गोरखपुर: आरोग्‍य मंदिर में धूप, हवा और मिट्टी से होता है बीमारी का इलाज, देश-विदेश से आते हैं लोग

गोरखपुर: आरोग्‍य मंदिर में धूप, हवा और मिट्टी से होता है बीमारी का इलाज, देश-विदेश से आते हैं लोग

<p style=”text-align: justify;”><strong>Naturopathy Day:</strong> प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा दिवस 18 नवंबर को मनाया जाता है. गोरखपुर के आरोग्&zwj;य मंदिर में एक सप्ताह तक सर्वांग मिट्टी लेपन का आयोजन किया जाता है. सर्वांग मिट्टी लेपन से त्&zwj;वचा संबंधी रोगों के साथ अन्&zwj;य रोगों को भी दूर किया जाता है. प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा दिवस पर एक सप्&zwj;ताह पूर्व से ही चिकनी मिट्टी के शरीर पर लेपन के साथ नेचुरोपैथी को अधिक से अधिक अपनाने पर बल दिया जाता है. त्&zwj;वचा, उदर, अवसाद समेत अनेक बीमारियों के इलाज के लिए हर साल यहां आने वाले लोगों की संख्&zwj;या भी हजारों में हैं. यहां लोग 15 दिन से तीन माह तक रहने के लिए आते हैं और प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा के माध्&zwj;यम से पूरी तरह से स्&zwj;वस्&zwj;थ होकर वापस जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के आरोग्&zwj;य मंदिर में प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा दिवस के एक सप्ताह पूर्व से आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. ये निःशुल्क आयोजन पिछले 7 वर्षों से किया जा रहा है. आमतौर पर हर दिन इसका लाभ ले सकते हैं. सर्वांग मिट्टी लेपन में गोरखपुर शहर और बाहर के जिलों से आने वाले लोग प्रतिभाग करते हैं. इस अवसर पर आरोग्&zwj;य मंदिर के निदेशक डा. विमल मोदी ने सर्वांग मिट्टी लेपन के लाभ और त्&zwj;वचा से संबंधित रोगों के साथ अनिद्रा और मानसिक अवसाद जैसी बीमारियों से छुटकारे के बारे में बताया. उन्&zwj;होंने बताया कि मिट्टी लेपन वे सात वर्षों से आयोजित कर रहे हैं. उन्&zwj;होंने बताया कि डेढ़ से दो फीट नीचे जमीन की मिट्टी को निकालने के बाद रातभर उसे भिगोया जाता है. इससे तमाम छोटी-मोटी बीमारियों का प्राकृतिक रूप से उपचार होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1940 में हुई थी शुरूआत</strong><br />गोरखपुर के मेडिकल रोड स्थि&zwj;त आरोग्&zwj;य मंदिर के निदेशक डा. विमल मोदी ने बताया कि 1940 में छह एकड़ जमीन में इसे शुरू किया था. पहले वे इसे छोटे स्&zwj;तर पर किराए पर कहीं और चलाते थे. धीरे-धीरे इसका विस्&zwj;तार हुआ. यहां पर देश और विदेश से भी लोग प्राक&zwj;ृतिक चिकित्&zwj;सा के लिए आते हैं. उन्&zwj;होंने बताया कि आज विकास और भागदौड़ भरे जीवन में लोग अपने शरीर पर ध्&zwj;यान नहीं दे पाते हैं. यहां पर रहने वाले लोगों को प्राकृतिक रूप से खान-पान को सुदृढ़ कर किस तरह से स्&zwj;वस्&zwj;थ रहना है इसके बारे में जानकारी दी जाती है. उनके रहने से लेकर खाने तक का इंतजाम नियम के अनुरूप उनके यहां होता है. यहां पर 10 से 15 दिन रहकर मनुष्&zwj;य जीवन को जीने के तरीके को जान जाते हैं. यहां शुद्ध वातावरण भी मिलता है. उन्&zwj;होंने बताया कि यहां दिनचर्या को नियमित करने के साथ शुगर, गठिया और अन्&zwj;य छोटी-मोटी बीमारियों को कम किया जा सकता है. लेकिन, हार्ट अटैक और गंभीर रोगों के लिए तो एलोपैथ का ही सहारा लेना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर गोरखपुर के राप्ती नगर स्थित आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेप का कार्यक्रम के अवसर पर आरोग्य मन्दिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी ने कहा कि आरोग्य मंदिर की स्थापना 1940 में महात्मा गांधी की प्रेरणा से प्रेरित होकर उनके पिता विट्ठल दास मोदी ने किया था. आरोग्य मंदिर में प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा सभी तरह के रोगों का उपचार होता है. जिन लोगों का एलोपैथ में उपचार नहीं हो पाता है, वह प्राकृतिक चिकित्सा में आते हैं और कई तरह की बीमारियों को इसमें ठीक किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-bypolls-2024-bjp-minority-president-kunwar-basit-ali-attacked-on-samajwadi-party-in-kundarki-ann-2824941″>UP