मझवां में बंटेंगे तो कटेंगे का मुसलमानों पर असर नहीं:ओबीसी-जनरल वोट से भाजपा मजबूत, सपा को PDA पर भरोसा

मझवां में बंटेंगे तो कटेंगे का मुसलमानों पर असर नहीं:ओबीसी-जनरल वोट से भाजपा मजबूत, सपा को PDA पर भरोसा कोई कहता भली है, कोई कहता बुरी है। मैं तो कहता हूं- सियासत दोगली है। ऐसा मुकेश उपाध्याय का कहना है। मिर्जापुर के मझवां ब्लॉक में रहते हैं। वह कहते हैं- इस एरिया में आज विकास कोसों दूर है। जनता ने सभी पार्टियों को जिताया। लेकिन, उद्योग-धंधे, अच्छे स्कूल-कॉलेज और अस्पताल की कमी दूर नहीं हुई। सड़कों की स्थिति बहुत खराब है। मझवां में 3 दिन बाद उपचुनाव होने हैं। मुकेश उपाध्याय जैसे ही तमाम लोग इलाके की समस्या बताते हैं। लेकिन, लोगों का कहना है- यहां मुद्दा नहीं, चुनाव जाति-बिरादरी में सिमट जाता है। चुनाव वाले दिन लोग पार्टी और प्रत्याशी को देखकर ही वोट देते हैं। मझवां में भाजपा और सपा दोनों ने महिला कैंडिडेट उतारे। भाजपा से सुचिस्मिता मौर्य लड़ रही हैं। वह पूर्व विधायक रामचंद्र मौर्या की बहू हैं। सपा से डॉ. ज्योति बिंद चुनावी मैदान में हैं। वह पूर्व विधायक डॉ. रमेश बिंद की बेटी हैं। बसपा ने यहां जातीय समीकरण साधते हुए ब्राह्मण चेहरे दीपक तिवारी उर्फ दीपू पर भरोसा जताया है। तमाम जातीय और सियासी समीकरण साधते हुए भाजपा अभी मजबूत स्थिति में है। अगर बसपा का BDM (ब्राह्मण-दलित-मुस्लिम) समीकरण ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ता और सपा का PDA काम कर जाता है, तो यहां सपा मजबूत होगी। बसपा मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है। मझवां में हवा का रुख कैसा है? जनता की राय क्या है? पॉलिटिकल एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं? इन सभी सवालों का जवाब जानने हम वोटिंग से 4 दिन पहले मझवां के अलग-अलग इलाकों में पहुंचे… सबसे पहले मझवां का सियासी समीकरण…
2022 में यह सीट भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी के कोटे में गई थी। निषाद पार्टी के विनोद बिंद को 33 हजार 587 मतों से जीत मिली। विनोद बिंद को 1 लाख 3 हजार 235 वोट मिले। सपा के रोहित शुक्ला को 69 हजार 648 वोट मिले थे। पिछले लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल और सपा प्रत्याशी डॉक्टर रमेश बिंद के बीच मुकाबला हुआ। इस इलाके से अनुप्रिया पटेल को सिर्फ 1,762 मतों से जीत मिली। यह आंकड़ा ही भाजपा के लिए चिंताजनक है। मझवां में बिंद, ब्राह्मण और दलित ये 3 वोट बैंक निर्णायक होते हैं। यह वोट जिसकी तरफ शिफ्ट हुआ, उसकी जीत पक्की होती है। अब जानते हैं वोटर्स की बात…
मिर्जापुर मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर मझवां विधानसभा सीट ग्रामीण इलाका है। यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती और पशुपालन है। भाजपा यहां सहयोगी दलों के साथ एकजुट है और जीत की हैट्रिक लगाने का प्रयास कर रही है। राजा तालाब से जमुआ बाजार होकर हम कछवा नगर पंचायत पहुंचे। इससे पहले रास्ते में मुस्लिम मतदाताओं का मिजाज जाना। मुस्लिम वोटरों की अपनी अलग रायशुमारी नजर आई। कोवटावीर महामलपुरी के पूर्व प्रधान मो. असलम खां ने बताया- वर्तमान स्थिति में भाजपा मजबूत नजर आ रही है। मुस्लिम सब ओर जा रहा है, सपा- बसपा और भाजपा में भी…। लेकिन, वोटों का प्रतिशत अलग होगा। वोटरों का सबसे बड़ा तबका सपा और फिर बसपा की ओर जा रहा है। भाजपा की ओर रुझान कम है, किसी प्रभाव में 2 फीसदी जा सकता है। ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का मुस्लिमों पर कोई असर नहीं है। जो चल रहा है, वह ठीक नहीं है। अपेक्षा यही है, जो सरकार चला रहे हैं, बस ठीक से चलाएं। बाकी हम तो राजा बनेंगे नहीं, हमें तो प्रजा ही रहना है। जहीर कहते हैं- हम वोट किसे देंगे, यह ऊपर वाला जानता है। सही समय पर पत्ता खोलेंगे। मुस्लिमों का एक वर्ग इस चुनाव में बिक सकता है। पैसे लेकर वोट देगा। हालात भी ठीक नहीं हैं। कुछ बोलने या अपनी बात रखने पर जेल में डाल दिया जाता है। ब्राह्मण बहुल इलाकों में भाजपा की चर्चा
मझवां में सबसे ज्यादा मतदाता ब्राह्मण हैं। उनके कई गांव एक साथ हैं। पहाड़ी ब्लॉक के कई गांवों में ब्राह्मणों का रुझान भाजपा में दिखा, कुछ फीसदी बसपा प्रत्याशी को दे रहे हैं। लेकिन, सपा से ब्राह्मण दूर नजर आ रहा है। कछवा बाजार से ब्राह्मण बाहुल्य इलाकों में बढ़ें, तो पहला गांव बेदौली पड़ा। चाय की दुकान पर वकील सर्वेश तिवारी के साथ बड़ी संख्या में गांव के युवा जुटे थे। दैनिक भास्कर का माइक देखा तो चुनावी चर्चा भी शुरू हो गई। सर्वेश तिवारी ने बताया- हमारा गांव पूरी तरह से भाजपा के साथ है। यह पार्टी राष्ट्र और समाज के प्रति सोच रही है। हम विचारधारा पर वोट दे रहे हैं। किसानों के लिए बेहतरीन व्यवस्था दी गई है। हर समय लाइट आती है और सिंचाई कर सकते हैं। राजकुमार विश्वकर्मा मझवां की सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई बता रहे हैं। उन्होंने कहा- भाजपा के पक्ष में हवा बह रही है। वोट का आधार उनके पक्ष में दिखाई दे रहा। सीएम योगी के नारे का बोलबाला भी दिख रहा है। आशीष तिवारी और प्रवीण चौबे भाजपा की जीत का दावा कर रहे हैं। दोनों का कहना है कि युवाओं का सबसे ज्यादा सपोर्ट भाजपा के साथ है। जन्मेजय शर्मा मझवां में त्रिकोणीय लड़ाई बता रहे हैं। कहते हैं- सपा, भाजपा के साथ बसपा भी मजबूती से चुनाव लड़ रही है। बसपा के पास अपना सॉलिड वोट है, जो उसे मजबूत कर रहा है। मिर्जापुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष उपाध्याय ने बताया- मझवां में अभी जटिल स्थिति चल रही है। भाजपा को जीता हुआ नहीं मान सकते। सभी दल मेहनत कर रहे, अच्छा चुनाव लड़ रहे हैं। अजय कुमार की मानें, तो समय आने पर परिणाम दिखेगा। लड़ाई भाजपा और सपा में है। अब बात पॉलिटिकल एक्सपर्ट की….
इलाके की राजनीति को करीब से समझने वाले प्रोफेसर मारकण्डेय सिंह ने बताया- मझवां में भाजपा की स्थिति मजबूत है। अधिकतम मतदाताओं का रुझान है कि सरकार योगी की है। उनकी पार्टी का प्रत्याशी जीतेगा, तो विकास होगा। सभी मिलकर उन्हीं से उम्मीद रखे हैं। सपा और बसपा का प्रयास जारी है, चुनाव रोचक होगा। उन्होंने बताया- सभी दल आ रहे हैं, लेकिन उनका प्रभाव जनता पर नहीं दिख रहा। जातिगत समीकरण भी प्रभावी नहीं हैं। भाजपा के आगे विपक्षी टिक नहीं रहे हैं। चौराहों, चाय की दुकानों पर भाजपा की जीत पर ही चर्चा हो रही है। 1989-90 के बाद से अब तक मझवां में वोटिंग पैटर्न नहीं बदला। यहां के मतदाता ज्यादातर दो फैक्टर पर बात करते हैं। पहला पार्टी के साथ वैचारिक जुड़ाव और दूसरा कैंडिडेट की जाति। बीजेपी और बसपा ज्यादातर इसी आधार पर चुनाव जीतती रही हैं। सपा जातीय गोलबंदी और रोजगार के मुद्दे को धार दे रही है। प्रत्याशी के पिता पुरानी तस्वीरों पर धूल साफ कर रहे हैं। वहीं, भाजपा कानून व्यवस्था और ध्रुवीकरण के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश में है। ………………………………. यह खबर भी पढ़ें अलीगढ़ के खैर में क्या हैट्रिक लगा पाएगी BJP: वोटर्स के पैर छू रहे भाजपा प्रत्याशी, AMU बना मुद्दा; सपा कितनी ताकतवर सपा अपने 32 साल के इतिहास में यहां कभी भी फाइट में नहीं रही। लेकिन, इस बारअलीगढ़ के खैर विधानसभा एरिया में जो समीकरण बन रहे हैं, उससे यह साफ है कि लड़ाई भाजपा और सपा के बीच है। चारू कैन सिर पर पल्लू रख बहू की तरह वोट मांग रही हैं। वहीं सुरेंद्र दिलेर लोगों के पैर छूते हैं। कहते हैं- आपका बेटा हूं। आशीर्वाद दीजिएगा। पढ़ें पूरी खबर…

