BJP विधायक के बयान पर सियासी घमासान, इल्तिजा मुफ्ती ने निकाला विरोध मार्च, कहा, ‘माफी मांगें’

BJP विधायक के बयान पर सियासी घमासान, इल्तिजा मुफ्ती ने निकाला विरोध मार्च, कहा, ‘माफी मांगें’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू कश्मीर में बीजेपी विधायक के बयान पर घमासान मचा हुआ है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने 13 जुलाई, 1931 को मारे गए लोगों के लिए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी. गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने विरोध प्रदर्शन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विरोध प्रदर्शन की अगुवाई इल्तिजा मुफ्ती ने की. पीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरी इल्तिजा मुफ्ती ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, “13 जुलाई, 1931 को जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र के लिए लड़ाई की शुरुआत हुई थी. लोगों ने लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए बलिदान दिया, जैसा कि देश के बाकी हिस्सों ने किया, फर्क सिर्फ इतना था कि उनका संघर्ष स्थानीय शासक के खिलाफ था.” पीडीपी नेता ने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीडीपी ने निकाला विरोध प्रदर्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की. विवादास्पद टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने पर इल्तिजा मुफ्ती ने विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का आभार व्यक्त किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीजेपी विभाजनकारी एजेंडे के तहत इतिहास से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर वास्तव में महाराजा हरि सिंह का सम्मान करती, तो जम्मू-कश्मीर का राज्य ध्वज, संविधान और विशेष दर्जे को क्यों रद्द कर दिया. ध्वज, संविधान और विशेष दर्जे पर उन्होंने विलय के समय बातचीत की थी. पीडीपी नेताओं ने 13 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश बहाल करने की मांग को भी दोहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी के बयान का किया विरोध</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीडीपी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन का आयोजन श्रीनगर में हुआ. गौरतलब है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जा रहा था. अभिभाषण पर बोलते हुए पीडीपी विधायक वहीद पर्रा ने मांग की कि 13 जुलाई 1931 को मारे गए 22 लोगों की याद में शहीदी दिवस की छुट्टी बहाल की जाए.&nbsp; पीडीपी विधायक की मांग के जवाब में सुनील शर्मा ने मारे गए लोगों के लिए टिप्पणी की. नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी के बाद बवाल बढ़ गया.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ अभियान शुरू, लोगों का किया जाएगा जागरूक” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-set-to-start-unioin-territoy-wide-campaign-to-eradicate-drug-addiction-ann-2898291″ target=”_self”>Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ अभियान शुरू, लोगों का किया जाएगा जागरूक</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू कश्मीर में बीजेपी विधायक के बयान पर घमासान मचा हुआ है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने 13 जुलाई, 1931 को मारे गए लोगों के लिए कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी. गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने विरोध प्रदर्शन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विरोध प्रदर्शन की अगुवाई इल्तिजा मुफ्ती ने की. पीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरी इल्तिजा मुफ्ती ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, “13 जुलाई, 1931 को जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र के लिए लड़ाई की शुरुआत हुई थी. लोगों ने लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए बलिदान दिया, जैसा कि देश के बाकी हिस्सों ने किया, फर्क सिर्फ इतना था कि उनका संघर्ष स्थानीय शासक के खिलाफ था.” पीडीपी नेता ने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीडीपी ने निकाला विरोध प्रदर्शन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की. विवादास्पद टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने पर इल्तिजा मुफ्ती ने विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का आभार व्यक्त किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीजेपी विभाजनकारी एजेंडे के तहत इतिहास से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर वास्तव में महाराजा हरि सिंह का सम्मान करती, तो जम्मू-कश्मीर का राज्य ध्वज, संविधान और विशेष दर्जे को क्यों रद्द कर दिया. ध्वज, संविधान और विशेष दर्जे पर उन्होंने विलय के समय बातचीत की थी. पीडीपी नेताओं ने 13 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश बहाल करने की मांग को भी दोहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी के बयान का किया विरोध</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीडीपी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन का आयोजन श्रीनगर में हुआ. गौरतलब है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जा रहा था. अभिभाषण पर बोलते हुए पीडीपी विधायक वहीद पर्रा ने मांग की कि 13 जुलाई 1931 को मारे गए 22 लोगों की याद में शहीदी दिवस की छुट्टी बहाल की जाए.&nbsp; पीडीपी विधायक की मांग के जवाब में सुनील शर्मा ने मारे गए लोगों के लिए टिप्पणी की. नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी के बाद बवाल बढ़ गया.</p>
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