हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस आज मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल तथा कानून मंत्री यादविंदर गोमा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार भी कर्मचारी हितैषी होने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए प्राथमिकता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सभी वर्गों का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दुख-दर्द भली भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां एक लाख 36 हजार से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है, वहीं उनको आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। 1000 करोड़ की अतिरिक्त राशि जारी की उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर इस वर्ष एक हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की करीब 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियों को लंबित रखा, जिसमें वेतन आयोग का एरियर व लंबित डीए शामिल है। वर्तमान प्रदेश सरकार इन देनदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रही है। दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया गया तथा 75 साल अधिक आयु के पेंशनरों को बकाया एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार रुपए भी जारी किए गए हैं। पेंशनरों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति निपटारे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री समय-समय पर कर्मचारियों के देय लाभ जारी कर रहे हैं। ओपीएस देने वाला हिमाचल पहला राज्य उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो एनपीएस के बाद ओपीएस दे रहा है। यह ओपीएस अब भाजपा सरकार के राज्यों के लिए गले की फांस बन रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने ओपीएस बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित किया तथा विधानसभा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर लाठियों तथा वाटर कैनन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब भी प्रदेश के बाहर जाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं तथा ओपीएस बहाली पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि उनको शोभा नहीं देता।उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी तथा जो भी मांगें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा रखी गई हैं उन सभी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का 59वां राज्य स्तरीय स्थापना दिवस आज मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल तथा कानून मंत्री यादविंदर गोमा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कर्मचारी सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं और प्रदेश सरकार भी कर्मचारी हितैषी होने के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए प्राथमिकता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ सभी वर्गों का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दुख-दर्द भली भांति समझते हैं। मुख्यमंत्री ने जहां एक लाख 36 हजार से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस देकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है, वहीं उनको आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। 1000 करोड़ की अतिरिक्त राशि जारी की उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने पर इस वर्ष एक हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की करीब 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियों को लंबित रखा, जिसमें वेतन आयोग का एरियर व लंबित डीए शामिल है। वर्तमान प्रदेश सरकार इन देनदारियों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा कर रही है। दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों को चार प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी किया गया तथा 75 साल अधिक आयु के पेंशनरों को बकाया एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार रुपए भी जारी किए गए हैं। पेंशनरों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति निपटारे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल के प्रति उदासीन रवैया अपना रखा है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री समय-समय पर कर्मचारियों के देय लाभ जारी कर रहे हैं। ओपीएस देने वाला हिमाचल पहला राज्य उन्होंने कहा कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जो एनपीएस के बाद ओपीएस दे रहा है। यह ओपीएस अब भाजपा सरकार के राज्यों के लिए गले की फांस बन रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने ओपीएस बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित किया तथा विधानसभा में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर लाठियों तथा वाटर कैनन का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अब भी प्रदेश के बाहर जाकर प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं तथा ओपीएस बहाली पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं, जो कि उनको शोभा नहीं देता।उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी तथा जो भी मांगें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा रखी गई हैं उन सभी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को 51 हजार रुपए देने की घोषणा की। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मतदान में नीचे से तीसरे पायदान पर जयसिंहपुर हलका है। यहां पर 62% वोटिंग हुई है। सुक्खू कैबिनेट में जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा मंत्री है। कम मतदान % में धर्मपुर हलका पांचवें नंबर है। धर्मपुर से विधायक एवं कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट चंद्रशेखर हैं। नीचे से छठे नंबर पर शिमला शहरी हलका है। इस सीट पर 63.12 प्रतिशत वोटिंग हुई है। यहां से कांग्रेस के विधायक हरीश जनारठा है। कृषि मंत्री के हलके में कम वोटिंग
सातवें पायदान पर विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया का हलका भटियात है। यहां पर 64.90% मतदान हुआ है। नौवें पायदान पर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र का ज्वाली विधानसभा है। ज्वाली से विधायक चंद्र कुमार सुक्खू कैबिनेट में कृषि मंत्री है। राजनीति के जानकारों की माने तो दिग्गजों के हलकों में कम वोटिंग कांग्रेस के लिए चिंता का कारण साबित हो सकती है। पूर्व CM के विधानसभा में बंपर वोटिंग
वहीं बंपर वोटिंग वाले टॉप-10 हलकों में 5 बीजेपी और कांग्रेस के 3 ही विधायक जीते हुए हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा बंपर वोटिंग पूर्व CM जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा सराज में 79.22% हुई है। सराज के बाद नाचन में 77.47% मतदान हुआ है। इस हलके से विधायक बीजेपी के विनोद कुमार हैं। टॉप-10 हलके में शुमार बलह में 76.87% वोटिंग हुई। यहां से बीजेपी के इंद्र सिंह गांधी MLA है। कुटलैहड़ में 76.38% वोटिंग हुई है। 2022 में जरूर यहां की जनता ने कांग्रेस को जनता ने जनादेश दिया था। मगर अभी यहां उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। 75.60% मतदान के साथ सुंदरनगर पांचवें नंबर पर रहा। इस सीट से भी बीजेपी के विधायक राकेश जम्वाल हैं। पोलिंग में छठे नंबर जुब्बल कोटखाई हलका है। यहां पर 75.48% मतदान हुआ है। जुब्बल कोटखाई से कांग्रेस सरकार में मंत्री रोहित ठाकुर MLA हैं। इसी तरह 75.25% मतदान के साथ आठवें स्थान पर कसौली हलका है। कसौली हलके से MLA कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी है, जो शिमला संसदीय सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट हैं। उनके गृह हलके में हेवी पोलिंग कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है।
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