हिमाचल BJP ने सरकार अस्थिर करने को लिखी स्क्रिप्ट:सत्तारूढ़ दल जवाबी कार्रवाई को तैयार; कांग्रेस-BJP के 9-9 विधायकों पर कार्रवाई की तलवार

हिमाचल BJP ने सरकार अस्थिर करने को लिखी स्क्रिप्ट:सत्तारूढ़ दल जवाबी कार्रवाई को तैयार; कांग्रेस-BJP के 9-9 विधायकों पर कार्रवाई की तलवार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर फिर सियासी संकट मंडरा सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने इसकी स्क्रिप्ट लिख दी है। बीजेपी कभी भी कांग्रेस के 9 विधायकों (6 पूर्व CPS और 3 कैबिनेट रेंक MLA) को अनसीट करने की मांग को लेकर राजभवन पहुंच सकती है। ऐसा हुआ तो सत्तारूढ़ कांग्रेस भी पलटवार को तैयार बैठी है। कांग्रेस सरकार के पास इस बार BJP के 9 विधायकों के खिलाफ बड़ा हथियार है। दरअसल, BJP विधायकों पर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन के भीतर दुर्व्यवहार करने के आरोप है। बीजेपी विधायकों पर आरोप है कि सत्र में इन्होंने विधानसभा के बीचोंबीच बैठने वाले सरकारी रिपोर्टरों से फाइलें छीनकर स्पीकर चेयर की ओर फेंकी। BJP विधायकों पर दुर्व्यवहार के आरोप यही नहीं कुछ विधायकों ने मार्शलों के साथ भी धक्का-मुक्की की। विधानसभा सचिवालय प्रशासन के पास इसके बाकायदा वीडियो मौजूद है। भाजपा विधायकों के इस व्यवहार को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें नोटिस दे रखे है। बाकायदा इनके जवाब आ गए है। अब कार्रवाई होनी शेष है। जाहिर है कि बीजेपी यदि कांग्रेस के 9 विधायकों को अनसीट करने की मांग करती है तो सत्तारूढ़ कांग्रेस भी विधानसभा के शीत कालीन सत्र में बीजेपी के 9 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। इससे मुकाबला कांग्रेस के 9 विधायक बनाम बीजेपी के 9 MLA होगा। कांग्रेस के 9 MLA की सदस्यता गई तो भी बहुमत मौजूद कांग्रेस सरकार के लिए राहत की बात यह है कि यदि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत कांग्रेस के 9 विधायकों की सदस्यता जाती है तो भी कांग्रेस के पास बहुमत है। इससे 9 सीटों पर उप चुनाव होंगे। कांग्रेस को बहुमत के लिए 9 में से 4 सीटें जीतनी होगी। बीजेपी को सत्ता हथियाने के लिए 7 सीटें जीतनी होगी यदि कांग्रेस के विधायकों की सदस्यता गई तो बीजेपी को सत्ता के लिए कम से कम 7 विधायक जीतने जरूरी होंगे। विधानसभा स्पीकर यदि बीजेपी के 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करते हैं तो बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 16 सीटें जीतनी होगी। BJP के इन विधायकों पर कार्रवाई की तलवार BJP के जिन विधायकों को नोटिस दिए गए हैं, उनमें ऊना से विधायक सत्तपाल सत्ती, नाचन से विनोद सुल्तानपुरी, चुराह से हंसराज, बंजार से सुरेंद्र शौरी, सुलह से विपिन सिंह परमार, बिलासपुर से त्रिलोक जम्वाल, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, आनी से लोकेंद्र कुमार और करसोग से दीपराज शामिल है। राज्यपाल अभी प्रदेश से बाहर बता दें कि हिमाचल के गवर्नर अभी 19 नवंबर तक प्रदेश से बाहर है। जाहिर है कि 19 नवंबर के बाद राज्यपाल के लौटने पर ही बीजेपी अगला कदम उठाएगी। भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर कांग्रेस के 9 विधायकों को अनसीट करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा, सीपीएस लाभ का पद है। कांग्रेस के इन विधायकों पर तलवार सीपीएस के अलावा सीएम सुक्खू ने फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया को स्टेट प्लानिंग बोर्ड का कैबिनेट रेंक के साथ डिप्टी चेयरमैन, नगरोटा बगवा से विधायक आरएस बाली कैबिनेट रेंक के साथ हिमाचल पर्यटन विकास निगम का वाइस-चेयरमैन और रामपुर से विधायक नंद लाल को सातवें वित्त आयोग का अध्यक्ष लगा रखा है। इन तीन विधायकों के अलावा विपक्ष पूर्व सीपीएस किशोरी लाल, आशीष बुटेल, एमएल ब्राक्टा, सुंदर सिंह ठाकुर, संजय अवस्थी और दून से राम कुमार चौधरी को भी अनसीट करने की मांग करेगी।

