करनाल में कंबाइन पर हैल्पर को लगा करंट:काटनी पड़ी टांग और उंगलियां, नहीं चल पा रहा आयुष्मान कार्ड

करनाल में कंबाइन पर हैल्पर को लगा करंट:काटनी पड़ी टांग और उंगलियां, नहीं चल पा रहा आयुष्मान कार्ड

हरियाणा में करनाल जिला के पाढा गांव में कंबाइन पर काम करते समय हैल्पर हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आ गया। हादसा इतना जबरदस्त था कि अस्पताल में डॉक्टरों को हैल्पर की एक टांग व दूसरे पैर की चार उंगलियां भी काटनी पड़ी। युवक का हाथ 11 हजार वाली पावर लाइन से टच हो गया था। बिजली के झटके ने उसे कंबाइन से नीचे धरती पर पटक दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसको गंभीर हालत में प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया। हालांकि कंबाइन मालिक ने इलाज का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में मुकर गया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। लापरवाही बनी हादसे की वजह गांव कुड़लन निवासी अंकुश (25 वर्ष) कंबाइन पर हैल्पर का काम करता था। बीती 17 अक्तूबर को वह पाढा गांव में कंबाइन पर काम करने के लिए गया था। कंबाइन को पाढा गांव का धन्ना चला रहा था और अंकुश कंबाइन पर साइड में बैठा था। पीड़ित अंकुश का आरोप है कि धान की कटाई का काम चल रहा था। खेत के ऊपर से ही 11 हजार वोल्टेज की तारे गुजर रही थी। धन्ना ने अचानक कंबाइन को बिजली की तारों के नीचे से घुमा दिया। अंकुश ने बताया कि उसका दाहिना (राइट हैंड) हाथ बिजली की तार से टच हो गया और वह जमीन पर आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। काटनी पड़ी टांग व उंगलियां खेत का मालिक अंकुश को बालाजी अस्पताल करनाल में लेकर पहुंचा। उसकी टांगे व पैर बुरी तरह से डैमेज हुए थे। जिससे उसकी जान को भी खतरा था। जिसके चलते डॉक्टरों ने अंकुश की बाई टांग काटनी पड़ी। इसके साथ ही दाहिने पैर की भी चार उंगलियां को काटना पड़ा। अंकुश का आरोप है कि कंबाइन चालक की लापरवाही के कारण हादसा हुआ। परिवार की आंखों में सिर्फ आंसू, भविष्य का सवाल अंकुश का परिवार इस हादसे से सदमे में है। जो बेटा परिवार का सहारा था, आज वह खुद दूसरों पर निर्भर हो गया है। उसका पिता बार-बार यही कहता है, “मेरा बेटा मेहनती था, उसकी गलती क्या थी? ” उसके पिता खुशीराम बुजुर्ग है और बेटे की टांग कटने के बाद उसके इलाज के लिए दिहाड़ी कर रहे है। आयुष्मान कार्ड भी नहीं चल रहा, पैसे कहां से लाए अंकुश के पास दो बहने है और दो छोटे बच्चे भी है। जिनकी उम्र 5 साल और 3 साल है। इधर उधर से पैसे एकत्रित करके अंकुश का इलाज करवाया जा रहा है। पीड़ित अंकुश का कहना है कि सरकार ने आयुष्मान कार्ड तो बना रखे है लेकिन अस्पताल वाले आयुष्मान कार्ड को एक्सेप्ट ही नहीं कर रहे है। कंबाइन चालक की लापरवाही ने एक परिवार को अंधकार में धकेल दिया। जांच अधिकारी बोहड़ सिंह ने बताया कि पुलिस ने धन्ना नामक चालक पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में करनाल जिला के पाढा गांव में कंबाइन पर काम करते समय हैल्पर हाई वोल्टेज तारों की चपेट में आ गया। हादसा इतना जबरदस्त था कि अस्पताल में डॉक्टरों को हैल्पर की एक टांग व दूसरे पैर की चार उंगलियां भी काटनी पड़ी। युवक का हाथ 11 हजार वाली पावर लाइन से टच हो गया था। बिजली के झटके ने उसे कंबाइन से नीचे धरती पर पटक दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसको गंभीर हालत में प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया। हालांकि कंबाइन मालिक ने इलाज का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में मुकर गया। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। लापरवाही बनी हादसे की वजह गांव कुड़लन निवासी अंकुश (25 वर्ष) कंबाइन पर हैल्पर का काम करता था। बीती 17 अक्तूबर को वह पाढा गांव में कंबाइन पर काम करने के लिए गया था। कंबाइन को पाढा गांव का धन्ना चला रहा था और अंकुश कंबाइन पर साइड में बैठा था। पीड़ित अंकुश का आरोप है कि धान की कटाई का काम चल रहा था। खेत के ऊपर से ही 11 हजार वोल्टेज की तारे गुजर रही थी। धन्ना ने अचानक कंबाइन को बिजली की तारों के नीचे से घुमा दिया। अंकुश ने बताया कि उसका दाहिना (राइट हैंड) हाथ बिजली की तार से टच हो गया और वह जमीन पर आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। काटनी पड़ी टांग व उंगलियां खेत का मालिक अंकुश को बालाजी अस्पताल करनाल में लेकर पहुंचा। उसकी टांगे व पैर बुरी तरह से डैमेज हुए थे। जिससे उसकी जान को भी खतरा था। जिसके चलते डॉक्टरों ने अंकुश की बाई टांग काटनी पड़ी। इसके साथ ही दाहिने पैर की भी चार उंगलियां को काटना पड़ा। अंकुश का आरोप है कि कंबाइन चालक की लापरवाही के कारण हादसा हुआ। परिवार की आंखों में सिर्फ आंसू, भविष्य का सवाल अंकुश का परिवार इस हादसे से सदमे में है। जो बेटा परिवार का सहारा था, आज वह खुद दूसरों पर निर्भर हो गया है। उसका पिता बार-बार यही कहता है, “मेरा बेटा मेहनती था, उसकी गलती क्या थी? ” उसके पिता खुशीराम बुजुर्ग है और बेटे की टांग कटने के बाद उसके इलाज के लिए दिहाड़ी कर रहे है। आयुष्मान कार्ड भी नहीं चल रहा, पैसे कहां से लाए अंकुश के पास दो बहने है और दो छोटे बच्चे भी है। जिनकी उम्र 5 साल और 3 साल है। इधर उधर से पैसे एकत्रित करके अंकुश का इलाज करवाया जा रहा है। पीड़ित अंकुश का कहना है कि सरकार ने आयुष्मान कार्ड तो बना रखे है लेकिन अस्पताल वाले आयुष्मान कार्ड को एक्सेप्ट ही नहीं कर रहे है। कंबाइन चालक की लापरवाही ने एक परिवार को अंधकार में धकेल दिया। जांच अधिकारी बोहड़ सिंह ने बताया कि पुलिस ने धन्ना नामक चालक पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर