उद्धव ठाकरे ने नासिक में सुनाया बाल ठाकरे का AI भाषण, किसपर साधा निशाना? <p style=”text-align: justify;”><strong>Bal Thackeray AI Speech:</strong> महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को नासिक में हुंकार भरी. इस दौरान शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की AI के माध्यम से बनाई गई आवाज में एक जोरदार भाषण सुनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाषण की शुरुआत, ‘मेरे सभी हिंदू भाई, बहन और माताएं यहां एकत्रित हैं.’ से हुई. इन शब्दों के साथ ही सभा में उपस्थित हजारों कार्यकर्ताओं में जोश की लहर दौड़ गई. बालासाहेब की इस AI आवाज़ ने न केवल लोगों को भावुक किया, बल्कि वर्तमान राजनीतिक माहौल पर तीखी टिप्पणी भी की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कमलाबाई एक पाखंडी है.'</strong><br />बाल ठाकरे के AI भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की कड़ी आलोचना सुनाई दी. बालासाहेब की आवाज़ में कहा गया: “जब आप कहेंगे ‘ओह नासिक’, तो भीड़ निश्चित रूप से जयकार करेगी. नासिक और शिवसेना का रिश्ता आत्मीय है – यह वैसा नहीं है जैसा <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> समझते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा: “कमलाबाई एक पाखंडी है. ये रिश्ते निभाने वाले लोग नहीं हैं. जब बीजेपी को कोई नहीं जानता था, तब शिवसेना ने उन्हें महाराष्ट्र में सहारा दिया. हमने उन्हें पाला, लेकिन अब वक्त आ गया है उन्हें कंधा देने का.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>बालासाहेब की आवाज़ में वीर सावरकर और नासिक से अपने ऐतिहासिक संबंध की भी चर्चा सुनाई दी. उन्होंने कहा, “मैं यहां वीर सावरकरजी के साथ काम करता था और मेरी योजना जैक्सन को मारने की थी.” इस आयोजन में बालासाहेब ठाकरे की AI आवाज़ के माध्यम से शिवसेना कार्यकर्ताओं में जोश भरा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव ठाकरे गरजे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नासिक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा का त्याग नहीं किया है, लेकिन उनकी पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हिंदुत्व का ‘सड़ा हुआ’ संस्करण उन्हें स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बीजेपी से नाता तोड़ा है, हिंदुत्व से नहीं. मैं मर भी जाऊं तो भी हिंदुत्व नहीं छोड़ूंगा.’’</p>