AMU की स्थापना में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के पूर्वजों की रही अहम भूमिका? यहां पढ़ें डिटेल

AMU की स्थापना में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के पूर्वजों की रही अहम भूमिका? यहां पढ़ें डिटेल

<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh Muslim University News:</strong> भारत पाकिस्तान तनाव के दौरान भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया था. जिसपर अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान ने <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> पर अपनी टिप्पणी दी थी. जिसके बाद 18 मई रविवार को हरियाणा पुलिस ने उन्हें उनके ही आवास से गिरफ्तार किया था. बता दे कि अली खान महमूदाबाद एक ऐसे राजघराने परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में अपना योगदान दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विभाग के प्रोफेसर अली खान उत्तर प्रदेश के एक राज परिवार से संबंध रखते हैं. अली खान के पिता महमूदाबाद रियासत के राजा थे. राजा महमूद काफी पढ़े लिखे व्यक्ति थे. जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र को हमेशा बढ़ावा देने का काम किया. महमूदाबाद के पूर्वजों में से एक महाराजा सर मोहम्मद अली मोहम्मद खान एक ऐसे राजा थे, जिन्होंने मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (MAO) कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में बदलने का काम किया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AMU के पहले कुलपति महमूदाबाद के राजा<br /></strong>इसके बाद महमूदाबाद साल 1906 में एमओ कॉलेज के ट्रस्टी बने. ट्रस्टी बनने के बाद उन्होंने इसे एएमयू बनाने के लिए कॉलेज फंड में एक लाख रुपये दान किए थे. &nbsp;इस संबंध में एक किताब ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: द किंग ऑफ द मॉर्डन इंडियन मुस्लिम’ में एमएओ कॉलेज को एएमयू में तब्दील करने की महमूदाबाद के राजा की अहम भूमिका का जिक्र किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महमूदाबाद के राजा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का प्रारूप बनाने वाली समिति का भी नेतृत्व किया था. जिसे साल 1911 में शिमला में वायसराय की परिषद की शिक्षा कमेटी के सदस्य हरकोर्ट बटलर को सौंपा गया था. जिसके बाद बटलर ने इस संबंध में संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर जेपी हेवेट को पत्र लिखकर उनका समर्थन मांगते हुए कहा कि, ‘मुसलमानों को उनका विश्वविद्यालय दिया जाना चाहिए.’ बता दें कि महमूदाबाद के राजा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति बने थे, जबकि विश्वविद्यालय की पहली चांसलर भोपाल की शासक सुल्तान जहां बेगम बनी थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-news-big-relief-to-samajwadi-party-leader-vinay-shankar-tiwari-2948514″>सपा नेता विनय शंकर तिवारी को बड़ी राहत, ED केस में मिली जमानत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh Muslim University News:</strong> भारत पाकिस्तान तनाव के दौरान भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया था. जिसपर अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान ने <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> पर अपनी टिप्पणी दी थी. जिसके बाद 18 मई रविवार को हरियाणा पुलिस ने उन्हें उनके ही आवास से गिरफ्तार किया था. बता दे कि अली खान महमूदाबाद एक ऐसे राजघराने परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में अपना योगदान दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विभाग के प्रोफेसर अली खान उत्तर प्रदेश के एक राज परिवार से संबंध रखते हैं. अली खान के पिता महमूदाबाद रियासत के राजा थे. राजा महमूद काफी पढ़े लिखे व्यक्ति थे. जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र को हमेशा बढ़ावा देने का काम किया. महमूदाबाद के पूर्वजों में से एक महाराजा सर मोहम्मद अली मोहम्मद खान एक ऐसे राजा थे, जिन्होंने मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (MAO) कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में बदलने का काम किया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AMU के पहले कुलपति महमूदाबाद के राजा<br /></strong>इसके बाद महमूदाबाद साल 1906 में एमओ कॉलेज के ट्रस्टी बने. ट्रस्टी बनने के बाद उन्होंने इसे एएमयू बनाने के लिए कॉलेज फंड में एक लाख रुपये दान किए थे. &nbsp;इस संबंध में एक किताब ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: द किंग ऑफ द मॉर्डन इंडियन मुस्लिम’ में एमएओ कॉलेज को एएमयू में तब्दील करने की महमूदाबाद के राजा की अहम भूमिका का जिक्र किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महमूदाबाद के राजा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का प्रारूप बनाने वाली समिति का भी नेतृत्व किया था. जिसे साल 1911 में शिमला में वायसराय की परिषद की शिक्षा कमेटी के सदस्य हरकोर्ट बटलर को सौंपा गया था. जिसके बाद बटलर ने इस संबंध में संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर जेपी हेवेट को पत्र लिखकर उनका समर्थन मांगते हुए कहा कि, ‘मुसलमानों को उनका विश्वविद्यालय दिया जाना चाहिए.’ बता दें कि महमूदाबाद के राजा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति बने थे, जबकि विश्वविद्यालय की पहली चांसलर भोपाल की शासक सुल्तान जहां बेगम बनी थी.&nbsp;</p>
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