<p style=”text-align: justify;”><strong>Gopalganj News:</strong> नेपाल में गंडक नदी के जल अधिग्रहित इलाके में भारी बारिश हो रही है. नेपाल में बारिश के बाद वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार की शाम सात बजे 2 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किए जाने से गंडक नदी उफान पर है. नदी की उफनती धारा गोपालगंज में तबाही मचा सकती है. जल संसाधन विभाग ने गंडक नदी के लिए अगले 48 घंटे का समय अहम बताया है. नेपाल से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी आने की संभावना है. शनिवार की सुबह में छह बजे डिस्चार्ज लेवल 88 हजार था, लेकिन शाम होते ही बराज से पानी के डिस्चार्ज का लेवल दोगुना हो गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दोपहर में 12 बजे एक लाख 61 हजार क्यूसेक मापा गया, जबकि शाम के सात बजे दो लाख 97 हजार क्यूसेक मापा गया. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम समेत जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी तटबंधों पर रात में ही निगरानी के लिए निकल गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निचले इलाको में प्रशासन ने जारी किया अलर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, जिला प्रशासन की ओर से गंडक नदी के निचले इलाके में बसे ग्रामीणों को अलर्ट करते हुए उंचे स्थानों पर जाने के लिए अपील की जा रही है. शनिवार को सदर अंचल के सीओ गुलाम सरवर ने माइकिंग कर लोगों को संभावित बाढ़ के मद्देनजर माल मवेशियों को लेकर अलर्ट रहने और उंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए अपील की. जलस्तर बढ़ने से कुचायकोट प्रखंड से लेकर सदर प्रखंड, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर इलाके के तटबंध के अंदर बसे गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. भसही, सिपाया, भगवानपुर, विशुनपुर, पतहरा, टंडसपुर समेत अन्य इलाकों में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डीएम खुद कर रहें हैं मॉनिटरिंग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर डीएम मोहम्मद मकसूद आलम खुद मॉनिटरिंग कर रहें हैं. डीएम ने सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने इलाके में तटबंध के अंदर बसे गांव में लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है. साथ ही माल-मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचानी है, इसकी जानकारी ली है. डीएम ने तटबंधों पर 24 घंटे निगरानी रखने को कहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुचायकोट के पांच पंचायतों में अलर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कुचायकोट प्रखंड में गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की बात कही है. प्रखंड के काला मटिहनियां, दुर्ग मटिहनियां, सलेहपुर, टोला सिपाया व रामपुर माधो का इलाका बाढ़ से प्रभावित माना जाता है. इन इलाकों के तटबंधों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मांझा प्रखंड के इन इलाकों में खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंडक नदी के बढ़े जलस्तर को लेकर मांझा प्रखंड में कई ऐसे पंचायत हैं, जो बाढ़ प्रभावित है. गोपालगंज प्रखंड में कटघरवां, विशुनपुर पूर्वी, विशनुपुर पश्चिमी, बरईपट्टी, जादोपुर दु:खहरण, रामपुर टेंगराही व जगीरी टोला है, तो मांझा में निमुईया, भैंसही, गौसिया, पुरैना, मधु सरेया व ख्वाजेपुर पंचायत में खतरा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बरौली के सात पंचायतों में नदी से खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से बरौली प्रखंड के सोनबरसा, मोहम्मदपुर पकड़िया, देवापुर, हसनपुर, रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, बतरदेह व सरफरा में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, इस इलाके के लोग गंडक नदी से सहमे हुए हैं. यहां नदी के दबाव से तटबंध टूटने का खतरा बना रहता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिधवलिया व बैकुंठपुर में अलर्ट जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गोपालगंज के पूर्वी भाग में बसा सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड का अधिकतर इलाका बाढ़ से प्रभावित हो जाता है. गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से सिधवलिया प्रखंड में अमरपुरा, डुमरिया व काशी टेंगराही बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जबकि बैकुंठपुर प्रखंड में परसौनी, बासघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, बखरी व बंगरा शामिल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/narendra-modi-government-gave-approval-for-two-special-economic-zones-in-bihar-ann-2731774″>Good News: मोदी सरकार बिहार पर मेहरबान, बनेंगे दो स्पेशल इकोनॉमिक जोन, केंद्र ने दी सहमति</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Gopalganj News:</strong> नेपाल