<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP Challenged Election of Manish Tewari:</strong> बीजेपी ने चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के चुनाव को चुनौती दी है. बीजेपी नेता संजय टंडन ने मनीष तिवारी के चुनाव को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कई आधारों पर चुनौती दी है. टंडन, जो 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a>ों में बीजेपी के उम्मीदवार थे. वो कांग्रेस के मनीष तिवारी से 2,504 मतों के अंतर से हार गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. सांसद के रूप में तिवारी के चुनाव को रद्द करने की मांग करते हुए, टंडन ने लोक प्रतिनिधित्व (RP) अधिनियम, 1951 के तहत वकील चेतन मित्तल, आशु एम पुंछी और सत्यम टंडन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में आरोप लगाया है कि, मनीष तिवारी और पार्टी कार्यकर्ता कमीशन के काम में शामिल थे, क्योंकि निर्दोष और गरीब मतदाताओं को टारगेट करने के लिए भ्रष्ट नेचर के वादे किए गए थे. वोटर्स को यह विश्वास दिलाने के लिए गारंटी कार्ड भरना और वीडियो पोस्ट करना कि अगर वे तिवारी को वोट देंगे तो उन्हें प्रति माह 8,500 रुपये की सहायता दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रत्येक शिक्षित युवा को हर पहली नौकरी के लिए 1 लाख रुपये का वेतन दिया जाएगा और कर्ज माफी और कानूनी सहायता दी जाएगी. स्वामीनाथन फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी की गारंटी. याचिका में इनमें से कुछ वादों का हवाला दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह तर्क दिया गया कि इस तरह के गारंटी कार्डों का वितरण विज्ञापन के माध्यम से लोगों को चुनाव के बाद की योजनाओं के लिए रजिस्टर्ड करने का एक प्रयास था ताकि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि आरपी अधिनियम की धारा 123 के तहत परिभाषित ऐसी बातें आरपी अधिनियम की धारा 100 और 101 के तहत चुनाव को शून्य घोषित करने के आधार का हिस्सा हैं. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 9 सितंबर तय की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Manish Sisodia की जमानत पर पंजाब के सीएम भगवंत मान की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/punjab-cm-bhagwant-mann-first-reaction-on-manish-sisodia-bail-2756928″ target=”_self”>Manish Sisodia की जमानत पर पंजाब के सीएम भगवंत मान की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>BJP Challenged Election of Manish Tewari:</strong> बीजेपी ने चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के चुनाव को चुनौती दी है. बीजेपी नेता संजय टंडन ने मनीष तिवारी के चुनाव को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कई आधारों पर चुनौती दी है. टंडन, जो 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a>ों में बीजेपी के उम्मीदवार थे. वो कांग्रेस के मनीष तिवारी से 2,504 मतों के अंतर से हार गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. सांसद के रूप में तिवारी के चुनाव को रद्द करने की मांग करते हुए, टंडन ने लोक प्रतिनिधित्व (RP) अधिनियम, 1951 के तहत वकील चेतन मित्तल, आशु एम पुंछी और सत्यम टंडन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में आरोप लगाया है कि, मनीष तिवारी और पार्टी कार्यकर्ता कमीशन के काम में शामिल थे, क्योंकि निर्दोष और गरीब मतदाताओं को टारगेट करने के लिए भ्रष्ट नेचर के वादे किए गए थे. वोटर्स को यह विश्वास दिलाने के लिए गारंटी कार्ड भरना और वीडियो पोस्ट करना कि अगर वे तिवारी को वोट देंगे तो उन्हें प्रति माह 8,500 रुपये की सहायता दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रत्येक शिक्षित युवा को हर पहली नौकरी के लिए 1 लाख रुपये का वेतन दिया जाएगा और कर्ज माफी और कानूनी सहायता दी जाएगी. स्वामीनाथन फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी की गारंटी. याचिका में इनमें से कुछ वादों का हवाला दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह तर्क दिया गया कि इस तरह के गारंटी कार्डों का वितरण विज्ञापन के माध्यम से लोगों को चुनाव के बाद की योजनाओं के लिए रजिस्टर्ड करने का एक प्रयास था ताकि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि आरपी अधिनियम की धारा 123 के तहत परिभाषित ऐसी बातें आरपी अधिनियम की धारा 100 और 101 के तहत चुनाव को शून्य घोषित करने के आधार का हिस्सा हैं. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख 9 सितंबर तय की है.</p>
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