ByPolls 2024: ‘सपा कभी मुसलमानों की हितैषी पार्टी नहीं रही,’ यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष का बड़ा बयान</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन बीमारियों से मिलेगी निजात</strong><br />डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि मिट्टी दुःख-दर्द, मानसिक परेशानी, शरीर के वेस्ट, अनिद्रा और अन्य रोगों को दूर करता है. उनके दादा विट्ठल दास मोदी ने प्राकृतिक चिकित्सा के लिए आरोग्य मंदिर की स्थापना 1940 में की थी. यहां प्राकृतिक चिकित्सा के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने वर्ल्ड नेचुरोपैथी डे मनाने के लिए लोगों से आह्वान किया था. इसके बाद से ही बीते 10 वर्षों से यहां पर वर्ल्ड नेचुरोपैथी डे यानी विश्व प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर नि:शुल्क सर्वांग मिट्टी लेपन का आयोजन एक सप्ताह तक किया जाता है. देश के अलग-अलग जगह और विदेशों से भी लोग यहां पर प्राकृतिक चिकित्सा के लिए आते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोग्य मंदिर में पहुंचे रिटायर्ड बैंक मैनेजर विजय बहादुर मल्ल और अरविंद गुप्ता और अन्&zwj;य लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सर्वांग मिट्टी लेप किया है. प्राकृतिक चिकित्सा सभी चिकित्सा पद्धतियों की जननी है और जिस बीमारी का इलाज न हो वह प्राकृतिक चिकित्सा में आए और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है. इससे उनकी त्वचा संबंधी बीमारी भी ठीक हो गई. उन्होंने बताया कि सर्वांग मिट्टी लेपन से शरीर का शोधन होता और वे लोगों से अपील करते हैं कि वे वर्ष में एक बार यहां पर जरूर प्राक&zwj;ृतिक चिकित्&zwj;सा के लिए 10 दिन के लिए जरूर आए. क्&zwj;योंकि शरीर पंचतत्&zwj;वों से मिलकर बना है. ऐसे में आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्&zwj;वी के करीब रहना शरीर के लिए काफी लाभ पहुंचाने वाला है.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Naturopathy Day:</strong> प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा दिवस 18 नवंबर को मनाया जाता है. गोरखपुर के आरोग्&zwj;य मंदिर में एक सप्ताह तक सर्वांग मिट्टी लेपन का आयोजन किया जाता है. सर्वांग मिट्टी लेपन से त्&zwj;वचा संबंधी रोगों के साथ अन्&zwj;य रोगों को भी दूर किया जाता है. प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा दिवस पर एक सप्&zwj;ताह पूर्व से ही चिकनी मिट्टी के शरीर पर लेपन के साथ नेचुरोपैथी को अधिक से अधिक अपनाने पर बल दिया जाता है. त्&zwj;वचा, उदर, अवसाद समेत अनेक बीमारियों के इलाज के लिए हर साल यहां आने वाले लोगों की संख्&zwj;या भी हजारों में हैं. यहां लोग 15 दिन से तीन माह तक रहने के लिए आते हैं और प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा के माध्&zwj;यम से पूरी तरह से स्&zwj;वस्&zwj;थ होकर वापस जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के आरोग्&zwj;य मंदिर में प्राकृतिक चिकित्&zwj;सा दिवस के एक सप्ताह पूर्व से आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. ये निःशुल्क आयोजन पिछले 7 वर्षों से किया जा रहा है. आमतौर पर हर दिन इसका लाभ ले सकते हैं. सर्वांग मिट्टी लेपन में गोरखपुर शहर और बाहर के जिलों से आने वाले लोग प्रतिभाग करते हैं. इस अवसर पर आरोग्&zwj;य मंदिर के निदेशक डा. विमल मोदी ने सर्वांग मिट्टी लेपन के लाभ और त्&zwj;वचा से संबंधित रोगों के साथ अनिद्रा और मानसिक अवसाद जैसी बीमारियों से छुटकारे के बारे में बताया. उन्&zwj;होंने बताया कि मिट्टी लेपन वे सात वर्षों से आयोजित कर रहे हैं. उन्&zwj;होंने बताया कि डेढ़ से दो फीट नीचे जमीन की मिट्टी को निकालने के बाद रातभर उसे भिगोया जाता है. इससे तमाम छोटी-मोटी बीमारियों का प्राकृतिक रूप से उपचार होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1940 में हुई थी शुरूआत</strong><br />गोरखपुर के मेडिकल रोड स्थि&zwj;त आरोग्&zwj;य मंदिर के निदेशक डा. विमल मोदी ने बताया कि 1940 में छह एकड़ जमीन में इसे शुरू किया था. पहले वे इसे छोटे स्&zwj;तर पर किराए पर कहीं और चलाते थे. धीरे-धीरे इसका विस्&zwj;तार हुआ. यहां पर देश और विदेश से भी लोग प्राक&zwj;ृतिक चिकित्&zwj;सा के लिए आते हैं. उन्&zwj;होंने बताया कि आज विकास और भागदौड़ भरे जीवन में लोग अपने शरीर पर ध्&zwj;यान नहीं दे पाते हैं. यहां पर रहने वाले लोगों को प्राकृतिक रूप से खान-पान को सुदृढ़ कर किस तरह से स्&zwj;वस्&zwj;थ रहना है इसके बारे में जानकारी दी जाती है. उनके रहने से लेकर खाने तक का इंतजाम नियम के अनुरूप उनके यहां होता है. यहां पर 10 से 15 दिन रहकर मनुष्&zwj;य जीवन को जीने के तरीके को जान जाते हैं. यहां शुद्ध वातावरण भी मिलता है. उन्&zwj;होंने बताया कि यहां दिनचर्या को नियमित करने के साथ शुगर, गठिया और अन्&zwj;य छोटी-मोटी बीमारियों को कम किया जा सकता है. लेकिन, हार्ट अटैक और गंभीर रोगों के लिए तो एलोपैथ का ही सहारा लेना होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर गोरखपुर के राप्ती नगर स्थित आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेप का कार्यक्रम के अवसर पर आरोग्य मन्दिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी ने कहा कि आरोग्य मंदिर की स्थापना 1940 में महात्मा गांधी की प्रेरणा से प्रेरित होकर उनके पिता विट्ठल दास मोदी ने किया था. आरोग्य मंदिर में प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा सभी तरह के रोगों का उपचार होता है. जिन लोगों का एलोपैथ में उपचार नहीं हो पाता है, वह प्राकृतिक चिकित्सा में आते हैं और कई तरह की बीमारियों को इसमें ठीक किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-bypolls-2024-bjp-minority-president-kunwar-basit-ali-attacked-on-samajwadi-party-in-kundarki-ann-2824941″>UP ByPolls 2024: ‘सपा कभी मुसलमानों की हितैषी पार्टी नहीं रही,’ यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष का बड़ा बयान</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन बीमारियों से मिलेगी निजात</strong><br />डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि मिट्टी दुःख-दर्द, मानसिक परेशानी, शरीर के वेस्ट, अनिद्रा और अन्य रोगों को दूर करता है. उनके दादा विट्ठल दास मोदी ने प्राकृतिक चिकित्सा के लिए आरोग्य मंदिर की स्थापना 1940 में की थी. यहां प्राकृतिक चिकित्सा के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने वर्ल्ड नेचुरोपैथी डे मनाने के लिए लोगों से आह्वान किया था. इसके बाद से ही बीते 10 वर्षों से यहां पर वर्ल्ड नेचुरोपैथी डे यानी विश्व प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर नि:शुल्क सर्वांग मिट्टी लेपन का आयोजन एक सप्ताह तक किया जाता है. देश के अलग-अलग जगह और विदेशों से भी लोग यहां पर प्राकृतिक चिकित्सा के लिए आते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोग्य मंदिर में पहुंचे रिटायर्ड बैंक मैनेजर विजय बहादुर मल्ल और अरविंद गुप्ता और अन्&zwj;य लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सर्वांग मिट्टी लेप किया है. प्राकृतिक चिकित्सा सभी चिकित्सा पद्धतियों की जननी है और जिस बीमारी का इलाज न हो वह प्राकृतिक चिकित्सा में आए और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है. इससे उनकी त्वचा संबंधी बीमारी भी ठीक हो गई. उन्होंने बताया कि सर्वांग मिट्टी लेपन से शरीर का शोधन होता और वे लोगों से अपील करते हैं कि वे वर्ष में एक बार यहां पर जरूर प्राक&zwj;ृतिक चिकित्&zwj;सा के लिए 10 दिन के लिए जरूर आए. क्&zwj;योंकि शरीर पंचतत्&zwj;वों से मिलकर बना है. ऐसे में आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्&zwj;वी के करीब रहना शरीर के लिए काफी लाभ पहुंचाने वाला है.&nbsp;</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड नरसिंहगढ़: थाने के सामने हिस्ट्रीशीटर ने खुद को लगाई आग, जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह BJP सरकार को घेरा