Bihar News: बिहार के मद्य निषेध मंत्री की गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट फेल, एम परिवहन ऐप से चला पता

Bihar News: बिहार के मद्य निषेध मंत्री की गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट फेल, एम परिवहन ऐप से चला पता

<p style=”text-align: justify;”><strong>Minister Ratnesh Sada Car Pollution Test failed:</strong> रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के कदीरगंज में शनिवार को मद्य निषेध और उत्पाद विभाग के जरिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को शराब से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देना और शराब सेवन से रोकने के लिए प्रेरित करना था. बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट फेल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं कार्यक्रम के दौरान, एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई. मंत्री रत्नेश सदा की सरकारी गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट 24 अप्रैल 2024 से फेल है. भारत सरकार के एम परिवहन ऐप पर मंत्री की गाड़ी का नंबर चेक करने पर यह पता चला कि पिछले 6 महीनों से उनकी गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट फेल है. यही स्थिति मद्य निषेध विभाग के सहायक आयुक्त की गाड़ी और मंत्री के एस्कॉर्ट में चल रही गाड़ियों की भी पाई गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि जब कानून के पालन के लिए जिम्मेदार मंत्री स्वयं कानून का उल्लंघन करेंगे, तो आम जनता से कानून पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? जब इस मुद्दे पर मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है और वह इस पर तुरंत कार्रवाई करेंगे. इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों के जिम्मेदारी और पारदर्शिता के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है PUC सर्टिफिकेट?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि वर्ष 2000 में भारत सरकार ने भारतीय उपयोग के लिए मानक यूरोपीय मानदंडों को अपनाया और भारत स्टेज उत्सर्जन मानक पेश किए, जिसे बीएस यानी भारत स्टेज भी कहा जाता है. यह वाहनों से होने वाले प्रदूषण उत्सर्जन का मानक है. अब देखना ये है कि संबंधित अधिकारी कब इस मुद्दे को सुलझाएंगे और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-jdu-congress-bjp-rjd-targeted-prashant-kishor-for-ruckus-in-jan-suraaj-meeting-ann-2806938″>Bihar News: ‘PK का असली चेहरा…’, जन सुराज की बैठक में हुआ हंगामा तो टूट पड़ीं पार्टियां,&nbsp;सबने&nbsp;खूब&nbsp;सुनाया</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Minister Ratnesh Sada Car Pollution Test failed:</strong> रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के कदीरगंज में शनिवार को मद्य निषेध और उत्पाद विभाग के जरिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को शराब से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देना और शराब सेवन से रोकने के लिए प्रेरित करना था. बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट फेल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं कार्यक्रम के दौरान, एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई. मंत्री रत्नेश सदा की सरकारी गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट 24 अप्रैल 2024 से फेल है. भारत सरकार के एम परिवहन ऐप पर मंत्री की गाड़ी का नंबर चेक करने पर यह पता चला कि पिछले 6 महीनों से उनकी गाड़ी का पॉल्यूशन टेस्ट फेल है. यही स्थिति मद्य निषेध विभाग के सहायक आयुक्त की गाड़ी और मंत्री के एस्कॉर्ट में चल रही गाड़ियों की भी पाई गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि जब कानून के पालन के लिए जिम्मेदार मंत्री स्वयं कानून का उल्लंघन करेंगे, तो आम जनता से कानून पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? जब इस मुद्दे पर मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है और वह इस पर तुरंत कार्रवाई करेंगे. इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों के जिम्मेदारी और पारदर्शिता के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है PUC सर्टिफिकेट?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि वर्ष 2000 में भारत सरकार ने भारतीय उपयोग के लिए मानक यूरोपीय मानदंडों को अपनाया और भारत स्टेज उत्सर्जन मानक पेश किए, जिसे बीएस यानी भारत स्टेज भी कहा जाता है. यह वाहनों से होने वाले प्रदूषण उत्सर्जन का मानक है. अब देखना ये है कि संबंधित अधिकारी कब इस मुद्दे को सुलझाएंगे और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे.&nbsp;</p>
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