अयोध्या में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला का सड़क पर प्रसव कराना पड़ा। महिला का पति उसे लेकर सीएचसी पहुंचा था, लेकिन खून की कमी बताकर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। गंभीर होने के बाद भी एम्बुलेंस तक नहीं दी गई। जिससे गर्भवती 5 घंटे तक सीएचसी के अंदर और बाहर सड़क पर दर्द से तड़पती रही। बाद में सीएचसी से मात्र 500 मीटर दूर सड़क किनारे झाड़ियों में बच्चे को जन्म देना पड़ा। यहां पर भी दो घंटे तक तड़पती रही। परिजनों के मुताबिक महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद भी अस्पताल प्रशासन ने न तो कोई इलाज किया और न ही एम्बुलेंस दी। फिलहाल शिकायत के बाद प्रसव पीड़िता को रेफर करने वाली महिला डॉक्टर को सीएचसी से हटा दिया गया है। यह पूरा मामला अयोध्या की रुदौली सीएचसी का है। पहले जानिए पूरा मामला ग्राम बहरास निवासी राकेश कुमार खेती किसानी करते हैं। शुक्रवार सुबह उनकी पत्नी राजकुमारी को प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद वह 9 बजे पत्नी को लेकर रुदौली सीएचसी लेकर पहुंचे। पति राजेश का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद महिला चिकित्सक ने मरीज नहीं देखा। बस कागज देखकर खून की कमी बताई और भर्ती करने से मना कर दिया। साथ ही जिला अस्पताल अयोध्या के लिए रेफर कर दिया। लेकिन पीड़िता को एम्बुलेंस नहीं दी गई। सवारी के लिए एक घंटे तक सड़क पर तड़पती रही पीड़िता एम्बुलेंस न मिलने के कारण राकेश पत्नी को लेकर सड़क पर वाहन का इंतजार करता रहा। इस बीच प्रसव पीड़िता सड़क पर खड़ी दर्द से छटपटाती रही। इस बीच 11 बज चुके थे। धूप में एक घंटे बाद सवारी मिल सकी। इसके बाद महिला को गंभीर हालत में लेकर निजी वाहन से जिला अस्पताल के लिए निकले। यह लोग अभी सीएचसी से कुछ ही आगे की ओर बढ़े थे कि राजकुमारी की प्रसव पीड़ा तेज हो गई। महिलाओं ने साड़ी की ओट बनाकर प्रसव कराया गया स्थिति की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने महिला को सड़क किनारे एक पेड़ की छांव के नीचे बैठा दिया। तब तक खेतों में काम कर रही और भी महिलाएं आ गईं। उन स्थानीय महिलाओं की मदद से सड़क किनारे ही साड़ी की ओट बनाकर प्रसव कराया गया। महिला ने सुरक्षित नवजात शिशु को जन्म दिया। इस सब में महिला वहीं करीब दो घंटे तक अपने शिशु को लेकर पड़ी रही। कुछ लोग पास से एक लकड़ी की बेंच ले आए जिस पर शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए लिटा दिया गया। महिला और बच्चे की स्थिति सामान्य होने के बाद परिजन दोनों को लेकर फिर से वापस सीएचसी रुदौली पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कराया गया। पति बोला- बिना देखे ही डॉक्टर ने रेफर कर दिया पति राकेश ने बताया कि हम 9 बजे आए थे पहले डॉक्टर ने देखा ही नहीं। फिर 11 बजे बिना कुछ किए ही रेफर कर दिया। उन्होंने यह भी नहीं चेक किया कि प्रसव होने में कितना समय है। यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं उपलब्ध कराई गई। जिसके कारण हम सीएचसी के बाहर ही एक घंटे तक सवारी का इंतजार करते रहे। बाद में ऑटो से जिला अस्पताल ले जा रहे थे। तो रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ा। हमारी मांग है कि मेरी पत्नी और बच्चे की उचित देखभाल के साथ इलाज किया जाए। यह है सीएससी पहुंचने से लेकर प्रसव होने तक की टाइम लाइन सुबह 10 बजे महिला परिवार के साथ सीएचसी रुदौली पहुंची।
सुबह 11 बजे महिला डाक्टर अंजू जायसवाल ने खून की जांच लिखी
सुबह 11:42 बजे खून की जांच रिपोर्ट मिली
दोपहर 12:37 बजे महिला को देखे बिना जिला अस्पताल रेफर किया
एक घंटा 40 तक वाहन के लिए सड़क पर खड़ी तड़पती रही
दोपहर 2.30 बजे आटो में बैठाकर जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए
