उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रवर्तन दस्ते में शामिल वाहनों के टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहनों को जीपीएस ट्रैकिंग व व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) डिवाइस से लैस होंगे। साथ ही, इन डिवाइसेस को वाहनों में सही तरीके से संचालित करने के लिए डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जाएगा। राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े के उच्चीकरण की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी, जिसे क्रियान्वित करते हुए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर संस्था नियुक्त किया गया है। श्रीट्रॉन में पहले से इम्पैनल्ड कंपनियों को राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े को अपग्रेड करने का मौका कार्यावंटन के बाद मिलेगा। इसी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है और जून माह के अंत से प्रक्रिया पूरी तरह क्रियान्वित हो जाएगी। 223 GPS डिवाइसेस को किया जाएगा इंस्टॉल अपग्रेडेशन प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े की गाड़ियों पर 223 जीपीएस लोकेशन व वीएलटी डिवाइसेस को इन्सटॉल किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा किए जाने के अतिरिक्त एक आधुनिक डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर व वेबसाइटे बेस्ड इंटरफेस भी डेवलप किया जाएगा। यह ट्रैकिंग के साथ ही डैशबोर्ड, डेटाबेस व मैप एक्सेसिबिलिटी के साथ ही लाइसेंस और पूर्ण वीएलटी समाधान के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त करेगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर को स्थापित वीएलटी उपकरणों से प्राप्त डेटा को कैप्चर, स्टोर, प्रोसेस, विश्लेषण और प्रदर्शित करने के लिए क्लाउड स्टोरेज इनेबल्ड किया जाएगा। रियल टाइम एक्सेसिबिलिटी से लैस होगा सॉफ्टवेयर बैकएंड सॉफ्टवेयर को डिजिटल मैप पर वाहन की आवाजाही की रियल टाइम ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के लिहाज से डेवलप किया जाएगा। वाहन ट्रैकिंग डिवाइस को ओवर-द-एयर (ओटीए) कॉन्फ़िगर करने की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर दरअसल एक वेब-आधारित एप्लीकेशन होगा, जिसे विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे वर्क स्टेशन, लैपटॉप, टैबलेट कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि पर एक्सेस किया जा सकेगा। AIS-140 मानक के अनुसार कार्यों को किया जाएगा पूरा 5 वर्ष की संपूर्ण अनुबंध अवधि के लिए सभी इंस्टॉल किए गए उपकरणों को सिम एक्टिवेशन और रिचार्ज से युक्त किया जाएगा तथा किसी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए एक व्यक्ति भी नियुक्त किया जाएगा। शिकायतों के निवारण के लिए एक उपयुक्त तंत्र विकसित किया जाएगा और मासिक समस्या लॉग और समाधान स्थिति रिपोर्ट परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत की जाएगी। एआईएस-140 मानक के अनुसार इस कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए श्रीट्रॉन द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए इम्पैनल्ड कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं और कार्यावंटन की प्रक्रिया जून माह के अंत के पूर्व पूरी हो जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रवर्तन दस्ते में शामिल वाहनों के टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, राज्य प्रवर्तन दस्ते के वाहनों को जीपीएस ट्रैकिंग व व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) डिवाइस से लैस होंगे। साथ ही, इन डिवाइसेस को वाहनों में सही तरीके से संचालित करने के लिए डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जाएगा। राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े के उच्चीकरण की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी, जिसे क्रियान्वित करते हुए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर संस्था नियुक्त किया गया है। श्रीट्रॉन में पहले से इम्पैनल्ड कंपनियों को राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े को अपग्रेड करने का मौका कार्यावंटन के बाद मिलेगा। इसी प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है और जून माह के अंत से प्रक्रिया पूरी तरह क्रियान्वित हो जाएगी। 