हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बसों में संशोधित लगेज पॉलिसी की नोटिफिकेशन सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद निगम की किरकिरी हुई। इसके बाद देर रात HRTC प्रबंधन ने देर रात स्पष्टीकरण जारी किया। इसमे स्पष्ट किया गया कि घरेलू सामान पर किराया नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ दो बैग में 30 किलो तक का सामान मुफ्त में ले जा सकेंगे। निगम ने सोशल मीडिया की खबरों को गलत बताते हुए स्पष्ट किया किया किराए की दरों में कटौती की गई है। इससे निगम की बसों में सफर करने वाले लोगों को राहत मिली है। HRTC प्रबंधन ने स्पष्ट किया अब लोग कम किराए में थोड़ा सामान एक से दूसरी जगह भेज सकेंगे। परिवहन निगम ने 6 नवंबर 2023 को अधिसूचित लगेज पॉलिसी के क्लॉज नंबर 26 में संशोधन कर किराए में कटौती की है। निगम की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि अब HRTC की बसों में बिना यात्री 5 किलो तक सामान भेजने के लिए एक चौथाई किराया चुकाना होगा। 6 किलो से 20 किलो तक सामान भेजने के लिए आधा किराया लिया जाएगा। 21 से 40 किलो तक सामान भेजने के लिए एक यात्री का पूरा किराया लगेगा, जबकि 41 किलो से 80 किलो तक सामान भेजने पर 2 यात्रियों का किराया चुकाना होगा। पहले एक-दो किलो सामान भेजने पर भी देना पड़ता था किराया नवंबर 2023 की अधिसूचना में बिना यात्री 40 किलो तक सामान भेजने पर एक यात्री का पूरा किराया लेने की व्यवस्था थी, जिसके कारण कोई यात्री आधा किलो या एक किलो सामान भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजता था तो उसे एक यात्री का पूरा किराया चुकाना पड़ता था। संशोधन के बाद अब कम सामान भेजने पर पूरा किराया नहीं चुकाना होगा। यात्री के साथ 30 किलो समान का कोई किराया नहीं लगेगा HRTC की संशोधित लगेज पॉलिसी के अनुसार, निगम की बसों में सफर के दौरान यात्री के साथ 30 किलो तक घरेलू सामान व 2 बैग ले जाने पर कोई अतिरिक्त किराया नहीं चुकाना होगा। घरेलू सामान के लिए यह नवंबर 2023 को अधिसूचित लगेज पॉलिसी का प्रावधान ही लागू होगा। क्यों हुआ यह सारा कंफ्यूजन? बता दें कि बीते कल HRTC की एक नोटिफिकेशन सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई। उसमें निगम ने लगेज पॉलिसी की संशोधित किराया दरों को दर्शाया गया। लेकिन निगम ने उसमे यह स्पष्ट नहीं किया कि घरेलू सामान में किराया नहीं लगेगा और न ही यह स्पष्ट किया कि वेट के आधार पर किराया कम किया है, जिसके कारण नोटिफिकेशन पर पूरे प्रदेश में बवाल मच गया। इसलिए देर रात HRTC प्रबंधन को स्पष्टीकरण देना पड़ा। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बसों में संशोधित लगेज पॉलिसी की नोटिफिकेशन सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद निगम की किरकिरी हुई। इसके बाद देर रात HRTC प्रबंधन ने देर रात स्पष्टीकरण जारी किया। इसमे स्पष्ट किया गया कि घरेलू सामान पर किराया नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ दो बैग में 30 किलो तक का सामान मुफ्त में ले जा सकेंगे। निगम ने सोशल मीडिया की खबरों को गलत बताते हुए स्पष्ट किया किया किराए की दरों में कटौती की गई है। इससे निगम की बसों में सफर करने वाले लोगों को राहत मिली है। HRTC प्रबंधन ने स्पष्ट किया अब लोग कम किराए में थोड़ा सामान एक से दूसरी जगह भेज सकेंगे। परिवहन निगम ने 6 नवंबर 2023 को अधिसूचित लगेज पॉलिसी के क्लॉज नंबर 26 में संशोधन कर किराए में कटौती की है। निगम की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि अब HRTC की बसों में बिना यात्री 5 किलो तक सामान भेजने के लिए एक चौथाई किराया चुकाना होगा। 6 किलो से 20 किलो तक सामान भेजने के लिए आधा किराया लिया जाएगा। 21 से 40 किलो तक सामान भेजने के लिए एक यात्री का पूरा किराया लगेगा, जबकि 41 किलो से 80 किलो तक सामान भेजने पर 2 यात्रियों का किराया चुकाना होगा। पहले एक-दो किलो सामान भेजने पर भी देना पड़ता था किराया नवंबर 2023 की अधिसूचना में बिना यात्री 40 किलो तक सामान भेजने पर एक यात्री का पूरा किराया लेने की व्यवस्था थी, जिसके कारण कोई यात्री आधा किलो या एक किलो सामान भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजता था तो उसे एक यात्री का पूरा किराया चुकाना पड़ता था। संशोधन के बाद अब कम सामान भेजने पर पूरा किराया नहीं चुकाना होगा। यात्री के साथ 30 किलो समान का कोई किराया नहीं लगेगा HRTC की संशोधित लगेज पॉलिसी के अनुसार, निगम