Budget 2025: एबीवीपी ने निर्मला सीतारमण के साथ की प्री-बजट बैठक, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर दिए ये सुझाव 

Budget 2025: एबीवीपी ने निर्मला सीतारमण के साथ की प्री-बजट बैठक, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर दिए ये सुझाव 

<p style=”text-align: justify;”><strong>Budget 2025 News:</strong> अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्री-बजट यानी केंद्रीय बजट घोषणा से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नॉर्थ ब्लॉक में सोमवार को हुई बैठक में हिस्सा लिया. यह बैठक वित्त मंत्रालय में दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक आयोजित की गई. एबीवीपी की ओर से इस बैठक में एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी मौजूद रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में एबीवीपी की ओर से कई सुझाव और मांगें छात्र संगठन होने के तौर पर वित्त मंत्री को दी हैं, जिसमें मुख्य मांगें शिक्षा में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट, फार्मा एजुकेशन, एग्रीकल्चर एजुकेशन इत्यादि को एक मिनिस्ट्री में लाया जाए मानी जा रही है. एबीवीपी का कहना है कि स्टेट यूनिवर्सिटी को बेहतर करने की जरूरत है, जिसे लेकर ही सुझाव दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही स्वास्थ्य को लेकर कई तथ्य एबीवीपी की ओर से बैठक में रखे गए जैसे दो से तीन सालों में स्वास्थ अनुसन्धान का बजट कम हुआ है, लिहाजा इसे बढ़ाने की मांग की गई. एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी का कहना है कि यूएस का 0.65 प्रतिशत तो वहीं यूके का 0.44 प्रतिशत स्वास्थ अनुसन्धान पर खर्च होता है. वहीं, भारत में .02 प्रतिशत बजट स्वास्थ अनुसन्धान में इस्तेमाल किया जाता है. इसे बढ़ाकर कम से कम 1 प्रतिशत जीडीपी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए”<br /><br /><strong>देश के सभी 22 एम्स में 39 प्रतिशत टीचिंग स्टाफ की कमी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीवीपी ने डेटा के साथ बैठक में बताया कि कई अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. देश के सभी 22 एम्स में 39 प्रतिशत टीचिंग स्टाफ की कमी है, लिहाज़ा उसे बढ़ाया जाए. एबीवीपी ने शिक्षा के बजट को कोठारी आयोग की सिफारिश के अनुरूप बढ़ा कर कुल जीडीपी का 6 प्रतिशत करने की मांग करते हुए सरकारी शिक्षण संस्थाओं में लगातार हो रही फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए भी बात की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही इस बैठक में छात्र संगठन एबीवीपी ने मिड डे मील, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत विद्यालयों में शौचालय बनाने, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए कैंपस को अनुकूल बनाने के लिए कई सुझाव दिए, कॉलेजों में लैब्स को और ज्यादा आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों से लैस किया जाए यह भी मांग में शामिल किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिलों, ब्लॉक स्तर पर ट्रॉमा सेंटर की मांग&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीवीपी की ओर से ट्रॉमा सेंटर और प्राइमरी हेल्थ सेंटर ब्लॉक स्तर पर बनाए जाने की मांग की गई. एबीवीपी का कहना है कि आपातकालीन स्थिति होने पर पीड़ित का महत्वपूर्ण समय खराब होता है, इसलिए जरूरी है कि हर ब्लॉक, जिले में ट्रॉमा सेंटर बनाया जाए. शोध के क्षेत्र में 17 प्रतिशत बजट घटाए जाने को चिंताजनक बताते हुए एबीवीपी ने शोध के क्षेत्र में बजट बढ़ाए जाने की मांग पर जोर दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक के दौरान सभी राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पीएचडी शोधार्थियों को नॉन-नेट फेलोशिप देने है, फेलोशिप की राशि बढ़ाए जाने, प्रमुख शोध संस्थानों जैसे आईसीएसएसआर, आईसीएचआर, आईसीसीआर, आईसीएमआर और आईसीएआर इत्यादि का बजट आवंटन बढ़ाए जाने की मांग करते हुए राष्ट्रीय अनुसंधान संस्था (NIR) का दायरा बढ़ा कर सामाजिक विज्ञान के विषयों को भी शामिल करने की मॉंग एबीवीपी ने की है.&nbsp;<br /><br /><strong>यूजीसी का बजट पिछले साल 17 प्रतिशत बजट कम हुआ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी कहा, “यूजीसी का बजट पिछले साल 17 प्रतिशत बजट कम हुआ था, जिसे इस साल बढ़ाने की मांग की गई है. साथ ही रिसर्च और फेलोशिप के लिए बजट देने की मांग की गई है. शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च होना चाहिए, जिसमें जीडीपी का 2 प्रतिशत उच्च शिक्षा पर हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “प्री-बजट बैठक में वित्त मंत्री के साथ सार्थक चर्चा में हमने कई बिंदुओं पर बात रखी है, हमें आशा है आने वाला बजट शिक्षा वन स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई राह दिखाने वाला होगा.” एबीवीपी ने बैठक के बाद बताया कि वित्त मंत्री और उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने लिखित में इन मांगों को लिया है. साथ ही संज्ञान लेते हुए आश्वासन देते हुए कहा है कि बजट में इन बिंदुओं को जोड़ा जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”नए साल पर अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, BJP को लेकर पूछ लिए ये सवाल” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-ex-cm-aap-chief-arvind-kejriwal-wrote-letter-to-rss-mohan-bhagwat-about-bjp-2853914″ target=”_self”>नए साल पर अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, BJP को लेकर पूछ लिए ये सवाल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Budget 2025 News:</strong> अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्री-बजट यानी केंद्रीय बजट घोषणा से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नॉर्थ ब्लॉक में सोमवार को हुई बैठक में हिस्सा लिया. यह बैठक वित्त मंत्रालय में दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक आयोजित की गई. एबीवीपी की ओर से इस बैठक में एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी मौजूद रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक में एबीवीपी की ओर से कई सुझाव और मांगें छात्र संगठन होने के तौर पर वित्त मंत्री को दी हैं, जिसमें मुख्य मांगें शिक्षा में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट, फार्मा एजुकेशन, एग्रीकल्चर एजुकेशन इत्यादि को एक मिनिस्ट्री में लाया जाए मानी जा रही है. एबीवीपी का कहना है कि स्टेट यूनिवर्सिटी को बेहतर करने की जरूरत है, जिसे लेकर ही सुझाव दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही स्वास्थ्य को लेकर कई तथ्य एबीवीपी की ओर से बैठक में रखे गए जैसे दो से तीन सालों में स्वास्थ अनुसन्धान का बजट कम हुआ है, लिहाजा इसे बढ़ाने की मांग की गई. एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी का कहना है कि यूएस का 0.65 प्रतिशत तो वहीं यूके का 0.44 प्रतिशत स्वास्थ अनुसन्धान पर खर्च होता है. वहीं, भारत में .02 प्रतिशत बजट स्वास्थ अनुसन्धान में इस्तेमाल किया जाता है. इसे बढ़ाकर कम से कम 1 प्रतिशत जीडीपी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए”<br /><br /><strong>देश के सभी 22 एम्स में 39 प्रतिशत टीचिंग स्टाफ की कमी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीवीपी ने डेटा के साथ बैठक में बताया कि कई अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. देश के सभी 22 एम्स में 39 प्रतिशत टीचिंग स्टाफ की कमी है, लिहाज़ा उसे बढ़ाया जाए. एबीवीपी ने शिक्षा के बजट को कोठारी आयोग की सिफारिश के अनुरूप बढ़ा कर कुल जीडीपी का 6 प्रतिशत करने की मांग करते हुए सरकारी शिक्षण संस्थाओं में लगातार हो रही फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए भी बात की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साथ ही इस बैठक में छात्र संगठन एबीवीपी ने मिड डे मील, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत विद्यालयों में शौचालय बनाने, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए कैंपस को अनुकूल बनाने के लिए कई सुझाव दिए, कॉलेजों में लैब्स को और ज्यादा आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों से लैस किया जाए यह भी मांग में शामिल किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिलों, ब्लॉक स्तर पर ट्रॉमा सेंटर की मांग&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीवीपी की ओर से ट्रॉमा सेंटर और प्राइमरी हेल्थ सेंटर ब्लॉक स्तर पर बनाए जाने की मांग की गई. एबीवीपी का कहना है कि आपातकालीन स्थिति होने पर पीड़ित का महत्वपूर्ण समय खराब होता है, इसलिए जरूरी है कि हर ब्लॉक, जिले में ट्रॉमा सेंटर बनाया जाए. शोध के क्षेत्र में 17 प्रतिशत बजट घटाए जाने को चिंताजनक बताते हुए एबीवीपी ने शोध के क्षेत्र में बजट बढ़ाए जाने की मांग पर जोर दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक के दौरान सभी राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पीएचडी शोधार्थियों को नॉन-नेट फेलोशिप देने है, फेलोशिप की राशि बढ़ाए जाने, प्रमुख शोध संस्थानों जैसे आईसीएसएसआर, आईसीएचआर, आईसीसीआर, आईसीएमआर और आईसीएआर इत्यादि का बजट आवंटन बढ़ाए जाने की मांग करते हुए राष्ट्रीय अनुसंधान संस्था (NIR) का दायरा बढ़ा कर सामाजिक विज्ञान के विषयों को भी शामिल करने की मॉंग एबीवीपी ने की है.&nbsp;<br /><br /><strong>यूजीसी का बजट पिछले साल 17 प्रतिशत बजट कम हुआ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी कहा, “यूजीसी का बजट पिछले साल 17 प्रतिशत बजट कम हुआ था, जिसे इस साल बढ़ाने की मांग की गई है. साथ ही रिसर्च और फेलोशिप के लिए बजट देने की मांग की गई है. शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च होना चाहिए, जिसमें जीडीपी का 2 प्रतिशत उच्च शिक्षा पर हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “प्री-बजट बैठक में वित्त मंत्री के साथ सार्थक चर्चा में हमने कई बिंदुओं पर बात रखी है, हमें आशा है आने वाला बजट शिक्षा वन स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई राह दिखाने वाला होगा.” एबीवीपी ने बैठक के बाद बताया कि वित्त मंत्री और उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने लिखित में इन मांगों को लिया है. साथ ही संज्ञान लेते हुए आश्वासन देते हुए कहा है कि बजट में इन बिंदुओं को जोड़ा जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”नए साल पर अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, BJP को लेकर पूछ लिए ये सवाल” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-ex-cm-aap-chief-arvind-kejriwal-wrote-letter-to-rss-mohan-bhagwat-about-bjp-2853914″ target=”_self”>नए साल पर अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, BJP को लेकर पूछ लिए ये सवाल</a></strong></p>  दिल्ली NCR New year 2025: भगवान महाकाल के दरबार में भस्म आरती से नए साल की शुरुआत, जानिए पुजारी ने क्या कहा?