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जगराओं में पुलिस टीम पर हमला:खनन करने वालों को पकड़ने गई, शोर मचाने पर साथियों को बुलाया, छुड़ाकर ले गए
जगराओं में पुलिस टीम पर हमला:खनन करने वालों को पकड़ने गई, शोर मचाने पर साथियों को बुलाया, छुड़ाकर ले गए जगराओं में गांव बाघिया खुर्द में चल रहे अवैध खनन की सूचना मिलने पर आधी रात को छापा मारकर रेत माफिया के लोगों को पकड़ने गई थाना सिधवां बेट पुलिट टीम पर हमला किए जाने मामला सामने आया है। सिधवां बेट पुलिस ने इस मामले में रेत माफिया के आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।आरोपियों की पहचान जसपाल सिंह निवासी गांव बागीवाल, दर्शन सिंह, राजू, बग्गी, कालू, बिंदर सिंह, बल,रोबन समेत 30 अज्ञात लोगों के रूप में हुई है। जानकारी देते हुए थाना सिधवां बेट के एएसआई सुखविंदर सिंह ने बताया कि गांव बाघियां खुर्द में रेत माफिया के लोगों द्वारा लंबे समय से रात के अंधेरे अवैध खनन किया जा रहा था। जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने कई बार छापेमारी की, लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगे। बीती रात पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग गांव बाघियां में अवैध खनन कर रहे हैं। जिसके बाद एएसआई राजवरिंदर पाल सिंह पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने कुछ आरोपियों को खनन करते हुए पकड़ लिया। इससे पहले कि पुलिस आरोपियों को थाने लेकर आती, आरोपियों ने शोर मचाकर अपने अन्य साथियों को बुला लिया। जिन्होंने हथियारों से लैस होकर पुलिस टीम पर हमला बोल दिया और पकडे़ गए आरोपियों को छुड़वा कर अपने साथ ले गए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 30 अज्ञात लोगों समेत कुल 38 लोगों पर पुलिस पर हमला करने समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
जिस वनखंडेश्वर मंदिर में नसीम सोलंकी ने पूजा की:उसका जीर्णोंद्धार इरफान ने कराया; 2022 में सपा की जीत का आधार बना था मंदिर, भाजपा हुई असहज
जिस वनखंडेश्वर मंदिर में नसीम सोलंकी ने पूजा की:उसका जीर्णोंद्धार इरफान ने कराया; 2022 में सपा की जीत का आधार बना था मंदिर, भाजपा हुई असहज “मुस्लिम वोट तो हमारा है ही, हिंदू भाई हमारे बोनस वोटर हैं। वे ही हमारी जीत का आधार बनते हैं। उनसे ही हमारे जीत होती है।” ये बयान 23 दिन पहले सीसामऊ सीट से प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने ये बयान दैनिक भास्कर को दिये इंटरव्यू में कहे थे। दरअसल, खबर में सबसे पहले ये बयान हम आपको इसलिए पढ़ा रहे हैं कि नसीम सोलंकी ने सीसामऊ क्षेत्र में आने वाले आस्था के बड़े केंद्र वनखंडेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा की, जिसके बाद मुस्लिम मौलानाओं ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया। इस मंदिर में आस्था नसीम ही नहीं, उनके पति व पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी भी रखते थे। हिंदू मतदाताओं को रिझाने के लिए इस मंदिर का जीर्णोंद्धार इरफान सोलंकी ने अपनी विधायक निधि से कराया था। निधि से उन्होंने करीब 50 लाख रुपए खर्च किये थे। पिछले चुनाव में इरफान सोलंकी की जीत का आधार भी यही मंदिर बना था। वर्ष-2022 में इरफान की जीत का आधार बना था मंदिर
यूपी में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सीसामऊ सीट से इरफान ने तीसरी बार जीत दर्ज की थी। इरफान सोलंकी ने पहले ही राउंड से बढ़त बनाते हुए भाजपा प्रत्याशी सलिल विश्नोई को उबरने नहीं बढ़ने दिया। अंतिम चक्र तक बढ़त बरकरार रखते हुए सीसामऊ सीट फिर से सपा की झोली में डाल दी थी। इस चुनाव में कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा पाए थे। मंदिर था जीत का प्रमुख कारण
