CM सुक्खू बोले- पत्नी के चुनाव लड़ने की बात अफवाह:जल्द घोषित करेंगे तीनों सीटों पर उम्मीदवार; SCA चुनाव बहाली से पहले विचार-विमर्श करेंगे

CM सुक्खू बोले- पत्नी के चुनाव लड़ने की बात अफवाह:जल्द घोषित करेंगे तीनों सीटों पर उम्मीदवार; SCA चुनाव बहाली से पहले विचार-विमर्श करेंगे

हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को चुनाव लड़ाए जाने की चर्चाएं खूब गर्म है। इन चर्चाओं पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने शनिवार को विराम लगा दिया है। दिल्ली से लौटने के बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (HPU) में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पता नहीं कौन पत्नी के चुनाव लड़ने की अफवाह उड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली जरूर गए थे। मगर अभी टिकट तय नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि जल्द नालागढ़, हमीरपुर और देहरा में पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। इन तीनों सीटों पर उप चुनाव की निर्वाचन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। 21 जून तक इसके लिए नामांकन भरे जाएंगे। बीजेपी इसके लिए अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है। मगर कांग्रेस अभी माथापच्ची कर रही है। कांग्रेस के ये नेता टिकट की रेस में नालागढ़ में कांग्रेस के टिकट दावेदारों की रेस में बावा हरदीप आगे माने जा रहे हैं। बावा हरदीप होलीलॉज गुट के नेता है। सूत्र बताते हैं कि इस सीट पर मुख्यमंत्री सुक्खू 2022 में भाजपा में गए पूर्व विधायक लखविंदर राणा को कांग्रेस में शामिल कर टिकट दे सकते हैं। ऊधर हमीरपुर में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहाकार सुनील बिट्टू और डॉ. पुष्पेंद्र टिकट दावेदारों की रेस में शामिल है। देहरा से सीएम की पत्नी का नाम चर्चा में देहरा विधानसभा सीट से डॉ. राजेश को टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। मगर यहां पर मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर के अलावा बीजेपी के पूर्व मंत्री रमेश धवाला का नाम पर भी चर्चा में है। अब मुख्यमंत्री सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पार्टी हाईकमान को टिकट को लेकर फैसला करना है। SCA चुनाव बहाल करने पर करेंगे विचार: CM HPU के कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यूनिवर्सिटी और प्रदेश के कालेजों में छात्र संघ चुनाव (SCA) बहाल करने पर विचार विमर्श किया जाएगा। वह चाहते हैं कि कालेज और यूनिवर्सिटी में बिना हिंसा के चुनाव करवाए जाए। हिमाचल के कालेज और यूनिवर्सिटी में बीते सात-आठ सालों से चुनाव पर रोक लगी हुई है। चुनाव की वजह से उच्च शिक्षण संस्थानों में होने वाली हिंसा के चलते SCA चुनाव पर बैन लगाया गया था।मुख्यमंत्री ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह खुद भी छात्र राजनीति से उभरे नेता है। इसलिए चुनाव होने चाहिए। इस पर सोच विचार के बाद फैसला लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को चुनाव लड़ाए जाने की चर्चाएं खूब गर्म है। इन चर्चाओं पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने शनिवार को विराम लगा दिया है। दिल्ली से लौटने के बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (HPU) में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पता नहीं कौन पत्नी के चुनाव लड़ने की अफवाह उड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली जरूर गए थे। मगर अभी टिकट तय नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि जल्द नालागढ़, हमीरपुर और देहरा में पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। इन तीनों सीटों पर उप चुनाव की निर्वाचन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। 21 जून तक इसके लिए नामांकन भरे जाएंगे। बीजेपी इसके लिए अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है। मगर कांग्रेस अभी माथापच्ची कर रही है। कांग्रेस के ये नेता टिकट की रेस में नालागढ़ में कांग्रेस के टिकट दावेदारों की रेस में बावा हरदीप आगे माने जा रहे हैं। बावा हरदीप होलीलॉज गुट के नेता है। सूत्र बताते हैं कि इस सीट पर मुख्यमंत्री सुक्खू 2022 में भाजपा में गए पूर्व विधायक लखविंदर राणा को कांग्रेस में शामिल कर टिकट दे सकते हैं। ऊधर हमीरपुर में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहाकार सुनील बिट्टू और डॉ. पुष्पेंद्र टिकट दावेदारों की रेस में शामिल है। देहरा से सीएम की पत्नी का नाम चर्चा में देहरा विधानसभा सीट से डॉ. राजेश को टिकट का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। मगर यहां पर मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर के अलावा बीजेपी के पूर्व मंत्री रमेश धवाला का नाम पर भी चर्चा में है। अब मुख्यमंत्री सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और पार्टी हाईकमान को टिकट को लेकर फैसला करना है। SCA चुनाव बहाल करने पर करेंगे विचार: CM HPU के कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यूनिवर्सिटी और प्रदेश के कालेजों में छात्र संघ चुनाव (SCA) बहाल करने पर विचार विमर्श किया जाएगा। वह चाहते हैं कि कालेज और यूनिवर्सिटी में बिना हिंसा के चुनाव करवाए जाए। हिमाचल के कालेज और यूनिवर्सिटी में बीते सात-आठ सालों से चुनाव पर रोक लगी हुई है। चुनाव की वजह से उच्च शिक्षण संस्थानों में होने वाली हिंसा के चलते SCA चुनाव पर बैन लगाया गया था।मुख्यमंत्री ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह खुद भी छात्र राजनीति से उभरे नेता है। इसलिए चुनाव होने चाहिए। इस पर सोच विचार के बाद फैसला लिया जाएगा।   हिमाचल | दैनिक भास्कर