हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बुधवार को रोहतक पहुंचेंगे। वे नए बस स्टैंड के सामने पंडित श्रीराम शर्मा पार्क के गेट के पास प्रतिमा अनावरण समारोह में भाग लेंगे। जिसमें सीएम नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि होंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा करेंगे। इसके अलावा अन्य नेता व लोग भी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मंगलवार शाम को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत मंगलवार को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा था कि 15 जनवरी को होने वाला महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा का अनावरण समारोह ऐतिहासिक और यादगार होगा। प्रतिमा अनावरण समारोह को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। पंडित श्रीराम शर्मा ने देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने संविधान निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे संघर्ष के प्रतीक थे। उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह गर्व की बात है कि ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बुधवार को रोहतक पहुंचेंगे। वे नए बस स्टैंड के सामने पंडित श्रीराम शर्मा पार्क के गेट के पास प्रतिमा अनावरण समारोह में भाग लेंगे। जिसमें सीएम नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि होंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा करेंगे। इसके अलावा अन्य नेता व लोग भी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मंगलवार शाम को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत मंगलवार को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा था कि 15 जनवरी को होने वाला महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा की प्रतिमा का अनावरण समारोह ऐतिहासिक और यादगार होगा। प्रतिमा अनावरण समारोह को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। पंडित श्रीराम शर्मा ने देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने संविधान निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे संघर्ष के प्रतीक थे। उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह गर्व की बात है कि ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत जेल में बंदी की मौत:सीने में दर्द होने पर ले जा रहे थे अस्पताल; रास्ते में तोड़ दम, कुकर्म का था आरोपी हरियाणा में पानीपत के गांव सिवाह स्थित जिला जेल में बंद एक बंदी की मौत हो गई। दरअसल, तीन दिन पहले ही उसे जेल में बंद किया गया था। शनिवार दोपहर को उसके सीने में दर्द हुआ। जेल में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। लेकिन ठीक नहीं होने पर उसे तुरंत सिविल अस्पताल के लिए लेकर जा रहे थे। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंची, तो यहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुटी हुई है। भाई का आरोप- गांव वालों ने पीटा था मृतक के भाई विनोद ने बताया कि वह मतलौडा थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है। उसका भाई शेखर (33) था, जो पेशे से हलवाई था। 10 सितंबर को उसके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इतना ही नहीं, उस पर 16 साल के एक लड़के के साथ कुकर्म करने के आरोप लगा कर पुलिस को शिकायत भी दी थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद उसे कोर्ट के आदेशों पर सिवाह जेल में डाला गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में होगा खुलासा विनोद के आरोप है कि शेखर को उस वक्त भी सिर में गंभीर चोट मारी गई थी। तभी से वह ठीक नहीं था। मारपीट की शिकायत पुलिस को भी दी गई थी। वहीं, जेल पुलिस कर्मियों ने डॉक्टर को बताया है कि शेखर के शनिवार सुबह सीने में दर्द हुआ था। जिसे जेल में भी उपचार दिया गया था। आराम नहीं होने पर उसे अस्पताल ला रहे थे, तो रास्ते में मौत हो गई। जबकि परिजनों का आरोप है कि उसके भाई की मारपीट में लगी चोटों से ही मौत हुई है। अब पोस्टमॉर्टम में ही मौत के असल कारणों का खुलासा होगा।
पानीपत में रिश्तेदारों ने हड़पा 16 तोला सोना:शादी में जाने की बात कहकर ले गए थे आभूषण; 7 साल बाद भी नहीं लौटाई
पानीपत में रिश्तेदारों ने हड़पा 16 तोला सोना:शादी में जाने की बात कहकर ले गए थे आभूषण; 7 साल बाद भी नहीं लौटाई हरियाणा के पानीपत जिले के बांध गांव के रहने वाले एक परिवार से उनके रिश्तेदारों ने सोने के आभूषण हड़प लिए। रिश्तेदारों ने एक शादी समारोह में जाने की बात कह कर दो बारी में उनसे 16 तोला वजन के अलग-अलग आभूषण लिए थे। जिन्हें 7 साल बाद भी लौटाया। जिसकी शिकायत पीड़ितों ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से की है। अधिकारियों के आदेशों पर इसराना थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
आरोपियों ने कहा- दूर की रिश्तेदारी में लगते है मौसा-मौसी