की बसों में सफर के दौरान यात्री के साथ 30 किलो तक घरेलू सामान व 2 बैग ले जाने पर कोई अतिरिक्त किराया नहीं चुकाना होगा। घरेलू सामान के लिए यह नवंबर 2023 को अधिसूचित लगेज पॉलिसी का प्रावधान ही लागू होगा। क्यों हुआ यह सारा कंफ्यूजन? बता दें कि बीते कल HRTC की एक नोटिफिकेशन सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई। उसमें निगम ने लगेज पॉलिसी की संशोधित किराया दरों को दर्शाया गया। लेकिन निगम ने उसमे यह स्पष्ट नहीं किया कि घरेलू सामान में किराया नहीं लगेगा और न ही यह स्पष्ट किया कि वेट के आधार पर किराया कम किया है, जिसके कारण नोटिफिकेशन पर पूरे प्रदेश में बवाल मच गया। इसलिए देर रात HRTC प्रबंधन को स्पष्टीकरण देना पड़ा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में मस्जिद विवाद में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन आज:धारा 163 लागू, 5 लोगों को इकट्ठे चलने पर प्रतिबंध; कोर्ट की कार्यवाही से नाराज हिमाचल की राजधानी शिमला में अवैध मस्जिद मामला तूल पकड़ रहा है। संजौली में हिंदू संगठन आज सड़कों पर उतर कर मस्जिद गिराने को प्रदर्शन करेंगे। DC शिमला अनुपम कश्यप ने संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 लागू कर दी है। इसके तहत सुबह 7 बजे से रात 11:59 बजे तक पांच या इससे ज्यादा लोगों को इकट्ठे चलने की इजाजत नहीं होगी। संजौली के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। मस्जिद के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया है। धारा 163 लागू होते ही संजौली में किसी भी व्यक्ति को लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार इत्यादि अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य ज्वलनशील पदार्थों को लेकर चलने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। DC शिमला ने कहा, उक्त क्षेत्र में सामान्य जन-जीवन पूरी तरह से सामान्य रहेगा। सरकारी व निजी कार्यालय, स्कूल तथा बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे। आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाने के लिए प्रयासरत है। धरना प्रदर्शन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध DC ने कहा, क्षेत्र में किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं की गई। वहीं अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और सार्वजनिक स्थानों पर लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। नव बहार से लेकर ढली तक लागू रहेगी धारा 163 डीसी शिमला ने कहा, जारी आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, IGMC से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में 11 सितंबर 2024 को सुबह 7 बजे से रात्रि 11.59 बजे तक जारी रहेंगे। MC कोर्ट की कार्यवाही से नाराज हिंदू संगठन अवैध मस्जिद मामले में हिंदू संगठन नगर निगम (MC) कमिश्नर कोर्ट की बीते शनिवार की कार्यवाही से नाराज है। कोर्ट ने इस मामले में 5 अक्टूबर को सुनवाई तय की है और संबंधित कनिष्ठ अभियंता (JE) को फ्रेश स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं बीजेपी नेता विकास थापटा ने बताया कि मामले को जान बूझकर लटकाया जा रहा है। इसी वजह से आज संजौली में विशाल प्रदर्शन बुलाया गया है। साल 2010 में शुरू हुआ विवाद मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई। साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 45 पेशियां हो चुकी हैं। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। संजौली के बाद कुसुम्पटी-मंडी में भी प्रदर्शन संजौली से भड़की चिंगारी प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी फैल रहीं हैं। संजौली के बाद शिमला के कसुम्पटी और मंडी शहर में भी स्थानीय लोग मस्जिद को गिराने की मांग कर चुके हैं। कानून हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं होगी: CM हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, प्रशासन हर चीज को देख रहा है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं। हम सभी समुदाय का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, कानून को हाथ में लेने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, सदन में कमेटी गठित कर दी गई है, जो कि स्ट्रीट वेंडर के लिए पैरामीटर तय करेगी। उन्होंने कहा, मस्जिद में कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
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