पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज (19 नवंबर) गैंगस्टर लॉरेंस के सीआईए खरड़ में टीवी इंटरव्यू के मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कोर्ट को बताएगी कि इंटरव्यू का मकसद क्या था। क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का दोबारा गठन किया था। एसआईटी में एडीजीपी नीलाभ किशोर और एडीजीपी नागेश्वर राव को शामिल किया गया था। उन्हें आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के एंगल से भी जांच करने के आदेश दिए गए थे। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज (19 नवंबर) गैंगस्टर लॉरेंस के सीआईए खरड़ में टीवी इंटरव्यू के मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कोर्ट को बताएगी कि इंटरव्यू का मकसद क्या था। क्योंकि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का दोबारा गठन किया था। एसआईटी में एडीजीपी नीलाभ किशोर और एडीजीपी नागेश्वर राव को शामिल किया गया था। उन्हें आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के एंगल से भी जांच करने के आदेश दिए गए थे। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर में डिलीवरी बॉयज ने की थी हत्या:डबल मर्डर मामले में SSP बोले- पहले लुटेरों को ढूंढा, ईंटों से वार कर मार डाला जालंधर के विधीपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास दो लुटेरों की हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आज इस मामले को लेकर जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंगुर गुप्ता ने विस्तार से जानकारी सांझा की। एसएसपी गुप्ता ने कहा कि, मृत युवकों ने डिलीवरी बॉयज के साथ लूट की थी। इसी से गुस्साए आरोपियों ने हत्या की। जिसके बाद उन्होंने अपने वॉट्सएप ग्रुप में आरोपियों ने एक मैसेज डाला और बताया कि हमारे एक साथी के साथ लूट हो गई। लूट का पता चलते ही सभी ने अपना काम बंद कर लुटेरों की तलाश शुरू कर दी थी। लुटेरे उन्हें मकसूदा चौक के पास मिले। आरोपी लुटेरों का पीछा करते हुए विधीपुर फाटक के पास पहुंचे और वहां ले जाकर सभी ने मिलकर तीनों लुटेरों की हत्या कर दी। क्राइम सीन से बरामद एक्टिवा लूट की थी आरोपियों ने हत्या रोड साइड पर पड़ी ईंटों से वार कर की थी, जो कि पुलिस ने केस एविडेंस के तौर पर अपने कब्जे में ले ली है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजीत नगर के रहे वाले पुनीत, बस्ती गुजा दिलबाग नगर के रहने वाले रोहित कुमार उर्फ काई, भार्गव कैंप के रहने वाले मगनदीप और शुभम सत्यवान उर्फ नेपाली निवासी न्यू दशमेश नगर के रूप में हुई है। साथ ही एसएसपी ने बताया कि जो एक्टिवा पुलिस को क्राइम सीन से बरामद हुई थी, उक्त एक्टिवा मृत लुटेरों ने गुलाब देवी रोड के पास से लूटी थी। फरार चल रहे तीन आरोपियों की फिलहाल तलाश जारी है, जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मर्डर किए गए आरोपी डिलीवरी बॉयज को करते थे टारगेट मारे गए दोनों आरोपी रोज रात में डिलीवरी बॉयज को टारगेट करते थे और उनके नकदी व फोन लूट लेते थे। 26 मई को जोमेटो डिलीवरी बॉय से लूट हुई तो सभी आरोपियों को खोजने में लग गए थे। 26 मई की रात मर्डर किए गए शिवा और उसके साथी बब्बल को डीएपी फ्लाईओवर के पास उन्होंने देखा और पीछा शुरू कर दिया। दोनों आरोपियों को विधिपुर पास घेर कर उसकी धुनाई कर दी। दोनों आरोपी धुनाई के दौरान ज्यादा जख़्मी हो गए थे। जिसे एक की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं, दूसरी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जल्द चारों आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जिससे फरार चल रहे बाकी के आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके। एरिया का डंप निकलवाने से ट्रेस हुए आरोपी जानकारी के अनुसार, पुलिस द्वारा ब्लाइंड मर्डर केस की जांच पिछले काफी समय से की जा रही है। पुलिस ने हाईवे पर कई सीसीटीवी खंगाले, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस ने विधिपुर रेलवे क्रॉसिंग के आसपास का मोबाइल डंप निकलवाया। जिससे उक्त आरोपियों की लोकेशन क्राइम सीन के आसपास पाई गई। पुलिस ने उक्त जांच के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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बठिंडा में ट्रेन पटरी से उतारने की साजिश:रेलवे ट्रैक पर सरियों का बंडल रखा; स्पीड कम थी, ड्राइवर ने देखा तो हादसा टला