दोपहर 3.10 बजे सीएचसी से 500 मीटर दूर सड़क पर बच्चे को जन्म दिया स्थानीय लोगों ने घटना को लेकर आक्रोश राजकुमारी का प्रसव कराने वाली रेखा देवी ने कहा कि जब महिला की हालत गंभीर थी, तो उसे बिना एम्बुलेंस के ही उसे जिला अस्पताल क्यों भेज दिया गया। उनका आरोप है कि सीएचसी में मामूली समस्या पर भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। ग्रामीणों ने सीएचसी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सीएचसी प्रभारी ने दी सफाई सीएचसी रुदौली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मदन बरनवाल ने बताया कि महिला को खून की कमी थी। इसलिए उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन जब उससे यह जानने का प्रयास किया गया कि महिला को एम्बुलेंस क्यों नहीं मिली तो उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। सीएमओ ने डॉक्टर को हटाया सीएमओ डॉ सुशील कुमार बनियान ने मामले को लिया संज्ञान लेते हुए रुदौली सीएचसी से डॉक्टर अंजु जायसवाल को हटाया। दिया गया है। डा अंजू जायसवाल को सीएचसी मवई भेज दिया गया है। इसके अलावा सीएमओ डॉक्टर सुशील कुमार बनियान ने डॉक्टर अंजु जायसवाल के खिलाफ जांच भी बैठा दी है।सीएचसी मवई की डॉक्टर रीना मिश्रा को सीएचसी रुदौली भेजा गया है। ———- ये खबर भी पढ़िए पत्नी को फंसाने के लिए दिल्ली CM को दी धमकी:कॉल करके मोबाइल ससुराल में फेंका, गोरखपुर का वकील गाजियाबाद से गिरफ्तार दिल्ली की CM रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी देने वाले को दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सदर तहसील में वकील है, रजिस्ट्री करवाने (बैनामा लेखक) का काम करता है। पूछताछ में उसने बताया, पत्नी छोड़कर चली गई। मैं डिप्रेशन में हूं। मैंने नशे की हालत में धमकी दी थी। मैं पारिवारिक कलह से परेशान हूं। पुलिस को आरोपी के पास वकालत की डिग्री और फर्जी आईडी कार्ड मिले हैं। आरोपी ने पत्नी को फंसाने के लिए पुलिस को फोन कर सीएम को मारने की धमकी दी। इस बाद मोबाइल को ससुराल में फेंक दिया था। पुलिस मोबाइल बरामद करने के लिए उसे साथ लेकर गई है। पूरी खबर पढ़िए अयोध्या में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला का सड़क पर प्रसव कराना पड़ा। महिला का पति उसे लेकर सीएचसी पहुंचा था, लेकिन खून की कमी बताकर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। गंभीर होने के बाद भी एम्बुलेंस तक नहीं दी गई। जिससे गर्भवती 5 घंटे तक सीएचसी के अंदर और बाहर सड़क पर दर्द से तड़पती रही। बाद में सीएचसी से मात्र 500 मीटर दूर सड़क किनारे झाड़ियों में बच्चे को जन्म देना पड़ा। यहां पर भी दो घंटे तक तड़पती रही। परिजनों के मुताबिक महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद भी अस्पताल प्रशासन ने न तो कोई इलाज किया और न ही एम्बुलेंस दी। फिलहाल शिकायत के बाद प्रसव पीड़िता को रेफर करने वाली महिला डॉक्टर को सीएचसी से हटा दिया गया है। यह पूरा मामला अयोध्या की रुदौली सीएचसी का है। पहले जानिए पूरा मामला ग्राम बहरास निवासी राकेश कुमार खेती किसानी करते हैं। शुक्रवार सुबह उनकी पत्नी राजकुमारी को प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद वह 9 बजे पत्नी को लेकर रुदौली सीएचसी लेकर पहुंचे। पति राजेश का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद महिला चिकित्सक ने मरीज नहीं देखा। बस कागज देखकर खून की कमी बताई और भर्ती करने से मना कर दिया। साथ ही जिला अस्पताल अयोध्या के लिए रेफर कर दिया। लेकिन पीड़िता को एम्बुलेंस नहीं दी गई। सवारी के लिए एक घंटे तक सड़क पर तड़पती रही पीड़िता एम्बुलेंस न मिलने के कारण राकेश पत्नी को लेकर सड़क पर वाहन का इंतजार करता रहा। इस बीच प्रसव पीड़िता सड़क पर खड़ी दर्द से छटपटाती रही। इस बीच 11 बज चुके थे। धूप में एक घंटे बाद सवारी मिल सकी। इसके बाद महिला को गंभीर हालत में लेकर निजी वाहन से जिला अस्पताल के लिए निकले। यह लोग अभी सीएचसी से कुछ ही आगे की ओर बढ़े थे कि राजकुमारी की प्रसव पीड़ा तेज हो गई। महिलाओं ने साड़ी की ओट बनाकर प्रसव कराया गया स्थिति की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने महिला को सड़क किनारे एक पेड़ की छांव के नीचे बैठा