जीत का प्रमुख कारण मुस्लिम वोटों का सपा के पक्ष में एक साथ गिरना था। क्षेत्र के प्रमुख पूजा स्थल वनखंडेश्वर मंदिर का सुंदरीकरण भी इरफान की जीत की आधार बन गया। पहले ही राउंड में ही सपा ने भाजपा से 3005 वोटों की बढ़त ले ली थी। पहले चक्र में ही सपा को मंदिर क्षेत्र से 5467 और भाजपा को 2462 वोट मिले थे। यह सिलसिला चलता रहा। 10वें चक्र में सपा व भाजपा के बीच वोटों का अंतर 32082 पहुंच गया था और 20वें चक्र तक सपा को 79,163 और भाजपा को 66,897 वोट मिले थे। सपा के इरफान सोलंकी ने भाजपा के सलिल विश्नोई को 12,266 से हराकर तीसरी बार सीसामऊ सीट जीत ली थी। मंदिर का जीर्णोंद्धार भी जीत की बड़ी वजहों में से एक माना गया। मंदिर में पूजन के बाद नसीम के खिलाफ फतवा जारी हुआ…पढ़िये बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- मुझसे पूछा गया कि एक महिला मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करके जल चढ़ाती है। यह काम अपनी मर्जी से करती है तो इस संबंध में शरीयत क्या कहती है? मैंने जवाब दिया कि इस्लाम में सिर्फ खुदा ही पूजनीय है। इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है। कोई भी शख्स पुरुष या महिला अपनी राजी खुशी या जानबूझकर ऐसा करती है तो वह शरीयत की मुजरिम है। उसे तौबा का हुक्म है। उसे तौबा करना चाहिए। अगर व्यक्ति या महिला किसी दबाव या जबरदस्ती ऐसा करता है, या उसे जानकारी नहीं है तो उसे तौबा के साथ कलमा पढ़ना चाहिए। साथ ही उसे भविष्य में इस तरह के काम से बचना चाहिए, जिन बातों से उसका ईमान और इस्लाम खतरे में आता हो। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने भी खोला मोर्चा…
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री अनस उस्मानी ने नसीम सोलंकी के पूजा-पाठ पर प्रतिक्रिया दी। कहा- वीडियो देखकर लगता है कि सपा सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव में डरी हुई है। यही वजह है कि नसीम सोलंकी को हिंदू वोटर्स को अपनी तरफ करने के लिए यह सब करना पड़ रहा है। एक सवाल यह भी उठता है कि मौलाना, उलेमा और काजी कहां हैं? जो बात-बात पर फतवा जारी करते हैं। ऐसे लोगों को तो सबक सिखाने की जरूरत है, जो राजनीति के लिए अपनी धार्मिक मान्यता को न मानते हों। गैर-मुस्लिम क्षेत्रों में भाजपा का फोकस ज्यादा
भाजपा पूरी तरह हिंदू बाहुल्य इलाकों पर फोकस कर रही है। विकास कार्य भी इन इलाकों में ज्यादा कराए जा रहे हैं। भाजपा की तैयारी अभी मुस्लिम इलाकों में नहीं पहुंची है, जबकि 117 बूथ मुस्लिम क्षेत्रों में हैं। इसके अलावा 170 बूथ हिंदू आबादी क्षेत्रों में हैं। सपा और कांग्रेस को मुस्लिम वोट बिना प्रचार किये भी मिल जाएंगे, लेकिन सपा के लिए हिंदू वोटबैंक पाना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। गढ़ में सेंधमारी से भाजपा हुई असहज
भाजपा के असहज होने की बड़ी वजह ये भी है कि पार्टी का पूरा फोकस हिंदू आबादी पर है। इसमें ब्राह्मण, सिख और दलित के अलावा अन्य हिंदू आबादी शामिल हैं। भाजपा के लिए मुस्लिम वोट जो भी मिलेगा, वो प्लस होगा। लेकिन मंदिर में पूजा कर नसीम सोलंकी ने हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तगड़ा राजनीतिक दांव खेला है। वनखंडेश्वर मंदिर भी हिंदू आबादी क्षेत्र में ही आता है। भाजपा विधायक ने नसीम पर बोला हमला
