जालंधर नगर निगम चुनाव को लेकर वोटिंग शुरू हो गई है। जालंधर में नगर निगम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मतदान के लिए लोग भी पहुंचने लगे हैं। आज शाम 4 बजे तक मतदान होगा। इसके बाद मतगणना होगी। जालंधर में इस समय त्रिकोणीय मुकाबला है। मुकाबला आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के बीच है। साथ ही कुछ वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की भी संभावना है। जालंधर नगर निगम चुनाव को लेकर वोटिंग शुरू हो गई है। जालंधर में नगर निगम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मतदान के लिए लोग भी पहुंचने लगे हैं। आज शाम 4 बजे तक मतदान होगा। इसके बाद मतगणना होगी। जालंधर में इस समय त्रिकोणीय मुकाबला है। मुकाबला आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के बीच है। साथ ही कुछ वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की भी संभावना है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मॉडर्न लुक के लिए लहंगे को फूल स्लीव्स टॉप के साथ स्टाइल करने का परफेक्ट तरीका
मॉडर्न लुक के लिए लहंगे को फूल स्लीव्स टॉप के साथ स्टाइल करने का परफेक्ट तरीका फुल स्लीव्स टॉप और लहंगे की जोड़ी एक पारंपरिक परिधान को मॉडर्न ट्विस्ट देने का बेहतरीन तरीका है। अगर आप किसी शादी, फेस्टिवल या पार्टी में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती हैं, तो इस स्टाइल को अपनाकर आप अपने लुक को बढ़ा सकती हैं। फुल स्लीव्स टॉप लहंगे के साथ सर्दी के मौसम में स्टाइलिश और आरामदायक विकल्प है। इसे सही तरीके से पहनने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। दिल्ली की फैशन स्टाइलिस्ट तनुश्री सिंह के अनुसार सबसे पहले, फैब्रिक का चुनाव करें। सर्दियों में वेल्वेट, सिल्क या ब्रॉकेड का इस्तेमाल करें, जो न केवल गर्मी देगा, बल्कि शाही लुक भी प्रदान करेगा। टॉप में एंब्रॉयडरी या सीक्विन वर्क इसे और आकर्षक बना सकता है। डिजाइन की बात करें तो आप पफ स्लीव्स, बैल स्लीव्स या लेस स्लीव्स के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं। अगर आप सिंपल लुक चाहती हैं, तो प्लेन स्लीव्स के साथ हाई नेक या कॉलर डिजाइन चुनें। वहीं, बोल्ड लुक के लिए डीप नेकलाइन का विकल्प लें। लहंगे की लंबाई और घेर के हिसाब से टॉप का डिजाइन तय करें। फ्लोई लहंगे के साथ फिटेड टॉप बेहतरीन लगता है, जबकि स्ट्रेट कट लहंगे के साथ थोड़ा ढीला टॉप अच्छा दिखता है। रंगों का मेल भी बेहद अहम है। मोनोक्रोम लुक के लिए टॉप और लहंगे का रंग एक जैसा रखें। अगर आपको कंट्रास्ट पसंद है, तो गहरे और हल्के शेड्स का कॉम्बिनेशन आजमाएं। उदाहरण के लिए, पेस्टल लहंगे के साथ गहरे रंग का टॉप या ब्राइट लहंगे के साथ सफेद या बेज टॉप एक क्लासी लुक देता है। एक्सेसरीज के साथ इसे कंप्लीट करना न भूलें। चोकर या लॉन्ग नेकलेस, स्टेटमेंट ईयररिंग्स और बेल्ट के साथ यह लुक और भी निखर जाएगा। फुटवियर में मोजड़ी या हील्स चुनें। सही हेयरस्टाइल और मेकअप के साथ यह परिधान आपको भीड़ में अलग खड़ा करेगा। फुल स्लीव्स टॉप और लहंगे का यह कॉम्बिनेशन पारंपरिक और आधुनिकता का शानदार मेल है।
लुधियाना में नए SMO ने की सिविल अस्पताल में RAID:चार्ज संभालने से पहले एक्शन मूड;बोले-मरीज से नरमी बरते स्टाफ और डाक्टर
लुधियाना में नए SMO ने की सिविल अस्पताल में RAID:चार्ज संभालने से पहले एक्शन मूड;बोले-मरीज से नरमी बरते स्टाफ और डाक्टर लुधियाना में आज नए SMO डा. हरप्रीत सिंह ने सिविल अस्पताल में चार्ज लेना है। चार्ज लेने से पहले मंगलवार रात डा. हरप्रीत सिंह ने अस्पताल की ग्राउंड रिपोर्ट चैक की। करीब 1 घंटा वह अस्पताल में आम आदमी की तरह गुपचुप तरीके से घुमते रहे। डॉ. हरप्रीत सिंह ने किसी को भी अपनी पहचान नहीं बताई। उन्होंने अपनी गाड़ी भी सिविल अस्पताल की पार्किंग में लगाने की बजाय अस्पताल के बाहर की खड़ी कर दी। इसके बाद वह एक-एक करके अस्पताल की इमरजेंसी, मदर एंड चाइल्ड अस्पताल, मेल-फीमेल वार्ड, ब्लड बैंक व अन्य विभागों में घूमने लग गए। डा. हरप्रीत को अस्पताल में कई कमीयां मिली है। उन्होंने स्टाफ और डाक्टरों को सख्त आदेश दिए है कि मरीजों के साथ बेहद नरमी से व्यवहार किया जाए। चार्ज संभालने से जरूरी थी ग्राउंड रिर्पोट समझनी-डॉ. हरप्रीत
