<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में मेडिकल के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमित कुमार (30) का शव मंगलवार शाम को उसके छात्रावास के कमरे में पंखे से लटका मिला. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुमार एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) का प्रथम वर्ष का छात्र था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोई ‘सुसाइड नोट’ नहीं मिला है. मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और विस्तृत जांच जारी है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में मेडिकल के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमित कुमार (30) का शव मंगलवार शाम को उसके छात्रावास के कमरे में पंखे से लटका मिला. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुमार एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) का प्रथम वर्ष का छात्र था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोई ‘सुसाइड नोट’ नहीं मिला है. मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और विस्तृत जांच जारी है.</p> दिल्ली NCR Jharkhand: चंपाई सोरेन के BJP में जाने पर CM हेमंत सोरेन की पहली प्रतिक्रिया, ‘लुटिया डूब चुकी है इसलिए…’
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चाय आदिवासियों की बदहाली का अध्ययन करेगी समिति, CM सोरेन ने दी मंजूरी <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand News:</strong> झारखंड सरकार ने असम एवं अन्य राज्यों में चाय बागान से जुड़े आदिवासियों की बदहाली का अध्ययन करने के लिए एक समिति के गठन को सोमवार को मंजूरी दी. हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. दो सप्ताह पहले, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को पत्र लिखकर दावा किया गया था कि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद चाय बागान से जुड़े आदिवासियों को हाशिए पर रखा जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सोरेन ने कहा झारखंड के आदिवासियों को अंग्रेजों द्वारा असम और अंडमान एवं निकोबार जैसे अन्य स्थानों पर ले जाया गया था. उनकी संख्या लगभग 15 से 20 लाख है और वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. आदिवासी असम के चाय बागानों में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा नहीं दिया गया है और उनके लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें वंचित रखा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मूल निवासियों को झारखंड लौटने के लिए किया आमंत्रित</strong><br />वहीं बैठक के बाद सीएम सोरेन ने संवाददाताओं से कहा हमारी सरकार सभी मूल निवासियों को झारखंड लौटने के लिए आमंत्रित करती है. हम अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री के अधीन इस समस्या का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इस समिति में सर्वदलीय प्रतिनिधित्व होगा. वे उन स्थानों पर जाएंगे, आवास, नौकरी, अधिकार आदि से संबंधित उनकी समस्याओं का अध्ययन करेंगे. समिति की सिफारिशों के आधार पर राज्य कल्याणकारी उपाय लागू करेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि असम में चाय बागान से जुड़े झारखंड मूल के आदिवासियों को अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्राप्त है और उन्हें आदिवासियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी ने सोरन सरकार पर बोला हमला</strong><br />25 सितंबर को शर्मा को लिखे अपने पत्र में सोरेन ने समुदाय की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की और उन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दिए जाने की वकालत की. झारखंड में भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी शर्मा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार पर ‘‘भ्रष्टाचार, घुसपैठ और गिरती कानून-व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों’’ को लेकर हमला किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘चाय आदिवासियों की चुनौतियों से वाकिफ हूं’</strong><br />सोरेन ने कहा, ‘‘मैं असम में चाय आदिवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हूं, खासकर इसलिए क्योंकि उनमें से कई झारखंड के मूल निवासी हैं, जिनमें संथाली, कुरुक, मुंडा और उरांव शामिल हैं, जिनके पूर्वज औपनिवेशिक काल के दौरान चाय बागानों में काम करने के लिए पलायन कर गए थे. सोरेन ने कहा कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में चाय बागान से जुड़े आदिवासियों के अधिकतर जातीय समूहों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन असम में उन्हें अभी भी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”झारखंड चुनाव से पहले बड़ी राजनीतिक हलचल, कांग्रेस के इन सीनियर नेताओं ने थामा BJP का दामन” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/congress-manju-kumari-and-sukar-ravidas-join-bjp-before-jharkhand-assembly-election-2024-2803693″ target=”_blank” rel=”noopener”>झारखंड चुनाव से पहले बड़ी राजनीतिक हलचल, कांग्रेस के इन सीनियर नेताओं ने थामा BJP का दामन</a><br /></strong></p>
