हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने देहरा विधानसभा उप चुनाव में कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा कि वह नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी चुनाव लड़े। मगर पार्टी हाईकमान के आदेश थे। इसलिए प्रत्याशी बनाया। वहीं देहरा से कांग्रेस के सबसे मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे डॉ. राजेश शर्मा ने टिकट कटने के बाद आज कार्यकर्ताओं के साथ आपातकालीन मीटिंग बुलाई है। इसमें चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने को लेकर फैसला होगा। डॉ. राजेश ने मीडिया को दिए इन्विटेशन में अपने आपको देहरा पुत्र लिखा है। ऐसे में यदि राजेश बागी हुए तो मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर के खिलाफ बाहरी का नारा भी गूंज सकता है। बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह पहले ही कमलेश को बाहरी बोल चुके हैं। बताया जा रहा है कि राजेश शर्मा पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। इस पर वह आज अपने समर्थकों के साथ मीटिंग में फैसला करेंगे। ऐसा हुआ तो मुख्यमंत्री सुक्खू और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी चुनौती पार्टी के भीतर से ही मिलने वाली है। 2022 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके डॉ. राजेश देहरा से डॉ. राजेश का टिकट पहले से तय माना जा रहा था। साल 2022 में पार्टी ने राजेश को ही टिकट दिया था। हालांकि तब वह निर्दलीय होशियार से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी हाईकमान ने कभी नहीं जीत पाने वाली देहरा सीट को जीतने के लिए सीएम की पत्नी पर दांव खेला है। CM बोले- लोकसभा चुनाव लड़ने को भी हाईकमान ने बोला मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी हाईकमान ने उनकी पत्नी को चुनाव लड़ाने को कहा था। अब दोबारा बोला गया। इसलिए हाईकमान के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सका और फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा, साढ़े तीन साल के लिए उनकी पत्ती चुनाव लड़ने जा रही हैं। देहरा मेरी पत्नी का माइका है। उन्होंने पहले भी कहा था कि देहरा मेरा। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी को देहरा भेजने का निर्णय लिया है। सर्वे में भी आगे आईं: CM सुक्खू ने कहा कि देहरा में प्रत्याशी को लेकर जो सर्वे हुआ। उसमें भी उनकी पत्नी का नाम आया। स्थानीय लोगों और पंचायत प्रधानों के आग्रह पर पत्नी को स्ट्रांग कैंडिडेट के रूप में मैदान में उतारा गया। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने देहरा विधानसभा उप चुनाव में कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा कि वह नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी चुनाव लड़े। मगर पार्टी हाईकमान के आदेश थे। इसलिए प्रत्याशी बनाया। वहीं देहरा से कांग्रेस के सबसे मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे डॉ. राजेश शर्मा ने टिकट कटने के बाद आज कार्यकर्ताओं के साथ आपातकालीन मीटिंग बुलाई है। इसमें चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने को लेकर फैसला होगा। डॉ. राजेश ने मीडिया को दिए इन्विटेशन में अपने आपको देहरा पुत्र लिखा है। ऐसे में यदि राजेश बागी हुए तो मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर के खिलाफ बाहरी का नारा भी गूंज सकता है। बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह पहले ही कमलेश को बाहरी बोल चुके हैं। बताया जा रहा है कि राजेश शर्मा पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। इस पर वह आज अपने समर्थकों के साथ मीटिंग में फैसला करेंगे। ऐसा हुआ तो मुख्यमंत्री सुक्खू और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी चुनौती पार्टी के भीतर से ही मिलने वाली है। 2022 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके डॉ. राजेश देहरा से डॉ. राजेश का टिकट पहले से तय माना जा रहा था। साल 2022 में पार्टी ने राजेश को ही टिकट दिया था। हालांकि तब वह निर्दलीय होशियार से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी हाईकमान ने कभी नहीं जीत पाने वाली देहरा सीट को जीतने के लिए सीएम की पत्नी पर दांव खेला है। CM बोले- लोकसभा चुनाव लड़ने को भी हाईकमान ने बोला मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी हाईकमान ने उनकी पत्नी को चुनाव लड़ाने को कहा था। अब दोबारा बोला गया। इसलिए हाईकमान के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सका और फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा, साढ़े तीन साल के लिए उनकी पत्ती चुनाव लड़ने जा रही हैं। देहरा मेरी पत्नी का माइका है। उन्होंने पहले भी कहा था कि देहरा मेरा। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी को देहरा भेजने का निर्णय लिया है। सर्वे में भी आगे आईं: CM सुक्खू ने कहा कि देहरा में प्रत्याशी को लेकर जो सर्वे हुआ। उसमें भी उनकी पत्नी का नाम आया। स्थानीय लोगों और पंचायत प्रधानों के आग्रह पर पत्नी को स्ट्रांग कैंडिडेट के रूप में मैदान में उतारा गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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