फतेहाबाद में विधानसभा चुनावों के बाद अब चेयरमैन व चेयरपर्सनों की कुर्सियों पर खतरे मंडरा रहे हैं। भट्टू ब्लाक समिति चेयरपर्सन ज्योति लूणा बीते दिवस अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रही तो अब रतिया चेयरमैन की कुर्सी दांव पर है। कांग्रेस समर्थित चेयरमैन केवल मेहता के खिलाफ मंगलवार को 16 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अपने एफिडेविट दिए हैं। इनमें से 16 सदस्य आज डीसी से मिलने फतेहाबाद लघु सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। जानकारी के अनुसार रतिया ब्लाक समिति चेयरमैन केवल कृष्ण मेहता पूर्व विधायक लक्ष्मण नापा समर्थित हैं। नापा ने जब भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन की तो वे भी उनके पीछे कांग्रेस के खेमे में चले गए थे। ब्लाक समिति के कुल 22 में से आज 16 सदस्य डीसी से मिलने आए। डीसी से मिलने आए सदस्यों ने कहा कि रतिया चेयरमैन अपना विश्वास खो चुके हैं। ऐसे में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाने की आज मांग की गई है। उन्होंने बताया कि कुल 16 मेंबर ने एफिडेविट दिया है, इनमें से एक मेंबर कारणवश यहां नहीं पहुंचा, लेकिन उसका एफिडेविट भी है। आज ज्ञापन पर हस्ताक्षर देने वालों में बग्गा सिंह, पालो कौर, सुखदीप कौर, विकास कुमार, जसबीर कौर, सिमरनजीत कौर, आशा रानी, लखा राम, ऊषा रानी, अवतार सिंह, मनजीत सिंह, सुमनप्रीत कौर, सुनील कुमार, जयवीर सिंह, राजविंद्र कौर व नवीन शामिल हैं। बता दें कि 8 नवंबर को भट्टू के 15 से ज्यादा ब्लाक समिति सदस्य भी डीसी से मिले थे और अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग की मांग की थी। जिसके बाद 18 तारीख तय की गई थी, लेकिन एडीसी के छुट्टी पर जाने के चलते मीटिंग नहीं हो पाई। उधर सदस्यों की संख्या में कमी होने की बात भी सामने आई थी। फतेहाबाद में विधानसभा चुनावों के बाद अब चेयरमैन व चेयरपर्सनों की कुर्सियों पर खतरे मंडरा रहे हैं। भट्टू ब्लाक समिति चेयरपर्सन ज्योति लूणा बीते दिवस अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रही तो अब रतिया चेयरमैन की कुर्सी दांव पर है। कांग्रेस समर्थित चेयरमैन केवल मेहता के खिलाफ मंगलवार को 16 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर अपने एफिडेविट दिए हैं। इनमें से 16 सदस्य आज डीसी से मिलने फतेहाबाद लघु सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। जानकारी के अनुसार रतिया ब्लाक समिति चेयरमैन केवल कृष्ण मेहता पूर्व विधायक लक्ष्मण नापा समर्थित हैं। नापा ने जब भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन की तो वे भी उनके पीछे कांग्रेस के खेमे में चले गए थे। ब्लाक समिति के कुल 22 में से आज 16 सदस्य डीसी से मिलने आए। डीसी से मिलने आए सदस्यों ने कहा कि रतिया चेयरमैन अपना विश्वास खो चुके हैं। ऐसे में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाने की आज मांग की गई है। उन्होंने बताया कि कुल 16 मेंबर ने एफिडेविट दिया है, इनमें से एक मेंबर कारणवश यहां नहीं पहुंचा, लेकिन उसका एफिडेविट भी है। आज ज्ञापन पर हस्ताक्षर देने वालों में बग्गा सिंह, पालो कौर, सुखदीप कौर, विकास कुमार, जसबीर कौर, सिमरनजीत कौर, आशा रानी, लखा राम, ऊषा रानी, अवतार सिंह, मनजीत सिंह, सुमनप्रीत कौर, सुनील कुमार, जयवीर सिंह, राजविंद्र कौर व नवीन शामिल हैं। बता दें कि 8 नवंबर को भट्टू के 15 से ज्यादा ब्लाक समिति सदस्य भी डीसी से मिले थे और अविश्वास प्रस्ताव की मीटिंग की मांग की थी। जिसके बाद 18 तारीख तय की गई थी, लेकिन एडीसी के छुट्टी पर जाने के चलते मीटिंग नहीं हो पाई। उधर सदस्यों की संख्या में कमी होने की बात भी सामने आई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में बस में लगी आग:8 यात्री झुलसे; गाड़ी में थी 350 सवारी, दिल्ली जा रही थी, हाईवे पर लगा जाम पानीपत के समालखा कस्बे में नेशनल हाईवे-44 पर एक बड़ा हादसा हो गया। जहां एक निजी बस में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग लगने से 8 मजदूर झुलस गए, जिनमें से 4 को गंभीर हालत में खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे के बाद ड्राइवर ने बस को साइड में लगा कर यात्रियों को नीचे उतारा। नीचे उतरने के बाद यात्रियों में लिए भगदड़ सा माहौल हो गया। मौके पर राहगीरों की भी भीड़ जमा हो गई। आग बढ़ती देख तुरंत कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल कर पुलिस और दमकल को मौके पर बुलाया गया। दमकल ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। आग लगने के सही कारणों का तो पता नहीं चला है। मजदूरों की माने तो बस में रखे ज्वलनशील पदार्थ में विस्फोट होने से आग लगी। बस में सवार थे 350 लोग
