Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन मंदिरों में की पूजा, तस्वीरों में देखें सीएम की आस्था Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन मंदिरों में की पूजा, तस्वीरों में देखें सीएम की आस्था बिहार उज्जैन दौरे पर जाएंगे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल
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शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत:7 लाख का कर्जदार था; किसान बोले- केंद्र सरकार की अनदेखी ने आहत किया
शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत:7 लाख का कर्जदार था; किसान बोले- केंद्र सरकार की अनदेखी ने आहत किया फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की लीगल गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर चल रहे संघर्ष में सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है। उसने आज सुबह करीब 3 दिन के उपचार के बाद पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में दम तोड़ दिया। बता दें कि व्यक्ति का नाम रणजोध सिंह था। वह खन्ना के गांव रतनहेड़ी का रहने वाला था। उसने 14 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच के प्रयास के दौरान शंभू बॉर्डर पर सल्फास निकला। इसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसकी मौत के बाद किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है। इससे वह काफी आहत था। किसान नेताओं की मीटिंग शुरू जैसे ही किसान की मौत की खबर मोर्चे पर पहुंची है। उसके बाद किसानों की इस मुद्दे को लेकर अहम मीटिंग चल रही है। इसमें मृतक के संस्कार आदि के बारे में फैसला लिया जाना है।। हालांकि सभी बड़े किसान नेता अपने इलाकों में रेल रोको आंदोलन में शामिल होने के लिए गए हुए हैं। ऐसे में मोर्च द्वारा सारी चीजों पर विचार किया जा रहा है। किसानों के मुताबिक रणजोध सिंह किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ थी। परिवार में उसकी पत्नी कुलदीप कौर, एक बेटा व बेटी और बुजुर्ग परिजन है। बेटी की शादी हो चुकी है। किसानों का कहना है कि काफी समय से वह आंदोलन में आ रहा है। तीन बार दिल्ली कूच की हुई कोशिश किसानों की तरफ दिसंबर माह में छह , आठ 14 दिसंबर को दिल्ली कूच की कोशिश की थी। इस दौरान केवल किसानों 101 का जत्था दिल्ली की तरफ बड़ा था। लेकिन हरियाणा सीमा पर पुलिस ने किसानों को रोक दिया। इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का प्रयोग किया गया था। इस वजह से किसान किसान आगे नहीं बढ़ पाए थे। तीन दिनों में करीब तीस से चालीस किसान आंदोलन घायल हुए थे।
Prashant Kishor: ‘जन सुराज’ बनेगा दल तो कौन होगा इसका अध्यक्ष? प्रशांत किशोर का बड़ा खुलासा
Prashant Kishor: ‘जन सुराज’ बनेगा दल तो कौन होगा इसका अध्यक्ष? प्रशांत किशोर का बड़ा खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>Prashant Kishor News:</strong> दो अक्टूबर 2024 को ‘जन सुराज’ दल बनने जा रहा है. इस अभियान की शुरुआत करने वाले प्रशांत किशोर ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में रविवार (28 जुलाई) को पटना के बापू सभागार में प्रशांत किशोर ने एक कार्यशाला को संबोधित किया. इसमें जिला और प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पीके ने खुद बताया कि दल का नेतृत्व किसके हाथों में होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पांच वर्गों को मिलेगा दल के नेतृत्व का अवसर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशांत किशोर ने बताया कि जन सुराज दल बनता है तो जेनरल, ओबीसी, मुस्लिम इस तरह करके कुल पांच वर्गों में इसे बांटा जाएगा. कहा, “दल के नेतृत्व पर गहन चर्चा हुई है. मैं आपसे साझा करना चाहता हूं. यह तय किया गया है कि हर बार पांच वर्गों में से एक वर्ग को दल के नेतृत्व करने का अवसर दिया जाए. दल का लीडर कौन होगा या किस वर्ग से होगा? तो यह सबने तय किया कि इन पांचों वर्गों को दल का नेतृत्व करने का अवसर दिया जाए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितने दिन के लिए मिलेगा नेतृत्व का मौका</strong><strong>?