CG: पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार, खुद को बताता था ‘महामंडलेश्वर’

CG: पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार, खुद को बताता था ‘महामंडलेश्वर’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Anusuiya Uikey News</strong>: छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम पर फर्जी सिफारिशी पत्र भेजने के मामले में पुलिस ने आरोपी अजय रामदास उर्फ अजय वर्मा को दबोच लिया है. खुद को ‘महामंडलेश्वर’ बताने वाला यह युवक 2019 से पुलिस की जांच के दायरे में था. सोमवार को छिंदवाड़ा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंप दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2019 में हुई थी शिकायत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>टीआई उमेश गोलानी के मुताबिक, वर्ष 2019 में तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अजय ने उनके आधिकारिक लेटर पैड का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पत्र बनाकर अधिकारियों और नेताओं को भेजे थे. शिकायत के बाद से मामला जांचाधीन था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धार्मिक पद का सहारा लेकर बनाता था प्रभाव</strong><br />पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अजय खुद को ‘महामंडलेश्वर’ बताकर लोगों पर प्रभाव जमाने की कोशिश करता था. इस धार्मिक उपाधि का इस्तेमाल वह अपने फर्जी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए करता रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजय की गिरफ्तारी के बाद छिंदवाड़ा के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने किन-किन अधिकारियों और नेताओं के नाम का इस्तेमाल कर सिफारिशी पत्र भेजे और क्या उसने किसी प्रकार का लाभ भी उठाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच जारी, और भी खुलासों की संभावना</strong><br />पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उससे पूछताछ कर यह भी जानने की कोशिश की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल था. इस मामले में मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उईके ने बताया कि मेरी जानकारी के बिना मेरे लेटर पैड का गलत तरीके से उपयोग की बात सामने आई थी. जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा देश के प्रमुख पद पर आसीन लोगों सहित एमएलए को मेरे लेटर पैड का दुरुपयोग करते हुए अमर्यादित भाषा &nbsp;में पत्र लिखा गया. उक्त लोगों द्वारा मुझे जानकारी दी गई. इसकी मैंने रायपुर और भोपाल में शिकायत की थीं. पुलिस मामले जांच कर कार्यवाही कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/chhattisgarh-cm-vishnu-deo-sai-held-a-high-level-review-meeting-on-telangana-border-naxal-operation-2933998″>माओवाद के खिलाफ सख्त सरकार, नक्सल ऑपरेशन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ली हाई लेवल समीक्षा बैठक</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Anusuiya Uikey News</strong>: छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम पर फर्जी सिफारिशी पत्र भेजने के मामले में पुलिस ने आरोपी अजय रामदास उर्फ अजय वर्मा को दबोच लिया है. खुद को ‘महामंडलेश्वर’ बताने वाला यह युवक 2019 से पुलिस की जांच के दायरे में था. सोमवार को छिंदवाड़ा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंप दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2019 में हुई थी शिकायत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>टीआई उमेश गोलानी के मुताबिक, वर्ष 2019 में तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अजय ने उनके आधिकारिक लेटर पैड का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पत्र बनाकर अधिकारियों और नेताओं को भेजे थे. शिकायत के बाद से मामला जांचाधीन था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धार्मिक पद का सहारा लेकर बनाता था प्रभाव</strong><br />पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अजय खुद को ‘महामंडलेश्वर’ बताकर लोगों पर प्रभाव जमाने की कोशिश करता था. इस धार्मिक उपाधि का इस्तेमाल वह अपने फर्जी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए करता रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजय की गिरफ्तारी के बाद छिंदवाड़ा के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने किन-किन अधिकारियों और नेताओं के नाम का इस्तेमाल कर सिफारिशी पत्र भेजे और क्या उसने किसी प्रकार का लाभ भी उठाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच जारी, और भी खुलासों की संभावना</strong><br />पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उससे पूछताछ कर यह भी जानने की कोशिश की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल था. इस मामले में मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उईके ने बताया कि मेरी जानकारी के बिना मेरे लेटर पैड का गलत तरीके से उपयोग की बात सामने आई थी. जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा देश के प्रमुख पद पर आसीन लोगों सहित एमएलए को मेरे लेटर पैड का दुरुपयोग करते हुए अमर्यादित भाषा &nbsp;में पत्र लिखा गया. उक्त लोगों द्वारा मुझे जानकारी दी गई. इसकी मैंने रायपुर और भोपाल में शिकायत की थीं. पुलिस मामले जांच कर कार्यवाही कर रही है.</p>
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