जानकारी के अनुसार पानीपत से दिल्ली जा रही प्राइवेट बस में समालखा फ्लाई ओवर पर अचानक आग लग गई। बस में करीब 350 यात्री सवार थे। इनमें 8 यात्री झुलस गए। दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आगजनी के बाद हाईवे पर भी लंबा जाम लग गया। जिसे यातायात पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सुचारु करवाया। टूरिस्ट बस में लगी आग से 8 मजदूर झुलसे
मुन्ना खान (50), छत्रपाल (28), पंकज (30) और मिथुन (38) की हालत गंभीर होने के कारण समालखा सामान्य अस्पताल से खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। जबकि मयंक (17), पिन्टू (17), हरीश (28) व घनवीर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
हरियाणा में टैक्स फ्री साबरमती रिपोर्ट:CM सैनी ने देर रात की घोषणा; बोले- इतिहास की शर्मनाक घटना, फिल्म में सच्चाई दिखाई
हरियाणा में टैक्स फ्री साबरमती रिपोर्ट:CM सैनी ने देर रात की घोषणा; बोले- इतिहास की शर्मनाक घटना, फिल्म में सच्चाई दिखाई हरियाणा में साबरमती रिपोर्ट फिल्म टैक्स फ्री होगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने देर रात फिल्म देखने के इसकी घोषणा की। उन्होंने चंडीगढ़ में फिल्म देखने के बाद कहा, फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा में हुए साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की घटना पर आधारित है। इस फिल्म में हमारे हाल के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं से घटना की महत्वपूर्ण सच्चाई को दिखाया गया है। फिल्म निर्माताओं ने इस मुद्दे को बहुत ही संवेदनशीलता और गरिमा के साथ संभाला है। यह मुद्दा हम सभी के लिए आत्ममंथन करने का,कि किस तरह से स्वार्थ के कुछ लोगों ने राजनीति की गई। इस फिल्म के माध्यम से 59 निर्दोष पीड़ितों को भी अपनी बात कहने का मौका मिला है। पूरी कैबिनेट के साथ देखी फिल्म
सीएम नायब सिंह सैनी ने अपनी कैबिनेट के साथ मंगलवार शाम को चंडीगढ़ आईटी पार्क के डीटी मॉल में अपने मंत्रियों के साथ फिल्म देखने पहुंचे थे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। इसके अलावा, बीजेपी विधायक भी फिल्म का मजा लेने के लिए आए थे। इस दौरान फिल्म की डायरेक्टर एकता कपूर भी मौजूद रही। PM मोदी भी कर चुके तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गोधरा कांड पर बनी फिल्म साबरमती रिपोर्ट की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने एक यूजर की साबरमती रिपोर्ट पर की गई पोस्ट को X पर रीट्वीट करके लिखा- “यह अच्छी बात है कि सच सामने आ रहा है, वो भी इस तरह से कि आम जनता भी इसे देख सके। झूठी धारणा सिर्फ कुछ वक्त कायम रह सकती है, हालांकि तथ्य सामने आता ही है।”फिल्म साबरमती रिपोर्ट 15 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म में विक्रांत मैसी मुख्य भूमिका में हैं। ट्रेलर रिलीज से आई विवाद में ’द साबरमती रिपोर्ट के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही फिल्म विवादों में आ गई थी। फिल्म के लीड एक्टर विक्रांत मैसी ने बताया कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। यहां तक कि विरोधी उनके 9 महीने के बच्चे को भी नहीं छोड़ रहे। उसके बारे में भी अनाप-शनाप बोल रहे हैं।इस बात का खुलासा खुद विक्रांत मैसी ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में किया है। विक्रांत ने कहा कि गोधरा कांड की आग में कइयों ने रोटियां सेंकी हैं, लेकिन जो मारे गए, वे सिर्फ आंकड़े बनकर रह गए।
