<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Train Accident:</strong> मुजफ्फरपुर में बड़ा रेल हादसा हुआ है. भिलाई से आ रही मालगाड़ी के 4 डब्बे बुधवार की शाम पटरी से उतर गए. इस घटना की जानकारी के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. घटना मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर मुख्य रेल लाइन के नारायणपुर रेलवे स्टेशन के पास हुई है. घटना के बाद मौके पर डीआरएम सोनपुर और रेल के कई अन्य अधिकारी पहुंचे और हालात की जानकारी ली. इस दौरान में दोनों रूट अप और डाउन की दर्जनों ट्रेन प्रभावित हुई हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Train Accident:</strong> मुजफ्फरपुर में बड़ा रेल हादसा हुआ है. भिलाई से आ रही मालगाड़ी के 4 डब्बे बुधवार की शाम पटरी से उतर गए. इस घटना की जानकारी के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. घटना मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर मुख्य रेल लाइन के नारायणपुर रेलवे स्टेशन के पास हुई है. घटना के बाद मौके पर डीआरएम सोनपुर और रेल के कई अन्य अधिकारी पहुंचे और हालात की जानकारी ली. इस दौरान में दोनों रूट अप और डाउन की दर्जनों ट्रेन प्रभावित हुई हैं.</p> बिहार Gopalganj News: गोपालगंज में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, सरकारी बस स्टैंड मामले में सीओ समेत 4 पर प्राथमिकी
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शिमला के कालीबाड़ी में मां दुर्गा की ‘अलौकिक’ मूर्ति तैयार, बंगाल की गंगा मिट्टी का किया गया इस्तेमाल
शिमला के कालीबाड़ी में मां दुर्गा की ‘अलौकिक’ मूर्ति तैयार, बंगाल की गंगा मिट्टी का किया गया इस्तेमाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Shimla Navratri 2024:</strong> शिमला के कालीबाड़ी में मां दुर्गा की अलौकिक मूर्तियां बनकर तैयार हो गई हैं. इसे बनाने के लिए मिट्टी खासतौर पर पश्चिम बंगाल से लाई गई है. कालीबाड़ी में बनने वाली मूर्तियां विशेष तौर पर गंगा मिट्टी से तैयार की जाती हैं. चूंकि शिमला में मिलने वाली मिट्टी खुरदुरी होती है. ऐसे में इस मिट्टी को विशेष तौर पर पश्चिम बंगाल से ही लाया जाता है. मां काली पर भक्तों की विशेष आस्था है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पश्चिम बंगाल से मां दुर्गा की मूर्ति तैयार करने के लिए पहुंचे दीपू कलाकार ने बताया कि उनका पूरा गांव मूर्ति बनाने का काम करता है. उनके पिता बीते करीब 35 सालों से कालीबाड़ी मां के साथ हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मूर्तियां बनाने के लिए आते हैं. इसके लिए वह मिट्टी अपने साथ पश्चिम बंगाल से ही लेकर यहां पहुंचते हैं. सालों से मूर्ति बनाने का यह काम किया जा रहा है. इस साल भी मूर्ति बनाने का काम पूरा हो चुका है. यहां मूर्ति बनाने का काम करना उन पर मां काली की कृपा ही है. मां काली की कृपा से ही वे यह कलाकारी सीख सके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजयदशमी के मौके पर पर होगा मूर्ति विसर्जन</strong><br />कालीबाड़ी के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया की मूर्तियां बनाने का काम पूरा हो चुका है. पश्चिम बंगाल से आए कलाकार अपने साथ ट्रेन में ही मिट्टी लेकर यहां आ जाते हैं. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और कांगड़ा में मूर्तियां बनाने के बाद यह कलाकार शिमला के कालीबाड़ी में आते हैं और मूर्तियां तैयार करते हैं. यहां माता दुर्गा के साथ माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्तियां तैयार की जाती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दशहरे के मौके पर माता की मूर्तियों का विसर्जन शिमला के तारा देवी के तालाब में किया जाएगा. यह तालाब आइटीबीपी के दफ्तर के नजदीक ही बना हुआ है. मां दुर्गा को विसर्जित करने से पहले दशहरे के मौके पर यहां ‘सिंदूर खेला’ होता है. इसे देखने के लिए विशेष तौर पर लोग दूर-दूर से यहां आते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>201 साल पुराना है कालीबाड़ी मंदिर </strong><br />बता दें कि शिमला में माता काली को समर्पित यह मंदिर 201 साल पुराना है. इस मंदिर की स्थापना साल 1823 में हुई थी. इस पवित्र स्थान को कालीबाड़ी के नाम से जाना जाता है. शिमला से जुड़े इतिहास के मुताबिक, कालीबाड़ी मंदिर मूल रूप से जाखू हिल पर रोथनी कैसल में बनाया गया था. इसकी स्थापना बंगाली ब्राह्मण राम चरण जी ब्रह्मचारी ने की थी. यह शिमला के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाद में इस मंदिर को इसके मौजूदा स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया. यहां नवरात्रि के मौके पर हर साल बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल से विशेष तौर पर भक्त शीश वाने के लिए पहुंचते हैं. साल भर भी यहां भक्तों का दर्शन करने के लिए तांता लगा रहता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Himachal News: धर्मशाला में बीजेपी के पूर्व नेता की जहर खाने से मौत, पत्नी अस्पताल में भर्ती” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-news-former-bjp-leader-rakesh-chaudhary-died-wife-consumed-poisonous-substance-in-dharamsala-2800391″ target=”_self”>Himachal News: धर्मशाला में बीजेपी के पूर्व नेता की जहर खाने से मौत, पत्नी अस्पताल में भर्ती</a></strong></p>