223 GPS डिवाइसेस को किया जाएगा इंस्टॉल अपग्रेडेशन प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के राज्य प्रवर्तन वाहन बेड़े की गाड़ियों पर 223 जीपीएस लोकेशन व वीएलटी डिवाइसेस को इन्सटॉल किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा किए जाने के अतिरिक्त एक आधुनिक डेटाबेस युक्त बैकएंड सॉफ्टवेयर व वेबसाइटे बेस्ड इंटरफेस भी डेवलप किया जाएगा। यह ट्रैकिंग के साथ ही डैशबोर्ड, डेटाबेस व मैप एक्सेसिबिलिटी के साथ ही लाइसेंस और पूर्ण वीएलटी समाधान के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त करेगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर को स्थापित वीएलटी उपकरणों से प्राप्त डेटा को कैप्चर, स्टोर, प्रोसेस, विश्लेषण और प्रदर्शित करने के लिए क्लाउड स्टोरेज इनेबल्ड किया जाएगा। रियल टाइम एक्सेसिबिलिटी से लैस होगा सॉफ्टवेयर बैकएंड सॉफ्टवेयर को डिजिटल मैप पर वाहन की आवाजाही की रियल टाइम ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के लिहाज से डेवलप किया जाएगा। वाहन ट्रैकिंग डिवाइस को ओवर-द-एयर (ओटीए) कॉन्फ़िगर करने की क्षमता के साथ विकसित किया जाएगा। बैकएंड सॉफ्टवेयर दरअसल एक वेब-आधारित एप्लीकेशन होगा, जिसे विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे वर्क स्टेशन, लैपटॉप, टैबलेट कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि पर एक्सेस किया जा सकेगा। AIS-140 मानक के अनुसार कार्यों को किया जाएगा पूरा 5 वर्ष की संपूर्ण अनुबंध अवधि के लिए सभी इंस्टॉल किए गए उपकरणों को सिम एक्टिवेशन और रिचार्ज से युक्त किया जाएगा तथा किसी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए एक व्यक्ति भी नियुक्त किया जाएगा। शिकायतों के निवारण के लिए एक उपयुक्त तंत्र विकसित किया जाएगा और मासिक समस्या लॉग और समाधान स्थिति रिपोर्ट परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत की जाएगी। एआईएस-140 मानक के अनुसार इस कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए श्रीट्रॉन द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए इम्पैनल्ड कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं और कार्यावंटन की प्रक्रिया जून माह के अंत के पूर्व पूरी हो जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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<p style=”text-align: justify;”>ये दर्दनाक घटना रामपुर की कोतवाली मिल्क नेशनल हाईवे की बताई जा रही है. खबर के मुताबिक यूपी के श्रावस्ती से श्रद्धालु निजी बस से गुरुपूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और हरिद्वार के शांतिकुंज गए थे. इस बस में 60 से ज्यादा यात्री सवार थे. सोमवार को सभी शांतिकुंज से घर के लिए रवाना हुए थे. तभी लखनऊ की ओर से आ रही यूपी रोडवेज की बस से टक्कर हो गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रोडवेज और प्राइवेट बस में आमने-सामने की टक्कर</strong><br />यूपी रोडवेज की बस दिल्ली जा रही थी. इस बस में ज़्यादातर यात्री सीतापुर से सवार हुए थे और दिल्ली जा रहे थे. रूट डायवर्ट होने की वजह से प्राइवेट बस रॉन्ग साइड से आ रही थी. इसी दौरान मिलक हाईवे पर स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के सामने दोनों बसों की आमने-सामने की जोरदार टक्कर हो गई. इस घटना के बाद घटना स्थल पर चीख पुकार मच गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>[tw]https://twitter.com/rampurpolice/status/1815197930443431993[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”>घटना के बाद मौके पर आसपास सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई, जिसके बाद तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी गई. घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बस में फंसे लोगों को बाहर निकाला और तत्काल मिलक सीएचसी भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा. इस हादसे में तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक घायल ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस हादसे में 49 से ज्यादा यात्री घायल हो गए, इनमें से 40 से ज्यादा यात्रियों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. पुलिस प्रशासन की ओर से घायलों के परिजनों को जानकारी दे दी गई है. पुलिस ने मृतकों के वनों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस आगे की विधिक कार्रवाई में जुट गई है. </p>
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