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हरियाणा BJP विधायक ने टिकट कटते ही पार्टी छोड़ी:आधी रात प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा देकर दिल्ली रवाना, कांग्रेस जॉइन करेंगे हरियाणा के फतेहाबाद की रतिया विधानसभा से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने टिकट कटने पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने टिकट की घोषणा के बाद आधी रात को ही अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को भेज दिया। इसके बाद वह रात को ही काफिले के साथ दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में वे दोपहर बाद करीब 4 बजे कांग्रेस जॉइन करेंगे। भूपेंद्र हुड्डा उन्हें पार्टी में शामिल करेंगे। बीती रात को भाजपा ने 67 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की। जिसमें रतिया से लक्ष्मण नापा की जगह पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दी गई है। लक्ष्मण नापा का इस्तीफा… नापा ने पहले ही बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन से रतिया से सुनीता दुग्गल को उम्मीदवार बनाने की चर्चा चल रही थी। जिसके बाद से ही नापा लगातार पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंगें करवाकर पार्टी को बगावती तेवर दिखा रहे थे। 29 अगस्त को विधायक लक्ष्मण नापा और जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा ने स्थानीय वर्करों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि रतिया से स्थानीय नेता को ही टिकट दी जाए। यदि बाहरी उम्मीदवार को टिकट दी गई तो उसका खुलकर विरोध किया जाएगा। लेटर में 3 नेताओं के नाम शामिल
मीटिंग के बाद एक लेटर भी जारी किया गया, जिसमें 3 स्थानीय नेताओं के नाम रखे गए। इन तीनों नेताओं को ही टिकट का दावेदार बताया गया। इनमें विधायक लक्ष्मण नापा, जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के साथ-साथ भाजपा नेता मुख्तार सिंह बाजीगर का नाम शामिल था। साथ ही इस पत्र पर तीनों नेताओं के हस्ताक्षर भी करवाए गए। उम्मीदवारों को लेकर जारी किया लेटर… इस लेटर के वायरल होने के बाद भाजपा नेताओं ने विधायक व जिला अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला था। भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव भवानी सिंह ने अन्य नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भवानी सिंह ने नापा और जिलाध्यक्ष पर साधा था निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भवानी सिंह ने कहा था कि एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें लिखा कि उक्त तीनों में से किसी को पार्टी टिकट दे तो ठीक, नहीं तो बाहरी उम्मीदवार का विरोध किया जाएगा। इससे वर्करों में भ्रम है। यह पार्टी आलाकमान को दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने के लिए किया जा रहा। उन्होंने कहा कि चाहे जिला अध्यक्ष हों या विधायक, दोनों जिम्मेदारी के पद पर हैं। पार्टी के प्रति उनमें निष्ठा होना चाहिए। किसी व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं। यदि शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर ही उंगली उठाते हैं तो उनमें अभी तक असली भाजपा आई ही नहीं है। कार्यकर्ता साथ होते तो नहीं हारतीं सुनीता दुग्गल
भिवानी सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार डॉ.अशोक तंवर को भी कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाने का काम किया। जिस तत्परता से काम होना था, वह नहीं हुआ। पार्टी जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के नेतृत्व में यह पहला लोकसभा चुनाव था। अगर बढ़िया काम हुआ होता तो इतनी बड़ी हार नहीं होती। उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन में सुनीता दुग्गल यहां से उम्मीदवार थीं। तब वह मात्र 400 वोटों से हार गई थीं। यदि उस समय भी तन-मन-धन से साथ दिया होता तो वह हारती नहीं। 18 साल से राजनीति में सक्रिय लक्ष्मण नापा
नापा 2006 से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने कांग्रेस से राजनीति शुरू की और फिर इनेलो में शामिल हो गए थे। 2011 में हुए उपचुनाव में वे आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान उतरे और हार गए थे। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और संघ के कई कार्यक्रमों में भाग लिया। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन पर दांव खेला। भाजपा का यह दांव सफल साबित हुआ और लक्ष्मण नापा रतिया से विधायक चुने गए। उन्होंने 55 हजार 160 वोट हासिल किए। नापा ने कांग्रेस उम्मीदवार जरनैल सिंह को 1216 वोटों के अंतर से हराया था।