पंजाब उपचुनाव: चब्बेवाल में दलबदलुओं में मुकाबला:AAP उम्मीदवार को सांसद पिता के कामों से एज, कांग्रेस के वकील क्लोज फाइट में

पंजाब उपचुनाव: चब्बेवाल में दलबदलुओं में मुकाबला:AAP उम्मीदवार को सांसद पिता के कामों से एज, कांग्रेस के वकील क्लोज फाइट में पंजाब की जिन 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें होशियारपुर की चब्बेवाल सीट भी शामिल है। इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच माना जा रहा है। AAP, कांग्रेस और भाजपा तीनों पार्टियों के उम्मीदवार दलबदलू हैं। यहां से आम आदमी पार्टी (AAP) ने सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे इशांक को टिकट दी है। कांग्रेस ने जिला बार एसोसिएशन के प्रधान रणजीत कुमार और BJP ने पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल को मैदान में उतारा है। इशांक अभी राजनीतिक सफर की शुरुआत कर रहे हैं। वहीं रणजीत सिंह बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) से कांग्रेस और ठंडल अकाली दल से बीजेपी में आए हैं। अकाली दल भले ही चुनाव मैदान में न हो लेकिन हार-जीत में उनके वोट बैंक की भूमिका अहम होगी। AAP, कांग्रेस और बीजेपी अकाली दल व बसपा के वोटरों को अपनी ओर करने में लगी हुई हैं। पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 2 बार और अकाली दल ने एक बार जीत हासिल की है। साल 2012 का विधानसभा चुनाव शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के उम्मीदवार रहे सोहन सिंह ठंडल ने जीता था। जिसके बाद साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की टिकट पर डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने (अब AAP के होशियारपुर से सांसद) बीजेपी-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार रहे सोहन सिंह ठंडल को हराया था। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने दोबारा कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने AAP के हरमिंदर सिंह संधू को हराया था। चब्बेवाल विधानसभा हलके में करीब 300 गांव हैं। जिनमें कुल 1 लाख 59 हजार 432 वोटर हैं। प्रशासन द्वारा 205 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 83,704 पुरुष और 75,724 महिला वोटर हैं। साथ ही 4 ट्रांसजेंडर भी हैं। 6 पॉइंट्स में समझें चब्बेवाल विधानसभा सीट के समीकरण…. पिता के कामों का बेटे को फायदा मिल सकता है
चब्बेवाल सीट से सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे डॉ. इशांक कुमार AAP के उम्मीदवार हैं। हलके के लोगों की माने तो सबसे पुख्ता उम्मीदवार इंशाक कुमार ही हैं। ऐसा आम आदमी पार्टी की वजह से नहीं, बल्कि राज कुमार चब्बेवाल की वजह से है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि हम सांसद चब्बेवाल के बेटे को वोट दे रहे हैं, ना कि आम आदमी पार्टी को। इशांक की उम्र महज 31 साल है। उन्हें पिता के किए कामों का फायदा मिलेगा। राजकुमार पिछले 2 दशकों से हलके में एक्टिव हैं। हलके के हर घर तक पहुंच रखते हैं। यह सीट इससे पहले राजकुमार के पास ही थी। उनके सांसद बनने पर इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इशांक कुमार और उनके सांसद पिता अकाली दल के वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं। क्योंकि अकाली दल ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। रणजीत कुमार को तैयारी का कम समय मिला
कांग्रेस प्रत्याशी रणजीत कुमार को जनता से संपर्क करने के लिए कम समय मिला। रैलियों में AAP सरकार के अधूरे वादों का जिक्र और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए सरकार की आलोचना करते हैं। रणजीत कुमार को तैयारी के लिए काफी कम समय मिला है। बसपा के वोट बैंक पर नजर बनाए हुए हैं। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते उन्हें वकील समुदाय के एक वर्ग का समर्थन मिल रहा है। वहीं, AAP की ओर से टिकट की दावेदारी पेश कर चुके कुछ नेता भी कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं। क्योंकि इशांक के अलावा 2 अन्य नेताओं ने भी दावेदारी पेश की थी। मगर आप ने इशांक को टिकट दिया। ठंडल को किसानों ने घेरा
अकाली दल छोड़कर BJP में आए सोहन सिंह ठंडल पुराने खिलाड़ी हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि शिअद और बीजेपी की सरकार में ठंडल मंत्री पद पर थे। बीजेपी ने इस बार चब्बेवाल उपचुनाव में ठंडल पर भरोसा जताया है। दो दशक से अधिक समय तक शिअद में रहे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने शिअद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें हार मिली। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। ठंडल को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। ठंडल शिअद के वोटरों को अपनी तरफ करने में लगे हुए हैं। जानिए क्या कहते हैं वोटर… AAP उम्मीदवार इशांक का ज्यादा रुझान
चब्बेवाल के कपड़ा कारोबारी सुरिंदर कुमार ने कहा कि इस सीट पर होशियारपुर से सांसद डॉ. राजकुमार के बेटे इशांक ही जीतेंगे। वह AAP को नहीं बल्कि राजकुमार को वोट दे रहे हैं। चब्बेवाल ने उनके गांव और एरिया में जो पिछली सरकारों में फंसे काम थे, सभी करवाए। हमारे बाजार में AAP उम्मीदवार के अलावा कोई उम्मीदवार वोट मांगने तक नहीं पहुंचा। ऐसे में चब्बेवाल में इशांक का ही ज्यादा रुझान नजर आ रहा है। कांग्रेस मुकाबले में है, लेकिन AAP को हराना बहुत मुश्किल
चब्बेवाल में चिकन की दुकान चलाने वाले परमजीत सिंह ने बताया कि हमारे एरिया में सांसद डॉक्टर राजकुमार चब्बेवाल का सबसे ज्यादा जोर है। कांग्रेस मुकाबले में है, मगर हराना बहुत मुश्किल है। क्योंकि राजकुमार ने हमारे एरिया में काफी काम किए हैं। जैसे की सड़कें, पानी और फ्लाईओवर सहित अन्य काम करवाए। वोटिंग की डेट आगे बढ़ने से कांग्रेस को फायदा मिल सकता है
चब्बेवाल में स्पेयर पार्ट का कारोबार करने वाले अवतार सिंह ने बताया कि इस वक्त चब्बेवाल में दोनों पार्टियों (AAP और कांग्रेस) के 50-50 चांस हैं। चुनाव आयोग ने जो वोटिंग की डेट आगे बढ़ाई है इससे सीधा फायदा कहीं न कहीं कांग्रेस को मिला है। क्योंकि कांग्रेस अब लोगों तक पहुंच रही है। कांग्रेस के उम्मीदवार को तैयारी के लिए कम समय मिला है। ऐसे में मुकाबला टक्कर का हो सकता है। जालंधर सांसद चरणजीत सिंह चन्नी लोगों के घरों तक जा रहे हैं। साथ ही कांग्रेस की बड़ी लीडरशिप भी मैदान में है। एक्सपर्ट बोले- कांग्रेस के रणजीत सिंह क्लोज फाइट में
राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले सीनियर एडवोकेट शमशेर भारद्वाज ने कहा चब्बेवाल के रुझान इस वक्त सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे इशांक कुमार के पक्ष में हैं। मगर मैं समझता हूं कि कांग्रेस के उम्मीदवार रणजीत सिंह क्लोज फाइट में हैं। क्योंकि वह काफी पढ़े लिखें हैं। मगर लोगों का कुछ कह नहीं सकते। अभी तक का रुझान सांसद परिवार के साथ है। …………………………………. पंजाब उपचुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें- बरनाला में तिकोना मुकाबला:AAP को बागी का नुकसान, BJP शहरी वोटर्स के भरोसे; कांग्रेस को सत्ता के विरोध से आस पंजाब में 4 सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी। यहां बरनाला सीट पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी (AAP) के कब्जे में रही है। दोनों बार यहां से गुरमीत मीत हेयर जीते थे। जो अब सांसद बन चुके हैं। AAP ने सीट दोबारा पाने के लिए उनके ही करीबी दोस्त हरिंदर धालीवाल को टिकट दी है। मगर, इससे पार्टी में बगावत हो गई और पार्टी के जिला प्रधान रहे गुरदीप बाठ बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं। जिससे AAP की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पूरी खबर पढ़ें डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्ट पंजाब में 4 सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इस उपचुनाव में गुरदासपुर जिले की डेरा बाबा नानक सीट सुर्खियों में है। इसकी वजह है कि यहां से कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी उपचुनाव लड़ रही हैं। वहीं रंधावा और सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के बीच खूब जुबानी जंग चल रही है। पूरी खबर पढ़ें

