<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जेडीयू के अभिषेक झा उम्मीदवार होंगे. देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बन जाने से यह सीट खाली हुई है. बता दें कि नियमानुसार, पद रिक्त होने के छह महीने के अंदर तक निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है. छह माह की अवधि 14 दिसंबर को पूरी हो रही है. इससे पहले चुनाव कराने से संबंधित प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के स्तर से शुरू कर दी गई है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जेडीयू के अभिषेक झा उम्मीदवार होंगे. देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बन जाने से यह सीट खाली हुई है. बता दें कि नियमानुसार, पद रिक्त होने के छह महीने के अंदर तक निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है. छह माह की अवधि 14 दिसंबर को पूरी हो रही है. इससे पहले चुनाव कराने से संबंधित प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के स्तर से शुरू कर दी गई है.</p> बिहार लेखपाल बनते ही पत्नी ने छोड़ दिया पति का साथ, 5 साल पहले ही की थी लव मैरिज
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रेवाड़ी में BJP के 3 बागी नेता लेंगे निर्णय:पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार ने बुलाई बैठक, टिकट कटने पर पार्टी से की बगावत
रेवाड़ी में BJP के 3 बागी नेता लेंगे निर्णय:पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार ने बुलाई बैठक, टिकट कटने पर पार्टी से की बगावत हरियाणा के रेवाड़ी जिले की सियासत के लिए आज बड़ा दिन होने वाला हैं। कोसली से टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज बीजेपी के पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार ने रविवार को अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई हैं। इस मीटिंग में ठेकेदार चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इधर रेवाड़ी सीट से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी ने भी बड़ी मीटिंग बुलाई हैं। सन्नी पहले ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। उनके पैतृक गांव बुढ़पुर में होने वाली पंचायत में औपचारिक ऐलान संभव हैं। वहीं सतीश यादव के भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं। उन्होंने ने भी अपने कार्यालय पर आज कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई हुई हैं। टिकट वितरण के बाद रेवाड़ी जिले के भाजपा नेताओं में असंतोष पैदा हो गया था। पीपीपी के स्टेट कोआर्डिनेटर सतीश खोला निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला वापस ले चुके हैं। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास से सीएम नायब सैनी के अलावा अन्य सीनियर नेताओं ने बात की हैं। उन्हें भी मनाने की कोशिशें की जा रही है। इसके अलावा पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव भी टिकट नहीं मिलने से मायूस हैं। उन्हें मनाने के लिए खुद रेवाड़ी से प्रत्याशी बनाए गए लक्ष्मण सिंह यादव उनके घर पहुंचे थे। हालांकि डॉ. अरविंद यादव की तरफ से अभी किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया गया हैं। वह नाराज जरूर हैं, लेकिन उनके बगावती होने की संभावनाएं बहुत कम है। 2014 में पहली बार विधायक बने थे बिक्रम ठेकेदार पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार 2014 में पहली बार कोसली सीट से बीजेपी की टिकट पर विधायक बने थे। उन्हें राव इंद्रजीत सिंह की पैरवी के चलते टिकट मिली थी और राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली पहली सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया था। हालांकि बिक्रम ठेकेदार का मंत्री के रूप में कार्यकाल मात्र डेढ़ साल रहा। इसके बाद 2019 में उनकी टिकट कट गई। राव इंद्रजीत सिंह से लगातार दूरियां बढ़ती चली गई। 2024 में एक बार फिर बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन टिकट नहीं मिलने पर अब नाराज हैं। सतीश और सन्नी दोनों निर्दलीय चुनाव लड़ दिखा चुके ताकत रेवाड़ी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव 2009 में पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रेवाड़ी से चुनाव लड़े थे। अपने पहले ही चुनाव में सतीश ने 35 हजार से ज्यादा वोट हासिल की थी। 2014 में वह इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़े और फिर से 35 हजार से ज्यादा वोट मिले। लेकिन दोनों बार जीत नसीब नहीं हो पाई। 2019 के चुनाव में सतीश ने रणधीर सिंह कापड़ीवास का समर्थन किया था। रणधीर सिंह ने भी 36 हजार से ज्यादा वोट हासिल की। भले ही खुद नहीं जीत पाए लेकिन बीजेपी के कैंडिडेट सुनील मुसेपुर की हार में उनका अहम रोल था। कापड़ीवास ने मुसेपुर को टिकट मिलने पर बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। इसी तरह पूर्व जिला पार्षद प्रशांत उर्फ सन्नी दो बार 2014 और 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं। युवा चेहरे के तौर पर दोनों चुनाव में सन्नी ने 20 हजार से ज्यादा वोट लिए। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सन्नी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। उन्हें भी इस बार टिकट की उम्मीद थी, लेकिन बीजेपी ने इग्नोर कर दिया। जिसके चलते वह निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