बठिंडा में ट्रेन पटरी से उतारने की साजिश:रेलवे ट्रैक पर सरियों का बंडल रखा; स्पीड कम थी, ड्राइवर ने देखा तो हादसा टला पंजाब में कुछ असामाजिक तत्वों ने आज चलती रेल को पटरी से उतारने की कोशिश की है। उन्होंने पटरी पर लोहे के कई सरिये रख दिए, जिससे ट्रेन का बैलेंस बिगड़ जाए और रेलगाड़ी बेपटरी हो जाए। हालांकि, ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। ड्राइवर ने समय रहते ट्रेन को रोक लिया और RPF को सूचना दी। सूचना मिलने पर रेलवे अधिकारी, रेलवे पुलिस और जिला पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। ट्रेन की स्पीड कम होने से टला हादसा
गेट मेन कृष्ण मीना के अनुसार, आज सुबह करीब 3 बजे बठिंडा के बंगी नगर के पास एक बड़ा रेल हादसा टल गया। यहां दिल्ली की तरफ से एक मालगाड़ी आ रही थी। उसकी स्पीड कम थी, इसलिए गाड़ी के पायलट की नजर अचानक से रेलवे ट्रैक पर रखी किसी वस्तु पर पड़ी। इसके बाद ड्राइवर ने समय रहते रेलगाड़ी में ब्रेक लगा दिए। जब उसने गाड़ी से उतरकर पैदल जाकर आगे देखा तो वहां ट्रैक पर कुछ सरिये पड़े थे। ड्राइवर ने उन सरियों को एक तरफ किया और RPF को साजिश के बारे में अवगत कराया। अधिकारियों के साथ GRP ने मौके पर पहुंचकर देखा कि रेलवे ट्रैक के बीच में किसी ने मोटे सरिया रखे थे। इसके बाद रेल गाड़ी को डिरेल करने की साजिश का खुलासा हुआ। इस रुकावट के कारण वह रेलगाड़ी अपने निर्धारित समय से करीब 1 घंटा लेट हुई। जब सब कुछ ठीक लगा तो अधिकारियों ने गाड़ी को रवाना कर दिया। लूट के मकसद से ट्रैक पर सरिया रखने का शक
वहीं, बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल के वार्ड इंचार्ज गौतम मसीह ने कहा कि सुबह उन्हें पता चला कि बठिंडा-दिल्ली रेलवे मार्ग पर किसी चोर ने सरिया रख दिए गए हैं। इसके कारण रेलगाड़ी का बड़ा नुकसान हो सकता था, लेकिन समय पर सरिया का पता चलने पर पायलट ने गाड़ी रोककर इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। वह मामले की जांच कर रहे हैं। गौतम ने कहा, ‘इस रेलवे ट्रैक पर जब गाड़ी धीरे होती है तो आए दिन यहां लूटपाट की घटनाएं होती हैं। आवारा लड़के अक्सर इस रेलवे ट्रैक पर घूमते हुए नजर आते हैं। रेलवे जंक्शन नजदीक होने के कारण और सिग्नल न मिलने के कारण जब रेल यहां पर धीरे होती है तो युवक यहां लूटपाट करते हैं। हो सकता है कि लूट के मकसद से ही ट्रैक पर सरिया रखे गए हों। मेरी प्रशासन से मांग है कि यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाएं।’ इन स्थानों पर भी रेलगाड़ी डिरेल करने की कोशिश… देश में लगातार हो रहीं ट्रेन से संबंधित घटनाएं
कुछ ही समय में देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार रेलगाड़ियों से जुड़ीं दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। आज ही उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रयागराज से भूसावल जा रही मालगाड़ी गोविंदपुरी के पास डिरेल हो गई। इसी बीच लोको पायलट ने अपनी सूझबूझ के साथ इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को तुरंत ही वहीं पर रोक दिया। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। इस मामले में रेलवे की एक टीम तकनीकी जांच कर रही हैं। आखिर पटरी से डिब्बे कैसे उतरे? कानपुर में ट्रैक पर सिलेंडर मिले
वहीं, कानपुर में ही प्रेमपुर स्टेशन के पास JTTN गुड्स ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई। ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। रविवार सुबह करीब 6 बजे लूप लाइन पर लोको पायलट ने सिलेंडर देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को सिलेंडर से 10 फीट पहले ही रोक लिया। देश में ट्रेन को बेपटरी करने की यह 57 दिन में 23वीं कोशिश थी। इससे पहले 20 सितंबर को सूरत में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ की गई थी। इस मामले की जांच NIA को सौंपी गई। वहीं, 18 सितंबर को मध्य प्रदेश के नेपानगर में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए गए थे। इससे आर्मी अफसरों की ट्रेन को बेपटरी करने की कोशिश की गई। हालांकि, रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए थे। उन्होंने ट्रेन रुकवा दी थी।