भाजपा ने अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के प्रत्याशी की घोषणा मकर संक्रांति पर कर दी। बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को कैंडिडेट बनाया है। पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ व उप परिवहन आयुक्त सुरेन्द्र रावत सहित करीब आधा दर्जन उम्मीदवारों के नाम पर पार्टी में मंथन चल रहा था। 17 जनवरी को नामांकन की अंतिम तिथि है। उम्मीद है कि 15 के बाद ही भाजपा प्रत्याशी नामांकन पत्र भरेंगे। अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट का मतदान पांच फरवरी को होगा। आठ फरवरी को नतीजे आएंगे। शुक्रवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले दिन किसी ने भी नामांकन नहीं किया। नामांकन पत्र 17 जनवरी तक भरे जाएंगे। 18 को नामांकन पत्रों की जांच होगी व 20 जनवरी को नाम वापसी की अंतिम तिथि है। मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। बाबा गोरखनाथ दौड़ में पिछड़े
टिकट की रेस में प्रमुख नाम पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ का चल रहा था। वर्ष 2017 में गोरखनाथ यहां से विधायक थे, जबकि 2022 के चुनाव में वे सपा के अवधेश प्रसाद से 13,338 मतों के अंतर से हार गए थे। दूसरा नाम उप परिवहन आयुक्त सुरेन्द्र रावत का चल रहा था। मगर चन्द्रभानु पासवान इस दौड़ में सबसे आगे निकल गए। दरअसल, पासी समाज को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने पासी समाज से ही प्रत्याशी उतारा है। भाजपा के पैनल में पांच नाम थे। इसके अलावा परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार के चुनाव लड़ने की अटकलें भी थीं। इन्होंने VRS (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) मांगा था। मिल्कीपुर में करीब 3.23 लाख मतदाता हैं। इनमें 1 लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं। दलितों में भी करीब 57 हजार पासी मतदाता हैं। उपचुनाव में पासी समाज का उम्मीदवार नहीं उतारा, तो समाज का वोट एकतरफा दूसरे प्रत्याशी को चला जाएगा। वोट बैंक की ताकत के कारण ही भाजपा भी पासी समाज के प्रत्याशी पर भरोसा कर रही है। भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। बसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने सपा को समर्थन करने का निर्णय लिया है। आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी उतार सकती है। लेकिन, मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही रहेगा। सपा ने अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक भी रहे हैं। उनके सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है। क्षेत्र के 57 हजार से ज्यादा पासी मतदाताओं में अवधेश प्रसाद की मजबूत पकड़ है। वहीं, 30 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी हैं। 30 हजार यादव मतदाता हैं। यादव, दलित और मुस्लिम (पीडीए) को साधने के लिए भी अजीत प्रसाद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है। कुंदरकी से बड़ी जीत की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे पॉलिटिकल परसेप्शन बदलने वाले होंगे। इसलिए योगी सरकार और भाजपा ने मिल्कीपुर में कुंदरकी से बड़ी जीत की रणनीति बनाई है। कटेहरी उपचुनाव की जीत के हीरो जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कुंदरकी की जीत के नायक जेपीएस राठौर के नेतृत्व में छह मंत्रियों की टीम अब 3 फरवरी तक मिल्कीपुर में ही डेरा जमाएगी। ————————— ये खबर भी पढ़ें… BJP का टिकट चाह रहे अफसर ने मांगा VRS, पारिवारिक वजह बताई, दबी जुबां बोले- बाकी आप खुद जान रहें अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले लखनऊ परिक्षेत्र के परिवहन उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। चर्चा है कि सुरेंद्र कुमार रावत भाजपा से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। प्रमुख सचिव परिवहन और परिवहन आयुक्त को भेजे गए एप्लिकेशन में 14 जनवरी तक VRS स्वीकार कर लेने की रिक्वेस्ट भी उन्होंने की है। पढ़ें पूरी खबर… भाजपा ने अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के प्रत्याशी की घोषणा मकर संक्रांति पर कर दी। बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को कैंडिडेट बनाया है। पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ व उप परिवहन आयुक्त सुरेन्द्र रावत सहित करीब आधा दर्जन उम्मीदवारों के नाम पर पार्टी में मंथन चल रहा था। 