जींद में हांसी रोड रेलवे फाटक के नजदीक रात साढ़े आठ बजे के करीब ट्रेन की चपेट में आने से 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई। राजकीय रेलवे पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। राजकीय रेलवे पुलिस को रात साढ़े आठ बजे के करीब सूचना मिली थी कि हांसी रोड रेलवे फाटक के पास एक युवक ट्रेन के नीचे आ गया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को सिविल अस्पताल लेकर आई। मृतक की पहचान जोगेंद्र नगर निवासी 22 वर्षीय साहिल के रूप में हुई। सचिन ने बताया कि उसका भाई साहिल मिस्त्री का काम करता था। शनिवार को सुबह घर से काम के लिए निकला था। वापस लौटते समय वह ट्रेन की चपेट में आ गया। साहिल अविवाहित था। राजकीय रेलवे पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। जींद में हांसी रोड रेलवे फाटक के नजदीक रात साढ़े आठ बजे के करीब ट्रेन की चपेट में आने से 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई। राजकीय रेलवे पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। राजकीय रेलवे पुलिस को रात साढ़े आठ बजे के करीब सूचना मिली थी कि हांसी रोड रेलवे फाटक के पास एक युवक ट्रेन के नीचे आ गया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को सिविल अस्पताल लेकर आई। मृतक की पहचान जोगेंद्र नगर निवासी 22 वर्षीय साहिल के रूप में हुई। सचिन ने बताया कि उसका भाई साहिल मिस्त्री का काम करता था। शनिवार को सुबह घर से काम के लिए निकला था। वापस लौटते समय वह ट्रेन की चपेट में आ गया। साहिल अविवाहित था। राजकीय रेलवे पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की मनु भाकर आज ओलिंपिक गोल्ड पर लगाएगी निशाना:पिता बोले- शूटिंग छोड़ने वाली थी; मां बोलीं- पिस्टल सिराहने रख सोई, 4 साल से पार्टी में नहीं गई
हरियाणा की मनु भाकर आज ओलिंपिक गोल्ड पर लगाएगी निशाना:पिता बोले- शूटिंग छोड़ने वाली थी; मां बोलीं- पिस्टल सिराहने रख सोई, 4 साल से पार्टी में नहीं गई इंडियन शूटर मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं। आज यानी रविवार को उनका फाइनल मुकाबला चल रहा है। मुकाबले में 8 शूटर निशाना लगा रहे हैं। मनु भाकर हरियाणा में झज्जर जिले के गोरिया गांव की रहने वाली हैं। मनु ने क्वालिफिकेशन इवेंट में 600 में से 580 पॉइंट्स हासिल किए और 45 शूटर्स में तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था कि मनु भाकर मायूस होकर शूटिंग छोड़ना चाहती थी लेकिन माता-पिता ने मनु को मोटीवेट किया और आज वह गोल्ड मेडल जीतने की दहलीज पर खड़ी है। मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर इसकी पुष्टि करते हुए कहते हैं- ”टोक्यो ओलिंपिक में प्रतियोगिता के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का लीवर टूट गया था। यह 10 लाख में से किसी एक के साथ होता है, लेकिन किस्मत ने मनु का साथ नहीं दिया, उसके 22 मिनट खराब हो गए। मेडल जब सामने दिख रहा हो और यह सब चीजें हो जाएं तो अच्छे से अच्छा इंसान टूट जाता है। मनु 2022 में शूटिंग छोड़ देना चाहती थी। हमने उससे पूछा कि आगे क्या करोगी?। किसी चीज को छोड़ने में कितना समय लगता है?। पिता की यह बातें सुनकर मनु का मन फिर से शूटिंग की तरफ गया। मां सुमेधा भाकर कहती हैं कि बेटी पिस्टल को सिराहने रखकर सोती है। गेम पर फोकस के लिए 4 साल से वह किसी जश्न में शामिल होना तो दूर, किसी की बर्थडे पार्टी में तक नहीं गई। पिता मर्चेंट नेवी में, उन्हीं की शूटिंग रेंज में पहली बार निशाना देखा मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में हैं। एक दिन मनु अपने पापा के साथ शूटिंग रेज में घूम रही थी। अचानक मनु शूटिंग करने लगी। उसने बिल्कुल बीच में 10 नंबर टारगेट पर निशाना साधा। यह देखकर पिता ने मनु को शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया और बंदूक खरीदकर दी। मनु को नेशनल कोच यशपाल राणा ने शूटिंग के गुर सिखाए। शूटिंग से पहले मनु खुद को कराटे, थांग टा, टांता, स्केटिंग, स्वीमिंग और टेनिस में आजमा चुकी हैं। कराटे, थांग टा और टांता में मनु नेशनल मेडलिस्ट है। टांता में 3 बार की नेशनल चैंपियन है। स्केटिंग में स्टेट मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने स्कूल में स्वीमिंग और टेनिस खेला है। रोजाना 8 घंटे मेहनत की, किसी जश्न में शामिल नहीं हुई
मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक के लिए बहुत तैयारी की है। मनु 8 घंटे से ज्यादा टाइम रोजाना प्रैक्टिस करती थीं। वह पिस्टल को अपने सिराहने रखकर सोतीं। मनु भाकर ने यूथ ओलिंपिक्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियाड सहित तकरीबन 20 मेडल जीते हैं। ओलिंपिक में मेडल लाने के लिए वह 4 साल से न तो किसी बर्थडे पार्टी में गई हैं और न ही किसी के जश्न में शामिल हुईं। मनु की मां सुमेधा भाकर कहती हैं कि “ओलिंपिक के मेडल के लिए मनु इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकतीं, अगर अब नहीं मेडल नहीं जीता तो ऊपर वाले से भी भरोसा उठ जाएगा.” ऐसे मिला ओलिंपिक का कोटा