बाबू-बेटा कहने पर फूटा भूपेंद्र हुड्‌डा का दर्द:बोले- अपनी पार्टी देखो, मुझे किसी बच्चों से ईर्ष्या नहीं, अपने परिवार पर गर्व

बाबू-बेटा कहने पर फूटा भूपेंद्र हुड्‌डा का दर्द:बोले- अपनी पार्टी देखो, मुझे किसी बच्चों से ईर्ष्या नहीं, अपने परिवार पर गर्व हरियाणा चुनाव में बाबू-बेटा कहे जाने पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा का दर्द फूट पड़ा। उन्होंने विरोधियों को कहा कि हमारा तो परिवारवाद हो गया लेकिन अपनी पार्टी देखो। मुझे किसी के बच्चों से कोई ईर्ष्या नहीं है। मैं तो खुश हूं और उनको आशीर्वाद देता हूं। हुड्‌डा ने यह भी कहा कि मुझे तो मेरे परिवार पर गर्व है। हुड्‌डा ने यह बातें विधानसभा सेशन के दौरान कहीं थी। जिसके बाद उनके बयान अब खूब वायरल हो रहे हैं। बता दें कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा की अगुआई में लड़ा। उनके रोहतक से सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्‌डा ने पूरे प्रदेश में प्रचार किया। इस दौरान भाजपा और CM नायब सैनी से लेकर JJP तक के नेता हुड्‌डा पिता-पुत्र पर निशाना साधते रहे। हालांकि तब उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। चुनाव में कांग्रेस के माहौल के बावजूद भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत पा लिया। वहीं कांग्रेस 37 सीटों पर ही रह गई। जिसके बाद अब विरोधियों की जगह कांग्रेस के भीतर ही हुड्‌डा पिता-पुत्र का विरोध किया जा रहा है। भूपेंद्र हुड्‌डा की कहीं 4 अहम बातें… 1. ब्लॉक समिति चेयरमैन से CM तक गया
भूपेंद्र हुड्‌डा ने कहा- मैंने भी एक ब्लॉक समिति के चेयरमैन से काम शुरू किया। धरती से जुड़ा हुआ हूं। MLA और सांसद भी रहा। सेवा की तो चीफ मिनिस्टर तक गया। 3 बार प्रतिपक्ष का नेता भी रहा। हमारा तो परिवारवाद हो गया। 2. अपनी पार्टी देखो, मुझे कोई ईर्ष्या नहीं
आप अपनी पार्टी में देखो। मुझे कोई ईर्ष्या नहीं है। मेरे पार्टी के बच्चे हैं। कोई मिनिस्टर है। कोई कुछ है। मैं खुश हूं। मैंने आशीर्वाद दिया उनको। तुम्हारे को ईर्ष्या होती है। कोई कहता है बाप बेटा… बाबू बेटा। अरे तुम अपनी तो देख लो। मैं एक ही बात कहूंगा कि खुद को तो देख लो। 3. दादाजी को काले पानी की सजा हुई
हुड्‌डा ने कहा- परिवारवाद, ये परिवारवाद की डिफिनेशन (परिभाषा) समझ नहीं आई। और कोई बात नहीं, कहेंगे कांग्रेस में परिवारवाद है। मुझे तो गर्व है अपने परिवार का। मेरे दादा स्वतंत्रता सेनानी थे। शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह और मेरे दादाजी को काले पानी की सजा का हुक्म हुआ था। 4. पिताजी 8 बार जेल गए, संविधान पर साइन किए
मेरे पिताजी 8 बार जेल में गए। 4 आज पाकिस्तान और 4 हिंदुस्तान में हैं। जिस संविधान के तहत आज हम यहां (हरियाणा विधानसभा) बैठे हैं, उस पर 283 लोगों के साइन थे, एक मेरे पिताजी के थे। इन नेताओं ने कसे थे हुड्‌डा पर तंज
CM नायब सैनी ने चुनाव प्रचार के दौरान भूपेंद्र हुड्‌डा और दीपेंद्र हुड्‌डा पर बापू-बेटा कहकर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि बापू-बेटा लगे हुए हैं। सैलजा समर्थक पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने कहा कि कांग्रेस में बापू-बेटे की वन वे ट्रैफिक थी। पूर्व डिप्टी CM और JJP नेता दुष्यंत चौटाला के अलावा भाजपा की राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने भी बाबू-बेटा कहकर हुड्‌डा पिता-पुत्र पर खूब तंज कसे थे। इसी वजह से हुड्‌डा नाराज नजर आए। हुड्‌डा परिवार की पूरी कहानी पढ़ें… हुड्डा ने डिप्टी PM देवीलाल को 3 बार हराया: पिता से मिली राजनीतिक विरासत; CM बने तो बेटे को अमेरिका से बुलाकर सांसद बनवाया​​​​​​ हुड्डा लगातार 2 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री और 4 बार सांसद रहे। उनके पिता रणबीर हुड्डा 3 बार सांसद और एक बार हरियाणा सरकार में मंत्री रहे। भूपेंद्र के बेटे दीपेंद्र हुड्डा चौथी बार लोकसभा पहुंचे हैं। आज हुड्डा परिवार की तीसरी पीढ़ी राजनीति में है (पूरी खबर पढ़ें)

हरियाणा के मुक्केबाज का अमेरिकी बॉक्सर को चैलेंज:पॉल-टायसन के मैच के बाद विजेंदर ने दी चुनौती; मेवेदर बिना हारे 50 मैच जीत चुके

हरियाणा के मुक्केबाज का अमेरिकी बॉक्सर को चैलेंज:पॉल-टायसन के मैच के बाद विजेंदर ने दी चुनौती; मेवेदर बिना हारे 50 मैच जीत चुके अमेरिकी बॉक्सर जेक पॉल की माइक टायसन पर जोरदार जीत के बाद भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने दुनिया के सबसे खतरनाक मुक्केबाजों में से एक फ्लॉयड मेवेदर को कड़ी चुनौती दी है। 2008 ओलिंपिक ब्रान्ज मेडलिस्ट हरियाणवी बॉक्सर विजेंदर सिंह ने सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा “आइए भारत में फ्लॉयड मेवेदर के साथ लड़ाई करें”। विजेंदर सिंह ने फ्लॉयड मेवेदर को टैग करते हुए भारत में आकर लड़ाई करने की बात कही है। हालांकि विजेंदर सिंह के इस ट्वीट को हर कोई मजाक में ले रहा है। मगर, विजेंदर सिंह चाहते हैं कि जिस प्रकार जेक पॉल ने माइक टायसन पर जोरदार जीत हासिल की है, वैसे ही जीत वह फ्लॉयड मेवेदर पर हासिल करें। हालांकि उनके ट्वीट में कब और कहां लड़ेंगे, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि इससे पहले 2023 में बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भारत में ही जंगल रंबल प्रो बॉक्सिंग मुकाबले में घाना के एलियासु सुले को नॉकआउट से हराया था। माइक टायसन की फाइट के बाद विजेंदर में आया जोश
दअरसल, दुनिया के ऑल टाइम ग्रेट मुक्केबाज माइक टायसन 19 साल बाद रिंग में उतरे थे। उनका मुकाबला टेक्सास के ATT स्टेडियम में हुआ। टायसन 31 साल छोटे 27 साल के अमेरिकी बॉक्सर जैक पॉल से भिड़े। जैक ने यह मैच 78-74 से जीता था। करोड़ों लोगों ने एक साथ यह मैच देखा था। विजेंदर का ट्वीट भी इस मैच के बाद आया है। 2019 में राजनीति में आए थे विजेंदर सिंह
बॉक्सर विजेंदर सिंह ने 2019 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। पहले ही चुनाव में पार्टी ने उन्हें दक्षिण दिल्ली से चुनावी मैदान में उतारा था। पहले ही चुनाव में उन्हें भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजेंदर सिंह राजनीति में उतने एक्टिव नहीं रहे। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। हरियाणा सरकार ने दी थी DSP की पोस्ट
पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने बॉक्सिंग में विजेंदर की उपलब्धियों के चलते उन्हें सम्मान स्वरूप हरियाणा पुलिस में डीएसपी की पोस्ट दी थी। 2008 में विजेंद्र ने बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद हुड्डा सरकार ने उन्हें हरियाणा पुलिस सर्विस (HPS) में शामिल किया था। 2015 में पेशेवर मुक्केबाज बनने के दौरान भी उनके डीएसपी पद को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, लेकिन सरकार ने उन्हें डीएसपी स्पोर्ट्स के पद पर बरकरार रखा था। कॉलेज के दिनों से था मुक्केबाजी का शौक
29 अक्टूबर, 1985 में हरियाणा के भिवानी में जन्में विजेंदर के पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज में बस ड्राइवर हैं। उनकी मां गृहणी हैं। विजेंदर बेहद निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से जुड़े हैं। विजेंदर सिंह को कॉलेज के दिनों से ही मुक्केबाजी और कुश्ती का शौक था, वह इसकी प्रैक्टिस भिवानी बॉक्सिंग क्लब में करते थे। उन्होंने कोचिंग का प्रशिक्षण भारतीय बॉक्सिंग कोच गुरबख्श सिंह संधू से लिया हैं। 17 मई, 2011 को विजेंदर ने अर्चना सिंह को हमसफर बनाया। अर्चना दिल्ली की रहने वाली हैं और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं। ………………………………… ये खबर भी पढ़ें- टायसन के मैच से नेटफ्लिक्स 6 घंटे ठप:19 साल बाद रिंग में उतरे, 31 साल छोटे खिलाड़ी से हारे, 169 करोड़ रुपए मिलेंगे दुनिया के ऑल टाइम ग्रेट मुक्केबाज माइक टायसन 19 साल बाद रिंग में उतरे। उनका मुकाबला टेक्सास के ATT स्टेडियम में हुआ। टायसन 31 साल छोटे 27 साल के अमेरिकी बॉक्सर जैक पॉल से भिड़े। जैक ने यह मैच 78-74 से जीता। पूरी खबर पढ़ें

पंजाब उपचुनाव: बरनाला में तिकोना मुकाबला:AAP को बागी का नुकसान, BJP शहरी वोटर्स के भरोसे; कांग्रेस को सत्ता के विरोध से आस