खन्ना में छत गिरने से 8 लोग घायल:काम खत्म करके कर रहे थे आराम, दो बना रहे थे खाना, इमरजेंसी पर बुलाए डाक्टर
खन्ना में छत गिरने से 8 लोग घायल:काम खत्म करके कर रहे थे आराम, दो बना रहे थे खाना, इमरजेंसी पर बुलाए डाक्टर पंजाब के खन्ना के गांव फैजगढ़ में देर शाम को खेत स्थित मोटर वाले कमरे की छत गिर गई। इस घटना में 8 मजदूर घायल हुए। इनमें से 5 मजदूर मलबे के नीचे दब गए थे। जिन्हें गांववासियों ने बाहर निकाल कर सिविल अस्पताल भर्ती कराया। उधर, एसएमओ डॉक्टर मनिंदर सिंह भसीन ने स्थिति को भांपते हुए कई डॉक्टरों को इमरजेंसी ड्यूटी पर बुलाया और घायलों का इलाज शुरू किया गया। घायलों की पहचान मोहम्मद कलीम (45), मोहम्मद कलाम (50), हरदेव शाह (60), मोहम्मद कासिम (50), सलाहुदीन (45), मोहम्मद शाहिद (60), मोहम्मद सदीक (55), मोहम्मद लतीफ (55) के तौर पर हुई। 6 मजदूर छत के ऊपर और 2 नीचे थे जानकारी के अनुसार, बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले यह मजदूर खन्ना के गांव फैजगढ में एक किसान के पास खेती का काम करते हैं। और खेतों में बने कमरे में रहते हैं। शुक्रवार देर शाम काम खत्म करके 6 मजदूर कमरे की छत पर आराम करने लगे और दो मजदूर कमरे के अंदर खाना बनाने लगे। इसी बीच छत गिर गई। छत के ऊपर आराम करने वाले सभी 6 मजदूरों सहित नीचे बैठे दोनों मजदूर मलबे में फंस गए। शोर सुनकर गांव के लोग इकट्ठे हुए और मजदूरों को बाहर निकाला। इससे पहले एंबुलेंस का इंतजार किया जाता गांव के लोग ही महिंद्रा पिकअप गाड़ी में मजदूरों को सिविल अस्पताल ले आए। एसएमओ मौके पर पहुंचे, डॉक्टर भी बुलाए उधर, सिविल अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर एक डॉक्टर तैनात रहता है। लेकिन घायलों की संख्या ज्यादा होने के चलते एसएमओ डॉक्टर मनिंदर सिंह भसीन पहले खुद सिविल अस्पताल पहुंचे। घायलों का हाल जाना। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राघव अग्रवाल, सर्जन डॉक्टर इंद्रप्रीत सिंह को भी बुलाया गया। एसएमओ सहित सभी डॉक्टर्स ने घायलों का इलाज किया।
अबोहर पहुंचे कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडिया:नरमे की फसल का जायजा लिया, किसानों से की बातचीत, बोले- सिफारिश दवाओं का ही करें छिड़काव
अबोहर पहुंचे कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडिया:नरमे की फसल का जायजा लिया, किसानों से की बातचीत, बोले- सिफारिश दवाओं का ही करें छिड़काव पंजाब के कृषि मंत्री स. गुरमीत सिंह खुडिया ने आज नरमा पटटी के जिलों के दौरे के दौरान अबोहर के हलका बल्लूआना के गांवों खैरपुरा, सैदांवाली, ताजा पटी व गोबिंदगढ का दौरा करते हुए नरमे की फसल का जायजा लिया और किसानों से बातचीत की। इस मौके पर गुरमीत सिंह खुडिया ने कहा कि पंजाब सरकार ने कृषि विभाग को पूरी तरह से चौकस कर रखा है। नरमे की फसल को प्रफुल्लित करने के लिए विभाग द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है। विभाग की 128 टीमें लगातार नरमे के खेतों का सर्वेक्षण कर रही हैं। इसके अलावा नरमे व अन्य फसलों पर प्रयोग होने वाली कीटनाशक दवाओं व खादों की उच्च गुणवत्ता को यकीनी बनाने के लिए विभाग द्वारा लगातार सैंपलिंग की जा रही है। अबोहर व बल्लूआना को होगा नई नहर का फायदा उन्होंने बताया कि मान सरकार के नेतृत्व में एक नई मालवा नहर का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर 2300 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 150 किलोमीटर लंबी इस नहर के बनने से सबसे अधिक फायदा अबोहर व बल्लूआना हलके के किसानों को होगा। आजादी के बाद पहली बार पंजाब में कोई बड़ी नई नहर बनने जा रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा केंद्र के पास नरमे के बीटी 3 बीज जारी करने का मुददा उठाया गया है और इन तीन किस्मों के आने से नरमे की फसल को लाभ होगा। उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि अपने नरमे की फसल पर यूनिवर्सिटी द्वारा सिफारिश कीटनाशक दवाओं का ही प्रयोग करें। इस मौके पर उनके साथ एसएसपी डा. प्रज्ञा जैन, एसडीएम पंकज बांसल, कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दिलबाग सिंह, मुख्य खेतीबाडी अफसर संदीप रिणवां, सहायक पौधा सुरक्षा अधिकारी सुंदर लाल आदि मौजूद थे।