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीके ने कहा, “दो सवाल है, पहला मौका किसको मिलेगा? कितने दिन के लिए मिलेगा? तो कितने दिन के लिए मिलेगा यह आप तय कर लीजिए. एक सुझाव ये है कि जो दल का नेतृत्व करेगा उसको एक साल का अवसर दिया जाएगा ताकि पांच साल में पांचों वर्गों के लोगों को एक-एक साल दल का नेतृत्व करने का अवसर मिले. दूसरा सुझाव है कि दो-दो साल का मौका मिले, क्योंकि एक साल में तो ज्यादा काम नहीं कर पाएगा, लेकिन जो लोग एक साल के पक्ष में हैं उससे यह है कि पांच साल में सभी वर्गों को काम करने का मौका मिल जाएगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे कहा, “जो लोग दो साल के पक्ष में हैं तो परेशानी ये है कि अगर एक बार दलित समाज का अध्यक्ष बन गया तो आठ साल के बाद ही उसको फिर अवसर मिलेगा.” इस कार्यशाला में आए जन सुराज के पदाधिकारियों से प्रशांत किशोर ने पूछा कि अब आप बताइए कि दल के अध्यक्ष की समय-सीमा एक साल होनी चाहिए या दो साल? इस पर सबने कहा एक साल.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि दल बनाने की तैयारी के लिए बिहार भर के अभियान से जुड़े डेढ़ लाख से अधिक पदाधिकारियों की कुल 8 अलग-अलग राज्य स्तरीय बैठकें की जा रही हैं. इन बैठकों में सभी पदाधिकारियों के साथ दल के बनाने की प्रक्रिया, इसके नेतृत्व, संविधान और दल की प्राथमिकताओं को तय किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-union-minister-chirag-paswan-on-opposition-boycott-of-niti-aayog-meeting-ann-2747691″>’ये विपक्ष की सोची समझी रणनीति…’, बोले चिराग पासवान- नीति आयोग की बैठक को डाइवर्ट करना था मकसद</a><br /></strong></p>
मंडी में हुई पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक:वित्तीय भत्ते जारी नहीं हुए तो आगामी बजट सत्र का करेंगे घेराव
मंडी में हुई पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक:वित्तीय भत्ते जारी नहीं हुए तो आगामी बजट सत्र का करेंगे घेराव पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश अब मांगों को लेकर सरकार से आर-पार की लड़ाई करने का मूड बना चुका है। मंडी में आयोजित हुई एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक में प्रदेश के पेंशनरों ने आगामी बजट सत्र का घेराव करने की चेतावनी सरकार को दी है। एसोसिएशन के राज्य प्रधान आत्मा राम शर्मा ने बताया कि साल 2016 से जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों में सरकार के प्रति काफी रोष है। पेंशनरों को अभी तक वित्तीय लाभ जारी नहीं हुए है। एक-एक पेंशनर का 10 से 12 लाख तक ड्यू पेंडिंग चल रही है जिसको लेकर सरकार को बजट में इसका प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरे प्रदेश में आंदोलन किए, सरकार के मंत्रियों व विधायकों को मांग पत्र सौंप कर जेसीसी का गठन करने की मांग की थी। परन्तु मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पेंशनरों की मांगों पर आज दिन तक गौर नहीं किया। आज पेंशनरों के मेडिकल बिल लंबित पड़े हैं और कई जिलों में आज 3 तारीख तक पेंशन नहीं मिली है। आत्मा राम शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में 1 लाख 80 हज़ार के करीब पेंशनर है, पर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसको लेकर अब उन्हें मजबूरन आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है।उन्होंने प्रदेश सरकार से पेंशनरों की सभी वित्तीय भत्ते देने की मांग की है।