पंजाब उपचुनाव: बरनाला में तिकोना मुकाबला:AAP को बागी का नुकसान, BJP शहरी वोटर्स के भरोसे; कांग्रेस को सत्ता के विरोध से आस पंजाब में 4 सीटों पर 20 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी। यहां बरनाला सीट पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी (AAP) के कब्जे में रही है। दोनों बार यहां से गुरमीत मीत हेयर जीते थे। जो अब सांसद बन चुके हैं। AAP ने सीट दोबारा पाने के लिए उनके ही करीबी दोस्त हरिंदर धालीवाल को टिकट दी है। मगर, इससे पार्टी में बगावत हो गई और पार्टी के जिला प्रधान रहे गुरदीप बाठ बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं। जिससे AAP की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा ने यहां से 2 बार के विधायक केवल सिंह ढिल्लो को टिकट दी है। ढिल्लो पहले कांग्रेस में थे। वह कांग्रेस की टिकट पर जीतकर दो बार विधायक बन चुके है। वह 2007 और 2012 में बरनाला से विधायक रहे हैं। उनकी भी इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ है। इसके अलावा यहां ग्रामीण के मुकाबले शहरी वोटर ज्यादा हैं, जिसे भाजपा का कोर वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में भाजपा इस सीट पर AAP के लिए चुनौती बनती नजर आ रही है। कांग्रेस ने यहां से कुलदीप सिंह काला ढिल्लो को टिकट दिया है। ढिल्लो को कांग्रेस ने नए चेहरे के तौर पर आजमाया है लेकिन वह इलाके के लिए नए नहीं हैं। कांग्रेस के बरनाला प्रधान के तौर पर वह काम कर रहे हैं। शिअद अमृतसर ने यहां से पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान के नाती गोबिंद सिंह संधू को टिकट दी है। पंजाब में 1992 के बाद पहली बार अकाली दल उपचुनाव नहीं लड़ रहा। इस वजह से उनके वोट बैंक पर सबकी नजर है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स मानें तो अकाली दल का यहां वोट बैंक हार-जीत तय कर सकता है। बरनाला विधानसभा में कुल वोटर 1 लाख 80 हजार 88 हैं। इनमें पुरुष वोटर 94957 तो महिला वोटर 851ृ27 हैं। शहरी वोटर 88429 तो ग्रामीण वोटर 61 657 हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि शहरी एरिया के वोटर जिस पक्ष में मतदान करेंगे, वह मजबूत होगा। वहीं, यहां से चुनाव लड़ रहे सभी प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार जट्‌ट सिख हैं। ऐसे में सभी को ग्रामीण वोट बंटने का खतरा है। बरनाला में बरनाला शहर के अलावा धनौला नगर कौंसिल और 40 गांव शामिल हैं। 6 पॉइंट में समझें बरनाला सीट का समीकरण 1. बरनाला जिला AAP का गढ़ माना जाता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मौजूदा CM भगवंत मान पहली बार सांसद बने तो उस समय भी पार्टी बरनाला जिले की तीनों सीटों पर जीती थी। 2017 और 20 22 विधानसभा चुनाव में गुरमीत सिंह मीत हेयर जीते थे। 2022 के चुनाव में बरनाला से उन्हें 64,800 हजार वोट मिले थे। हालांकि इस बार उन्हें अपनी ही पार्टी के प्रधान रहे गुरदीप बाठ से बगावत झेलनी पड़ रही है। 2. बरनाला में AAP के बाद अकाली दल का आधार अच्छा माना जाता है। 2022 में जब AAP के मीत हेयर ने रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की तो दूसरे नंबर पर अकाली दल के उम्मीदवार कुलवंत सिंह रहे थे। उन्हें 27,178 वोट मिले थे। ऐसे में अकाली दल का यह वोट बैंक सभी दलों के लिए टेंशन बना हुआ है। 3. कांग्रेस के लिए संगठन से लेकर बड़े चेहरों की चुनौती है। कांग्रेस के कई बड़े चेहरे भाजपा और आम आदमी पार्टी जॉइन कर चुके हैं। साल 2007 और 2012 में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार केवल ढिल्लों लगातार चुनाव जीते। जो अब भाजपा के उम्मीदवार हैं। गांवों में अब कांग्रेस की जगह आम आदमी पार्टी के प्रधान ज्यादा है। 20 से अधिक गांवों में आप का अच्छा रसूख माना जाता है। 4. इस सीट पर भाजपा कभी चुनाव नहीं जीत पाई। 2022 में पहली बार भाजपा ने शिरोमणि अकाली से अलग होकर धीरज कुमार को चुनावी मैदान में उतारा था। वह महज 9,122 वोट हासिल कर पाए थे। शहरी एरिया में गांवों से ज्यादा वोटर हैं। एक दिलचस्प बात यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत बरनाला में बढ़ा था। ऐसे में यहां भाजपा का प्रदर्शन चौंका सकता है। 5. गांवों में आम आदमी पार्टी और भाजपा उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है। इसके उलट कांग्रेस, शिअद अमृतसर और निर्दलीय गुरदीप बाठ को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। ऐसे में ग्रामीण वोट 3 जगह बंट सकती है। हालांकि अकाली दल का वोट बैंक यहां अहम होगा। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा का भी यहां असर है। उनकी करीब 5-6 हजार वोटें यहां हैं, जो हार-जीत का खेल बिगाड़ सकती हैं। 6. इस चुनाव में मुद्दों की बात करें तो कोई बड़ा अस्पताल या मेडिकल कॉलेज नहीं है। पार्किंग की परेशानी है। खेल मैदान नहीं है। किसान धान की लिफ्टिंग और DAP की कमी को लेकर विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा नशा और रोजगार के बारे में भी यहां के लोग बातें कर रहे हैं। AAP उम्मीदवार धालीवाल बोले- मेरे नानके यहां
AAP उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल काफी समय से बरनाला में एक्टिव हैं। सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर की चुनावी कमान से लेकर दफ्तर तक तो वह संभालते रहे हैं। मगर, विरोधी उन्हें बाहरी बता रहे है। धालीवाल कहते हैं कि वह लोकल है। उनके नानके भी इसी हलके में है। वह शुरू से पार्टी से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा पार्टी के लिए केवल पंजाब ही नहीं बल्कि जहां भी जरूरत महसूस होती है, वहां जाकर काम करते हैं। BJP के ढिल्लों केंद्र से प्रोजेक्ट का भरोसा दे रहे BJP के उम्मीदवार केवल ढिल्लों कांग्रेस की टिकट पर दो बार विधायक रहे हैं। वह बरनाला को जिला बनाने से लेकर अन्य सारी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करते हैं। वह कहते है कि केंद्र में हमारी सरकार है। मैं हलके के लिए केंद्र से बड़े प्रोजेक्ट लाने में सक्षम हूं। वह यहां तक दावा करते है कि बरनाला में डीएपी की कमी को उन्होंने ही दूर करवाया है। कांग्रेस के काला ढिल्लों सत्ता की नाकामियां बता रहे
कुलदीप सिंह काला ढिल्लों ने कांग्रेस को बरनाला में नए सिरे से खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई है। वह लोगों से सीधा जुड़ाव होने का दावा करते हैं। उनका कहना है कि अगर लोग चुनते हैं तो वह उनकी आवाज विधानसभा में उठाएंगे। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी बदलाव के नाम पर सरकार बनाकर कुछ भी नहीं कर पाई। क्या कहते हैं वोटर्स.. डेवलपमेंट बड़ा मुद्दा
बिजनेसमैन जिम्मी कहते हैं कि बरनाला विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा डेवलपमेंट का है। शहर में पार्किंग और पब्लिक टायलेट्स की दिक्कत हैं। हलके में यूनिवर्सिटी और अस्पताल की जरूरत है। वैसे तो AAP मजबूत दिख रही है लेकिन बाकी सब वोटर्स पर निर्भर है। अभी मिला-जुला असर
सुभाष कुमार कहते हैं कि बरनाला में सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है। बाजार में ट्रैफिक का बुरा हाल है। बढ़िया अस्पताल की कमी है। एजुकेशन के लिए बरनाला एक कॉलेज की जरूरत है। इलेक्शन में अभी तक मिला जुला असर है। नशा बड़ा मुद्दा
मोहम्मद हसन कहते हैं कि AAP को नुकसान दिख रहा है। इन्होंने नशा खत्म करने की बात कही थी लेकिन यह और बढ़ गया। मंडियों को किसानों में 20-20 दिन परेशान होना पड़ा। यहां मुकाबला BJP और कांग्रेस के बीच लग रहा है। एक्सपर्ट बोले- आप-कांग्रेस में मुकाबला
सीनियर पत्रकार और पॉलिटिकल एक्सपर्ट जगसीर सिंह संधू के मुताबिक बरनाला हलके में इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में ही है। जीत हार का फैसला शहरी वोटर करेगा। जबकि भाजपा अभी तक तीसरे नंबर पर चल रही है। हालांकि अभी तक चुनाव में चार दिन शेष हैं । माहौल आखिरी वक्त में भी बदल सकता है। यहां भाजपा के सीनियर नेता और RSS भी एक्टिव है। बरनाला सीट पर हिंदू वोट बैंक पर ज्यादा है। अगर हिंदू चेहरा होता तो मुकाबला करीबी होता है। दूसरा AAP की तरफ से सीएम भगवंत मान और आप सुप्रीमो केजरीवाल खुद बरनाला में सक्रिय है। वहीं, गुरमीत सिंह मीत हेयर की छवि को लोग पसंद करते हैं। जिसका फायदा पार्टी को मिलेगा।