नसीम सोलंकी ने दीपावली के मौके पर भाजपा में गढ़ में सेंधमारी की, इससे भाजपा भी असहज हो गई है। मामले में भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने राजीनितक हमला बोलते हुए कहा कि सपा का चाल चरित्र और चेहरा पूरे देश ने देखा है। जिस तरह से मुलायम सरकार में अयोध्या में कारसेवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया गया तो सपा के लोग दर्शन करने भी नहीं गए। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में हिंदू मंदिर में दर्शन कर हिंदू वोटों को भ्रमित करने का काम है। इनके इस प्रकार के झूठ, फरेब और ढोंग को जनता जानती है। 8 प्रतिशत से 20 प्रतिशत वोट परसेंटेज बढ़ाने का लक्ष्य
इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा को मुसलमानों का इस सीट पर लगभग 8 प्रतिशत वोट मिला था। इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। कई भाजपा नेताओं का तर्क है कि इस लोकसभा चुनाव में पार्टी को यहां से मुस्लिम वोट नहीं मिला है, जबकि कई मुस्लिम कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े पद से नवाजा गया था। लेकिन सारी कवायद हवा-हवाई रही। बीते दो विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत वर्ष-2022
पार्टी- प्रत्याशी- मतदान- मतदान प्रतिशत
सपा- हाजी इरफान सोलंकी- 79,163- 50.9%
कांग्रेस- हाजी सुहैल अहमद- 5,616- 3.6%
भाजपा- सलिल विश्नोई- 66,897- 43.0% वर्ष- 2017
पार्टी- प्रत्याशी- मतदान- मतदान प्रतिशत
सपा- हाजी इरफान सोलंकी- 73,030- 47.4%
भाजपा- सुरेश अवस्थी- 67,204- 43.6%
बसपा- नंद लाल कोरी- 11,949- 07.8%
Bihar News: लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक बिगड़ी, दिल्ली AIIMS के ICU में भर्ती
Bihar News: लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक बिगड़ी, दिल्ली AIIMS के ICU में भर्ती <p style=”text-align: justify;”><strong>Folk Singer Sharda Sinha Sick:</strong> पद्मभूषण से सम्मानित लोकगायिका शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक बिगड़ गई है, उन्हें दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया गया है. वे एक हफ्ते से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं. पिछले एक सप्ताह से उनको खाने-पीने में काफी समस्याएं आ रही थी. आज सुबह उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद उनको इमराजेंसी वार्ड में लाया गया. हाल ही में उनके पति का ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था, जिसके बाद से वो काफी चिंतित रहती थीं. अभी उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं किया गया है. एम्स में डॉकटर्स की टीम उनके इलाज में जुटी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि छठ के त्योहार पर शारदा सिन्हा के गाने काफी पसंद किए जाते हैं. छठ पर गाए उनके गाने काफी मशहूर हैं. उन्होंने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1980 में की थी. शारदा सिन्हा अब तक 62 से ज्यादा छठ गीतें गा चुकी हैं. गायिका अपने पति के निधन के बाद काफी परेशान थीं. वह हर दिन सोशल मीडिया पर अपने पति के लिए कुछ न कुछ लिखती रहती थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाल ही में उन्होंने फेसबुक पर अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि लाल सिंदूर बिना मांगे न सोभे… लेकिन सिन्हा साहब की मीठी यादों के सहारे मैं संगीत के सफर को जारी रखने की कोशिश करूंगी. खास तौर पर आज के दिन मैं सिन्हा साहब को अपना नमन समर्पित करती हूं. उनकी बीमारी की खबर सुनकर उनके प्रशंसक काफी मायूस हैं. लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि वह जल्द स्वस्थ होकर घर लौट आएं और एक बार फिर छठ में उनकी आवाज सुनाई दे.</p>