अयोध्या में NSG का मॉक ड्रिल:राम मंदिर-हनुमानगढ़ी सहित शहर में कमांडो उतरे, आतंकियों से निपटने का रिहर्सल किया
अयोध्या में NSG का मॉक ड्रिल:राम मंदिर-हनुमानगढ़ी सहित शहर में कमांडो उतरे, आतंकियों से निपटने का रिहर्सल किया राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडो ने शुक्रवार रात अयोध्या में मॉक ड्रिल की। NSG टीम ATS, STF, PAC, पुलिस, सेना की टुकड़ी के साथ सड़क पर उतरी। बख्तरबंद गाड़ियों के काफिले के साथ NSG रामपथ से निकली। टेढ़ी बाजार में थोड़ी देर रुकने के बाद कमांडो आगे बढ़े। राम जन्मभूमि परिसर के गेट नंबर 11 से जवान श्रीराम जन्मभूमि परिसर में दाखिल हुए। काफिले में पुलिस के अलावा प्रशासन के अधिकारी, एंबुलेंस और आपात व्यवस्था से जुड़े अन्य वाहन भी शामिल रहे। रूट खाली कराने के लिए आगे ट्रैफिक पुलिस चल रही थी। जवानों ने इमरजेंसी में सुरक्षा संभालने या आतंकियों से निपटने का रिहर्सल भी किया। NSG के जवान 17 जुलाई को यहां पहुंचे थे। दो दिन की गोपनीय बैठक और सादी वर्दी में प्रमुख जगहों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। तीसरे दिन यानी शुक्रवार रात पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा में उतरे। मॉक ड्रिल करते हुए NSG कमांडो हनुमानगढ़ी पहुंचे। इसके बाद दशरथ महल होते हुए भक्ति पथ चले गए। मॉक ड्रिल रात करीब 10 बजे शुरू होकर 11 बजे तक चली। पहले 3 विजुअल देखिए- अभी SSF के हाथों में मंदिर की सुरक्षा
श्रीराम जन्मभूमि परिसर और मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी SSF यानी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के हाथों में हैं। मंदिर की सुरक्षा में 200 जवान तैनात हैं। UP सरकार ने PAC और पुलिस के जवानों को मिलाकर SSF का गठन किया। SSF जवानों के साथ ही अब मंदिर की सुरक्षा में कमांडो भी तैनात रहेंगे। रोज डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंच रहे राम मंदिर
22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। तब से हर दिन करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। वीकएंड और पर्व पर यह संख्या दो लाख तक पहुंच जाती है। यही नहीं, देश-दुनिया के वीआईपी भी लगातार मंदिर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर पर आतंकी हमले को लेकर धमकियां मिलती रही हैं। ऐसे में मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने अयोध्या में NSG की यूनिट शुरू करने का फैसला लिया है। यह यूनिट अयोध्या में ही रखकर मंदिर की सुरक्षा संभालेंगी। दरअसल, 22 जुलाई से अयोध्या में सावन में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। सात अगस्त से मणिपर्वत झूला मेले के साथ अयोध्या का 12 दिवसीय सावन झूला मेला शुरू होगा। एक हजार मंदिरों में होने वाले उत्सव में लाखों भक्त रोज आएंगे। राम मंदिर के पास स्थित रंगमहल सहित कुछ मंदिरों में 22 जुलाई से एक माह तक झूला उत्सव होता है। सावन में लाखों कांवड़ भक्त सरयू का स्नान कर नागेश्वरनाथ भगवान का जल से अभिषेक करते हैं। इन त्योहारों से पहले और पिछले दिनों राम मंदिर को उड़ाने की धमकियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं। अयोध्या में NSG हब बनाने की तैयारी
अयोध्या की सुरक्षा को पूरी तरह दुरुस्त करने के लिए यहां NSG का हब बनाने की तैयारी है। सुरक्षा संबंधी सूचनाओं के बेहतर समन्वय के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 11 करोड़ की लागत से इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है। इस भवन में पुलिस, CRPF, SSF और खुफिया संगठनों के बैठने की व्यवस्था होगी। 2005 में अस्थायी राम मंदिर के पास 5 आतंकी मारे गए थे