पंजाब में 14 जिलों में धुंध का अलर्ट:WD एक्टिव, कुछ जिलों में हुई बारिश, गिरा तापमान; चंडीगढ़ में प्रदूषण घटना, ओरेंज जोन में

पंजाब में 14 जिलों में धुंध का अलर्ट:WD एक्टिव, कुछ जिलों में हुई बारिश, गिरा तापमान; चंडीगढ़ में प्रदूषण घटना, ओरेंज जोन में पंजाब और चंडीगढ़ के तापमान में हल्की गिरावट जारी है। पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद तापमान पंजाब और चंडीगढ़ के समतल इलाकों में ठंड देखने को मिल रही है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस है। जिसके चलते पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है और समतल इलाकों में तापमान गिर रहा है। वहीं, बीते दिन अमृतसर के बारिश भी देखने को मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पंजाब के 14 जिलों में आज भी धुंध का असर रहेगा। कई शहरों में विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच सकती है। पंजाब के अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मोगा, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, मानसा और संगरूर में धुंध का लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। चंडीगढ़ की हवा सुधरी, अमृतसर अभी भी रेड जोन में बीते 24 घंटों में चंडीगढ़ की हवा में हलका सुधार देखने को मिला है। चंडीगढ़ लंबे समय के बाद रेड अलर्ट से बाहर निकला है। यहां सेक्टर 22 में एवरेज एक्यूआई 232, सेक्टर 23 में एक्यूआई 294 और सेक्टर 53 में एक्यूआई 257 दर्ज किया गया है। वहीं, अमृतसर की हवा अभी भी खतरनाक स्तर पर है। अमृतसर में एक्यूआई 306 दर्ज किया गया, यानीकि अमृतसर अभी भी रेड जोन में है। इसके अलावा बठिंडा में एक्यूआई 205, जालंधर में एक्यूआई 271, खन्ना एक्यूआई 226, लुधियाना में एक्यूआई 243, मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 202, पटियाला में एक्यूआई 410 और रूपनगर में एक्यूआई 160 दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ सहित पंजाब के शहरों का तापमान चंडीगढ़- शनिवार शहर का तापमान सामान्य से 1 डिग्री कम 18.9 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 14 से 19 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। अमृतसर- शनिवार शहर का तापमान सामान्य से 8 डिग्री कम 18.9 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 14 से 19 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। जालंधर- शनिवार शहर का तापमान सामान्य से 15 डिग्री के करीब दर्ज किया गया। आज तापमान 14 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। लुधियाना- शनिवार शहर का तापमान सामान्य से 5 डिग्री कम 22.8 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 14 से 23 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। पटियाला- शनिवार शहर का तापमान सामान्य से 1 डिग्री कम 26.7 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 14 से 24 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। मोहाली- शनिवार शहर का तापमान 25.8 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 14 से 24 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है।

बुर्के में पहुंचा कचहरी और कर दिया सरेंडर:मेरठ में 2 थानों की पुलिस को चकमा देकर जेल गया 25 हजार का इनामी अमित मिरिंडा, रेप और फायरिंग के मामले में आरोपी

बुर्के में पहुंचा कचहरी और कर दिया सरेंडर:मेरठ में 2 थानों की पुलिस को चकमा देकर जेल गया 25 हजार का इनामी अमित मिरिंडा, रेप और फायरिंग के मामले में आरोपी मेरठ में 2 थानों की पुलिस को चकमा देकर 25 हजार का इनामी अमित मिरिंडा बुर्के में कचहरी पहुंच गया। पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया। रेप और फायरिंग समेत कई मामलों में वांटेंड अमित मिरिंडा की इस करतूत की मेडिकल और नौचंदी पुलिस को भनक तक नहीं लगी। दोनों थानों की पुलिस हाथ मलती रह गई। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पूरे मामले में जांच बिठा दी है। इसके साथ ही जिन लोगों ने अमित मिरिंडा को संरक्षण दिया था, उन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अमित मरिंडा के खिलाफ जिले में जानलेवा हमले, दुष्कर्म, रंगदारी और लूट समेत करीब 30 मुकदमे दर्ज हैं। नौचंदी, मेडिकल, लोहियानगर, सिविल लाइन और भावनपुर थानों में उसके गिरोह का आतंक है। गैंग रजिस्टर होने के बावजूद भी नौचंदी और मेडिकल पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। अमित मरिंडा के गुर्गे और 25 हजार के इनामी नीरज शर्मा उर्फ टिल्लू पंडित को पुलिस ने 10 नवंबर को गोवा से गिरफ्तार किया था। टिल्लू पंडित पर विभिन्न थानों में 12 मुकदमे दर्ज है। वह मेडिकल थाने का गैंगस्टर है। वह शास्त्रीनगर में भाईयों के संपत्ति को लेकर हुए विवाद में फायरिंग करने के मामले में भी आरोपी था। गैंग रजिस्टर होने के बावजूद भी नौचंदी और मेडिकल पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। ये हैं मामले अमित मिरिंडा के खिलाफ मेडिकल में रेप के मामले से लेकर शास्त्रीनगर थाने में फायरिंग के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। वह कई दूसरे मामले में वांटेड था। कई थानों की पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगी हुई थी। पुलिस को चकमा देकर शनिवार को आरोपी एक पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया। लोगों ने बताया कि आरोपी अमित पुलिस को चकमा देकर महिला का बुर्का पहनकर कचहरी गया और पुराने मामले में जेल चला गया। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि इसको लेकर दोनों थानों की भूमिका पर जांच बिठा दी गई है। आरोपी को केस में रिमांड पर लिया जाएगा। किसकी लापरवाही रही, उसको लेकर जांच रिपोर्ट सीओ से मांगी गई है। सीसीएसयू के छात्र नेता विनीत चपराणा ने डीजीपी से की थी शिकायत सीसीएसयू के वरिष्ठ छात्र नेता विनीत चपराणा ने अमित मिरिंडा की गिरफ्तारी को लेकर यूपी के डीजीपी से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि अमित का मेरठ में डी-155 नाम से गैंग पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। उसके खिलाफ 30 के ज्यादा मामले दर्ज हैं। अमित मिरिंडा गैंग के गुर्गे मेडिकल, नौचंदी, लोहियानगर, भावनपुर और सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आतंक मचाते हैं लेकिन पुलिस उनको पकड़ नहीं पा रही है। यह भी आरोप लगाया था कि सीसीएसयू के सामने एक होटल में वह हनी ट्रैप का भी गैंग चलाता है। छात्र नेता विनीत चपराणा की शिकायत पर पूरे मामले में संज्ञान लिया गया था।

