<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के अररिया में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने शुक्रवार को ई शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा. लेकिन डीपीओ रवि रंजन प्रसाद द्वारा जारी किया गया नोटिस सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहा है. क्योंकि जिन 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनमें उन शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं जिनकी पिछले साल 2024 में मौत हो चुकी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बगैर समीक्षा किए जारी किया लेटर</strong><br />बता दें कि शिक्षा विभाग की तरफ से सभी शिक्षकों को प्रतिदिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने का आदेश दिया गया है. जिसकी मानिटरिंग के लिए जिला स्तर पर कमेटी भी बनाई गई है. जो प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा करती है. ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले के 1024 शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की थी. इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति नहीं दर्ज होते देख डीपीओ स्थापना ने आनन-फानन में सभी 1024 शिक्षकों से जवाब तलब किया. लेकिन इसमें आधा दर्जन ऐसे शिक्षकों के नाम भी शामिल थे. जिनकी पिछले साल मौत हो चुकी है, वे इस बात से अनभिज्ञ थे. हैरान की बात यह है कि शिक्षक की मौत होने के बाद भी पोर्टल से मृत शिक्षकों का नाम नहीं हटाया गया. शिक्षा विभाग की ये घोर लापरवाही लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन शिक्षकों की पिछले साल हो चुकी है मौत</strong><br />जानकार बताते हैं कि डीपीओ स्थापना द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में परमानंद ऋषिदेव, मंजूर आलम, नसीम अख्तर, विश्वबंधु ठाकुर, अफसाना खातून, मो. कासिम, सादिक अनवर, बीबी नहार, अंतेश कुमार सिंह, देवानंद मंडल, मनोज कुमार पटवे का देहांत पिछले वर्ष 2024 में हो गया था. इनके अलावा कई ऐसे शिक्षक भी हैं जो सेवानिवृत चुके हैं उनसे भी विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहते अधिकारी?</strong><br />डीपीओ स्थापना रवि रंजन बताया कि विद्यालय के प्रधान व बीईओ की जिम्मेदारी थी कि ऐसे शिक्षक जिनकी मौत हो चुकी है. वे विभाग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. लेकिन उन्होंने विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई. अवलोकन के दौरान जिन शिक्षकों ने ई शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज नहीं की थी, उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया था. बताया कि विद्यालय के ऐसे प्रधानाध्यापकों ने जिन्होंने विभाग को मृत शिक्षकों की जानकारी नहीं दी थी, उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक</strong><br />डीपीओ स्थापना द्वारा शुक्रवार को पत्र निर्गत होते ही देर रात से फेसबुक, वाट्स एप आदि इंटरनेट मीडिया पर जिला शिक्षा कार्यालय का लोग मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. कोई विभाग की लापरवाही का जमकर मजाक उड़ा रहा था तो कोई विभाग के तुगलकी फरमान की निंदा कर रहा था. शिक्षक संघ के नेता जफर रहमानी ने लिखा है कि जिला शिक्षा कार्यालय ने एक ऐसा दुर्लभ रिकार्ड बनाया है. जो सौभाग्य अन्य जिलों को प्राप्त नहीं है. एक शिक्षक ने लिखा है कि अब कब्र से मुर्द भी जवाब देंगे. इसी प्रकार अन्य लोगों ने भी अपने-अपने अंदाज में विभाग पर निशाना साधा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है शिक्षक संघ?</strong><br />प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि विभाग को समीक्षा के उपरांत ही इस तरह के स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए. ऐसी भूल से विभाग को बचना चाहिए. इस तरह की गलती से लोगों के बीच शिक्षा विभाग के कार्यशैली पर चर्चा का विषय बन जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले 4-5 दिनों से जिले में सर्वर की समस्या है. इस कारण बहुत सारे शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहने के बावजूद भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर सके थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अररिया से राकेश कुमार की रिपोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें:<a title=” बिहार में कब तक सताएगी सर्दी? ठंड और कोहरे को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानें- मौसम का पूरा हाल” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-weather-update-today-20-january-2024-imd-forecast-dense-fog-cold-wave-patna-ka-mausam-2866423″ target=”_blank” rel=”noopener”> बिहार में कब तक सताएगी सर्दी? ठंड और कोहरे को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानें- मौसम का पूरा हाल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> बिहार के अररिया में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने शुक्रवार को ई शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा. लेकिन डीपीओ रवि रंजन प्रसाद द्वारा जारी किया गया नोटिस सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रहा है. क्योंकि जिन 1024 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनमें उन शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं जिनकी पिछले साल 2024 में मौत हो चुकी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बगैर समीक्षा किए जारी किया लेटर</strong><br />बता दें कि शिक्षा विभाग की तरफ से सभी शिक्षकों को प्रतिदिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने का आदेश दिया गया है. जिसकी मानिटरिंग के लिए जिला स्तर पर कमेटी भी बनाई गई है. जो प्रतिदिन ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा करती है. ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले के 1024 शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की थी. इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति नहीं दर्ज होते देख डीपीओ स्थापना ने आनन-फानन में सभी 1024 शिक्षकों से जवाब तलब किया. लेकिन इसमें आधा दर्जन ऐसे शिक्षकों के नाम भी शामिल थे. जिनकी पिछले साल मौत हो चुकी है, वे इस बात से अनभिज्ञ थे. हैरान की बात यह है कि शिक्षक की मौत होने के बाद भी पोर्टल से मृत शिक्षकों का नाम नहीं हटाया गया. शिक्षा विभाग की ये घोर लापरवाही लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन शिक्षकों की पिछले साल हो चुकी है मौत</strong><br />जानकार बताते हैं कि डीपीओ स्थापना द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में परमानंद ऋषिदेव, मंजूर आलम, नसीम अख्तर, विश्वबंधु ठाकुर, अफसाना खातून, मो. कासिम, सादिक अनवर, बीबी नहार, अंतेश कुमार सिंह, देवानंद मंडल, मनोज कुमार पटवे का देहांत पिछले वर्ष 2024 में हो गया था. इनके अलावा कई ऐसे शिक्षक भी हैं जो सेवानिवृत चुके हैं उनसे भी विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहते अधिकारी?</strong><br />डीपीओ स्थापना रवि रंजन बताया कि विद्यालय के प्रधान व बीईओ की जिम्मेदारी थी कि ऐसे शिक्षक जिनकी मौत हो चुकी है. वे विभाग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. लेकिन उन्होंने विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई. अवलोकन के दौरान जिन शिक्षकों ने ई शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज नहीं की थी, उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया था. बताया कि विद्यालय के ऐसे प्रधानाध्यापकों ने जिन्होंने विभाग को मृत शिक्षकों की जानकारी नहीं दी थी, उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोशल मीडिया पर उड़ा मजाक</strong><br />डीपीओ स्थापना द्वारा शुक्रवार को पत्र निर्गत होते ही देर रात से फेसबुक, वाट्स एप आदि इंटरनेट मीडिया पर जिला शिक्षा कार्यालय का लोग मजाक उड़ाना शुरू कर दिया. कोई विभाग की लापरवाही का जमकर मजाक उड़ा रहा था तो कोई विभाग के तुगलकी फरमान की निंदा कर रहा था. शिक्षक संघ के नेता जफर रहमानी ने लिखा है कि जिला शिक्षा कार्यालय ने एक ऐसा दुर्लभ रिकार्ड बनाया है. जो सौभाग्य अन्य जिलों को प्राप्त नहीं है. एक शिक्षक ने लिखा है कि अब कब्र से मुर्द भी जवाब देंगे. इसी प्रकार अन्य लोगों ने भी अपने-अपने अंदाज में विभाग पर निशाना साधा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कहता है शिक्षक संघ?</strong><br />प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि विभाग को समीक्षा के उपरांत ही इस तरह के स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए. ऐसी भूल से विभाग को बचना चाहिए. इस तरह की गलती से लोगों के बीच शिक्षा विभाग के कार्यशैली पर चर्चा का विषय बन जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले 4-5 दिनों से जिले में सर्वर की समस्या है. इस कारण बहुत सारे शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहने के बावजूद भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर सके थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अररिया से राकेश कुमार की रिपोर्ट</strong></p>
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