5 जुलाई साल 2005 को अस्थायी राम मंदिर पर हमला करने लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकी पहुंचे। आतंकियों ने जैसे रॉकेट लांचर चलाने की कोशिश की, सुरक्षाबलों ने घेर कर पांचों को मार डाला। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक, उस दिन बालक राम टेंट में विराजमान थे। उस दौरान भक्त दर्शन के लिए यहां आते थे। लेकिन, 5 जुलाई 2005 के दिन कुछ आतंकियों ने हमला किया। जैसे ही आतंकियों ने लांचर फेंका, फिर वहां तेज से आवाज हुई। इसके बाद सभी सुरक्षा में तैनात जवान सतर्क हो गए। सभी ने कहा आतंकवादी आ गए। इसके बाद CRPF के जवान अलर्ट हो गए। आतंकी बैरिकेडिंग तोड़कर सीता रसोई के पीछे आ गए। उन आतंकियों का उद्देश्य था कि प्रभु राम जहां विराजमान हैं, उसको खत्म कर दिया जाए। लेकिन, मौके पर सुरक्षा सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ढेर कर दिया। हनुमानगढ़ी के सामने और रेलवे स्टेशन पर मिले थे बम
28 मार्च 1999 को अयोध्या रेलवे स्टेशन पर टाइम बम मिला, जो बेहद शक्तिशाली था। सामने आया था कि अगर धमाका होता तो पूरा स्टेशन परिसर उड़ जाता। एक चाय वाले की सतर्कता से हादसा टल गया। उसकी सूचना पर बम डिफ्यूज कर दिया गया। 13 जून 2001 को हनुमानगढ़ी के सामने इमली के पेड़ के नीचे खड़ी जीप में कुकर बम मिला था। इससे पूरे क्षेत्र को दहलाने की साजिश थी। इस घटना के पीछे लश्कर-ए-तैय्यबा का नाम सामने आया था। लश्कर का एरिया कमांडर अयोध्या में ढेर हुआ था
लश्कर के एरिया कमांडर मोहम्मद इमरान को सितंबर 2001 में अयोध्या के बाईपास पर ही मार गिराया गया था। जबकि मोहम्मद इमरान के दो अन्य सहयोगी भी पकड़े गए थे। इसके अलावा साबरमती बम विस्फोट, फैजाबाद कचहरी ब्लास्ट जैसी घटनाएं भी हुई। हालांकि समय के साथ अब अयोध्या की सुरक्षा पहले के मुकाबले कई गुना बेहतर और सतर्क है। मंदिर को दो बार बम से उड़ाने की मिल चुकी धमकी
14 दिन पहले राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भी मिली थी। पहले एक आईडी से इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई। फिर 112 पर कॉल आई। राम मंदिर को उड़ाने की धमकी मिलते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। साइबर एक्सपर्ट और सर्विलांस टीम को तुरंत एक्टिव किया। दहशत न फैले इसलिए पुलिस ने अंदरखाने जांच की। जांच में धमकी देने वाले की लोकेशन कुशीनगर की निकली। पुलिस ने धमकी देने वाले पटहेरवा थाना के बलुआ तकिया क्षेत्र के रहने वाले एक 16 साल के किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। शुरुआती जांच में पता चला कि नाबालिग मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं है। 9 महीने पहले बरेली के छात्र ने दी थी धमकी
9 महीने पहले राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी बरेली से दी गई। बरेली से लखनऊ कंट्रोल रूम में 112 नंबर पर कॉल कर यह धमकी दी गई। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर बरेली के 8वीं के छात्र को हिरासत में लिया। उसकी उम्र 14 साल थी। जांच में सामने आया है कि छात्र ने यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी। NSG का गठन 1986 में किया गया
सिरसा में 22 दिन की बच्ची को छोड़ महिला लापता:एक अन्य विवाहिता का भी सुराग नहीं; रिश्तेदारी में जाने का बनाया बहाना
सिरसा में 22 दिन की बच्ची को छोड़ महिला लापता:एक अन्य विवाहिता का भी सुराग नहीं; रिश्तेदारी में जाने का बनाया बहाना हरियाणा के सिरसा में शहर के वार्ड नंबर 24 से एक महिला अपनी 22 दिन की छोटी बच्ची को घर पर छोड़कर संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। शहर थाना पुलिस ने महिला के पति की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करके उक्त महिला की तलाश शुरू कर दी है। दूसरी तरफ गांव भडोलिया वाली से भी एक महिला लापता हो गई है। जानकारी के अनुसार सिरसा के वार्ड नंबर 24 निवासी महिला के पति ने बताया कि वह मजदूरी करता है। उसकी शादी 2 साल पहले पंजाब के संघ की रहने वाली युवती के साथ हुई थी। 27 जुलाई को उसकी पत्नी बिना किसी को बताए अपनी 22 दिन की बेटी को घर पर छोड़ क़र बाहर चली गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। इसके बाद घरवालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी,लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस का कहना है कि पति की शिकायत पर गुमशुदगी की रपट दर्ज करके पल्लवी की तलाश शुरू कर दी गई है। जल्द ही उसका पता लगा लिया जाएगा। वहीं, गांव भडोलिया वाली से भी एक महिला लापता हो गई है। पुलिस को दी शिकायत में व्यक्ति ने बताया है कि उसकी पत्नी गत दिवस कहकर गई थी कि वह रिश्तेदारी में जा रही है और जल्द वापस लौट आएगी। इसके बाद वह वापस नहीं लौटी। घरवालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी परंतु उसका कुछ पता नहीं चला। पति का कहना है कि उसने पत्नी के मोबाइल पर कॉल की तो वह स्वीच ऑफ मिला। इसके बाद उसने इसकी सूचना रानियां थाना पुलिस को दी।