रोहतक में सरकारी कर्मचारी का दूसरा हत्यारोपी गिरफ्तार:थाने में शिकायत देने पर चाकू मारकर किया था मर्डर, दादरी में था तैनात

रोहतक में सरकारी कर्मचारी का दूसरा हत्यारोपी गिरफ्तार:थाने में शिकायत देने पर चाकू मारकर किया था मर्डर, दादरी में था तैनात रोहतक पुलिस ने गांव निडाना निवासी दिनेश की हत्या की वारदात मे शामिल रहे दूसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है।आरोपी को अदालत में पेश किया गया। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। बहु अकबरपुर थाना प्रभारी प्रकाश चंद ने बताया कि 10 नवंबर को सूचना मिली थी कि गांव निडाना में हरिजन चौपाल के पास दिनेश को चाकु मारा है। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। दिनेश को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर पीजीआई में लाया गया। डॉक्टरो की टीम ने दिनेश को मृत घोषित कर दिया। दिनेश के भाई प्रदीप की शिकायत पर केस दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दिनेश नहर विभाग दादरी मे नौकरी करता था। 10 नवंबर को प्रदीप रात करीब साढ़े 7 बजे प्रदीप गांव से हरिजन चौपाल की तरफ आ रहा था। प्रदीप ने देखा कि विष्णु, विष्णु के दोनों लड़के, पत्नी, मुकेश, मुकेश के दोनों लड़के, सोनु, सुनील, प्रदीप पुरानी रंजिश रखते हुए दिनेश का रास्ता रोक लिया। विष्णु ने अपने हाथ मे लिए हुए छुरे से दिनेश की छाती पर वार किया व चोट मारी। दूसरा आरोपी गिरफ्तार
दिनेश को चोट लगने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। प्रदीप अपने भाई को ईलाज के लिए ट्रामा सेंटर दाखिल कराया गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने दिनेश को मृत घोषित कर दिया गया। मामले की जांच एसआई जयभगवान ने की। जांच के दौरान आरोपी गांव निडाना निवासी सावन को गिरफ्तार किया गया है। वारदात मे शामिल रहे मुख्य आरोपी विष्णु को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

गुजरात के पोरबंदर में 700 किलो ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद, 8 ईरानी नागरिक गिरफ्तार

गुजरात के पोरबंदर में 700 किलो ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद, 8 ईरानी नागरिक गिरफ्तार <p style=”text-align: justify;”><strong>Iranian Nationals Arrested in Porbandar:</strong> गुजरात के पोरबंदर में शनिवार (16 नवंबर) को ड्रग्स तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. गुजरात एटीएस, नौसेना और एनसीबी के ज्वाइंट ऑपरेशन में 700 किलोग्राम प्रतिबंधित ड्रग्स के साथ आठ ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए सभी ईरानी नागरिकों को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकारी वकील शैलेश परमार ने कहा, “एक ज्वाइंट ऑपरेशन में गुजरात एटीएस, नौसेना और एनसीबी ने आठ ईरानी नागरिकों को 700 किलोग्राम प्रतिबंधित दवा के साथ गिरफ्तार किया. आरोपियों को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. आगे की जांच जारी है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3,500 करोड़ रु तक हो सकती है ड्रग्स की कीमत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीबी अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब्त किए गए मादक पदार्थ &lsquo;मेथामफेटामाइन&rsquo; की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,500-3,500 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. एनसीबी ने एक बयान में कहा कि ड्रग्स लेकर भारतीय जल क्षेत्र में घुस रहे गैर-पंजीकृत जहाज को रोकने के लिए खुफिया जानकारी के आधार पर ‘सागर मंथन- 4’ नाम से एक अभियान शुरू किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संदिग्ध जहाज की पहचान के बाद कार्रवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बयान में कहा गया है कि संदिग्ध जहाज की पहचान की गई और नौसेना ने शुक्रवार को उसे रोककर मादक पदार्थ जब्त किए. एनसीबी ने कहा, ”भारतीय जल क्षेत्र में लगभग 700 किलोग्राम मेथमफेटामाइन की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है. इस अभियान के दौरान, आठ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने खुद के ईरानी होने का दावा किया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनसीबी ने कहा कि आठ लोगों के पास &nbsp;पहचान से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं है. नौसेना के एक प्रवक्ता ने नयी दिल्ली में कहा कि भारतीय नौसेना ने एनसीबी और गुजरात पुलिस के साथ एक ‘समन्वित अभियान’ के तहत संदिग्ध जहाज को रोका, जिससे ड्रग्स जब्त किया गया. उन्होंने कहा, ”इस साल ड्रग्स तस्करी के खिलाफ नौसेना का समुद्र में यह दूसरा बड़ा सफल अभियान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”गुजरात के महेसाणा में 4.2 तीव्रता का भूकंप, राजस्थान में भी महसूस हुए झटके, घरों से बाहर भागे लोग” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/earthquake-in-sirohi-mild-tremors-felt-in-rajasthan-few-area-2824108″ target=”_self”>गुजरात के महेसाणा में 4.2 तीव्रता का भूकंप, राजस्थान में भी महसूस हुए झटके, घरों से बाहर भागे लोग</a></strong></p>