17 जनवरी को नामांकन की अंतिम तिथि है। उम्मीद है कि 15 के बाद ही भाजपा प्रत्याशी नामांकन पत्र भरेंगे। अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट का मतदान पांच फरवरी को होगा। आठ फरवरी को नतीजे आएंगे। शुक्रवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले दिन किसी ने भी नामांकन नहीं किया। नामांकन पत्र 17 जनवरी तक भरे जाएंगे। 18 को नामांकन पत्रों की जांच होगी व 20 जनवरी को नाम वापसी की अंतिम तिथि है। मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। बाबा गोरखनाथ दौड़ में पिछड़े
टिकट की रेस में प्रमुख नाम पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ का चल रहा था। वर्ष 2017 में गोरखनाथ यहां से विधायक थे, जबकि 2022 के चुनाव में वे सपा के अवधेश प्रसाद से 13,338 मतों के अंतर से हार गए थे। दूसरा नाम उप परिवहन आयुक्त सुरेन्द्र रावत का चल रहा था। मगर चन्द्रभानु पासवान इस दौड़ में सबसे आगे निकल गए। दरअसल, पासी समाज को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने पासी समाज से ही प्रत्याशी उतारा है। भाजपा के पैनल में पांच नाम थे। इसके अलावा परिवहन विभाग के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार के चुनाव लड़ने की अटकलें भी थीं। इन्होंने VRS (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) मांगा था। मिल्कीपुर में करीब 3.23 लाख मतदाता हैं। इनमें 1 लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं। दलितों में भी करीब 57 हजार पासी मतदाता हैं। उपचुनाव में पासी समाज का उम्मीदवार नहीं उतारा, तो समाज का वोट एकतरफा दूसरे प्रत्याशी को चला जाएगा। वोट बैंक की ताकत के कारण ही भाजपा भी पासी समाज के प्रत्याशी पर भरोसा कर रही है। भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। बसपा ने उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने सपा को समर्थन करने का निर्णय लिया है। आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी उतार सकती है। लेकिन, मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही रहेगा। सपा ने अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर में अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक भी रहे हैं। उनके सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है। क्षेत्र के 57 हजार से ज्यादा पासी मतदाताओं में अवधेश प्रसाद की मजबूत पकड़ है। वहीं, 30 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी हैं। 30 हजार यादव मतदाता हैं। यादव, दलित और मुस्लिम (पीडीए) को साधने के लिए भी अजीत प्रसाद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है। कुंदरकी से बड़ी जीत की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे पॉलिटिकल परसेप्शन बदलने वाले होंगे। इसलिए योगी सरकार और भाजपा ने मिल्कीपुर में कुंदरकी से बड़ी जीत की रणनीति बनाई है। कटेहरी उपचुनाव की जीत के हीरो जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कुंदरकी की जीत के नायक जेपीएस राठौर के नेतृत्व में छह मंत्रियों की टीम अब 3 फरवरी तक मिल्कीपुर में ही डेरा जमाएगी। ————————— ये खबर भी पढ़ें… BJP का टिकट चाह रहे अफसर ने मांगा VRS, पारिवारिक वजह बताई, दबी जुबां बोले- बाकी आप खुद जान रहें अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले लखनऊ परिक्षेत्र के परिवहन उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने VRS यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। चर्चा है कि सुरेंद्र कुमार रावत भाजपा से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। प्रमुख सचिव परिवहन और परिवहन आयुक्त को भेजे गए एप्लिकेशन में 14 जनवरी तक VRS स्वीकार कर लेने की रिक्वेस्ट भी उन्होंने की है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर