<p style=”text-align: justify;”><strong>Hemant Soren Bail:</strong> झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से शुक्रवार (28 जून) को बड़ी राहत मिली. झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तब उन्होंने ईडी की हिरासत में ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसकी कमान करीबी चंपई सोरेन को सौंप दी थी. इसके बाद से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पार्टी का कामकाज देख रही हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Hemant Soren Bail:</strong> झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से शुक्रवार (28 जून) को बड़ी राहत मिली. झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तब उन्होंने ईडी की हिरासत में ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसकी कमान करीबी चंपई सोरेन को सौंप दी थी. इसके बाद से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पार्टी का कामकाज देख रही हैं.</p> झारखंड खुशखबरी! पूरे एमपी में छाया मानसून, आज भी 11 जिलों में बारिश का अलर्ट, जानें पूरा अपडेट
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आकाश के बाद क्या ईशान भी करेंगे राजनीति में एंट्री:मायावती ने पार्टी मीटिंग में संकेत दिया; 2027 में नजर आ सकते हैं
आकाश के बाद क्या ईशान भी करेंगे राजनीति में एंट्री:मायावती ने पार्टी मीटिंग में संकेत दिया; 2027 में नजर आ सकते हैं यूपी की सियासत में बसपा के घटते ग्राफ और हाशिए पर जा रही पार्टी का वजूद बचाने के लिए क्या मायावती आकाश के बाद ईशान को भी मैदान में उतारने जा रही हैं? पहले जन्मदिन के मौके पर, उसके बाद पार्टी की बैठक में ईशान का परिचय कराकर मायावती ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि मायावती इसे ईशान की राजनीति का आगाज बताने से बचती रहीं। उन्होंने साफ कहा, ‘ये ईशान आनंद हैं। पढ़ाई पूरी कर लौटे हैं और फिलहाल पिता के कारोबार में हाथ बंटा रहे हैं।’ लेकिन ईशान के सामने आने के बाद से राजनीतिक हल्कों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि आकाश के बाद अब ईशान सियासी मंच पर नजर आएंगे? पहले जानते हैं कौन है ईशान?
ईशान मायावती के छोटे भाई आनंद के छोटे बेटे हैं। वह हाल ही में लंदन से लॉ की पढ़ाई कर लौटे हैं। 26 साल के ईशान, आकाश से तीन साल छोटे हैं। ईशान दिल्ली में रहकर अपने पिता के कारोबार में हाथ बंटा रहे हैं। मायावती आनंद के बड़े बेटे आकाश को पहले ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुकी हैं। अब मायावती का यह नया प्रयोग पार्टी को कितना फायदा पहुंचाता है, यह तो आने वाला समय बताएगा। लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि जल्द ही आकाश की तरह ईशान भी सार्वजनिक मंचों पर बसपा के लिए वोट मांगते नजर आएंगे। कैसे हुई थी आकाश की एंट्री
मायावती लगभग 7 साल पहले आकाश आनंद को भी पहली बार कुछ इसी अंदाज में लोगों के सामने लेकर आई थीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में मायावती की पार्टी की बड़ी हार हुई थी। इसके बाद शब्बीरपुर में दो वर्गों में संघर्ष हुआ तो मायावती मौके पर अपने भतीजे आकाश को लेकर पहुंचीं। बाद में 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने आकाश आनंद को स्टार प्रचारकों की सूची में दूसरे नंबर पर रखा था। 2023 में मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में सीतापुर में एक बयान के बाद उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया था। मायावती ने कहा था आकाश को अभी और परिपक्व होने की जरूरत है। हालांकि चुनाव में बसपा के खराब प्रदर्शन के बाद आकाश की कुछ ही दिन में वापसी हो गई। दूसरी बार जिम्मेदारी संभालने के बाद आकाश ने मीडिया से दूरी बना ली। चंद्रशेखर से मुकाबले के लिए दो भाइयों की जोड़ी?
बसपा की इस समय सबसे बड़ी जद्दोजहद अपना वोट बैंक बनाए रखने की है। इसमें सेंधमारी की कोशिश अलग-अलग पार्टी कर रही हैं। बसपा को सबसे ज्यादा किसी से नुकसान या खतरा समझ में आ रहा है तो वह है आजाद समाज पार्टी कांशीराम के संस्थापक चंद्रशेखर से। पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर ने मायावती के वोट बैंक में सेंधमारी की है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में चंद्रशेखर से मुकाबला करने के लिए दोनों भाई एक साथ नजर आएंगे। 2027 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों भाइयों की जोड़ी एक साथ नजर आ सकती है। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि मायावती ईशान को राजनीति का ककहरा सिखाने के लिए पब्लिक प्लेटफार्म पर ले कर आई हैं। उनकी कोशिश पानी में फेंके गए पत्थर की तरह है ताकि अंदाजा हो सके कि इसकी लहर या हलचल कहां तक है? … तो मायावती भी परिवारवाद के चक्रव्यूह में? दलित चिंतक और लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि ईशान के राजनीति में आने से कोई खास फायदा नहीं होगा। बल्कि नुकसान होने के चांस ज्यादा हैं। क्योंकि इन पर सीधे तौर पर परिवारवाद का आरोप लगने लगेगा। हालांकि दूसरे दलों में भी कई नेता ऐसे हैं जिनकी विरासत उनकी दूसरी पीढ़ी संभाल रही है। लेकिन पार्टी में बड़े ओहदे पर सपा के बाद अब बसपा का नाम लिया जाएगा। वजह साफ है कि मायावती आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी पहले ही घोषित कर चुकी हैं। अब ईशान के आने से परिवारवाद का आरोप लगाने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी ही होगी। रविकांत कहते हैं कि तलाश करने पर और भी चेहरे ऐसे मिल जाएंगे जो पार्टी को आगे ले जा सकते हैं। बसपा को वजूद बचाने की चिंता
वरिष्ठ पत्रकार और बसपा को करीब से कवर करने वाले सैयद कासिम कहते हैं कि बसपा की इस समय की सबसे बड़ी चिंता अपना वजूद बचाने की है। मायावती चाहती हैं कि उनके पुराने दिन लौट आएं। ऐसे में अब नई पीढ़ी अगर संघर्ष करती है, तभी यह संभव हो सकता है। क्योंकि पार्टी को अपना वजूद बचाने के लिए अपने समाज के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए उसे जमीन पर उतरना होगा। पुराने नेताओं पर भरोसा करना होगा और नए लोगों को अपनी पार्टी में जॉइन कराना होगा। हालांकि सैयद कासिम कहते हैं कि बसपा कार्यालय या मायावती के साथ ईशान इसलिए नजर आ रहे हैं क्योंकि मायावती इस बार अपने जन्मदिन पर दिल्ली नहीं गईं। उन्होंने परिवार के लोगों को यहीं बुला लिया। मायावती ने बसपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक में इस बात को साफ भी किया है। मायावती ने बैठक में अपने कार्यकर्ताओं को बता दिया है कि वह हमारे परिवार के सदस्य होने के नाते कार्यक्रम में आए हैं। यह राजनीति में नहीं आ रहे हैं। ये अपने पिता का कारोबार संभाल रहे हैं। आकाश सफल या असफल?
आकाश आनंद को पहली बार शब्बीरपुर हिंसा के दौरान मायावती अपने साथ लेकर गई थीं। उसके बाद 2019 के चुनाव में आगरा की सभा से पहले जब मायावती पर चुनाव आयोग ने भाषण देने पर रोक लगाई तो आकाश आनंद वहां पहुंचे थे। भाषण दिया था। यह भी सच है कि आकाश का संगठन में फिलहाल कोई दखल नहीं है। अभी तक उनका इस्तेमाल पार्टी ने एक प्रचारक के तौर पर किया है। ऐसे में अभी आकाश के हाथ कोई खास सफलता नहीं लगी है। ——————— पढ़ें पूरी खबर… मायावती दूसरे दिन भी छोटे भतीजे को लेकर पहुंचीं:जिलाध्यक्षों से बोलीं- पार्टी के लिए पैसे जुटाएं, सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करनी है बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी अपने छोटे भतीजे ईशान को साथ लेकर लखनऊ में पार्टी ऑफिस पहुंचीं। बड़े भतीजे आकाश आनंद भी साथ रहे। इससे पहले बुधवार को मायावती अपने बर्थडे पर पहली बार छोटे भतीजे ईशान को सामने लाई थीं। (पढ़ें पूरी खबर)
Motihari Laborers Death: बिहार के चार मजदूरों की गोवा सड़क हादसे में मौत, झोपड़ी में सो रहे लोगों को अनियंत्रित बस ने कुचला
Motihari Laborers Death: बिहार के चार मजदूरों की गोवा सड़क हादसे में मौत, झोपड़ी में सो रहे लोगों को अनियंत्रित बस ने कुचला <p style=”text-align: justify;”><strong>Motihari Four Laborers Died In Goa:</strong> बिहार के मोतिहारी के रहने वाले 4 मजदूरों की गोवा में मौत हो गई, जबकि 3 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए. ये घटना तब हुई जब सभी लोग एक झोपड़ी में सोए हुए थे और एक तेज रफ्तार बस ने उन्हें कुचल दिया. रविवार (26 मई) को हादसे की जानकारी मिलते ही मृतकों के परिवार में चीख पुकार मच गई और गांव में मातमी सन्नाटा छा गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉक्टरों ने चार श्रमिकों को मृत घोषित