मनु भाकर ने 2022 काहिरा विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में ब्रॉन्ज और हांगझोऊ में 2023 एशियाई खेलों में उसी स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। साल 2023 में भोपाल में हुई ISSF विश्व कप चैम्पियनशिप में 25 मीटर शूटिंग में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। मनु चांगवान में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2023 में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहीं और भारत के लिए पेरिस 2024 ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया।
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पूर्व नप वाइस चेयरमैन और पार्षद विशाल भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र जिले में भाजपा को बुधवार को एक और झटका लगा। अब तक कई पार्षद पार्टी छोड़ चुके हैं। अब पूर्व वाइस चेयरमैन राज गौड़ और राज्यमंत्री के नजदीकी पार्षद विशाल शर्मा ने भी अलविदा बोल कांग्रेस का दामन थाम लिया। दोनों को पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कांग्रेस में शामिल कराया। वहीं हंसाला की सरपंच गुरदीप कौर, उनके पति गुरविंदर सिंह, नरकातारी रोड निवासी पंडित पवन बारना, कमल शर्मा, भूषण शर्मा, आकाश शर्मा भी शामिल हुए। राज गौड़ व विशाल शर्मा को राज्यमंत्री सुभाष सुधा का काफी नजदीकी माना जाता था। वहीं अखिल भारतीय वाल्मिकी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक बंता राम वाल्मिकी तथा महासभा जोगी समाज के प्रधान नरेश जोगी भी कांग्रेस के प्रचार में जुटे। शिअद नेता सुखजिंदर सिंह मसाना और सतिंदर पाल सिंह भी कांग्रेस शामिल हुए। नप के पूर्व वाइस चेयरमैन जयनारायण शर्मा, जलेश शर्मा, अमित गर्ग शैंकी, पंकज चोचड़ा, विवेक मेहता विक्की तथा कुलदीप हथीरा ने राज गौड़ व विशाल शर्मा का पार्टी में स्वागत किया। अरोड़ा ने कहा कि नगर परिषद थानेसर भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। अरोड़ा ने आज श्याम कॉलोनी, सिंघपुरा, हंसाला, घमूरखेड़ी, भिवानीखेड़ा, अमीन, बीड़ अमीन, पंजाबी धर्मशाला, दीदार नगर, सरस्वती कॉलोनी में जनसभाएं की।
हरियाणा सरकार की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती:SC में याचिका, सरकारी जॉब में 5 नंबर का आरक्षण खारिज किया था, 12 हजार की नौकरी पर खतरा
हरियाणा सरकार की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती:SC में याचिका, सरकारी जॉब में 5 नंबर का आरक्षण खारिज किया था, 12 हजार की नौकरी पर खतरा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है। हाईकोर्ट ने 31 मई को सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था। इस आरक्षण के तहत जिस परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी पर न हो और परिवार की आमदनी कम हो तो ऐसे परिवार से आने वाले आवेदक को सामाजिक व आर्थिक आधार पर 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। इसलिए सरकार गई सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट जाने के पीछे सरकार का तर्क है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले ही सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को सही ठहराया हुआ है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को आधार बनाया जाएगा। इतना ही नहीं खंडपीठ ने तो हरियाणा सरकार की तारीफ भी की हुई है। ऐसे में डबल बेंच के फैसले को डबल बेंच नहीं पलट सकती। यदि फैसला पलटना है तो बड़ी बेंच यानी की तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई होनी चाहिए थी। ऐसे में नई खंडपीठ भी दो जजों की बनाई गई थी, जिसने पहली खंडपीठ द्वारा लिए गए फैसले को बदल दिया था। HC ने आरक्षण को संविधान के खिलाफ बताया
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुरूप सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक आर्थिक आधार पर आरक्षण का फैसला संविधान के खिलाफ है। इस प्रावधान को रद्द करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। 12 हजार युवाओं के भविष्य पर खतरा
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट रविंद्र ढुल ने बताया था कि सरकारी नौकरी में सामाजिक-आर्थिक के 5 अंक दिए जाने वाले फैसले को हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। हरियाणा में 2017 से जो भी भर्तियां हो रही हैं, हाईकोर्ट का यह फैसला उन पर लागू होगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार का यह फैसला आर्टिकल 14 का वॉयलेशन करता है, यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से पहले जो भी युवा नौकरी पाए हैं, उन्हें कोई भी खतरा नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले का उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। CET के तहत हाल ही में हुई भर्तियों में जिन 12 हजार युवाओं को नौकरी मिली है, उनको हटाया जाएगा। अब जो भी ग्रुप सी और डी की भर्तियां हुई हैं, उनके सभी ग्रुपों का एग्जाम दोबारा लेना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार को इसके लिए 6 महीने का टाइम दिया है, जब ये प्रोसेस चलेगा, तब तक किसी को नहीं हटाया जाएगा।