डॉ. हरप्रीत ने दैनिक भास्कर से बातचीत दौरान कहा कि बुधवार सुबह चार्ज संभालने के बाद उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर्स व स्टाफ से मीटिंग आज करनी है। इस कारण जरुरी था कि पहले खुद एक आम व्यक्ति की तरह अस्पताल में घुम कर वहां के हालात जानना। सबसे जरूरी यही जानना था कि मरीजों के साथ स्टाफ किस तरह का बर्ताव करता है। यह भी जानना चाहते थे कि अस्पताल में कहां-कहां पर कोई समस्याएं हैं ताकि उनका हल किया जा सके। अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं को किया जाए सुनिश्चित
डॉ. हरप्रीत ने कहा कि अस्पताल में सुविधाएं तो बढ़ाई ही जाएंगी लेकिन उससे पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो सुविधाएं उपलब्ध हैं, उनका मरीजों को लाभ जरूर मिले। इसके अलावा मरीजों को बेवजह रेफर करने से भी गुरेज करने को कहा जाएगा। डॉ. हरप्रीत ने कहा कि अस्पताल में सीवरेज समेत कई डेवलपमेंट वर्क चल रहे हैं जिन्हें समय पर पूरा करवाया जाएगा। यह देखने को मिला है कि मरीजों को पीने के पानी की काफी समस्या है। सीवरेज सिस्टम का बुराहाल है जिसे जल्द सही भी करवाया जा रहा है। बेड की संख्या भी चैक करवाई जा रही है SMO ने कोशिश की लेकिन स्टाफ पहचान लिया
यहां बता दें कि SMO ने पूरी कोशिश की कि यहां पर कोई उन्हें पहचान ना सके ताकि वह असल ग्राउंड रिपोर्ट हासिल कर सकें लेकिन डॉ. हरप्रीत सिंह करीब 17 साल तक सिविल अस्पताल में बतौर शिशु रोग विशेषज्ञ तैनात रह चुके हैं, इसलिए काफी स्टाफ ने उन्हें पहचान ही लिया।
सांसद अमृतपाल को अभी तक नहीं मिला नोटिस:हाईकोर्ट में सुनवाई में सामने आई बात, परिवार ने लेने से किया मना
सांसद अमृतपाल को अभी तक नहीं मिला नोटिस:हाईकोर्ट में सुनवाई में सामने आई बात, परिवार ने लेने से किया मना डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के खिलाफ दायर चुनावी याचिका की आज (17 जनवरी) को पंजाब एंड हरियाणा अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान सामने आया हाईकोर्ट का नोटिस अभी तक अमृतपाल सिंह को नहीं मिल पाया है। जबकि अमृतपाल सिंह का परिवार पहले ही नोटिस लेने से इनकार कर चुका है। ऐसे में अब हाईकोर्ट ने अब नोटिस सर्व करने के लिए अन्य विकल्प तलाशने के दिए आदेश दिए है। जबकि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है अब, समाचार पत्रों के जरिए नोटिस की पब्लिकेशन की जाएगी। ऐसे दायर हुई थी याचिका अमृतपाल सिंह के खिलाफ विक्रमजीत सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। अमृतपाल सिंह का घोषणापत्र गुरुद्वारे से जारी किया गया था। इसे गलत करार दिया गया है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचे विक्रमजीत सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि अमृतपाल सिंह ने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। अपने चुनाव खर्च की कोई जानकारी नहीं दी है, जिसमें उनके समर्थन में रोजाना कई सभाएं की गईं और पैसा कहां खर्च किया गया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने अमृतपाल सिंह पर धार्मिक पहचान का इस्तेमाल कर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था मामला अमृतपाल सिंह के निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंची थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है, और इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति संसद की सीट भरने के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि इसके लिए प्रक्रियाएं निर्धारित हैं और जन प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान हैं।