<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Cyber Fraud:</strong> दिल्ली के सेंट्रल जिले की साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन निवेश घोटाले का पर्दाफाश करते हुए श्रीगंगानगर (राजस्थान) से एक ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपी सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को 28% मासिक रिटर्न का लालच देकर फर्जी निवेश योजना में फंसा रहा था. अब तक करीब 150 लोगों से लाखों रुपये की ठगी की बात सामने आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता ने साइबर पुलिस स्टेशन, सेंट्रल जिले में शिकायत दर्ज कराई कि उसने “Dollar Win Exchange” नामक एक ऑनलाइन स्कीम में ₹19 लाख निवेश किए थे. शुरुआत यूट्यूब पर एक वीडियो से हुई, जिसमें एक लिंक के ज़रिए वह “Dollar Win Exchange” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुआ. शुरुआत में छोटे मुनाफे दिए गए, जिससे भरोसा बना और फिर बड़ी रकम निवेश करवाई गई. लेकिन कुछ समय बाद भुगतान पूरी तरह बंद हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच में मिले हैरान करने वाले खुलासे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस जांच में पता चला कि ठगी की रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के खातों में ट्रांसफर की गई थी, जो आरोपी विनोद कुमार के नाम पर थे. तकनीकी सर्विलांस की मदद से आरोपी को श्रीगंगानगर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह पहले एक सहकारी संस्था में काम करता था, जहां उसे मल्टी लेवल मार्केटिंग का अनुभव मिला. 2016 में कंपनी बंद होने के बाद वह क्रिप्टो ट्रेडिंग में उतरा, लेकिन भारी नुकसान के चलते उसने फर्जी स्कीम शुरू की. एक व्यक्ति की मदद से DW Exchange Pro वेबसाइट बनवाई और सोशल मीडिया पर 100% रिटर्न का झांसा देकर लोगों को फंसाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी को चौंका देने वाली रणनीति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने शुरुआत में लोगों को छोटे रिटर्न देकर उनका विश्वास जीता और फिर उन्हें लाखों रुपये निवेश करने को मजबूर किया. बाद में वह पैसा क्रिप्टो में निवेश कर देता था और भुगतान करना बंद कर देता था. वह व्हाट्सएप, यूट्यूब, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बनाता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने बरामद किए सबूत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें फर्जी स्कीम से जुड़ी चैट्स और यूट्यूब पर चलाए गए प्रचार वीडियो मिले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस की साइबर टीम अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है. पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. साथ ही, ठगे गए लोगों की संख्या और कुल वित्तीय नुकसान कहीं ज़्यादा हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-ews-certificates-will-be-checked-cm-rekha-gupta-decision-ann-2925722″>दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब तक जारी सभी EWS सर्टिफिकेट की होगी जांच</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Cyber Fraud:</strong> दिल्ली के सेंट्रल जिले की साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन निवेश घोटाले का पर्दाफाश करते हुए श्रीगंगानगर (राजस्थान) से एक ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपी सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को 28% मासिक रिटर्न का लालच देकर फर्जी निवेश योजना में फंसा रहा था. अब तक करीब 150 लोगों से लाखों रुपये की ठगी की बात सामने आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता ने साइबर पुलिस स्टेशन, सेंट्रल जिले में शिकायत दर्ज कराई कि उसने “Dollar Win Exchange” नामक एक ऑनलाइन स्कीम में ₹19 लाख निवेश किए थे. शुरुआत यूट्यूब पर एक वीडियो से हुई, जिसमें एक लिंक के ज़रिए वह “Dollar Win Exchange” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुआ. शुरुआत में छोटे मुनाफे दिए गए, जिससे भरोसा बना और फिर बड़ी रकम निवेश करवाई गई. लेकिन कुछ समय बाद भुगतान पूरी तरह बंद हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच में मिले हैरान करने वाले खुलासे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस जांच में पता चला कि ठगी की रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के खातों में ट्रांसफर की गई थी, जो आरोपी विनोद कुमार के नाम पर थे. तकनीकी सर्विलांस की मदद से आरोपी को श्रीगंगानगर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह पहले एक सहकारी संस्था में काम करता था, जहां उसे मल्टी लेवल मार्केटिंग का अनुभव मिला. 2016 में कंपनी बंद होने के बाद वह क्रिप्टो ट्रेडिंग में उतरा, लेकिन भारी नुकसान के चलते उसने फर्जी स्कीम शुरू की. एक व्यक्ति की मदद से DW Exchange Pro वेबसाइट बनवाई और सोशल मीडिया पर 100% रिटर्न का झांसा देकर लोगों को फंसाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी को चौंका देने वाली रणनीति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने शुरुआत में लोगों को छोटे रिटर्न देकर उनका विश्वास जीता और फिर उन्हें लाखों रुपये निवेश करने को मजबूर किया. बाद में वह पैसा क्रिप्टो में निवेश कर देता था और भुगतान करना बंद कर देता था. वह व्हाट्सएप, यूट्यूब, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बनाता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने बरामद किए सबूत</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें फर्जी स्कीम से जुड़ी चैट्स और यूट्यूब पर चलाए गए प्रचार वीडियो मिले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस की साइबर टीम अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है. पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. साथ ही, ठगे गए लोगों की संख्या और कुल वित्तीय नुकसान कहीं ज़्यादा हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-ews-certificates-will-be-checked-cm-rekha-gupta-decision-ann-2925722″>दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब तक जारी सभी EWS सर्टिफिकेट की होगी जांच</a></strong></p> दिल्ली NCR दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब तक जारी सभी EWS सर्टिफिकेट की होगी जांच