जम्मू-कश्मीर में शुरू होगी मंत्रिमंडल की लड़ाई? उमर अब्दुल्ला ने बताया- शपथ ग्रहण में लगेगा समय
जम्मू-कश्मीर में शुरू होगी मंत्रिमंडल की लड़ाई? उमर अब्दुल्ला ने बताया- शपथ ग्रहण में लगेगा समय <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir Politics News:</strong> जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उमर अब्दुल्ला ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा, “सरकार गठन में दो-तीन दिन का समय लगेगा. यह एक लंबी प्रक्रिया होगी, क्योंकि यहां केंद्र का शासन है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “उपराज्यपाल पहले राष्ट्रपति भवन और फिर गृह मंत्रालय को दस्तावेज भेजेंगे. हमें बताया गया है कि इसमें दो से तीन दिन का समय लगेगा, इसलिए अगर यह मंगलवार से पहले होता है, तो हम बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह करेंगे.” हालांकि, गठबंधन सहयोगियों के बीच मंत्रिमंडल का बंटवारा और साझा कार्यक्रम अभी तय होना बाकी है. गठबंधन में शामिल कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और सीपीआईएम की अब तक कोई संयुक्त बैठक नहीं हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस ने क्या कहा?</strong><br />वहीं चार निर्दलीय और आप उम्मीदवार के शामिल होने से मंत्रिमंडल में जगह के लिए भी लड़ाई शुरू हो सकती है. इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने समर्थन पत्र सौंपने के बाद कहा, “कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर कोई दबाव नहीं डाला है और कैबिनेट पदों की संख्या कोई मुद्दा नहीं है.” हालांकि, क्रेरी से पार्टी विधायक इरफान हाफिज ने अकेले ही कैबिनेट में अधिक पदों के लिए दावा पेश करते हुए कहा, “गठबंधन बीजेपी को दूर रखने के लिए किया गया था और जीती गई सीटों की संख्या के आधार पर नहीं गिना जाएगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री के अलावा सिर्फ नौ मंत्री हो सकते हैं. जबकि कांग्रेस द्वारा दो कैबिनेट पद और स्पीकर के पद की मांग के साथ बातचीत कठिन हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने स्पीकर और एक कैबिनेट मंत्री का पद कांग्रेस को देने पर सहमति जताई है, जबकि वह जम्मू क्षेत्र से कम से कम एक निर्दलीय को भी शामिल करना चाहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें अब तक मंत्रियों की संभावित सूची में नेशनल कॉन्फ्रेंस से अब्दुल रहीम राथर, अली मोहम्मद सागर, डॉ बशीर वीरी और सुरेंद्र चौधरी और कांग्रेस से तारिक हमीद कर्रा और गुलाम अहमद मीर शामिल हैं. सीपीआईएम मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और एक निर्दलीय भी मैदान में हैं, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार का चयन करना भी एक मुश्किल काम हैय</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निर्दलीय विधायकों में कौन-कौन?</strong><br />नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जीती गई 42 सीटों में से केवल दो हिंदू चेहरे हैं, जिसमें नौशेरा सीट से सुरिंदर चौधरी और रामबन सीट से अर्जुन सिंह राजू हैं. वहीं कांग्रेस के सभी हिंदू उम्मीदवार हार गए. वहीं जम्मू क्षेत्र से जीत पांच निर्दलीय उम्मीदवारों में सतीश शर्मा (छंब), डॉ. रोमेश्वर सिंह (बनी), प्यारे लाल शर्मा (इंदरवाल), चौधरी मोहम्मद अकरम (सूरनकोट) और मुजफ्फर खान (थन्नामंडी) का नाम शामिल है.</p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p><strong><a title=”दिल्ली जैसा CM-LG का झगड़ा श्रीनगर में भी होगा? उमर अब्दुल्ला ने साफ की तस्वीर” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-assembly-election-results-2024-national-conference-omar-abdullah-statement-over-fight-with-cm-and-lg-2801139″ target=”_self”>दिल्ली जैसा CM-LG का झगड़ा श्रीनगर में भी होगा? उमर अब्दुल्ला ने साफ की तस्वीर</a></strong></p>
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