दिया। तब तक खेतों में काम कर रही और भी महिलाएं आ गईं। उन स्थानीय महिलाओं की मदद से सड़क किनारे ही साड़ी की ओट बनाकर प्रसव कराया गया। महिला ने सुरक्षित नवजात शिशु को जन्म दिया। इस सब में महिला वहीं करीब दो घंटे तक अपने शिशु को लेकर पड़ी रही। कुछ लोग पास से एक लकड़ी की बेंच ले आए जिस पर शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए लिटा दिया गया। महिला और बच्चे की स्थिति सामान्य होने के बाद परिजन दोनों को लेकर फिर से वापस सीएचसी रुदौली पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कराया गया। पति बोला- बिना देखे ही डॉक्टर ने रेफर कर दिया पति राकेश ने बताया कि हम 9 बजे आए थे पहले डॉक्टर ने देखा ही नहीं। फिर 11 बजे बिना कुछ किए ही रेफर कर दिया। उन्होंने यह भी नहीं चेक किया कि प्रसव होने में कितना समय है। यहां तक की एम्बुलेंस भी नहीं उपलब्ध कराई गई। जिसके कारण हम सीएचसी के बाहर ही एक घंटे तक सवारी का इंतजार करते रहे। बाद में ऑटो से जिला अस्पताल ले जा रहे थे। तो रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ा। हमारी मांग है कि मेरी पत्नी और बच्चे की उचित देखभाल के साथ इलाज किया जाए। यह है सीएससी पहुंचने से लेकर प्रसव होने तक की टाइम लाइन सुबह 10 बजे महिला परिवार के साथ सीएचसी रुदौली पहुंची।
सुबह 11 बजे महिला डाक्टर अंजू जायसवाल ने खून की जांच लिखी
सुबह 11:42 बजे खून की जांच रिपोर्ट मिली
दोपहर 12:37 बजे महिला को देखे बिना जिला अस्पताल रेफर किया
एक घंटा 40 तक वाहन के लिए सड़क पर खड़ी तड़पती रही
दोपहर 2.30 बजे आटो में बैठाकर जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए
दोपहर 3.10 बजे सीएचसी से 500 मीटर दूर सड़क पर बच्चे को जन्म दिया स्थानीय लोगों ने घटना को लेकर आक्रोश राजकुमारी का प्रसव कराने वाली रेखा देवी ने कहा कि जब महिला की हालत गंभीर थी, तो उसे बिना एम्बुलेंस के ही उसे जिला अस्पताल क्यों भेज दिया गया। उनका आरोप है कि सीएचसी में मामूली समस्या पर भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। ग्रामीणों ने सीएचसी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सीएचसी प्रभारी ने दी सफाई सीएचसी रुदौली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मदन बरनवाल ने बताया कि महिला को खून की कमी थी। इसलिए उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन जब उससे यह जानने का प्रयास किया गया कि महिला को एम्बुलेंस क्यों नहीं मिली तो उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। सीएमओ ने डॉक्टर को हटाया सीएमओ डॉ सुशील कुमार बनियान ने मामले को लिया संज्ञान लेते हुए रुदौली सीएचसी से डॉक्टर अंजु जायसवाल को हटाया। दिया गया है। डा अंजू जायसवाल को सीएचसी मवई भेज दिया गया है। इसके अलावा सीएमओ डॉक्टर सुशील कुमार बनियान ने डॉक्टर अंजु जायसवाल के खिलाफ जांच भी बैठा दी है।सीएचसी मवई की डॉक्टर रीना मिश्रा को सीएचसी रुदौली भेजा गया है। ———- ये खबर भी पढ़िए पत्नी को फंसाने के लिए दिल्ली CM को दी धमकी:कॉल करके मोबाइल ससुराल में फेंका, गोरखपुर का वकील गाजियाबाद से गिरफ्तार दिल्ली की CM रेखा गुप्ता को जान से मारने की धमकी देने वाले को दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सदर तहसील में वकील है, रजिस्ट्री करवाने (बैनामा लेखक) का काम करता है। पूछताछ में उसने बताया, पत्नी छोड़कर चली गई। मैं डिप्रेशन में हूं। मैंने नशे की हालत में धमकी दी थी। मैं पारिवारिक कलह से परेशान हूं। पुलिस को आरोपी के पास वकालत की डिग्री और फर्जी आईडी कार्ड मिले हैं। आरोपी ने पत्नी को फंसाने के लिए पुलिस को फोन कर सीएम को मारने की धमकी दी। इस बाद मोबाइल को ससुराल में फेंक दिया था। पुलिस मोबाइल बरामद करने के लिए उसे साथ लेकर गई है। पूरी खबर पढ़िए उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
CHC से रेफर किया, एंबुलेंस नहीं दी, सड़क पर डिलीवरी:अयोध्या में 5 घंटे तड़पती रही महिला, शिकायत पर सीएमओ ने महिला डॉक्टर को हटाया