में गंडक नदी के जल अधिग्रहित इलाके में भारी बारिश हो रही है. नेपाल में बारिश के बाद वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार की शाम सात बजे 2 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किए जाने से गंडक नदी उफान पर है. नदी की उफनती धारा गोपालगंज में तबाही मचा सकती है. जल संसाधन विभाग ने गंडक नदी के लिए अगले 48 घंटे का समय अहम बताया है. नेपाल से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी आने की संभावना है. शनिवार की सुबह में छह बजे डिस्चार्ज लेवल 88 हजार था, लेकिन शाम होते ही बराज से पानी के डिस्चार्ज का लेवल दोगुना हो गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दोपहर में 12 बजे एक लाख 61 हजार क्यूसेक मापा गया, जबकि शाम के सात बजे दो लाख 97 हजार क्यूसेक मापा गया. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम समेत जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी तटबंधों पर रात में ही निगरानी के लिए निकल गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निचले इलाको में प्रशासन ने जारी किया अलर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, जिला प्रशासन की ओर से गंडक नदी के निचले इलाके में बसे ग्रामीणों को अलर्ट करते हुए उंचे स्थानों पर जाने के लिए अपील की जा रही है. शनिवार को सदर अंचल के सीओ गुलाम सरवर ने माइकिंग कर लोगों को संभावित बाढ़ के मद्देनजर माल मवेशियों को लेकर अलर्ट रहने और उंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए अपील की. जलस्तर बढ़ने से कुचायकोट प्रखंड से लेकर सदर प्रखंड, मांझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर इलाके के तटबंध के अंदर बसे गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. भसही, सिपाया, भगवानपुर, विशुनपुर, पतहरा, टंडसपुर समेत अन्य इलाकों में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डीएम खुद कर रहें हैं मॉनिटरिंग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर डीएम मोहम्मद मकसूद आलम खुद मॉनिटरिंग कर रहें हैं. डीएम ने सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने इलाके में तटबंध के अंदर बसे गांव में लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है. साथ ही माल-मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचानी है, इसकी जानकारी ली है. डीएम ने तटबंधों पर 24 घंटे निगरानी रखने को कहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुचायकोट के पांच पंचायतों में अलर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कुचायकोट प्रखंड में गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की बात कही है. प्रखंड के काला मटिहनियां, दुर्ग मटिहनियां, सलेहपुर, टोला सिपाया व रामपुर माधो का इलाका बाढ़ से प्रभावित माना जाता है. इन इलाकों के तटबंधों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मांझा प्रखंड के इन इलाकों में खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंडक नदी के बढ़े जलस्तर को लेकर मांझा प्रखंड में कई ऐसे पंचायत हैं, जो बाढ़ प्रभावित है. गोपालगंज प्रखंड में कटघरवां, विशुनपुर पूर्वी, विशनुपुर पश्चिमी, बरईपट्टी, जादोपुर दु:खहरण, रामपुर टेंगराही व जगीरी टोला है, तो मांझा में निमुईया, भैंसही, गौसिया, पुरैना, मधु सरेया व ख्वाजेपुर पंचायत में खतरा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बरौली के सात पंचायतों में नदी से खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से बरौली प्रखंड के सोनबरसा, मोहम्मदपुर पकड़िया, देवापुर, हसनपुर, रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, बतरदेह व सरफरा में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, इस इलाके के लोग गंडक नदी से सहमे हुए हैं. यहां नदी के दबाव से तटबंध टूटने का खतरा बना रहता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिधवलिया व बैकुंठपुर में अलर्ट जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गोपालगंज के पूर्वी भाग में बसा सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड का अधिकतर इलाका बाढ़ से प्रभावित हो जाता है. गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर से सिधवलिया प्रखंड में अमरपुरा, डुमरिया व काशी टेंगराही बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जबकि बैकुंठपुर प्रखंड में परसौनी, बासघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, फैजुल्लाहपुर, प्यारेपुर, बखरी व बंगरा शामिल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/narendra-modi-government-gave-approval-for-two-special-economic-zones-in-bihar-ann-2731774″>Good News: मोदी सरकार बिहार पर मेहरबान, बनेंगे दो स्पेशल इकोनॉमिक जोन, केंद्र ने दी सहमति</a></strong></p> बिहार Good News: मोदी सरकार बिहार पर मेहरबान, बनेंगे दो स्पेशल इकोनॉमिक जोन, केंद्र ने दी सहमति