हिट-एंड-रन दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को हिट-एंड-रन दुर्घटना मुआवजा स्कीम-2022 के तहत दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए पीड़ित परिवार को जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट संबंधित कागजात एसडीएम कार्यालय में जमा करवाने होते है। यह जानकारी देते हुए डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि हिट एंड रन मामले में मृत्यु हो जाने पर उसके पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल होने पर पीड़ित को इलाज के लिए 50 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। वाहन चालकों की नहीं हो पाती पहचान उन्होंने बताया कि हिट एंड रन मामले में सडक दुर्घटना के पीड़ितों में ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें घटना में शामिल गाड़ी चालक का पता नहीं चल पाता है, जिसमें अज्ञात चालक गाड़ी से पीड़ित को मारकर गाड़ी समेत भाग जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से ऐसे मामलों में किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए और गंभीर रूप से जख्मी पीड़ित को इलाज के लिए 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। ये कागजात है जरूरी डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठï ने बताया कि ऐसे मामले में आवेदन करने के लिए थाना में दर्ज एफआई की प्रति, मृत्यु हुए व्यक्ति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति, मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति, पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र की प्रति, आश्रित के आधार कार्ड की प्रति, मृतक के आधार कार्ड की प्रति, मृतक का फोटो, आश्रित का फोटो, आश्रित के बैंक पासबुक की प्रति आवश्यक है। हिट-एंड-रन दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को हिट-एंड-रन दुर्घटना मुआवजा स्कीम-2022 के तहत दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए पीड़ित परिवार को जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट संबंधित कागजात एसडीएम कार्यालय में जमा करवाने होते है। यह जानकारी देते हुए डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि हिट एंड रन मामले में मृत्यु हो जाने पर उसके पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल होने पर पीड़ित को इलाज के लिए 50 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। वाहन चालकों की नहीं हो पाती पहचान उन्होंने बताया कि हिट एंड रन मामले में सडक दुर्घटना के पीड़ितों में ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें घटना में शामिल गाड़ी चालक का पता नहीं चल पाता है, जिसमें अज्ञात चालक गाड़ी से पीड़ित को मारकर गाड़ी समेत भाग जाता है। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से ऐसे मामलों में किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपए और गंभीर रूप से जख्मी पीड़ित को इलाज के लिए 50 हजार रुपए दिए जाते हैं। ये कागजात है जरूरी डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठï ने बताया कि ऐसे मामले में आवेदन करने के लिए थाना में दर्ज एफआई की प्रति, मृत्यु हुए व्यक्ति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति, मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति, पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र की प्रति, आश्रित के आधार कार्ड की प्रति, मृतक के आधार कार्ड की प्रति, मृतक का फोटो, आश्रित का फोटो, आश्रित के बैंक पासबुक की प्रति आवश्यक है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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