किया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के मुताबिक पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के चार मजदूरों की मौत हो गई है. घटना शनिवार की रात में घटी, जब सभी लोग झोपड़ी में सो रहे थे. इसी दौरान पहाड़ी सड़क से आ रही एक बस अनियंत्रित होकर झोपड़ीनुमा घर पर चढ़ गई. घटना में सात श्रमिक बुरी तरह घायल हो गए इसके बाद स्थानीय लोगों और पुलिस के सहयोग से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चार श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया. तीन श्रमिकों का इलाज चल रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दर्दनाक सड़क हादसे में हरसिद्धि थाना क्षेत्र के चार मजदूरों की मौत की खबर मिलते ही मृतक के घर हरसिद्धि थाना क्षेत्र गायघाट के मुरारपुर और गुटली में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. एक मजदूर सिवान का रहने वाला है. जानकारी के मुताबिक हरसिद्धि प्रखंड के रहने वाले ये मजदूर गोवा मजदूरी करने गए थे, जहां एक झोपड़ी नुमा घर में 7 मजदूर एक साथ खाना खाकर सो रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मृतकों की पहचान कर ली गई है</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मृतकों में पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के गायघाट गुटली गांव निवासी गिरजा सिंह का पुत्र विनोद सिंह 45 वर्ष, अनिल महतो पिता महेंद्र महतो 35 वर्ष, मुरारपुर वार्ड 4 के विश्वनाथ मंडल के पुत्र रमेश महतो 40 वर्ष, और नरसिंह महतो का पुत्र राजेंद्र महतो 40 वर्ष शामिल है. वही घटना में जख्मी मजदूर में गायघाट गुठली के सुरेंद्र सिंह का पुत्र दिनेश सिंह, विक्रम महतो का पुत्र तुना महतो शामिल है, एक जख्मी सिवान का है, जिसकी पहचान अभी नहीं हुई है. शव को लेने के लिए परिजन गोवा के लिए रवाना हो गए हैं. </p>
‘जम्मू-कश्मीर में दोबारा 370…’ कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन पर स्मृति ईरानी का हमला
‘जम्मू-कश्मीर में दोबारा 370…’ कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन पर स्मृति ईरानी का हमला <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के गठबंधन पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को पूछा है कि क्या सत्ता के लालच में कांग्रेस आरक्षण के विरोध, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और अलगाववाद के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे का समर्थन करती है?</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने सत्ता के लालच में गठबंधन किया है. उन्होंने कहा, “नेशनल कांफ्रेंस ने यह घोषणा की है कि वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 दोबारा वापस लाकर जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ देश भर में अशांति का माहौल लाने का दुस्साहस करेगी. क्या कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस के इशारे पर अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद भारत ने और भारतीयों ने अपने राष्ट्रीय संकल्प को पूरा किया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक ‘एक निशान, एक विधान और एक प्रधान’ रहेगा. क्या नेशनल कांफ्रेंस के चलते कांग्रेस पार्टी ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि कांग्रेस बताए कि क्या वह देश को तोड़ने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया- स्मृति ईरानी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि इस गठबंधन के जरिए कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है. क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है ? स्मृति ईरानी ने केंद्रीय गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> द्वारा पूछे गए 10 सवालों को दोहराते हुए कांग्रेस से इन सवालों का जवाब देने की भी मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाजपा का संकल्प था जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी के साथ भाजपा के गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि यह भाजपा का संकल्प था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया जाए. अनुच्छेद 370 पर भाजपा ने कभी भी समझौता नहीं किया. भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर अनुच्छेद 370 हटाएंगे और हमने ऐसा किया भी. उन्होंने कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या को लेकर ममता बनर्जी सरकार की भी जमकर आलोचना की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-assembly-approved-increase-mla-various-allowances-and-cashless-treatment-facility-2767602″>BJP सरकार वाले इस राज्य में विधायकों की बल्ले-बल्ले, इन भत्तों में हुई बंपर बढ़ोतरी</a></strong></p>