 व एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।