पुलिस को दी शिकायत में सुमन ने बताया कि वह गांव बांध की रहने वाली है। रिश्ते में बलबीर उसका मौसा और सावित्री उसकी मौसी लगती है। जिनका बेटा दलप्रीत है और उनकी पुत्रवधु भवनीत है। ये सभी सेक्टर 51बी, चंडीगढ़ के रहने वाले है। साल 2016 में वह चारों उनके घर आए थे। जिन्होंने पैसों की तंगी और पहले से गिरवी रखे अपने सोने के जेवरात का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें एक शादी में जाना है। इसलिए वह उन्हें अपने जेवरात पहनने के लिए देदें। सुमन ने बताया कि उसने और उसकी मां कृष्णा देवी ने उन्हें अपने घर से चार सोने की अंगूठी, एक जोड़ी झुमके, एक जोड़ी कुंडल सोने के व एक जोड़ी लंबे वाले सोने के टॉप्स उन्हें दे दिए। ये ज्वेलरी करीब 6 तोला वजन की थी।
दूसरी बार बिजनेस पार्टनर की पार्टी में जाने की कही थी बात
आरोपियों ने काफी समय तक आभूषण वापस नहीं करे। कुछ दिनों बाद आरोपियों ने कहा कि उन्हें एक बिजनेस पार्टनर की पार्टी में जाना है। कुछ दिन के लिए उन्हें और ज्वेलरी की जरूरत है। इसके बाद उन्हें दो सोने के कड़े, एक जोड़ी कानों की बाली और दो अंगूठियां लगभग 10 तोला सोना उन्हें दे दिया। आरोपी कई महीनों तक उन्हें दो-चार महीनों में आभूषण लौटाने की बात कहते रहे। लॉकडाउन में 2 साल तक आवाजाही बंद होने का बहाना बनाकर आभूषण नहीं लौटाए। 25 मई 2023 को आरोपियों की फैक्ट्री मोहाली में गए। जहां उनके साथ आरोपियों ने बदतमीजी की। वहां बातचीत में पता लगा कि आरोपियों ने उनकी ज्वेलरी गिरवी रखकर लोन लिया हुआ है। मौके पर पुलिस को भी बुलाया गया। आरोपियों को थाने ले जाया गया। जहां आरोपियों ने 31 अगस्त 2023 तक गहने लौटाने का वादा किया था। लेकिन लिखित समझौते के बाद भी आरोपियों ने उन्हें ज्वेलरी नहीं लौटाई।
हरियाणा में IAS की मां को BJP ने दिया टिकट:कांग्रेस ECI पहुंची; कहा- बेटा कुरुक्षेत्र का DC, विधानसभा क्षेत्र इनकी सीमा से लग रहा
हरियाणा में IAS की मां को BJP ने दिया टिकट:कांग्रेस ECI पहुंची; कहा- बेटा कुरुक्षेत्र का DC, विधानसभा क्षेत्र इनकी सीमा से लग रहा हरियाणा में आईएएस सुशील सारवान की मां संतोष सारवान को बीजेपी की टिकट दिए जाने पर विवाद हो गया है। कांग्रेस ने इसकी शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ECI) और हरियाणा मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) से की है। शिकायत में कहा गया है कि IAS सुशील सारवान की मां काे बीजेपी ने अंबाला लोकसभा क्षेत्र की मुलाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस विधानसभा की सीमा कुरुक्षेत्र जिले की सीमा से लगती हुई है। दरअसल, शिकायत में लिखा है कि मुलाना विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा कुरुक्षेत्र जिले से लगता है और कुरुक्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी का बेटा यहां का डीसी है, ऐसे में वह चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की जाए। आयोग को दी गई शिकायत में क्या? ECI में ये शिकायत हरियाणा कांग्रेस कमेटी के मेंबर सुरेश उनीसपुर ने की है। उन्होंने शिकायत में लिखा है कि ‘आपके संज्ञान में लाया जा रहा है कि सुशील सारवान IAS, जो संतोष सारवान BJP उम्मीदवार मुल्लाना (06) विधानसभा क्षेत्र का बेटा है, इनकी तुरंत प्रभाव से बदली की जाए। पिछले लोकसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग के आदेश पर सुशील सारवान को पंचकूला DC पद से हटाया गया था। अब ये DC कुरुक्षेत्र में तैनात हैं, जिसकी सीमा मुलाना विधानसभा क्षेत्र से लगती है। शिकायत में ये गंभीर आरोप… शिकायत में कुछ गंभीर आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाए गए हैं। आरोप है कि सुशील सारवान ने टिकट के ऐलान की रात से ही स्थानीय लोगों पर दबाव डालना शुरू कर दिया है। वह कह रहे हैं कि BJP को ही वोट करनी है। शिकायत में नियमों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने लिखा है कि कि चुनाव आयोग के नियम है किसी भी पार्टी के उमीदवार के रिश्तेदार चुनाव ड्यूटी में तैनात नहीं हो सकता और जिसका पिछले चुनाव में ही बदली हुआ हो वह तो चुनाव ड्यूटी कैसे कर सकता है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि हरियाणा में निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए सुशील सारवान DC कुरुक्षेत्र का तुरंत प्रभाव से तबादला किया जाए। ECI के ट्रांसफर के क्या है मापदंड लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय चुनाव आयोग की ओर से राज्यों को जारी निर्देश में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के तबादले का आधार संसदीय क्षेत्र को बनाया गया है। मसलन चुनाव के दौरान अपने गृह जिले वाले संसदीय क्षेत्र में अफसरों की तैनाती नहीं की जाएगी। इसी आधार पर ही चुनाव आयोग के पास अफसरों व कर्मचारियों की शिकायतें पहुंच रही हैं। RO के लिए ECI में स्पष्ट गाइडलाइन नहीं चुनावी प्रक्रिया में आरओ यानी रिटर्निंग अफसर की अहम भूमिका होती है। वह सीधे तौर से चुनाव से जुड़ा होता है। जबकि उपायुक्त यानी जिला चुनाव अधिकारी को लेकर आयोग की हिदायत स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस की शिकायत के बाद अब चुनाव आयोग की ओर से जिस तरह का निर्देश आता है वैसे ही सरकार की ओर से कार्रवाई की जाएगी।