Delhi: एमएफ हुसैन की पेंटिंग्स पर विवाद, शिकायतकर्ता बोले- ‘हमारे देवताओं को…’, क्या है पूरा मामला?

Delhi: एमएफ हुसैन की पेंटिंग्स पर विवाद, शिकायतकर्ता बोले- ‘हमारे देवताओं को…’, क्या है पूरा मामला?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली की एक प्रतिष्ठित आर्ट गैलरी ‘डाग’ (पूर्व में दिल्ली आर्ट गैलरी) और एक शिकायतकर्ता के बीच एमएफ हुसैन की दो पेंटिंग्स को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान आर्ट गैलरी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता द्वारा उठाई गई आपत्ति पूरे समुदाय की भावना नहीं मानी जा सकती.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता अमिता सचदेवा की ओर से वकील मकरंद डी. अड़कर ने अदालत में कहा कि हुसैन की पेंटिंग्स में हिंदू देवी-देवताओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया गया है. उन्होंने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक भावनाएं आहत करने का जानबूझकर कार्य) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की. कोर्ट में वकील ने कहा हमारे देवताओं को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है. यह सनातन धर्म के प्रति अनादर है. हुसैन पहले भी ऐसी विवादास्पद कला बना चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट में आर्ट गैलरी की तरफ से दी गई ये दलील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आर्ट गैलरी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि प्रदर्शनी के 30 दिनों में हजारों लोगों ने पेंटिंग्स देखीं, लेकिन केवल एक व्यक्ति ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कला को समझने के लिए खुले दिमाग की जरूरत होती है. शिकायतकर्ता की आपत्ति को समुदाय की सामूहिक भावना नहीं माना जा सकता.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सुनवाई के दौरान जज सुमित दास ने पूछा कि क्या आर्ट गैलरी में सेंसरशिप लागू होती है तो गैलरी के वकील ने जवाब दिया कि कानून स्व-नियंत्रण की मांग करता है, लेकिन कलात्मक अभिव्यक्ति पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>21 अप्रैल को अगली सुनवाई </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की. इससे पहले, जनवरी में न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा ने गैलरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था, लेकिन विवादित पेंटिंग्स को जब्त करने का आदेश दिया था. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा विवाद ?&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ता सचदेवा ने दावा किया कि उन्होंने 4 दिसंबर 2024 को आर्ट गैलरी में प्रदर्शित पेंटिंग्स की तस्वीरें लीं और 9 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि जब पुलिस जांच के लिए पहुंची, तो पेंटिंग्स हटा दी गई थीं. डाग गैलरी जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी, भारतीय कला के विशाल संग्रह के लिए प्रसिद्ध है.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली की एक प्रतिष्ठित आर्ट गैलरी ‘डाग’ (पूर्व में दिल्ली आर्ट गैलरी) और एक शिकायतकर्ता के बीच एमएफ हुसैन की दो पेंटिंग्स को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान आर्ट गैलरी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता द्वारा उठाई गई आपत्ति पूरे समुदाय की भावना नहीं मानी जा सकती.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता अमिता सचदेवा की ओर से वकील मकरंद डी. अड़कर ने अदालत में कहा कि हुसैन की पेंटिंग्स में हिंदू देवी-देवताओं को अपमानजनक तरीके से चित्रित किया गया है. उन्होंने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक भावनाएं आहत करने का जानबूझकर कार्य) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की. कोर्ट में वकील ने कहा हमारे देवताओं को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है. यह सनातन धर्म के प्रति अनादर है. हुसैन पहले भी ऐसी विवादास्पद कला बना चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट में आर्ट गैलरी की तरफ से दी गई ये दलील</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आर्ट गैलरी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि प्रदर्शनी के 30 दिनों में हजारों लोगों ने पेंटिंग्स देखीं, लेकिन केवल एक व्यक्ति ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कला को समझने के लिए खुले दिमाग की जरूरत होती है. शिकायतकर्ता की आपत्ति को समुदाय की सामूहिक भावना नहीं माना जा सकता.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सुनवाई के दौरान जज सुमित दास ने पूछा कि क्या आर्ट गैलरी में सेंसरशिप लागू होती है तो गैलरी के वकील ने जवाब दिया कि कानून स्व-नियंत्रण की मांग करता है, लेकिन कलात्मक अभिव्यक्ति पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>21 अप्रैल को अगली सुनवाई </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की. इससे पहले, जनवरी में न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिल मोंगा ने गैलरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था, लेकिन विवादित पेंटिंग्स को जब्त करने का आदेश दिया था. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा विवाद ?&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ता सचदेवा ने दावा किया कि उन्होंने 4 दिसंबर 2024 को आर्ट गैलरी में प्रदर्शित पेंटिंग्स की तस्वीरें लीं और 9 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि जब पुलिस जांच के लिए पहुंची, तो पेंटिंग्स हटा दी गई थीं. डाग गैलरी जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी, भारतीय कला के विशाल संग्रह के लिए प्रसिद्ध है.&nbsp;</p>  दिल्ली NCR दो मई को खुलेंगे आदि कैलाश के शिव-पार्वती मंदिर के कपाट, जारी होगा इनर लाइन परमिट